केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “मिशन कर्मयोगी” – राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (NPCSCB) को शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 46 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों को कवर करने के लिए वर्ष 2020-2021 से लेकर 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के दौरान 510.86 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।
‘मिशन कर्मयोगी’ को भारतीय सिविल सेवकों को और भी अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रोफेशनल, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य के साथ शुरू किया गया है। इससे, विशिष्ट भूमिका-दक्षताओं से युक्त सिविल सेवक उच्चतम गुणवत्ता मानकों वाली प्रभावकारी सेवा प्रदायगी सुनिश्चित करने में समर्थ होंगे।
राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (NPCSCB) निम्नलिखित संस्थागत ढांचे के साथ शुरू किया जाएगा:
- प्रधानमंत्री की सार्वजनिक मानव संसाधन (HR) परिषद.
- क्षमता विकास आयोग.
- डिजिटल परिसम्पत्तियों के स्वामित्व तथा प्रचालन और ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए प्रौद्योगिकीय प्लेटफार्म हेतु विशेष प्रयोजन कंपनी (Special Purpose Vehicle).
- मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में समन्वयन एकक.
यह सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण की नींव रखेगा। इस कार्यक्रम को एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण-“iGOTKarmayogiPlatform” की स्थापना करके कार्यान्वित किया जाएगा। कर्मयोगी प्लेटफॉर्म भारत में दो करोड़ से भी अधिक कार्मिकों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए व्यापक और अत्याधुनिक संरचना के अलावा, सेवा दक्षता या योग्यता संरचना के साथ एकीकृत कर दिया जाएगा।