मोदी सरकार ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सुनिश्चित कराने वाली मनरेगा योजना की जगह नया बिल ले आई है। केंद्र सरकार मनरेगा (MGNREGA) को खत्म कर नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने जा रही है। इसका नाम है, ‘विकसित भारत-रोजगार गारंटी व आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी- जी राम जी। (Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin): VB – G RAM G), इसका मुख्य उद्देश्य 2047 का राष्ट्रीय विजन तैयार करना है।
यह योजना मनरेगा से कैसे अलग होगी?
यह योजना एक तरह से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (MGNREGA) का ही अपग्रेडेड वर्जन है। इस ग्रामीण योजना के तहत ग्रामीण परिवार को 100 के बजाय 125 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलेगी। यह योजना किसानों और मजदूरों दोनों के लिए काफी फायदेमंद साबित होने जा रही है। नए बिल में मनरेगा के उलट हर हफ्ते पेमेंट किया जा सकता है। मनरेगा में 15 दिन में मजदूरी का भुगतान होता था। मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक आधार पर या काम पूरा होने के अधिकतम 15 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा। नए एक्ट में ग्राम पंचायत योजनाओं को जरूरी किया गया है, जिसे खुद पंचायत ही तैयार करेगी। इसके अलावा इन्हें पीएम गति शक्ति जैसे सिस्टम से जोड़ा जाएगा।
‘जी राम जी’ का फुल फॉर्म क्या है
‘जी राम जी’(G RAM G) का पूरा नाम ‘विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ है। यह एक नई सरकारी योजना है, जिसे मनरेगा की जगह लाने की तैयारी है। इस योजना को ‘ VB-G RAM G ’ योजना भी कहा जाता है।
किसानों को डबल फायदा
विकसित भारत-रोजगार गारंटी व आजीविका मिशन (ग्रामीण) से किसानों को डबल फायदा होने वाला है। एक तो उन्हें खेतों के लिए मजदूर आसानी से मिल सकेंगे। दूसरे खेतों के लिए बेहतर ढांचा तैयार हो सकेगा। इस योजना के अंतर्गत बुआई और कटाई के मौसम में 60 दिन का विशेष समय रखा गया है। इस दौरान मनरेगा के तहत काम बंद कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य बुआई और कटाई के समय मजदूरों की कमी नहीं होने देना है। इस दौरान काम रोकने का फायदा यह होगा कि फर्जी तरीके से मजदूरी को नहीं बढ़ाया जा सकेगा। किसान को सिंचाई परियोजनाओं का भी लाभ सीधे तौर पर मिलेगा।
ग्रामीण मजदूरों को भी फायदा
मनरेगा की तुलना में इस योजना से ग्रामीण मजदूरों को भी फायदा मिलने वाला है। इसके तहत 100 के बजाय 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाएगी। विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं से यह सुनिश्चित होगा कि मजदूरों को बेहतर रोजगार विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे।


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