ताइवान के सांसदों ने नए नियम पारित किए हैं जो स्थानीय चिप फर्मों को अपने वार्षिक अनुसंधान और विकास व्यय का 25% कर क्रेडिट में बदलने की अनुमति देते हैं, जो देश में अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों को रखने और द्वीप के प्रौद्योगिकी नेतृत्व को बनाए रखने के प्रयासों का हिस्सा है। फर्स्ट-मूवर के फायदों की बदौलत सेमीकंडक्टर बाजार में 50% से अधिक पर यूएसए का दबदबा था। फिर भी, ताइवान और कोरिया ने जल्द ही बढ़त बना ली, और संयुक्त राज्य अमेरिका की बाजार हिस्सेदारी को 12% तक कम कर दिया। विज्ञान और चिप्स अधिनियम के माध्यम से, अमेरिका ने भी आधिकारिक तौर पर चीन के साथ प्रतिस्पर्धा की। अमेरिका में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने का आह्वान करते हुए, चीन के साथ सहयोग करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ देश विविध प्रोत्साहन प्रदान करता है।
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क्षेत्रफल और जनसंख्या में ताइवान भले ही बहुत छोटा हो, लेकिन टेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर वर्ल्ड में इसका रोल बहुत बड़ा है। दुनियाभर के 90 परसेंट एडवांस सेमीकंडक्टर ताइवान में ही तैयार किए जाते हैं। पिछले साल ताइवान ने 118 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट सिर्फ सेमीकंडक्टर कैटेगरी में किया है। TSMC यानी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का घर ताइवना ही है। ऐपल, AMD, Nvidia, ARM जैसे बड़े ब्रांड्स इसके क्लाइंट हैं। कंपनी इन सभी के लिए एडवांस चिप तैयार करने का काम करती है। इन चिप्स से ही आपके स्मार्टफोन, कार, लैपटॉप और दूसरी इलेक्ट्रिक चीजें काम करती हैं। इन चिप्स के बिना आपको कोरोना वायरस महामारी वाले दिन वापस से देखने पड़ सकते हैं।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञ बड़ी संख्या में
चीन के पास सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञ बड़ी संख्या में हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार ऐसा हुआ, जब सेमीकंडक्टर पर केंद्रित एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सबसे ज्यादा रिसर्च पेपर चीन की तरफ से पेश किए गए हैं। इस मामले में उसने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिकी शहर सैन फ्रैंसिस्को में हर साल होने वाले इंटरनेशनल सॉलिड-स्टेट सर्किट कॉन्फ्रेंस (आईएसएससीसी) को सेमीकंडक्टर सेक्टर का ओलिंपिक्स समझा जाता है।