दूरसंचार क्षेत्र के नियामक ट्राई (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) ने 07 दिसंबर 2022 को जारी एक आदेश में तय किया है कि आपदाओं के समय कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) के माध्यम से प्रसारित एसएमएस/संदेश पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। सीएपी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो किसी विशेष क्षेत्र या क्षेत्र पर लक्षित एसएमएस या सेल प्रसारण को सक्षम बनाता है।
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ट्राई का आदेश केंद्रीय संचार मंत्रालय के तहत आने वाले दूरसंचार विभाग के उस अनुरोध के बाद आया है जिसमे उसने ट्राई से आपदा और गैर-आपदा दोनों के दौरान सीएपी के माध्यम से प्रसारित एसएमएस के लिए शुल्क का सुझाव देने का अनुरोध किया था ।
ट्राई ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जारी निर्देश के अनुसार भेजे गए अलर्ट या संदेशों के महत्व को देखते हुए, प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि ऐसे एसएमएस/सेल प्रसारण अलर्ट या संदेशों के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। ट्राई के आदेश के अनुसार, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जारी किसी निर्देश के बिना आपदा या गैर-आपदा स्थिति के दौरान भेजे गए एसएमएस या सेल प्रसारण पर प्रति एसएमएस 2 पैसे का शुल्क लगेगा।
ट्राई के बारे में
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के तहत की गई थी।
- यह दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करने के लिए स्थापित किया गया था, जिसमें दूरसंचार सेवाओं के लिए टैरिफ का निर्धारण/संशोधन शामिल है जो पहले केंद्र सरकार में निहित थे।