हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2 जून 2025 को हमीरपुर से राजीव गांधी वन संवर्धन योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य बंजर और क्षतिग्रस्त वन भूमि पर फलदार वृक्ष लगाकर राज्य की हरित आच्छादन (ग्रीन कवर) को बढ़ाना है, साथ ही महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से रोजगार सृजन और जनभागीदारी को बढ़ावा देना भी है।
समाचार में क्यों?
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राजीव गांधी वन संवर्धन योजना और ग्रीन एडॉप्शन स्कीम का शुभारंभ हिमाचल सरकार द्वारा जलवायु कार्रवाई और स्थानीय भागीदारी को जोड़ने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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वन विभाग में फील्ड स्टाफ की कमी और बढ़ती पारिस्थितिकीय चुनौतियों के मद्देनज़र यह कदम महत्वपूर्ण है।
राजीव गांधी वन संवर्धन योजना – मुख्य विशेषताएँ
बिंदु | विवरण |
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शुभारंभ तिथि | 2 जून 2025 |
स्थान | हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश |
उद्देश्य | क्षतिग्रस्त या बंजर वन भूमि पर फलदार पौधों से हरित आच्छादन को बढ़ाना |
लाभार्थी समूह | महिला मंडल, युवक मंडल, स्वयं सहायता समूह (SHGs) |
रोजगार सृजन | पौधारोपण और देखरेख के लिए 5 वर्षों तक समुदाय को भुगतान |
प्रमाण-पत्र वितरण | नादौन की अमलेहड़ और भवदान महिला मंडलों को 2-2 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण के लिए सम्मानित |
तत्व | विवरण |
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उद्देश्य | निजी कंपनियों को वनीकरण के लिए प्रोत्साहित करना |
प्रारंभिक चरण में भागीदारी | अंबुजा कंपनी – 25 हेक्टेयर अडानी फाउंडेशन – 10 हेक्टेयर अल्ट्राटेक – 10 हेक्टेयर |
मान्यता | इन कंपनियों को भागीदारी हेतु प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए |
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पासिंग-आउट परेड: नव नियुक्त वन मित्रों के लिए आयोजित
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उद्देश्य: फील्ड स्तर पर वनकर्मी की कमी को दूर करना
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भर्ती प्रक्रिया: योग्यता आधारित चयन; चयनितों में कई युवा महिलाएँ शामिल
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सरकारी आश्वासन: वन मित्रों के करियर विकास हेतु भविष्य में नीति समर्थन
महिला सशक्तिकरण पर व्यापक फोकस
क्षेत्र | पहल |
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पुलिस बल में आरक्षण | महिलाओं के लिए 30% आरक्षण |
लाहौल-स्पीति प्रशासन | सभी प्रमुख पदों पर महिलाएँ नियुक्त – उपायुक्त सहित |
नतीजा | लैंगिक समावेशन (Gender-Inclusive Governance) की दिशा में स्पष्ट नीति परिवर्तन |