स्वान एनर्जी ने हेज़ल इंफ्रा के माध्यम से भारत के जहाज निर्माण क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका हासिल करते हुए रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग का अधिग्रहण किया।
मुंबई स्थित समूह स्वान एनर्जी ने हाल ही में अपने विशेष प्रयोजन वाहन, हेज़ल इंफ्रा के माध्यम से रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग का अधिग्रहण किया, जिससे वाणिज्यिक और नौसेना रक्षा पोत निर्माण और जहाज मरम्मत क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत हुई। यह कदम सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप है, जो जहाज निर्माण में आत्मनिर्भरता पर बल देती है।
मुख्य विवरण
अधिग्रहण और समय पर भुगतान
- स्वान एनर्जी ने उद्यम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए, 15 नवंबर की समय सीमा से काफी पूर्व ₹231 करोड़ का भुगतान करके सफलतापूर्वक अधिग्रहण पूरा कर लिया।
भविष्य की योजनाएँ एवं विस्तार
- स्वान एनर्जी का लक्ष्य नौसेना रक्षा, वाणिज्यिक पोत निर्माण और जहाज मरम्मत में सबसे बड़ी निजी कंपनी बनना है।
- कंपनी की योजना तेल और गैस उद्योग की पूर्ति के साथ-साथ नौसेना रक्षा क्षेत्र से प्रमुख अनुबंध हासिल करने पर भी ध्यान केंद्रित करने की है।
- यह रणनीतिक कदम नौसेना, रक्षा और तेल और गैस क्षेत्रों में भारत की भारी निर्माण क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे मौजूदा मांग-आपूर्ति के अंतर को समाप्त कर दिया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत पहल में भूमिका
- यह अधिग्रहण भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है, जो आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन के महत्व पर बल देता है।
- इस संदर्भ में जहाज निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के स्वान एनर्जी के प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
प्रबंधन और विशेषज्ञता
- एक नई प्रबंधन टीम के साथ, स्वान एनर्जी जहाज निर्माण उद्योग में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए कपड़ा, रियल एस्टेट और तेल और गैस जैसे क्षेत्रों में अपने व्यापक अनुभव का लाभ उठाने के लिए तैयार है।
- कंपनी की एक सदी से अधिक की समृद्ध विरासत राष्ट्र की सेवा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
शीर्ष पाँच तक पहुँचने का मार्ग
- भारी निर्माण पर स्वान एनर्जी का रणनीतिक फोकस भारत को नौसेना, रक्षा और तेल और गैस क्षेत्रों में शीर्ष पांच देशों में से एक बनाता है।
- यह लक्ष्य महत्वपूर्ण उद्योगों में भारत की वैश्विक स्थिति को बढ़ाने के लिए कंपनी के समर्पण को दर्शाता है।