हैदराबाद स्थित एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) ने भारत के पहले निजी तौर पर विकसित पूरी तरह से क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन (cryogenic rocket engine) धवन -1 (Dhawan-1) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह इसके आगामी विक्रम -2 कक्षीय प्रक्षेपण यान के ऊपरी चरणों को शक्ति प्रदान करेगा। रॉकेट इंजन धवन-1 का नाम भारतीय रॉकेट वैज्ञानिक सतीश धवन (Satish Dhawan) के नाम पर रखा गया है।
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धवन-1 के बारे में:
धवन-1 पूरी तरह से ‘मेड-इन-इंडिया’ क्रायोजेनिक इंजन है, जिसे सुपरएलॉय के साथ 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके विकसित किया गया है। इंजन तरलीकृत प्राकृतिक गैस और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित होता है – एक उच्च प्रदर्शन, कम लागत वाला और स्वच्छ रॉकेट ईंधन।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना: 12 जून 2018;
- स्काईरूट एयरोस्पेस मुख्यालय: हैदराबाद, तेलंगाना;
- स्काईरूट एयरोस्पेस सह-संस्थापक, सीईओ और सीटीओ: पवन कुमार चंदना;
- स्काईरूट एयरोस्पेस सह-संस्थापक, सीओओ: नागा भारत डाका।