द्विपक्षीय व्यापार को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, फिलीपींस के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने चावल, भैंस के मांस, सब्ज़ियों, फलों और मूंगफली सहित प्रमुख भारतीय खाद्य उत्पादों का आयात बढ़ाने पर सहमति जताई है। यह समझौता कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) और भारतीय चावल निर्यातक संघ (आईआरईएफ) के साथ हुई चर्चा के बाद हुआ है।
आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने की रणनीतिक पहल
भारतीय व्यापार प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में फिलीपींस के कृषि सचिव फ्रांसिस्को पी. टियू लॉरेल जूनियर के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य था:
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चीनी उत्पादों पर निर्भरता कम करना
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खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाना
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भारत–फिलीपींस आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करना
बैठक के दौरान भारत से कृषि उत्पादों के आयात को प्राथमिकता देने पर सहमति बनी, जो वैश्विक व्यापार परिवर्तनों के बीच फिलीपींस की आपूर्ति श्रृंखला को विविध बनाने में सहायक होगा।
बासमती चावल पर आयात प्रतिबंध हटाया गया
बैठक की सबसे अहम उपलब्धि रही फिलीपींस द्वारा बासमती चावल पर लगे आयात प्रतिबंधों को हटाने का फैसला। यह निर्णय भारत के प्रीमियम चावल निर्यात को बढ़ावा देगा और फिलीपींस के उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय चावलों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगा।
“बैठक में सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसके परिणामस्वरूप फिलीपींस सरकार ने बासमती चावल पर प्रतिबंध समाप्त करने पर सहमति दी।”
आर्थिक और व्यापारिक लाभ
यह समझौता निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगा:
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भारत–फिलीपींस व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा, विशेषकर कृषि निर्यात के क्षेत्र में
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फिलीपींस की खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देगा, विश्वसनीय स्रोतों से आयात के माध्यम से
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भारत के कृषि निर्यात, खासकर प्रीमियम चावल, भैंस के मांस और प्रोसेस्ड खाद्य उत्पादों में वृद्धि लाएगा
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चीनी कृषि आयातों पर निर्भरता कम करके आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाएगा
दोनों देशों के लिए लाभकारी समझौता
यह समझौता भारत और फिलीपींस के बीच कृषि, व्यापार और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में सहयोग की नई दिशा तय करता है। बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं अनिश्चितता का सामना कर रही हैं, तब ऐसे द्विपक्षीय सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
यह साझेदारी खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विस्तार और व्यापार विविधीकरण में योगदान करेगी — जो दोनों देशों के लिए विन-विन (Win-Win) स्थिति है।


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