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SEBI ने दीर्घकालिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए स्वागत-एफआई लॉन्च किया

वैश्विक फंडों के लिए भारत को एक अधिक आकर्षक निवेश स्थल बनाने के उद्देश्य से, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने “स्वागत-एफआई” नामक एक नया नियामक ढांचा शुरू किया है – विदेशी निवेशकों के लिए गिफ्ट-आईएफएससी तक पहुँच को सुगम बनाने हेतु सरलीकृत आवरण ढाँचा। 16 सितंबर, 2025 को घोषित इस पहल का उद्देश्य कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों, जैसे सॉवरेन वेल्थ फंड, पेंशन फंड और दीर्घकालिक संस्थागत निवेशकों के लिए प्रवेश बाधाओं को कम करना है।

SWAGAT-FI की मुख्य विशेषताएँ

लंबी पंजीकरण अवधि

  • अब योग्य विदेशी निवेशक 10 वर्षों के लिए पंजीकरण कर सकते हैं, जबकि पहले यह अवधि केवल 3 वर्ष थी।

  • इससे प्रशासनिक झंझट कम होगा और स्थिर, निरंतर निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

तेज़ ऑनबोर्डिंग और सरल पहुँच

  • एक डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिससे ऑनबोर्डिंग का समय महीनों से घटकर लगभग एक सप्ताह रह गया है।

  • निवेशक अब एक ही डीमैट खाता (Demat Account) के माध्यम से अपने सभी निवेशों का प्रबंधन कर सकेंगे।

  • यह ढाँचा गिफ्ट सिटी IFSC (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एकीकृत है, जिससे वैश्विक निवेशकों की सुविधा बढ़ेगी।

सार्वजनिक बाज़ारों में पारदर्शिता

  • IPO (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) और बाज़ार डेटा तक पहुँच से जुड़ी जानकारी और पारदर्शिता मानक बेहतर होंगे।

  • इससे भारत संस्थागत निवेश के लिए और अधिक भरोसेमंद और पूर्वानुमेय वातावरण बनेगा।

रणनीतिक उद्देश्य और वैश्विक महत्व

  • यह नीति दीर्घकालिक पूँजी (Patient Capital) आकर्षित करने के लिए है, जो बाज़ार की अस्थिरता को घटाती है और पूँजी बाज़ार की गहराई एवं मजबूती को बढ़ाती है।

  • सरल, किफ़ायती और पारदर्शी पंजीकरण प्रक्रिया प्रदान करके भारत अब सिंगापुर, दुबई और लंदन जैसे वित्तीय केंद्रों से और प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा कर पाएगा।

स्थैतिक तथ्य 

  • घोषणा करने वाला संगठन : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)

  • ढाँचे का नाम : SWAGAT-FI

  • लक्षित निवेशक : कम-जोखिम वाले विदेशी निवेशक जैसे सॉवरेन वेल्थ फंड्स, पेंशन फंड्स

  • SEBI अध्यक्ष : तुहिन कांता पांडे

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