पंडित संजय राम मराठे, एक प्रतिष्ठित शास्त्रीय गायक और हारमोनियम वादक, का 15 दिसंबर 2024 को 68 वर्ष की आयु में गंभीर हृदयाघात के कारण निधन हो गया। उनका निधन महाराष्ट्र के ठाणे में एक निजी अस्पताल में हुआ। वे प्रसिद्ध संगीतज्ञ पंडित राम मराठे के सबसे बड़े पुत्र थे और भारतीय शास्त्रीय संगीत और रंगमंच में अपना गहरा योगदान छोड़ गए।
मुख्य बिंदु
- निधन की तारीख: 15 दिसंबर 2024 (रविवार रात)
- आयु: 68 वर्ष
- मृत्यु का कारण: गंभीर हृदयाघात
- स्थान: निजी अस्पताल, ठाणे, महाराष्ट्र
- परिवार: पत्नी, पुत्र और पोती उनके परिवार में हैं।
- विरासत: शास्त्रीय गायन और हारमोनियम के विशेषज्ञ के रूप में प्रसिद्ध।
- पिता: पंडित राम मराठे, प्रख्यात संगीतज्ञ के सबसे बड़े पुत्र।
संगीत में योगदान
- भारतीय शास्त्रीय संगीत और रंगमंच में अत्यधिक सम्मानित।
- अपने मधुर गायन और हारमोनियम प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध।
- अपने पिता की जन्म शताब्दी समारोह में सक्रिय भागीदारी।
मराठी संगीत रंगमंच का पुनरुद्धार
- अपने छोटे भाई मुकुंद मराठे के साथ मिलकर प्रसिद्ध मराठी संगीत नाटक ‘संगीत मंदरमाला’ को पुनर्जीवित और मंचित किया।
- यह प्रस्तुति उनके पिता की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी।
- पारंपरिक मराठी संगीत रंगमंच के साथ नवीन प्रयोगों के संयोजन के लिए इस प्रस्तुति की सराहना की गई।
समाचार में क्यों? | पंडित संजय मराठे, प्रख्यात गायक और संगीतज्ञ, का निधन |
विशेषज्ञता | शास्त्रीय गायन और हारमोनियम |
संगीत में योगदान | – भारतीय शास्त्रीय संगीत और रंगमंच में अत्यधिक सम्मानित। |
– मधुर गायन और हारमोनियम में विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध। | |
– अपने पिता की जन्म शताब्दी समारोह में सक्रिय भागीदारी। | |
रंगमंच में योगदान | – अपने भाई मुकुंद मराठे के साथ मिलकर ‘संगीत मंदरमाला’ का पुनरुद्धार और मंचन। |
– प्रस्तुति को पारंपरिक मराठी रंगमंच और नवाचार के समन्वय के लिए प्रशंसा मिली। | |
विरासत | शास्त्रीय संगीत और रंगमंच में एक ऐसी विरासत छोड़ी जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। |