पहला रायसीना मध्य पूर्व सम्मेलन, 28 और 29 जनवरी 2025 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में आयोजित किया गया। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पहले रायसीना मध्य पूर्व सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। डॉ. एस जयशंकर 27 और 29 जनवरी 2025 को संयुक्त अरब अमीरात की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर थे। जून 2024 में विदेश मंत्री के रूप में पुनः नियुक्त होने के बाद डॉ. जयशंकर की यह संयुक्त अरब अमीरात की तीसरी यात्रा थी। रायसीना डायलॉग भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख सम्मेलन है जो विश्व समुदाय के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों को एक साथ लाता है।
पहला राइसीना मिडिल ईस्ट सम्मेलन
स्थान: अबू धाबी, यूएई | तारीख: 28-29 जनवरी 2025
मुख्य अतिथि: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
सम्मेलन के प्रमुख बिंदु
आयोजनकर्ता
- ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF), भारत
- यूएई विदेश मंत्रालय
- भारतीय विदेश मंत्रालय
उद्देश्य
- भारत-यूएई संबंधों को मजबूत करना
- क्षेत्रीय और वैश्विक भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा
- व्यापार, निवेश और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देना
- वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना
भारत-मध्य पूर्व संबंध
व्यापार और आर्थिक संबंध
- खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत का व्यापार: $160-$180 बिलियन
- भूमध्य सागर क्षेत्र के साथ भारत का व्यापार: $80 बिलियन
- भारत के प्रमुख परियोजनाएं: हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे, फॉस्फेट, ग्रीन हाइड्रोजन, स्टील, सबमरीन केबल्स
जनसांख्यिकीय संबंध
- 90 लाख भारतीय खाड़ी क्षेत्र में रहते और कार्य करते हैं।
- 5 लाख भारतीय भूमध्य सागर क्षेत्र में बसे हुए हैं।
मध्य पूर्व: एक रणनीतिक द्वार
- खाड़ी क्षेत्र MENA (मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका), भूमध्य सागर, अफ्रीका, यूरोप, मध्य एशिया और काकेशस तक पहुंच का मार्ग प्रदान करता है।
- भारत क्षेत्रीय संपर्क और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
भारत-यूएई साझेदारी
- भरोसा और विश्वसनीयता भारत-यूएई संबंधों की नींव है।
- डॉ. जयशंकर ने यूएई राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार अनवर गर्गाश से मुलाकात की और विशेष रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की।
भविष्य की दृष्टि
- भारत मध्य पूर्व को अपने विस्तारित पड़ोस के रूप में देखता है और अपने जुड़ाव को गहरा करना चाहता है।
- कनेक्टिविटी और समुद्री सुरक्षा में बहुपक्षीय सहयोग पर जोर दिया गया है।
अबू धाबी को क्यों चुना गया?
- यूएई भारत का एक प्रमुख भागीदार है।
- 2023-24 में चीन और अमेरिका के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार।
- मई 2022 में भारत-यूएई के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) हुआ, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिला।
- ऊर्जा, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में भारत और यूएई की समग्र एवं रणनीतिक साझेदारी है।
डॉ. एस. जयशंकर की यूएई यात्रा
- यूएई राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद से मुलाकात की।
- यूएई के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद से चर्चा की।
- अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद से मुलाकात की।
- भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह (27 जनवरी 2025) में भाग लिया।
- मुख्य अतिथि: शेख अब्दुल्ला बिन जायद (यूएई के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री)।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बारे में
- स्थापना: 1971 (7 अमीरात का संघ)
- राजधानी: अबू धाबी
- मुद्रा: दिरहम (AED)
- राष्ट्रपति: शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान
- मुख्य अमीरात: अबू धाबी, दुबई, शारजाह, अजमान, उम्म-अल-कुवैन, रस-अल-खैमा, फुजैरा