भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी, 2023 को दिल्ली में राष्ट्रीय महिला आयोग के 31वें स्थापना दिवस को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का विषय ‘सशक्त नारी सशक्त भारत’ है, जिसका उद्देश्य उन महिलाओं की सफलता का सम्मान करना है जिन्होंने अपनी जीवन-यात्रा में उत्कृष्टता प्राप्त की और जन-जीवन पर अमिट छाप छोड़ी है। आयोग द्वारा 31 जनवरी, 2023 से 1 फरवरी, 2023 तक अपना 31वाँ स्थापना दिवस मनाने के लिये दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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आयोग का उद्देश्य एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना है, जहाँ विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंधित महिलाओं की निर्णयन और नेतृत्त्व की भूमिकाओं में लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित कर विविध विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके। राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी। इसकी स्थापना महिलाओं को प्रभावित करने वाले मामलों को मद्देनज़र रखते हुए उनके संवैधानिक और विधिक सुरक्षा उपायों की समीक्षा, उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करने, शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को सुगम बनाने और नीति पर सरकार को सलाह देने के लिये की गई थी।
राष्ट्रीय महिला आयोग के बारे में
भारत में महिलाओं के लिए कानूनी और संवैधानिक संशोधन करके महिलाओं के लिए समान और न्यायपूर्ण आजीविका स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन किया गया था। महिलाओं के खिलाफ हिंसा सभी राष्ट्रों, समाजों, संस्कृतियों और वर्गों में मानवाधिकारों का मौलिक उल्लंघन है और इस मौलिक अधिकार के इस उल्लंघन को रोकने के लिए इस आयोग का गठन किया गया था।