भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फेडरल बैंक लिमिटेड और करूर वैश्य बैंक लिमिटेड पर नियामक दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण वित्तीय दंड लगाया है। फेडरल बैंक पर ₹27.30 लाख और करूर वैश्य बैंक पर ₹8.30 लाख का जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई RBI के नियमित निरीक्षणों के बाद की गई, जिसमें खाता प्रबंधन और ऋण वितरण प्रणाली में उल्लंघन पाए गए। यह दंड बैंकिंग अनुपालन को सख्ती से लागू करने के RBI के रुख को दर्शाता है।
फेडरल बैंक पर जुर्माना क्यों लगाया गया?
हाल ही में किए गए RBI के सांविधिक निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि फेडरल बैंक ने ऐसे संस्थानों के नाम पर बचत जमा खाते खोले, जो इसके लिए पात्र नहीं थे। यह RBI के जमा पर ब्याज दरों से संबंधित निर्देशों का उल्लंघन था। इस कारण RBI ने बैंक पर ₹27.30 लाख का जुर्माना लगाया। यह उल्लंघन जमा से जुड़े नियमों के पालन और उचित जांच-पड़ताल में कमी को दर्शाता है।
करूर वैश्य बैंक पर जुर्माना क्यों लगाया गया?
RBI ने करूर वैश्य बैंक को ₹8.30 लाख का जुर्माना लगाया, क्योंकि उसने ऋण वितरण संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। बैंक ने यह सुनिश्चित नहीं किया कि कुछ उधारकर्ताओं की बकाया ऋण राशि उनके स्वीकृत कार्यशील पूंजी सीमा के निर्धारित प्रतिशत के अनुरूप हो। यह ऋण प्रबंधन नियमों का उल्लंघन था, जिससे वित्तीय अनुशासन प्रभावित हो सकता था। इसी कारण RBI ने हस्तक्षेप कर दंड लगाया।
क्या यह RBI की पहली कार्रवाई है?
यह पहली बार नहीं है जब RBI ने इन बैंकों पर कार्रवाई की है।
- नवंबर 2023 में, फेडरल बैंक पर ₹30 लाख का जुर्माना लगाया गया था, क्योंकि उसने ₹50,000 और उससे अधिक के डिमांड ड्राफ्ट जारी किए, लेकिन खरीदार का नाम दर्ज नहीं किया, जो कि KYC नियमों का उल्लंघन था।
- मार्च 2023 में, करूर वैश्य बैंक पर ₹30 लाख का जुर्माना लगा था, क्योंकि उसने RBI के धोखाधड़ी वर्गीकरण दिशानिर्देशों के अनुसार कुछ खातों को समय पर धोखाधड़ी के रूप में रिपोर्ट नहीं किया।
RBI का अनुपालन पर रुख
RBI ने स्पष्ट किया कि ये दंड केवल नियामक चूकों के आधार पर लगाए गए हैं और ग्राहक लेन-देन या समझौतों को प्रभावित नहीं करते। केंद्रीय बैंक बैंकों में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त अनुपालन उपाय लागू करता है। इस तरह की सख्ती से RBI यह सुनिश्चित करता है कि बैंकिंग प्रणाली पारदर्शी और उत्तरदायी बनी रहे।