भारत ने आधिकारिक रूप से चिप-आधारित ई-पासपोर्ट की शुरुआत कर दी है, जो यात्रा दस्तावेज़ों के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये नए पासपोर्ट, जो RFID चिप और बायोमेट्रिक डेटा से लैस हैं, अंतरराष्ट्रीय यात्रा को अधिक सुरक्षित, कुशल और सुविधाजनक बनाने का उद्देश्य रखते हैं। इस कदम के साथ भारत अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे उन देशों की कतार में शामिल हो गया है, जो पहले ही उन्नत ई-पासपोर्ट तकनीक अपना चुके हैं।
क्यों है चर्चा में?
भारत सरकार ने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम संस्करण 2.0 के तहत 1 अप्रैल 2024 से देशव्यापी चिप-आधारित ई-पासपोर्ट का रोलआउट शुरू किया। यह पहल यात्रा ढांचे के आधुनिकीकरण और भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित व छेड़छाड़-रोधी दस्तावेज सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह 2025 में लागू हो रहे नए पासपोर्ट नियमों के साथ मेल खाती है।
ई-पासपोर्ट की प्रमुख विशेषताएं:
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RFID चिप और एंटीना: बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रूप से स्टोर करता है।
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उन्नत सुरक्षा: नकल या जालसाज़ी करना बेहद कठिन।
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स्कैनेबल बारकोड: आप्रवासन अधिकारियों को डिजिटल रूप से पता जानकारी उपलब्ध कराता है।
उद्देश्य:
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पासपोर्ट की सुरक्षा और वैश्विक अनुकूलता को बेहतर बनाना
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आप्रवासन प्रक्रिया को सरल बनाना और धोखाधड़ी को रोकना
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डिजिटल इंडिया और पेपरलेस गवर्नेंस के लक्ष्यों को समर्थन देना
कार्यान्वयन और रोलआउट:
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पायलट लॉन्च: 1 अप्रैल 2024
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जहाँ ई-पासपोर्ट जारी हो रहे हैं: चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, नागपुर, अमृतसर, गोवा, रायपुर, सूरत, रांची, भुवनेश्वर, जम्मू और शिमला
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जारी करने वाले केंद्र: चयनित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (RPO)
नए पासपोर्ट नियम (2025):
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जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य: 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे व्यक्तियों के लिए
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पता जानकारी अब डिजिटल रूप से चिप में: पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर प्रिंट नहीं होगी
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माता-पिता के नाम हटाए गए: अब केवल आवश्यक व्यक्तिगत जानकारी ही होगी
महत्त्व:
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वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप
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पेपरलेस आप्रवासन और डेटा गोपनीयता का समर्थन
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तकनीक-आधारित शासन में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है
सारांश/स्थैतिक जानकारी | विवरण |
क्यों चर्चा में? | भारत ने यात्रा सुरक्षा बढ़ाने के लिए चिप-आधारित ई-पासपोर्ट शुरू किए |
रोलआउट तिथि | 1 अप्रैल 2024 (पासपोर्ट सेवा 2.0 के तहत पायलट परियोजना) |
प्रयुक्त तकनीक | RFID चिप जिसमें बायोमेट्रिक डेटा संग्रहीत होता है |
जारी करने वाले शहर | चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, गोवा, जम्मू आदि |
मुख्य लाभ | सुरक्षा, वैश्विक अनुकूलता, पेपरलेस प्रक्रिया |
2025 के नए नियम | जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य, पता और माता-पिता के नाम नहीं छपेंगे |
सामंजस्यता | वैश्विक मानकों के अनुरूप (जैसे अमेरिका, यूके, जर्मनी) |