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RBI ने COVID-19 के प्रभाव को कम करने के लिए नए उपायों का किया ऐलान

RBI ने COVID-19 के प्रभाव को कम करने के लिए नए उपायों का किया ऐलान |_3.1
भारतीय रिजर्व बैंक ने COVID-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इन प्रमुख घोषणाओं में तत्काल प्रभाव से चलनिधि समायोजन सुविधा (LAF) के तहत रिवर्स रेपो दर में 25 बेसिस अंको की कटौती कर इसे 4% से घटाकर 3.75% करने का निर्णय लिया है। जबकि पॉलिसी रेपो दर, MSF दर और बैंक दर को RBI की 7 वीं द्वि-मासिक मौद्रिक नीति 2019-20 के अनुसार ही रखने का फैसला किया।
RBI ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले COVID-19 के प्रभावों को कम करने के लिए निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखकर उपाय किए है:
  • कोविड-19 संबंधित अव्यवस्थाओं का सामना करने के लिए प्रणाली में काफी मात्रा में चलनिधि का विस्तार करना.
  • बैंक ऋण प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और प्रोत्साहित करना.
  • वित्तीय तनाव को कम करना.
  • बाजारों के औपचारिक कामकाज को सक्षम बनाना.
उपरोक्त उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने निम्नलिखित उपाय किए हैं:
  • आरबीआई ने उपयुक्त आकार के ट्रांचों में शुरुआत करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की कुल राशि के लिए लक्षित दीर्घावधि मीयादी रेपो परिचालन(targeted long-term repo operations-2.0) शुरू करने का निर्णय लिया है. आरबीआई भविष्य में आवश्यकता के अनुसार इस राशि को बढ़ा सकता है.
  • बैंकों द्वारा TLTRO-2.0 के तहत उपलब्ध कराए गए फंड को ग्रेड बॉन्ड, कमर्शियल पेपर्स, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर ऑफ़ एनबीएफसी में निवेश किया जाना चाहिए, जिसमें कम से कम 50% मिड-साइज़ वाले NBFC और MFI में शामिल होने चाहिए.
  • RBI ने ऑल इंडिया वित्तीय संस्थानों (AIFI) जैसे NABARD, SIDBI, NHB को विशेष पुनर्वित्त सुविधा के रूप में 50,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की है ताकि वे क्षेत्रीय ऋण जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो। इन संगठनों से ये अग्रिम फंड, आरबीआई पॉलिसी रेपो दर 4.40% के अनुसार वसूल किए जाएंगे.
  • नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) को आवंटन किए गए कुल 50,000 करोड़ रुपये में से, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के पुनर्वित्त के लिए 25,000 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी.
  • आवंटित किए कुल 50,000 करोड़ रुपये में से, लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) को 15,000 करोड़ रुपये या उधार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, गैर-बैंकों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के पुनर्वित्त  के लिए दिए जाएंगे.
  • हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को सहयोग देने के लिए नेशनल हाउसिंग बैंक को 10,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
  • इसके अलावा RBI ने चलनिधि समायोजन सुविधा (LAF) के तहत रिवर्स रेपो दर में 25 बेसिस अंको  में कटौती कर इसे 4% से घटाकर 3.75% करने का फैसला किया है, जबकि पॉलिसी रेपो दर 4.4% पर अपरिवर्तित तथा सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) और बैंक दर 4.65% पर अपरिवर्तित रहेगी.
  • साथ ही COVID-19 निपटने और शमन के प्रयासों में राज्‍यों को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए, RBI ने 31 मार्च, 2020 तक के राज्यों के अग्रिम उपायों और साधनों (WMA) की सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की है। यह बढ़ी हुई सीमा 30 सितंबर, 2020 तक जारी रहेगी।
  • उन सभी खातों के संबंध में, जिनके लिए ऋण देने वाली संस्थाएँ स्थगन या आस्थगन देने का निर्णय लेती हैं, और जो 1 मार्च, 2020 तक मानक थे, यह निर्णय लिया गया है कि 90-दिवसीय एनपीए मानदंड अधिस्थगन अवधि से अलग कर दिया जाएगा. साथ ही यह भी इंगित करता है कि 1 मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 तक ऐसे सभी खातों के लिए एक परिसंपत्ति वर्गीकरण यथास्थिति होगा।
  • RBI ने वर्तमान अस्थिर वातावरण में तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान के दौरान आने वाली चुनौतियों का हवाला देते हुए, संकल्प योजना की अवधि को 90 दिनों तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
  • COVID-19 से संबंधित आर्थिक संकटों के मद्देनजर, आरबीआई ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों को 31 मार्च, 2020 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष से संबंधित लाभ से होने वाले किसी भी लाभांश का भुगतान करने पर रोक लगा दी है।
  • आरबीआई ने व्यक्तिगत संस्थानों के स्तर पर चलनिधि की स्थिति को आसान बनाने के लिए, तत्काल प्रभाव से सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों के लिए चलनिधि कवरेज अनुपात (LCR) की आवश्यकता को 100% से घटाकर 80% कर दिया है.

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता.
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