सुदीप सेन, शोभना कुमार और संजॉय के रॉय को कला-साहित्य और सामाजिक योगदान के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए रबींद्रनाथ टैगोर लिटरेरी पुरस्कार और सामाजिक योगदान के लिए टैगोर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार समारोह इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किया गया। सुदीप सेन ने कविता, गद्य, रचनात्मक नॉन-फिक्शन और फोटोग्राफी के संग्रह ‘एंथ्रोपोसिन: क्लाइमेट चेंज, कॉन्टैगियन, कंसोलेशन’ में अपने उल्लेखनीय काम के लिए यह पुरस्कार जीता। उनकी महामारी पर लिखी कविताएं उपचार और संवेदनशीलता की ओर इशारा करती हैं जो अभी भी सामान्य मानवीय रिश्तों में मौजूद हैं। यह पुस्तक इतिहास में अभूतपूर्व घटनाओं को समायोजित करने के लिए एक सौंदर्यवादी प्रतिक्रिया है।
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शोभना कुमार ने जापान की हाइबुन शैली में कविताओं के संग्रह ‘ए स्काई फुल ऑफ़ बकेट लिस्ट्स’ में अपने शानदार काम के लिए टैगोर पुरस्कार जीता। एक हाइबुन किसी के अनुभव पर आधारित कहानी या वर्णन है जिसमें वह अपनी संवेदनाओं को पिरोता है। यह गद्य और हाइकू के संयोजन से जापान में पैदा हुआ एक समसामयिक साहित्यिक रूप है। पुस्तक हमारे समाज में गहरी जड़ें जमा चुकी समस्याओं के बारे में भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करती है।
सामाजिक उपलब्धि के लिए टैगोर पुरस्कार संजॉय के. रॉय को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है। संजॉय के. रॉय प्रतिष्ठित जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल और दुनिया भर में 30 अन्य कला उत्सवों के निर्माता हैं। उन्होंने कोराना संकट के दौरान 8000 कलाकारों और कारीगरों की मदद की थी। सलाम बालक ट्रस्ट के ट्रस्टी संजॉय सड़क पर काम करने वाले और कामकाजी बच्चों को सहायता सेवाएं प्रदान करते हैं।
रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार
साहित्य के लिए टैगोर पुरस्कार 2018 से प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता रहा है। पुरस्कार हमेशा हर साल दिसंबर में दिए जाते हैं। यह इस वर्ष प्रतिष्ठित पुरस्कार का 5वां संस्करण था और पुरस्कार में एक प्रमाणपत्र और एक रबींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा शामिल है। इसके साथ ही पुरस्कार के तौर पर 5000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 4,13,667 रुपये) भी दिए जाते हैं। समारोह के दौरान डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वान, ताइवान के राजदूत, और इज़राइल के राजदूत मौजूद रहे।