सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने 30 अप्रैल को बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय पुरुष युगल जोड़ी बनकर इतिहास रच दिया। भारतीय जोड़ी ने एक घंटे से अधिक समय तक चले रोमांचक मुकाबले में ओंग यू सिन और तेओ ई यी की मलेशियाई जोड़ी को हराया।
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एक कठिन लड़ाई जीत:
वर्ल्ड नंबर-6 भारतीय जोड़ी को अपनी जीत के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। वे अपने प्रतिद्वंद्वियों से पहला गेम हार गए, लेकिन अगले दो गेम जीतने के लिए वापसी की। दूसरे गेम में वे 7-13 से पीछे चल रहे थे, लेकिन वापसी करने में कामयाब रहे और 21-17 से जीत दर्ज की। अंतिम गेम में, उन्होंने 21-19 से जीतने और स्वर्ण पदक जीतने के लिए अपना धैर्य बनाए रखा।
भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि:
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जीत भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में भारत का केवल दूसरा स्वर्ण पदक है। दिनेश खन्ना ने 1965 में पुरुष एकल वर्ग में पहला खिताब जीता था। सात्विक और चिराग की जीत 2023 में उनके लिए पहली बड़ी जीत भी है।
पुरस्कार राशि और मान्यता:
भारतीय बैडमिंटन संघ ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि की घोषणा की है। पिछले एक साल में शानदार फॉर्म में चल रहे सात्विक और चिराग के लिए यह सम्मान उचित है। उन्होंने 2022 में राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक जीता और ऐतिहासिक थॉमस कप विजेता टीम का हिस्सा थे।