देश की कुछ चुनिंदा जगहों पर 01 अप्रैल, 2023 से एथनॉल वाला पेट्रोल (E20 Petrol) मिलना शुरू हो जाएगा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि देश में चरणबद्ध तरीके से E20 यानी पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण के साथ वाहनों में उपयोग के लिए मिलेगा। वही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके प्रथम चरण की शुरूआत 1 अप्रैल, 2023 से होने जा रही है। यह देश के कुछ शहरों में मिलना शुरू होगा। इसके बाद धीरे-धीरे इसे देशभर में लागू करने की योजना है।
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शुरुआत कैसे होगी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के कुछ चुनिंदा शहरों के पेट्रोल पंपों को इस काम के लिए चुना जाएगा, जहां पर इस ईंधन को आम जनता के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्रालय की प्रस्तावित योजना लागू होने से पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के सरकार के प्लान को बल मिलेगा, जिसमें 2025-26 एथनॉल आपूर्ति वर्ष तक देशभर में कुल पेट्रोल आपूर्ति में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, इस मिश्रण की अंतिम तिथि पहले 2030 रखी थी, जिसे अब घटाया गया है क्योंकि कच्चे एथनॉल की आपूर्ति बहुत तेजी से हुई है।
एथनॉल की मांग वैश्विक
मंत्री पुरी का कहना है कि भारत 2040 तक एथनॉल की वैश्विक मांग (Global Demand) में 25 फीसदी हिस्सेदारी करने की राह पर है। भारत ने पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण 2013-14 के 1.53 प्रतिशत से बढ़ाकर 2022 में 10.17 प्रतिशत कर दिया है। साल 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश को 10.2 से 11 अरब लीटर एथनॉल की जरूरत है।
उत्पादन कैसे होगा
देश में एथनॉल की उत्पादन क्षमता (Production Capacity) को और बढ़ाया जा है। देश को लगभग 14.5 अरब लीटर एथनॉल की जरूरत है। इसमें कुछ उत्पादन का इस्तेमाल स्टार्च और केमिकल उद्योग में किया जाता है। बता दें लगभग 7.6 अरब लीटर एथनॉल का उत्पादन गन्ने से होता है। वहीँ 7.2 अरब लीटर उत्पादन अनाज और गैर अनाज आधारित स्रोतों जैसे धान के भूसे आदि से किया जा रहा है।