प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नई दिल्ली के प्रगति मैदान में वन अर्थ वन हेल्थ – एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया – 2023 का उद्घाटन किया और इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित भी किया। सम्मेलन में दुनिया भर के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ-साथ पश्चिम एशिया, सार्क, आसियान और अफ्रीकी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने मानव कल्याण के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवा और एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व पर जोर दिया।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोर देकर कहा कि वन अर्थ वन हेल्थ समान विश्वासों का पालन करता है और कार्रवाई में समान विचार का एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी दृष्टि केवल मनुष्यों तक ही सीमित नहीं है। यह हमारे पूरे इकोसिस्टम तक फैला हुआ है। पौधों से लेकर जीव-जंतुओं तक, मिट्टी से लेकर नदियों तक, जब हमारे आस-पास सब कुछ स्वस्थ है, तो हम स्वस्थ हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य के बारे में भारत का दृष्टिकोण केवल बीमारी की कमी पर नहीं रुकता है और लक्ष्य सभी के लिए कल्याण और खुशहाली पर केंद्रित है।
लचीला वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए भारत का विजन:
‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ थीम के साथ भारत की अध्यक्षता में जी20 की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने इस दृष्टि को पूरा करने में सशक्त वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों के महत्व को महसूस किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल वैल्यू ट्रैवल और स्वास्थ्य कार्यबल की गतिशीलता एक स्वस्थ पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं और ‘वन अर्थ, वन हेल्थ – एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023’ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का अवसर भारत की अध्यक्षता में जी20 के थीम के साथ प्रतिध्वनित होता है जिसमें कई देशों की भागीदारी देखी जा रही है।
समग्र स्वास्थ्य सेवा में भारत की ताकत:
प्रधानमंत्री ने भारत की प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, ट्रैक रिकॉर्ड और परंपरा को स्वीकार किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि दुनिया ने भारतीय डॉक्टरों, नर्सों और देखभाल करने वालों के प्रभाव को देखा है और उनकी क्षमता और प्रतिबद्धता तथा प्रतिभा के लिए उनका व्यापक सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कई हेल्थकेयर सिस्टम भारतीय पेशेवरों की प्रतिभा से लाभान्वित हुए हैं। भारत में स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण और विविध अनुभवों के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में संस्कृति, जलवायु और सामाजिक गतिशीलता में जबरदस्त विविधता है।
महामारी और वैश्विक स्वास्थ्य:
सदी में एक बार आने वाली महामारी पर प्रकाश डालते हुए, जिसने दुनिया को अनेक सच्चाई का स्मरण कराया, प्रधानमंत्री ने कहा कि गहराई से जुड़ी दुनिया में देश की सीमाएं स्वास्थ्य संबंधी खतरों को नहीं रोक सकतीं। उन्होंने यह भी बताया कि ग्लोबल साउथ के देशों को संसाधनों से वंचित करने सहित विभिन्न कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ा। मोदी ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार के लिए कई देशों की आवश्यकता को देखते हुए कहा कि सच्ची प्रगति जन-केंद्रित होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चिकित्सा विज्ञान में कितनी प्रगति हुई है, अंतिम मील तक अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को टीकों और दवाओं के माध्यम से जीवन बचाने के महान मिशन में कई देशों का भागीदार होने पर गर्व है।
वैश्विक स्वास्थ्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता:
पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेज कोविड-19 टीकाकरण अभियान, मेड-इन-इंडिया टीकों का उदाहरण दिया, और 100 से अधिक देशों को कोविड-19 टीकों की 300 मिलियन खुराक भेजे जाने के बारे में बताया। श्री मोदी ने दोहराते हुए कहा कि यह भारत की क्षमता और प्रतिबद्धता की झलक दिखाता है और भारत उन सभी देशों का भरोसेमंद मित्र बना रहेगा जो अपने नागरिकों के लिए अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
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