खुदरा महंगाई दर में सितंबर में गिरावट दर्ज की गई है। यह अगस्त महीने के 6.83 प्रतिशत से घटकर 5.02 प्रतिशत हो गई है। देश की खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में सालाना आधार पर घटकर 5.02 प्रतिशत पर आ गई, यह अगस्त में 6.83 प्रतिशत थी। सितंबर में खाद्य मुद्रास्फीति 6.56 प्रतिशत रही जो अगस्त में 9.94 प्रतिशत थी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की बात करें तो सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर क्रमशः 5.33 प्रतिशत और 4.65 प्रतिशत रही।
सितंबर महीने में सब्जियों की महंगाई दर घटकर 3.39 फीसदी रह गई, जो अगस्त में 26.14 फीसदी थी। सितंबर महीने में अनाज की महंगाई दर 10.95 फीसदी रही। ईंधन और बिजली खंड की महंगाई में सितंबर में शून्य से 0.11 प्रतिशत की गिरावट आई। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 5.02 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले सितंबर में यह 7.41 प्रतिशत थी।
मुद्रास्फीति में कमी आने की उम्मीद
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सितंबर से मुद्रास्फीति में कमी आने की उम्मीद जताई थी। रिजर्व बैंक के सर्वेक्षण में शामिल अर्थशास्त्रियों समेत पेशेवर पूर्वानुमानकर्ताओं ने अनुमान जताया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर तिमाही के 6.6 प्रतिशत से घटकर दिसंबर तिमाही में 5.5 प्रतिशत पर आ जाएगी। इसके अलावा मार्च 2024 की तिमाही में यह घटकर 5.1 पर आएगी। वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर 5.2-4.0 के बीच रह सकती है।
औद्योगिक उत्पादन में 10.3 प्रतिशत का इजाफा
सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 10.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
एमपीसी ने 5.4% रखा है महंगाई का अनुमान
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अक्टूबर की बैठक में मानसून के असमान पैटर्न और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच खाद्य कीमतों पर सतर्क दृष्टिकोण रखने की बात कहते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। केंद्रीय बैंक का दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान क्रमश: 6.4 प्रतिशत, 5.6 प्रतिशत और 5.2 प्रतिशत है।