26 अक्टूबर 2025 को आयोजित 22वें आसियान-भारत (ASEAN-India) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि वर्ष 2026 को “आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष” (ASEAN-India Year of Maritime Cooperation) के रूप में मनाया जाएगा। यह घोषणा भारत की इस इच्छा को दर्शाती है कि वह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान (ASEAN) के साथ अपने समुद्री, सुरक्षा, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करना चाहता है।
प्रमुख घोषणाएँ और विषय
अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा —
“मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR), समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकॉनमी के क्षेत्र में भारत और आसियान के बीच सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में हम वर्ष 2026 को ‘समुद्री सहयोग वर्ष’ के रूप में मना रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है, जो इस साझेदारी की रणनीतिक गहराई को दर्शाता है। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन की थीम थी “समावेशिता और स्थिरता” (Inclusivity and Sustainability), जिसमें डिजिटल इन्क्लूजन, रेज़िलिएंट सप्लाई चेन और समुद्री कनेक्टिविटी पर विशेष फोकस रहा।
भारत-आसियान संबंधों के लिए महत्व
2026 को ‘समुद्री सहयोग वर्ष’ घोषित करने से भारत-आसियान संबंधों में कई रणनीतिक आयाम मजबूत होंगे —
- समुद्री सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक फोकस:
यह घोषणा भारत की क्षेत्रीय समुद्री व्यवस्था और इंडो-पैसिफिक में भूमिका को और मजबूत करती है। साथ ही, आसियान देशों के साथ समुद्री निगरानी (Maritime Domain Awareness) और क्षमता निर्माण (Capacity-Building) में सहयोग को गति देगी। - ब्लू इकॉनमी और सतत समुद्री विकास:
ब्लू इकॉनमी यानी समुद्री संसाधनों, बंदरगाहों, शिपिंग और ओशन गवर्नेंस पर आधारित सहयोग को नया बल मिलेगा। - एक्ट ईस्ट नीति को मजबूती:
आसियान भारत की Act East Policy का मुख्य स्तंभ है। यह समुद्री फोकस भारत-आसियान के रणनीतिक एकीकरण (Strategic Integration) को और गहरा करेगा। - आपदा राहत और जलवायु सहयोग:
HADR यानी मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया के क्षेत्र में सहयोग से तटीय लचीलापन (Coastal Resilience) और जलवायु-जनित जोखिमों से निपटने की साझेदारी मजबूत होगी।
प्रमुख तथ्य (Key Facts)
- कार्यक्रम: 22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन
- तारीख: 26 अक्टूबर 2025
- घोषणा: वर्ष 2026 को “आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष” घोषित किया गया
- मुख्य फोकस: समुद्री सुरक्षा, ब्लू इकॉनमी, आपदा राहत (HADR), समुद्री कनेक्टिविटी और डिजिटल इन्क्लूजन
- साझेदार: आसियान के सभी 10 सदस्य देश – भारत की इंडो-पैसिफिक रणनीति और Act East Policy के केंद्र में
- संदर्भ: यह घोषणा भारत-आसियान कार्य योजना 2026-2030 (Plan of Action 2026-2030) के अनुरूप है


मेघालय 2025 में शिलांग में क्षेत्रीय AI ...
प्रधानमंत्री मोदी ने रायपुर में 60वें डी...
44वां भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला प...

