केंद्रीय बजट 2025-26 भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करता है, जिसमें बुनियादी ढांचे के विस्तार, वित्तीय अनुशासन और समावेशी विकास पर विशेष जोर दिया गया है। कुल ₹50.65 लाख करोड़ के व्यय के साथ, यह बजट पूंजी निवेश, सामाजिक क्षेत्र में खर्च और कर सुधारों को प्राथमिकता देता है, जबकि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.4% तक कम करने का लक्ष्य रखता है। बजट में रेलवे, राजमार्ग, रक्षा और ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की गई है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
बजट 2025-26 के प्रमुख फोकस बिंदु
कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि
- राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन और मखाना बोर्ड जैसी योजनाएं कृषि उत्पादकता में सुधार करेंगी।
- किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से अल्पकालिक ऋण की सुविधा बढ़ाई जाएगी।
- दाल उत्पादन और टिकाऊ कपास खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष मिशन शुरू किए जाएंगे।
MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) समर्थन
- MSME की परिभाषा में संशोधन कर निवेश और कारोबार की सीमा बदली जाएगी ताकि अधिक व्यवसाय इसका लाभ ले सकें।
- सूक्ष्म उद्यमों के लिए विशेष क्रेडिट गारंटी और कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड, जिससे 10 लाख छोटे व्यवसायों को सहायता मिलेगी।
- जूता, चमड़ा, खिलौने और खाद्य प्रसंस्करण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया गया है।
बुनियादी ढांचा एवं शहरी विकास
- शहरी पुनर्विकास और जल प्रबंधन के लिए ₹1 लाख करोड़ का अर्बन चैलेंज फंड स्थापित किया गया है।
- राज्यों के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय (ब्याज-मुक्त ऋण सहित) आवंटित किया गया है।
तकनीकी और शैक्षिक सुधार
- चिकित्सा शिक्षा का विस्तार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पहल, और अटल टिंकरिंग लैब्स की संख्या बढ़ाई जाएगी।
- ग्रामीण स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, कौशल विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र, और IITs के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कर सुधार
- कर संरचना को सरलीकरण और युक्तिसंगत बनाने के लिए नए प्रस्ताव लाए गए हैं।
- मध्यम वर्ग के लिए आयकर सुधार, वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त कटौती, और किराए पर TDS सीमा में संशोधन किया गया है।
वित्तीय क्षेत्र सुधार
- बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा बढ़ाई गई।
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ‘ग्रामिण क्रेडिट स्कोर’ (Grameen Credit Score) और केवाईसी रजिस्टर को पुनर्गठित किया गया ताकि ऋण प्रक्रिया को तेज़ किया जा सके।
कितना पैसा कहां से आता है (बजट 2025-26)
सरकार की कुल आय विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होती है, जिसे निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- कॉरपोरेट कर – 17%
- आयकर (जिसमें सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स शामिल है) – 22%
- कस्टम ड्यूटी – 4%
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) – 5%
- वस्तु एवं सेवा कर (GST) और अन्य कर – 18%
- गैर-कर राजस्व – 9%
- गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां – 1%
- उधारी एवं अन्य देनदारियां – 24%
पैसा कहां खर्च (बजट 2025-26)
सरकार का कुल व्यय विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं (रक्षा और प्रमुख सब्सिडी को छोड़कर) – 16%
- ब्याज भुगतान – 20%
- रक्षा क्षेत्र – 8%
- मुख्य सब्सिडी (खाद्य, उर्वरक, पेट्रोलियम आदि) – 6%
- वित्त आयोग और अन्य स्थानांतरण – 8%
- राज्यों के करों और शुल्कों में हिस्सा – 22%
- पेंशन व्यय – 4%
- अन्य व्यय – 8%
- केंद्र प्रायोजित योजनाएं – 8%
कुल राजस्व और व्यय
राजस्व अनुमान
- कुल राजस्व प्राप्ति: ₹34,20,409 करोड़
- कर राजस्व (केंद्र को शुद्ध प्राप्ति): ₹28,37,409 करोड़
- गैर-कर राजस्व: ₹5,83,000 करोड़
- पूंजीगत प्राप्तियां (जिसमें उधारी शामिल है): ₹16,44,936 करोड़
व्यय अनुमान
- कुल व्यय: ₹50,65,345 करोड़
- राजस्व व्यय: ₹39,44,255 करोड़
- पूंजीगत व्यय: ₹11,21,090 करोड़
- प्रभावी पूंजीगत व्यय: ₹15,48,282 करोड़
घाटे के संकेतक
मुख्य घाटे के आंकड़े
- राजकोषीय घाटा: ₹15,68,936 करोड़ (जीडीपी का 4.4%)
- राजस्व घाटा: ₹5,23,846 करोड़ (जीडीपी का 1.5%)
- प्रभावी राजस्व घाटा: ₹96,654 करोड़ (जीडीपी का 0.3%)
- प्राथमिक घाटा: ₹2,92,598 करोड़ (जीडीपी का 0.8%)
घाटे का वित्त पोषण
- बाजार से उधारी: ₹11,53,834 करोड़
- लघु बचत योजनाओं के विरुद्ध प्रतिभूतियां: ₹3,43,382 करोड़
- विदेशी ऋण: ₹23,490 करोड़
क्षेत्रवार आवंटन (बजट 2025-26)
मुख्य व्यय
- ब्याज भुगतान: ₹12,76,338 करोड़
- रक्षा क्षेत्र: ₹4,91,732 करोड़
- पेंशन: ₹2,76,618 करोड़
सब्सिडी आवंटन
- खाद्य सब्सिडी: ₹2,03,420 करोड़
- उर्वरक सब्सिडी: ₹1,67,887 करोड़
- पेट्रोलियम सब्सिडी: ₹12,100 करोड़
प्रमुख बुनियादी ढांचा एवं विकास आवंटन
- ग्रामीण विकास: ₹2,66,817 करोड़
- शिक्षा: ₹1,28,650 करोड़
- स्वास्थ्य देखभाल: ₹98,311 करोड़
- शहरी विकास: ₹96,777 करोड़
- परिवहन अवसंरचना: ₹5,48,649 करोड़
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हस्तांतरण
- कुल हस्तांतरण: ₹25,01,284 करोड़
- राज्य अंशदान: ₹14,22,444 करोड़
- वित्त आयोग अनुदान: ₹1,32,767 करोड़
- केंद्र प्रायोजित योजनाएं: ₹5,41,850 करोड़
- अन्य अनुदान एवं ऋण: ₹3,74,725 करोड़
प्रमुख सरकारी योजनाएं और आवंटन
कृषि एवं ग्रामीण विकास
- पीएम-किसान सम्मान निधि: ₹63,500 करोड़
- महात्मा गांधी नरेगा (MGNREGA): ₹86,000 करोड़
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी): ₹74,626 करोड़
शिक्षा एवं रोजगार
- पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI): ₹7,500 करोड़
- समग्र शिक्षा अभियान: ₹41,250 करोड़
- कौशल विकास एवं अप्रेंटिसशिप: ₹13,560 करोड़
स्वास्थ्य एवं सामाजिक कल्याण
- आयुष्मान भारत – पीएम जन आरोग्य योजना (PMJAY): ₹9,406 करोड़
- पोषण 2.0 (पोषण मिशन): ₹21,960 करोड़
- सामाजिक सहायता कार्यक्रम: ₹9,652 करोड़
बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास
- जल जीवन मिशन: ₹67,000 करोड़
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: ₹19,000 करोड़
- उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं: ₹2,445 करोड़
सभी मंत्रालयों के लिए बजट आवंटन (2025-26)
शीर्ष मंत्रालयों का बजट आवंटन
- वित्त मंत्रालय: ₹19,39,001.26 करोड़
- रक्षा मंत्रालय: ₹6,81,210.27 करोड़
- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय: ₹2,15,767.09 करोड़
- रेल मंत्रालय: ₹2,55,445.18 करोड़
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय: ₹2,87,333.16 करोड़
प्रमुख मंत्रालयों के लिए बजट आवंटन
बुनियादी ढांचा और विकास
- आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय: ₹96,777.00 करोड़
- विद्युत मंत्रालय: ₹21,847.00 करोड़
- पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय: ₹3,470.58 करोड़
सामाजिक क्षेत्र
- शिक्षा मंत्रालय: ₹1,28,650.05 करोड़
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय: ₹99,858.56 करोड़
- महिला और बाल विकास मंत्रालय: ₹26,889.69 करोड़
- ग्रामीण विकास मंत्रालय: ₹1,90,405.53 करोड़
वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी
- अंतरिक्ष विभाग: ₹13,416.20 करोड़
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय: ₹38,613.32 करोड़
- इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय: ₹26,026.25 करोड़
कृषि और उद्योग
- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय: ₹1,37,756.55 करोड़
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय: ₹18,446.05 करोड़
- रसायन और उर्वरक मंत्रालय: ₹1,61,965.21 करोड़
कानून और शासन
- गृह मंत्रालय: ₹2,33,210.68 करोड़
- कानून और न्याय मंत्रालय: ₹5,850.37 करोड़
- विदेश मंत्रालय: ₹20,516.61 करोड़