प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक और उद्योगपति डॉ स्वाति पीरामल को व्यापार और उद्योग, विज्ञान, चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान और भारत-फ्रांस संबंधों को मजबूत करने हेतु फ्रांस के शीर्ष नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। 66 वर्षीय पीरामल फार्मास्यूटिकल्स, वित्तीय सेवाओं, रियल एस्टेट और ग्लास पैकेजिंग वाले व्यवसाय समूह पिरामल समूह के उपाध्यक्ष हैं।
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बता दें इस सप्ताह भारत की यात्रा के दौरान फ्रांस की यूरोप और विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना द्वारा एक अलंकरण समारोह में उन्हें शेवेलियर डे ला लीजियन डी’होनूर या नाइट ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दिया। इस दौरान फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि डॉ पीरामल न केवल एक अग्रणी एवं असाधारण महिला कारोबारी है बल्कि वह एक ऐसी उद्यमी हैं जो समाज को भी वापस लौटाता है।
यह सम्मान क्यों मिला?
पीरामल समूह की वाइस चेयरपर्सन के तौर पर पीरामल अपने ग्रुप में मेडिसिन, फाइनेंशियल सर्विस, रियल एस्टेट एवं ग्लास पैकेजिंग जैसे बिजनस को देखती हैं। उन्होंने इसे अपने लिए एक बड़ा सम्मान बताते हुए कहा कि यह पीरामल ग्रुप में मेरे साथ काम करने वाले लोगों के प्रयासों का भी सम्मान है। पीरामल ग्रुप का फ्रांस के साथ कारोबार के अलावा कला एवं संस्कृति में भी लंबा रिश्ता रहा है। फ्रांस इसके पहले डॉ पीरामल को अपने दूसरे सर्वोच्च सम्मान ‘नाइट ऑफ द ऑर्डर ऑफ मेरिट’ से भी सम्मानित कर चुका है।
लीजन ऑफ ऑनर अवार्ड क्या है?
लीजन ऑफ ऑनर को नेपोलियन बोनापार्ट ने 1802 में शुरू किया था। यह अवार्ड राष्ट्रीयता से परे फ्रांस की उत्कृष्ट सेवा के लिए फ्रांसीसी गणराज्य द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। फ्रेंच रिपब्लिक के राष्ट्रपति ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर के ग्रैंड मास्टर हैं। डॉ स्वाति पीरामल को कारोबार एवं उद्योग, विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।