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प्रधानमंत्री मोदी ने G20 जोहान्सबर्ग समिट में छह ग्लोबल पहलों का अनावरण किया

जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित G20 लीडर्स’ समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह नई वैश्विक पहलकदमियों को प्रस्तुत किया, जो सतत विकास, नवाचार और मानवीय सहयोग के क्षेत्र में भारत की बढ़ती विश्व-नेतृत्वकारी भूमिका को दर्शाती हैं। समिट के उद्घाटन दिवस पर रखे गए ये प्रस्ताव समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, वैश्विक मजबूती को सुदृढ़ करने और आज दुनिया के सामने मौजूद महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान खोजने पर केंद्रित हैं। इन पहलकदमियों के माध्यम से भारत ने न केवल अपनी निर्णायक वैश्विक भागीदारी दिखाई, बल्कि एक सुरक्षित, समृद्ध और टिकाऊ विश्व व्यवस्था के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।

भारत द्वारा प्रस्तावित छह नई पहलों का सारांश

1. वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार

यह डिजिटल मंच विभिन्न सभ्यताओं के पारंपरिक ज्ञान—चिकित्सा, कृषि और सतत विकास संबंधी प्रथाओं—को संरक्षित और साझा करने के उद्देश्य से बनाया जाएगा। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि यह मूल्यवान ज्ञान समय के साथ खो न जाए और आने वाली पीढ़ियों तथा दुनिया भर के देशों के लिए उपयोगी सिद्ध हो सके।

2. अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर कार्यक्रम

इस पहल का उद्देश्य अफ्रीका में दस लाख कुशल प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित और प्रमाणित करना है, ताकि एक मजबूत और दीर्घकालिक मानव पूंजी आधार खड़ा हो सके। भारत के विशाल कौशल विकास अनुभव का उपयोग करते हुए यह कार्यक्रम रोजगार सृजन, स्थानीय क्षमता निर्माण और आत्मनिर्भर आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

3. वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल

प्रधानमंत्री मोदी ने G20 देशों के विशेषज्ञों का एक त्वरित-तैनाती स्वास्थ्य दल बनाने का प्रस्ताव रखा। यह दल महामारी, स्वास्थ्य आपात स्थितियों या वैश्विक स्वास्थ्य संकटों में तुरंत सहायता प्रदान करेगा। यह पहल भविष्य के प्रकोपों के लिए वैश्विक तैयारी को मजबूत करने और एक वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा जाल तैयार करने की दिशा में कदम है।

4. ड्रग-टेरर नेक्सस का मुकाबला

नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवाद के बीच बढ़ते संबंध को देखते हुए, यह पहल G20 के बीच सहयोग बढ़ाकर इस अवैध अर्थव्यवस्था से लड़ने के लिए संयुक्त प्रवर्तन, खुफिया साझेदारी और कानूनी ढांचे को मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।

5. ओपन सैटेलाइट डेटा साझेदारी

इस साझेदारी के तहत G20 के अंतरिक्ष एजेंसियों के उपग्रह डेटा को विकासशील देशों—विशेषकर वैश्विक दक्षिण—के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इससे कृषि, मत्स्य पालन, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में डेटा-आधारित स्मार्ट विकास को बढ़ावा मिलेगा।

6. क्रिटिकल मिनरल्स सर्कुलैरिटी पहल

हरित प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग के साथ महत्वपूर्ण खनिजों की आवश्यकता भी बढ़ रही है। यह पहल शहरी खनन, बैटरी रीसाइक्लिंग और परिपत्र अर्थव्यवस्था मॉडल को बढ़ावा देती है ताकि खनिज उपयोग टिकाऊ बने, निर्भरता कम हो और आपूर्ति श्रृंखलाएँ अधिक सुरक्षित हों।

भारत की व्यापक जलवायु और विकास दृष्टि

“ए रेज़िलिएंट वर्ल्ड” पर आयोजित शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में PM मोदी ने इन पहलों को भारत की जलवायु नेतृत्व भूमिका और न्यायसंगत ऊर्जा संक्रमण के दृष्टिकोण से जोड़ा। उन्होंने ज़ोर दिया:

  • जलवायु अनुकूलन और आपदा लचीलापन की महत्ता

  • भारत की अध्यक्षता में अपनाए गए दक्कन सिद्धांत (Deccan Principles)

  • CDRI (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure) को वित्त, तकनीक और कौशल जुटाने में समर्थन

उन्होंने भारत के खाद्य सुरक्षा, बीमा और पोषण संबंधी प्रयासों जैसे कार्यक्रमों का भी उल्लेख किया:

  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (विश्व की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा योजना)

  • आयुष्मान भारत (विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना)

  • PM फसल बीमा योजना (समग्र फसल बीमा)

मिलेट्स और सतत कृषि को बढ़ावा

भारत श्री अन्ना (मिलेट्स) को जलवायु-लचीले और पौष्टिक अनाज के रूप में वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देता रहा है। यह भूख और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में एक अहम साधन है और वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भारत की भूमिका को मजबूत करता है।

समग्र मानववाद: संतुलित विकास का मार्ग

अपने दार्शनिक समापन में, PM मोदी ने विश्व नेताओं से समग्र मानववाद (Integral Humanism) को अपनाने का आह्वान किया—जो मानव कल्याण और प्रकृति के बीच संतुलन पर आधारित भारतीय सभ्यतागत विचारधारा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विकास ऐसा हो जो समृद्धि और पर्यावरणीय संतुलन दोनों को साथ लेकर चले।

G20 के बारे में

  • G20 विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का अंतर-सरकारी मंच है।

  • इसमें 19 देश, यूरोपीय संघ, और अब अफ्रीकी संघ शामिल हैं।

  • यह वैश्विक GDP का 85%, अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 75% और विश्व की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।

मुख्य निष्कर्ष

  • मोदी ने छह पहलें प्रस्तावित कीं: ज्ञान भंडार, अफ्रीका स्किलिंग, वैश्विक स्वास्थ्य दल, ड्रग-टेरर रोधक सहयोग, सैटेलाइट डेटा साझेदारी और खनिज सर्कुलैरिटी।

  • ये पहलें भारत की जलवायु कार्रवाई, सतत विकास और खाद्य सुरक्षा नेतृत्व से जुड़ी हैं।

  • ये समावेशिता, नवाचार और दक्षिण-दक्षिण सहयोग पर बल देती हैं।

  • समग्र मानववाद और श्री अन्ना जैसे विचार भारत की सांस्कृतिक विकास दृष्टि को दर्शाते हैं।

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