प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का विमोचन किया। डॉ. पाटिल की आत्मकथा का शीर्षक ‘देह वीचवा करणी’ है, जिसका अर्थ “अपना जीवन किसी नेक काम के लिए समर्पित कर देना है“। डॉ. पाटिल कई बार लोकसभा के सदस्य भी रहे थे। उनका साल 2016 में 84 साल की उम्र में निधन हो गया।
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इसके अलावा प्रधानमंत्री ने प्रवर रूरल शिक्षा सोसाइटी का नाम बदलकर उनके नाम पर ‘लोकनेते डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ कर दिया। इस सोसाइटी की स्थापना अहमदनगर के लोनी जिले में ग्रामीण लोगों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने और बालिकाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी।