एलपीजी की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (PAHAL) योजना पारदर्शी और उपभोक्ता-केंद्रित सुधारों के साथ भारत के एलपीजी सब्सिडी तंत्र को लगातार मजबूत कर रही है। जनवरी 2015 में शुरू की गई इस योजना के तहत पूरे देश में घरेलू एलपीजी सिलेंडर एक समान खुदरा मूल्य पर बेचे जाते हैं, जबकि सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में भेजी जाती है। यह मॉडल पारदर्शिता बढ़ाता है, लीकेज कम करता है और सब्सिडी वितरण को अधिक जवाबदेह बनाता है।
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार सुधार किए हैं कि एलपीजी वितरण और नकद हस्तांतरण—दोनों—कुशल, समावेशी और विश्वसनीय रहें। आधार-आधारित सत्यापन, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और डाटा शुद्धिकरण प्रक्रियाओं की मदद से PAHAL ने सब्सिडी लक्षित करने की क्षमता को मजबूत किया है, जिससे फर्जी, निष्क्रिय और डुप्लीकेट कनेक्शनों का उन्मूलन हुआ है। इससे सब्सिडी वाले सिलेंडरों के वाणिज्यिक उपयोग की ओर होने वाली चोरी में भारी कमी आई है।
एकीकृत डाटाबेस डुप्लीकेट या धोखाधड़ी वाले कनेक्शनों की पहचान करने में मदद करता है। इसमें आधार, बैंक खाते, राशन कार्ड विवरण, अस्थायी पहचान संख्या, परिवार सूची और नाम-पता रिकॉर्ड का मिलान किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक पात्र परिवार के पास केवल एक मान्य एलपीजी कनेक्शन हो।
बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से लाभार्थियों का वास्तविक समय में सत्यापन सुनिश्चित होता है। सरकार ने तेल विपणन कंपनियों को पीएमयूवाई और PAHAL लाभार्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य रूप से कराने का निर्देश दिया है।
1 नवंबर 2025 तक, 69% पीएमयूवाई लाभार्थियों ने बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पूरा कर लिया है, जबकि नए पीएमयूवाई ग्राहकों को कनेक्शन मिलने से पहले यह प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
PAHAL के तहत डाटा-आधारित जाँचों से लॉन्च के बाद से अब तक 8.63 लाख पीएमयूवाई कनेक्शन अयोग्य पाए जाने पर समाप्त किए जा चुके हैं। जनवरी 2025 में जारी नई SOP के तहत वे उपभोक्ता जिन्होंने इंस्टॉलेशन के बाद कोई रिफिल नहीं लिया, उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1 नवंबर 2025 तक 20,000 निष्क्रिय कनेक्शन समाप्त किए गए।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट इनिशिएटिव (RDI) द्वारा किए गए स्वतंत्र मूल्यांकन में पाया गया कि 90% से अधिक उत्तरदाता PAHAL के तहत सब्सिडी रिफंड प्रक्रिया से संतुष्ट हैं।
अध्ययन ने सुझाव दिया कि:
भुगतान ढाँचा और मजबूत किया जाए
शिकायत निवारण प्रणाली को उन्नत किया जाए
कमजोर वर्गों को बेहतर तरीके से लक्षित किया जाए
सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता बढ़ाई जाए, विशेष रूप से स्थानीय भाषाओं में
सरकार ने इन सुझावों को स्वीकार करते हुए सब्सिडी अंतरण प्रणाली, पारदर्शिता, जागरूकता और उपभोक्ता सुविधा को और सुदृढ़ किया है।
सेवा गुणवत्ता सुधारने के लिए एलपीजी शिकायत निपटान प्रणाली में व्यापक सुधार किए गए हैं। अब उपभोक्ता शिकायत दर्ज कर सकते हैं:
टोल-फ्री हेल्पलाइन: 1800 2333 555
तेल विपणन कंपनियों की वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स
CPGRAMS (केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली)
चैटबॉट, व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म
MoPNG e-Seva चैनल
गैस रिसाव/दुर्घटना के लिए समर्पित हेल्पलाइन 1906
डिस्ट्रीब्यूटर कार्यालय
ऑनलाइन शिकायतों में उपभोक्ता अपनी सेवा संतुष्टि को रेट कर सकते हैं, और आवश्यकता पड़ने पर मामले को दोबारा खोलकर पुनरीक्षण भी करवा सकते हैं।
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