प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर वीर बाल दिवस 2022 मनाने की घोषणा की है। भारत में हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाने वाला है। वीर बाल दिवस 2022 श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत का प्रतीक है।
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क्या है इतिहास?
दर्ज इतिहास के मुताबिक, औरंगज़ेब ने 1704 में वर्तमान पंजाब में आनंदपुर साहिब पर कब्जा कर लिया था, और उसके बाद, खाद्य भंडार समाप्त होने लगा। सिखों के पास इस स्थिति से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था – आनंदपुर के किले को छोड़ देना। गुरु गोबिंद सिंह ने मुगलों की मांगों को मान लिया और शहर छोड़ दिया। हालांकि, मुगलों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। गुरु गोबिंद सिंह के बेटों – जोरावर सिंह और फतेह सिंह – को नवाब वजीर खान ने पकड़ लिया और उन्हें सरहिंद ले जाया गया। वजीर खान ने उन्हें कहा कि वे इस्लाम स्वीकार कर लें। लेकिन जोरावर और फतेह ने मना कर दिया। इससे क्रोधित होकर वजीर खान ने उन्हें जिंदा दीवार में चिनवा दिया। जहां गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों को जिंदा चिनवाया गया, आज उसी जगह को फतेहगढ़ साहिब के नाम से जाना जाता है।
वीर बाल दिवस का महत्व
वीर बाल दिवस गुरु गोबिंद सिंह जी के चार बेटों “साहिबजादों” के सम्मान में मनाया जाता है। भारत सरकार ने हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की है। यह दिन साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत में वीर बाल दिवस 2022 समारोह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ‘वीर बाल दिवस’ को चिह्नित करने वाले “ऐतिहासिक” कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस एजेंडे में लगभग 300 ‘बाल कीर्तनियों’ द्वारा किया जाने वाला ‘शब्द कीर्तन’ भी शामिल है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा, प्रधानमंत्री दिल्ली में लगभग 3,000 बच्चों द्वारा मार्च-पास्ट को हरी झंडी दिखाएंगे।