भारत और मॉरीशस के बीच आर्थिक और वित्तीय सहयोग को मजबूत करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और बैंक ऑफ मॉरीशस (BOM) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत भारतीय रुपये (INR) और मॉरीशस रुपये (MUR) का सीमा-पार लेनदेन में उपयोग किया जाएगा, जिससे निर्यातकों और आयातकों को अपने घरेलू मुद्राओं में भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। इससे व्यापार की लागत घटेगी और लेनदेन की दक्षता में सुधार होगा।
मुख्य बिंदु:
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समझौते पर हस्ताक्षर
- यह RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा और BOM गवर्नर रामा कृष्ण सीथानन G.C.S.K. द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।
- 12 मार्च 2025 को पोर्ट लुइस, मॉरीशस में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की उपस्थिति में इस समझौते का आदान-प्रदान हुआ।
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समझौते के उद्देश्य
- INR और MUR का द्विपक्षीय व्यापार में उपयोग को बढ़ावा देना।
- सीमा-पार भुगतान को घरेलू मुद्राओं में करने की सुविधा प्रदान करना।
- डॉलर जैसी तीसरी मुद्रा पर निर्भरता को कम करना।
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लेनदेन का दायरा
- सभी चालू खाता (Current Account) लेनदेन को कवर करता है।
- कुछ अनुमोदित पूंजी खाता (Capital Account) लेनदेन भी शामिल हैं, जिन पर दोनों देशों की सहमति होगी।
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अपेक्षित लाभ
- व्यापार लागत में कमी और तेज़ भुगतान प्रक्रिया।
- INR-MUR बाजार का विकास, जिससे दोनों मुद्राओं की तरलता में वृद्धि होगी।
- भारत और मॉरीशस के बीच वित्तीय एकीकरण को बढ़ावा।
- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के आधार पर व्यापारिक संबंधों को मजबूती।
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रणनीतिक महत्व
- भारत और मॉरीशस के आर्थिक सहयोग को और गहरा करेगा।
- भारतीय रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के भारत के दृष्टिकोण को समर्थन देगा।
- हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय वित्तीय एकीकरण के प्रयासों के अनुरूप होगा।
पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | RBI और बैंक ऑफ मॉरीशस के बीच स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर |
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षरकर्ता | भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और बैंक ऑफ मॉरीशस (BOM) |
हस्ताक्षरकर्ताओं के नाम | संजय मल्होत्रा (RBI) और रामा कृष्ण सीथानन (BOM) |
तारीख और स्थान | 12 मार्च 2025, पोर्ट लुइस, मॉरीशस |
महत्वपूर्ण उपस्थिति | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (भारत) और प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम (मॉरीशस) |
उद्देश्य | INR-MUR का द्विपक्षीय व्यापार में उपयोग बढ़ाना |
लेनदेन का दायरा | चालू खाता और अनुमत पूंजी खाता लेनदेन |
मुख्य लाभ | व्यापार लागत में कमी, तेज़ भुगतान प्रक्रिया, व्यापार को बढ़ावा |
रणनीतिक प्रभाव | वित्तीय एकीकरण को मजबूत करना और आर्थिक संबंधों को गहरा करना |