QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स 2026, जिसे वैश्विक शिक्षा विश्लेषण संस्थान QS annually जारी करता है, ने स्वीडन के लुंड विश्वविद्यालय को दुनिया का सबसे टिकाऊ विश्वविद्यालय घोषित किया है। 2023 में इन रैंकिंग्स की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब लुंड विश्वविद्यालय शीर्ष स्थान पर पहुँचा है। इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो ने 2024 और 2025 दोनों वर्षों में पहला स्थान हासिल किया था।
इस वर्ष की रैंकिंग्स में 106 देशों के लगभग 2,000 विश्वविद्यालयों का आकलन किया गया, जो पिछले संस्करण में शामिल लगभग 1,750 संस्थानों से अधिक है। यह वृद्धि उच्च शिक्षा में पर्यावरण, सामाजिक और सुशासन (ESG) प्रदर्शन के वैश्विक मूल्यांकन में बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है।
इस रैंकिंग में एक भी भारतीय संस्थान टाॅप-200 में जगह नहीं बना सका। हालांकि, देश में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी (IIT) दिल्ली नंबर-1 है। इसके अलावा कुछ संस्थानों की रैंकिंग में सुधार हुआ तो वहीं कुछ की रैंकिंग में गिरावट आई है। यहां आप रैंक के हिसाब से अन्य इंस्टिट्यूट्स की स्थिति देख सकते हैं।
15 IITs में से 6 ने सुधारी स्थिति
QS रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय IITs और विश्वविद्यालयों की अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग (QS रिपोर्ट) में इस बार मिला-जुला प्रदर्शन दिखा है। IIT दिल्ली (171 से 205), IIT बॉम्बे (235 से 236), और IIT खड़गपुर (202 से 236) जैसे प्रमुख संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट आई है। वहीं, देश के 15 IITs में से 6 ने 2026 में बेहतर रैंक हासिल करके अपनी स्थिति सुधारी है। भारत के शीर्ष 10 संस्थानों में 6 IITs हैं।
QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स 2026 के शीर्ष 10 विश्वविद्यालय इस प्रकार हैं—
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लुंड विश्वविद्यालय, स्वीडन
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यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो, कनाडा
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यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL), यूनाइटेड किंगडम
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यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग, यूनाइटेड किंगडम
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यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा
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लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (LSE), यूनाइटेड किंगडम
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इम्पीरियल कॉलेज लंदन, यूनाइटेड किंगडम
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यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (UNSW सिडनी), ऑस्ट्रेलिया
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मैकगिल विश्वविद्यालय, कनाडा
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यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर, यूनाइटेड किंगडम
यह सूची दर्शाती है कि यूके और कनाडा के विश्वविद्यालयों ने सस्टेनेबिलिटी प्रदर्शन में मजबूत उपस्थिति दिखाई है, जबकि स्वीडन का लुंड विश्वविद्यालय 100 का परफेक्ट स्कोर प्राप्त कर शीर्ष स्थान पर रहा।
वैश्विक सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स में भारत की बढ़ती उपस्थिति
2026 संस्करण में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है—
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103 भारतीय विश्वविद्यालय इन रैंकिंग्स में शामिल हुए
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26 संस्थान पहली बार रैंकिंग में आए — यह संख्या मुख्यभूमि चीन के बाद सबसे अधिक है
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कुल प्रतिनिधित्व के मामले में भारत चौथे स्थान पर है, अमेरिका (240), चीन (163) और यूके (109) के बाद
यह दर्शाता है कि भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान सस्टेनेबिलिटी और ESG लक्ष्यों की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रहे हैं तथा सतत विकास प्रथाओं को अपनाने की ओर अधिक जागरूक हो रहे हैं।
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स क्या हैं?
QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स की शुरुआत 2023 में हुई थी। इनका उद्देश्य यह आकलन करना है कि विश्वविद्यालय दुनिया की प्रमुख पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों का कितना प्रभावी समाधान कर रहे हैं। रैंकिंग इन मानकों पर आधारित होती है—
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पर्यावरणीय प्रभाव (कार्बन फुटप्रिंट, हरित प्रथाएँ, जलवायु कार्रवाई)
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सामाजिक प्रभाव (समानता, शिक्षा तक पहुँच, सामुदायिक भागीदारी)
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सुशासन और नैतिकता (संस्थागत पारदर्शिता, सस्टेनेबिलिटी लक्ष्य)
विश्वविद्यालयों को उनके कुल ESG प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते हैं।
ये रैंकिंग क्यों महत्वपूर्ण हैं?
जलवायु परिवर्तन, असमानता और पर्यावरणीय क्षरण की बढ़ती चुनौतियों के बीच विश्वविद्यालयों से अपेक्षा है कि वे नेतृत्व करें। QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग—
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विश्वविद्यालयों को अधिक सतत संचालन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है
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जलवायु-सचेत शोध और शिक्षा को बढ़ावा देती है
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जिम्मेदार सुशासन और समावेशन को उजागर करती है
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छात्रों को केवल अकादमिक गुणवत्ता से आगे बढ़कर विश्वविद्यालय चुनने का नया दृष्टिकोण देती है
इन रैंकिंग्स के माध्यम से छात्र, शिक्षक और नीति-निर्माता यह समझ सकते हैं कि कौन से संस्थान एक हरित और अधिक न्यायसंगत भविष्य के निर्माण में अग्रणी हैं।
मुख्य बिंदु
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रैंकिंग का नाम: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग्स 2026
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शीर्ष विश्वविद्यालय: लुंड यूनिवर्सिटी, स्वीडन
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पिछला शीर्ष स्थान: यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो (2024 और 2025)
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भारत की भागीदारी: 103 विश्वविद्यालय
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भारतीय नए प्रवेश (Debutants): 26
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रैंकिंग मानदंड: पर्यावरणीय, सामाजिक और सुशासन (ESG) प्रभाव
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QS द्वारा रैंकिंग लॉन्च वर्ष: 2023
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कुल मूल्यांकित संस्थान: लगभग 2,000 (106 देशों/क्षेत्रों से)
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अधिकतम प्रतिनिधित्व वाले देश: USA (240), चीन (163), UK (109), भारत (103)


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