भारत के शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में कमी आई है। नेशनल सैंपल सर्वे ब्यूरो (एनएसएसओ) के लेटेस्ट आकड़ों के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर अप्रैल-जून 2023 के दौरान घटकर 6.6 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 7.6 प्रतिशत थी।
देश में पिछले साल अप्रैल-जून की अवधि के दौरान बेरोजगारी अधिक थी, जिसका मुख्य कारण देश में कोविड के चलते लगे प्रतिबंध हो सकते हैं। 19वें पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) से पता चला कि अप्रैल-जून 2022 में शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर (यूआर) 7.6 प्रतिशत थी।
इसके साथ ही जनवरी-मार्च 2023 में बेरोजगारी दर 6.8 फीसदी थी। जुलाई-सितंबर 2022 के साथ-साथ अक्टूबर-दिसंबर 2022 में यह 7.2 प्रतिशत थी। एनएसएसओ के डेटा से पता चला कि शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) के बीच बेरोजगारी दर अप्रैल-जून 2023 में घटकर 9.1 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 9.5 प्रतिशत थी।
जनवरी-मार्च 2023 में यह 9.2 फीसदी, अक्टूबर-दिसंबर 2022 में 9.6 फीसदी और जुलाई-सितंबर 2022 में 9.4 फीसदी थी। पुरुषों में, शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अप्रैल-जून 2023 में गिरकर 5.9 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 7.1 प्रतिशत थी।
जनवरी-मार्च 2023 में यह 6 फीसद, अक्टूबर-दिसंबर 2022 में 6.5 फीसद और जुलाई-सितंबर 2022 में 6.6 फीसद रही। शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सीडब्ल्यूएस (वर्तमान साप्ताहिक स्थिति) में श्रम बल भागीदारी दर अप्रैल-जून 2023 में बढ़कर 48.8 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 47.5 प्रतिशत थी। बेरोजगार माना जाएगा यदि उसने सप्ताह के दौरान किसी भी दिन एक घंटे के लिए भी काम नहीं किया।