प्रसिद्ध रेत कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी स्थित नीलाद्रि बीच पर सांता क्लॉज की एक विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली रेत और सेब से बनी विशाल मूर्ति का निर्माण किया है। यह कलाकृति क्रिसमस की भावना को दर्शाने के साथ-साथ शांति और सद्भाव का संदेश भी देती है।
विश्व का सबसे बड़ा सांता क्लॉज
- इस कृति का शीर्षक “विश्व की सबसे बड़ी सेब और रेत से बनी सांता क्लॉज इंस्टॉलेशन” रखा गया है।
- इसका अनावरण 26 दिसंबर 2025 को किया गया।
- इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई है।
- सुदर्शन पटनायक ने इस अनोखी और उत्सवपूर्ण कृति का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया।
मूर्ति की प्रमुख विशेषताएँ
- 1.5 टन सेब और रेत का उपयोग
- आकार: 60 फीट लंबी, 45 फीट चौड़ी और 22 फीट ऊँची
- रेत कला और फलों का अनूठा संयोजन
- विश्व भर में शांति और सद्भाव का संदेश देने के उद्देश्य से तैयार
इस कलाकृति का महत्व
- पुरी में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा
- रचनात्मक सार्वजनिक कला के माध्यम से क्रिसमस की भावना का प्रसार
- एकता और सद्भावना का वैश्विक संदेश
- भारत की नवोन्मेषी और पर्यावरण–अनुकूल कला प्रतिभा का प्रदर्शन
सुदर्शन पटनायक के बारे में
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध रेत कलाकार
- सामाजिक मुद्दों और वैश्विक घटनाओं पर आधारित कलाकृतियों के लिए जाने जाते हैं
- जलवायु परिवर्तन, मानवीय विषयों और पर्यावरणीय मुद्दों पर कई रिकॉर्ड तोड़ रचनाएँ बना चुके हैं
पृष्ठभूमि
- पुरी का नीलाद्रि बीच रेत कला प्रदर्शनियों और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है
- भारत में क्रिसमस का पर्व व्यापक रूप से मनाया जाता है, जहाँ चर्च, बाज़ार, सजावट और कैरोल्स से उत्सवपूर्ण माहौल बनता है
मुख्य बिंदु
- सुदर्शन पटनायक ने विश्व की सबसे बड़ी सेब और रेत से बनी सांता क्लॉज मूर्ति बनाई
- स्थान: नीलाद्रि बीच, पुरी (ओडिशा)
- 1.5 टन सेब का उपयोग
- आकार: 60 × 45 × 22 फीट
- वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया से मान्यता
- क्रिसमस पर शांति और सद्भाव का वैश्विक संदेश


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