भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के अधीन रखा है जो बैंकिंग गतिविधियों जैसे ऋण देने, भर्ती और शाखा विस्तार पर प्रतिबंध लगाता है.
भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, संपत्ति पर नकारात्मक रिटर्न और डूबत ऋण के उच्च अनुपात को देखते हुए पीसीए शुरू किया है. अब तक, आरबीआई ने चार बैंकों के लिए पीसीए शुरू किया हैं – आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, देना बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक. पीसीए को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर शुरू किया गया था क्योंकि इसने लगातार दो सालों में घाटे की सूचना दी थी, संपत्ति पर नकारात्मक रिटर्न दिया गया था और डूबत ऋणों की हिस्सेदारी 6% से पार हो गई थी. सेंट्रल बैंक ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में 2439 करोड़ रुपये का घाटा बताया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, संपत्ति पर नकारात्मक रिटर्न और डूबत ऋण के उच्च अनुपात को देखते हुए पीसीए शुरू किया है. अब तक, आरबीआई ने चार बैंकों के लिए पीसीए शुरू किया हैं – आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, देना बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक. पीसीए को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर शुरू किया गया था क्योंकि इसने लगातार दो सालों में घाटे की सूचना दी थी, संपत्ति पर नकारात्मक रिटर्न दिया गया था और डूबत ऋणों की हिस्सेदारी 6% से पार हो गई थी. सेंट्रल बैंक ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में 2439 करोड़ रुपये का घाटा बताया है.
उपरोक्त समाचार से बैंकिंग तथ्य-
- श्री. राजीव ऋषि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं.
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का मुख्यालय मुंबई में है.
स्त्रोत- द फाइनेंसियल एक्सप्रेस