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भारत में रिटेल CBDC में 120 मिलियन से ज़्यादा ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी वैल्यू ₹28,000 करोड़: RBI

भारत की डिजिटल मुद्रा पहल ने एक बड़ा मील का पत्थर छू लिया है। रिटेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) यानी डिजिटल रुपये (e₹) के लेनदेन 12 करोड़ (120 मिलियन) से अधिक हो गए हैं, जबकि कुल लेनदेन मूल्य ₹28,000 करोड़ से ऊपर पहुंच गया है। यह जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने 5 दिसंबर 2025 को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। यह उपलब्धि डिजिटल भुगतान नवाचार में RBI की प्रगति को दिखाती है।

भारत में रिटेल CBDC का विस्तार

  • रिटेल CBDC या डिजिटल रुपया (e₹) जनता को एक सार्वभौमिक, सुरक्षित और कुशल डिजिटल भुगतान व्यवस्था प्रदान करने का RBI का प्रमुख प्रयास है।
  • रिटेल CBDC पायलट की शुरुआत 1 दिसंबर 2022 को सीमित उपभोक्ताओं और व्यापारियों के साथ की गई थी। तब से अब तक इसका अपनाया जाना लगातार बढ़ा है, जिससे उपभोक्ताओं और वित्तीय संस्थानों के बीच इस नई प्रणाली पर भरोसा मजबूत हुआ है।
  • वर्तमान में 80 लाख से अधिक उपयोगकर्ता रोज़मर्रा के लेनदेन में डिजिटल रुपया सक्रिय रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं।

मुख्य आँकड़े

दिसंबर 2025 तक:

  • रिटेल CBDC लेनदेन संख्या: 120 मिलियन+

  • कुल लेनदेन मूल्य: ₹28,000 करोड़ से अधिक

  • सक्रिय उपयोगकर्ता: 8 मिलियन+

इस तेज़ वृद्धि का कारण है — पायलट प्रोजेक्ट्स, सरकारी योजनाओं में उपयोग, और विशिष्ट उद्देश्यों के लिए प्रोग्राम योग्य CBDC की शुरुआत।

प्रोग्रामेबिलिटी और विशेष उपयोग

टी. रबी शंकर के अनुसार, प्रोग्रामेबिलिटी रिटेल CBDC का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है — यानी ऐसी डिजिटल मुद्रा जो केवल निर्धारित उपयोगों या शर्तों के तहत खर्च की जा सके।

प्रोग्राम योग्य CBDC का परीक्षण किया जा रहा है:

  • केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं में

  • बैंकों के विशेष वित्तीय उत्पादों में

  • सब्सिडी और DBT (Direct Benefit Transfer) के लिए

  • स्वास्थ्य, शिक्षा आदि जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में

उदाहरण: ऐसा डिजिटल रुपया जिसे केवल दवा खरीदने या केवल ट्यूशन फीस भरने में इस्तेमाल किया जा सके।

रिटेल CBDC और अंतरराष्ट्रीय भुगतान

देश में उपयोग बढ़ने के साथ-साथ RBI डिजिटल रुपये के सीमापार उपयोग (cross-border payments) की भी संभावनाएँ विकसित कर रहा है। इससे:

  • तेज़ रेमिटेंस

  • मुद्रा-से-मुद्रा वास्तविक समय लेनदेन

  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तेजी

  • वैश्विक स्तर पर CBDC इंटरऑपरेबिलिटी

सुनिश्चित हो सकती है, जो भारतीय प्रवासियों और आयात-निर्यात क्षेत्र के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी।

फिनटेक सहभागिता और नवाचार

रिटेल CBDC के तेज़ विस्तार के लिए RBI ने एक रिटेल सैंडबॉक्स शुरू किया है, जिसमें फिनटेक कंपनियाँ:

  • CBDC वॉलेट विकसित कर सकती हैं

  • भुगतान इंटरफेस बना सकती हैं

  • सुरक्षा और स्केलेबिलिटी का परीक्षण कर सकती हैं

  • प्रोग्रामेबल फीचर लागू कर सकती हैं

यह डिजिटल रुपये को UPI, कार्ड और मोबाइल वॉलेट का विकल्प बनाने में मदद करेगा।

मुख्य तथ्य 

  • रिटेल CBDC पायलट: 1 दिसंबर 2022 से

  • कुल लेनदेन: 120 मिलियन+

  • कुल मूल्य: ₹28,000 करोड़+

  • सक्रिय उपयोगकर्ता: 8 मिलियन+

  • फोकस: प्रोग्रामेबिलिटी, विशेष उपयोग, क्रॉस-बॉर्डर भुगतान

  • फिनटेक के लिए रिटेल सैंडबॉक्स सक्रिय

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