कृषि उत्पादकता और किसान कल्याण को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, त्रिपुरा सरकार ने “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की शुरुआत की घोषणा की है, जो 29 मई से 12 जून 2025 तक चलेगा। यह अभियान केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों और ग्राम पंचायतों में राज्य एवं केंद्र प्रायोजित योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना, कृषि उत्पादन बढ़ाना और लागत में कमी लाना है।
क्यों चर्चा में है?
त्रिपुरा ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आरंभ की गई “विकसित कृषि संकल्प अभियान” में अपनी सक्रिय भागीदारी की घोषणा की है। यह हालिया पहल कृषि नीति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।
उद्देश्य
-
कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना
-
किसानों की उत्पादन लागत कम करना
-
किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करना
-
किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों व नवाचारों की जानकारी देना
त्रिपुरा में अभियान की मुख्य विशेषताएं
-
अवधि: 29 मई – 12 जून 2025
-
लक्ष्य क्षेत्र: त्रिपुरा के सभी गांव और ग्राम पंचायतें
-
फोकस: सभी राज्य और केंद्र प्रायोजित योजनाओं की जानकारी का प्रचार-प्रसार
कार्यान्वयन एजेंसियां
-
राज्य कृषि विभाग
-
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
-
कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs)
ढांचा
-
एक राज्य समन्वयक
-
कई जिला समन्वयक
-
कृषि वैज्ञानिकों और स्थानीय अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
पृष्ठभूमि
-
अभियान की घोषणा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की।
-
यह अभियान भारत के 723 जिलों में चलाया जा रहा है।
-
यह “विकसित भारत @2047″ मिशन का हिस्सा है, जो स्वतंत्रता के 100 वर्ष पर एक विकसित भारत की परिकल्पना करता है।
महत्व
-
जमीनी स्तर पर कृषि जागरूकता को बढ़ावा देगा।
-
किसानों और सरकारी लाभकारी योजनाओं के बीच की दूरी को कम करेगा।
-
ICAR और KVK विशेषज्ञों की मदद से तकनीकी ज्ञान का प्रसार होगा।
-
खाद्य सुरक्षा और सतत ग्रामीण विकास में योगदान देगा।
यह अभियान त्रिपुरा जैसे कृषि-प्रधान राज्य में किसानों को सशक्त करने और समावेशी कृषि विकास को गति देने की दिशा में एक सार्थक पहल है।