राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बड़ा बढ़ावा देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 7 दिसंबर 2025 को 125 सीमा अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये परियोजनाएँ सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा सात राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में पूरी की गई हैं, जो भारत की सीमाई अवसंरचना को आधुनिक बनाने के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इनमें लद्दाख की श्योक सुरंग विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो क्षेत्र में गतिशीलता और रक्षा तैयारियों को बदलने की क्षमता रखती है।
परियोजनाओं का सामरिक महत्व
ये अवसंरचना परियोजनाएँ दोहरे उद्देश्य को पूरा करती हैं —
• भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करना
• दुर्गम क्षेत्रों में सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना
रक्षा मंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएँ भारतीय सेना और BRO कर्मियों के उन बलिदानों को समर्पित हैं, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
लद्दाख की श्योक सुरंग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि कठोर सर्दियों में क्षेत्र की सड़कें अक्सर बंद हो जाती हैं, जिससे नागरिक जीवन और सैन्य लॉजिस्टिक्स दोनों प्रभावित होते हैं।
श्योक सुरंग: एक ऐतिहासिक उपलब्धि
लेह के पास निर्मित श्योक सुरंग इस बार उद्घाटित परियोजनाओं में सबसे प्रमुख है। इसके पूरा होने से पूरे वर्ष सुचारु आवाजाही संभव हो सकेगी, खासकर सर्दियों में जब बर्फबारी और अत्यधिक ठंड के कारण मार्ग लगभग अवरुद्ध हो जाते हैं।
श्योक सुरंग के प्रमुख लाभ:
• रक्षा बलों के लिए सालभर रणनीतिक गतिशीलता
• स्थानीय जनता के लिए बेहतर कनेक्टिविटी
• पर्यटन और संबंधित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा
• आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में सुविधा
यह सुरंग लद्दाख में भारत की संचालन क्षमता और तत्परता को मजबूत करेगी, जो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के निकट होने के कारण अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है।
सीमा विकास में BRO की बढ़ती भूमिका
सीमा सड़क संगठन (BRO) भारत की सीमाई और पर्वतीय अवसंरचना का प्रमुख निर्माणकर्ता बनकर उभरा है। उद्घाटित 125 परियोजनाओं में शामिल हैं —
• सड़कें
• पुल
• सुरंगें
• हवाई पट्टियाँ
• अन्य लॉजिस्टिक अवसंरचना
BRO की गति, गुणवत्ता और मजबूती पर ध्यान देने वाली कार्यप्रणाली सुनिश्चित करती है कि सीमाई क्षेत्र न केवल सुरक्षित रहें, बल्कि राष्ट्रीय विकास में भी प्रभावी रूप से शामिल हों।
देश पर व्यापक प्रभाव
रक्षा मंत्री के अनुसार, इन परियोजनाओं का दीर्घकालीन प्रभाव केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है। सीमा क्षेत्रों में अवसंरचना बेहतर होने से —
• स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा
• रोजगार और पर्यटन में वृद्धि
• स्वास्थ्य और शिक्षा तक बेहतर पहुँच
• नागरिक-सैन्य सहयोग को मजबूती
सरकार की यह दीर्घकालिक रणनीति सीमावर्ती क्षेत्रों को आत्मनिर्भर, विकसित और सशक्त बनाने पर केंद्रित है, जिससे उनका अलगाव कम हो और जीवन स्तर सुधरे।
मुख्य बिंदु (Key Takeaways)
• उद्घाटनकर्ता: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
• तारीख: 7 दिसंबर 2025
• लॉन्च की गई परियोजनाएँ: 125 सीमा अवसंरचना परियोजनाएँ
• कार्यान्वयन एजेंसी: सीमा सड़क संगठन (BRO)
• मुख्य आकर्षण: लद्दाख की श्योक सुरंग — सर्व मौसम कनेक्टिविटी
• कवरेज: 7 राज्य और 2 केंद्रशासित प्रदेश
• उद्देश्य: रक्षा लॉजिस्टिक्स, स्थानीय विकास, पर्यटन और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना


DRDO ने सात स्वदेशी टेक्नोलॉजी सशस्त्र ब...
भारत-मलेशिया का संयुक्त युद्धभ्यास ‘हरिम...
S-500 मिसाइल सिस्टम: फीचर्स, रेंज, स्पीड...

