एसएंडपी ग्लोबल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 20 आधार अंक (bps) घटाकर 6.5% कर दिया है, जो पहले 6.7% था। यह पूर्वानुमान सामान्य मानसून और स्थिर जिंस कीमतों, विशेष रूप से कच्चे तेल की कीमतों पर आधारित है। एजेंसी ने यह भी बताया कि वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के बावजूद अमेरिका को भारत का सेवाओं-आधारित निर्यात स्थिर बना हुआ है। इसके अलावा, खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट, FY26 बजट से कर लाभ, और कम उधारी लागत घरेलू खपत को समर्थन देंगे।
प्रमुख बिंदु
वृद्धि पूर्वानुमान संशोधन
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एसएंडपी ग्लोबल ने FY26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.7% से घटाकर 6.5% कर दी।
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यह वृद्धि दर पिछले वित्तीय वर्ष के समान है।
आर्थिक धारणाएँ
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सामान्य मानसून की उम्मीद की जा रही है।
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जिंसों की कीमतें, विशेष रूप से कच्चे तेल की कीमतें, नरम रहने की संभावना है।
विकास का समर्थन करने वाले कारक
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खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट से घरों पर आर्थिक दबाव कम होगा।
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FY26 बजट में कर लाभ से विवेकाधीन खर्च (discretionary spending) को बढ़ावा मिलेगा।
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कम उधारी लागत से निवेश और खपत को प्रोत्साहन मिलेगा।
आरबीआई की मौद्रिक नीति दृष्टिकोण
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आरबीआई मौजूदा चक्र में ब्याज दरों में 75-100 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
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मुद्रास्फीति में नरमी से मुख्य मुद्रास्फीति (headline inflation) को आरबीआई के 4% लक्ष्य के करीब लाने में मदद मिलेगी।
अमेरिकी टैरिफ का व्यापार पर प्रभाव
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अमेरिका को भारत का सेवा क्षेत्र आधारित निर्यात टैरिफ परिवर्तनों के बावजूद स्थिर बना रहेगा।
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टैरिफ का अधिक प्रभाव चीन, मलेशिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसी वस्तु-निर्भर अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा।