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विश्व मधुमक्खी दिवस 2025: जानें सबकुछ

हर साल 20 मई को दुनिया भर में विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) मनाया जाता है ताकि पारिस्थितिक तंत्र और खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में मधुमक्खियों और अन्य परागणकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी जा सके। संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित यह वैश्विक दिवस परागणकर्ताओं के सामने आने वाले खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें संरक्षित करने के लिए कार्य करने को प्रोत्साहित करता है। 2025 का विषय है: प्रकृति से प्रेरणा लें, सभी को पोषण दें” (Bee Inspired by Nature to Nourish Us All)जो परागणकर्ताओं, कृषि-खाद्य प्रणालियों और जैव विविधता के बीच गहरे संबंध को रेखांकित करता है।

क्यों चर्चा में है?

विश्व मधुमक्खी दिवस 2025 को 20 मई को विश्व स्तर पर मनाया जा रहा है। इस वर्ष का विषय इस बात पर केंद्रित है कि किस प्रकार प्रकृति आधारित समाधान और मधुमक्खियों जैसे परागणकर्ता टिकाऊ खाद्य प्रणालियों को समर्थन दे सकते हैं, भूख को कम कर सकते हैं और जैव विविधता संकट को कम कर सकते हैं।

परागणकर्ताओं का महत्व

  • विश्व की लगभग 90% जंगली पुष्पीय वनस्पतियाँ और 75% खाद्य फसलें आंशिक रूप से पशु परागण पर निर्भर करती हैं।

  • मधुमक्खियाँ, तितलियाँ, चमगादड़, हमिंगबर्ड्स और कुछ पक्षी फसल की पैदावार और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं।

  • 200,000 से अधिक पशु प्रजातियाँ परागणकर्ता हैं, जिनमें 20,000 से अधिक मधुमक्खी प्रजातियाँ शामिल हैं।

2025 का विषय: “प्रकृति से प्रेरणा लें, सभी को पोषण दें”

  • मधुमक्खियों की भूमिका को कृषि-खाद्य प्रणालियों में रेखांकित करता है।

  • जलवायु परिवर्तन से लड़ाई, खाद्य सुरक्षा और पारिस्थितिकीय संतुलन में परागणकर्ताओं के योगदान को उजागर करता है।

  • प्राकृतिक खेती, जैसे एग्रोइकोलॉजी, इंटरक्रॉपिंग और एग्रोफॉरेस्ट्री को बढ़ावा देता है।

परागणकर्ताओं के समक्ष वर्तमान खतरे

  • मानव गतिविधियाँ जैसे गहन खेती, एकल फसली खेती, कीटनाशकों का उपयोग, वनों की कटाई और शहरीकरण परागणकर्ताओं की गिरती संख्या का मुख्य कारण हैं।

  • जलवायु परिवर्तन के कारण विलुप्ति दर बढ़ रही है —
    35% अकशेरुकी परागणकर्ता
    17% कशेरुकी परागणकर्ता संकटग्रस्त हैं।

वैश्विक पहलें

  • संयुक्त राष्ट्र ने विश्व मधुमक्खी दिवस घोषित किया है।

  • अंतरराष्ट्रीय परागणकर्ता पहल (IPI) को 2000 में CBD COP-5 के दौरान शुरू किया गया।

प्रमुख लक्ष्य

  • परागणकर्ता ह्रास की निगरानी

  • टैक्सोनॉमिक जानकारी की खामियों को दूर करना

  • परागण के आर्थिक प्रभाव का मूल्यांकन

  • परागणकर्ता विविधता की रक्षा

FAO की भूमिका

  • FAO (खाद्य और कृषि संगठन) IPI का समन्वय करता है।

  • रानी मधुमक्खी प्रजनन, कृत्रिम गर्भाधान और शहद उत्पादन में तकनीकी सहायता देता है।

  • निर्यात और संरक्षण के लिए सतत अभ्यास को प्रोत्साहित करता है।

हम क्या कर सकते हैं?

व्यक्तिगत स्तर पर

  • देशी फूलों को लगाएं जो विभिन्न समय पर खिलें।

  • कीटनाशकों का उपयोग करें।

  • स्थानीय शहद उत्पादकों को समर्थन दें।

  • मधुमक्खियों के लिए पानी के कटोरे रखें और प्राकृतिक कॉलोनियों की रक्षा करें।

किसानों/पालकों के लिए

  • फसल में विविधता लाएं और कीटनाशक कम करें।

  • झाड़ियों या मधुमक्खियों को आकर्षित करने वाले पौधे लगाएं।

सरकार/नीति-निर्माताओं के लिए

  • स्थानीय और आदिवासी समुदायों को योजना में शामिल करें।

  • परागणकर्ता-अनुकूल खेती के लिए प्रोत्साहन दें।

  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निगरानी बढ़ाएं।

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