भारत में डीएनए फिंगरप्रिंटिंग टेक्नोलॉजी के जनक लालजी सिंह और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीएचयू (2011 से 2014) का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
लालजी सिंह और उनकी टीम ने स्वदेशी जांच विकसित की जो 1980 के दशक के अंत में सेलुलर और आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) हैदराबाद में पितृत्व विवादों का निपटान करने के लिए पहली बार लागू हुई थी.
स्रोत- द हिंदू बिजनेस लाइन