बॉलीवुड स्टार रवीना टंडन ने PETA इंडिया का टॉप सालाना अवॉर्ड जीता

बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन को PETA इंडिया की ‘पर्सन ऑफ़ द ईयर 2025’ का सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके लंबे समय से चले आ रहे पशु अधिकारों के प्रति समर्पण, मानवीय शिक्षा (ह्यूमेन एजुकेशन) के समर्थन, वन्यजीव सुरक्षा के लिए किए गए प्रयासों और सभी जीवों के प्रति करुणा को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। विभिन्न अभियानों, व्यक्तिगत पहलों और जन-जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से रवीना टंडन भारत में पशु कल्याण की एक प्रमुख आवाज़ बनकर उभरी हैं।

PETA और PETA इंडिया के बारे में

  • जानवरों के नैतिक उपचार के लिए लोग (PETA)
  • स्थापना: 1980

  • संस्थापक: इंग्रिड न्यूकर्क और एलेक्स पाचेको

  • मुख्यालय: नॉरफॉक, वर्जीनिया, यूएसए

  • मोटो: “जानवर हमारे नहीं हैं कि हम उनका उपयोग प्रयोगों, भोजन, पहनावे, मनोरंजन या किसी भी प्रकार के दुरुपयोग के लिए करें।”

मुख्य कार्यक्षेत्र:

  • पशु अधिकार और कल्याण

  • पशु परीक्षण (एनिमल टेस्टिंग) के खिलाफ अभियान

  • मनोरंजन, कपड़ा और खाद्य उद्योगों में जानवरों के उपयोग को समाप्त करने की पहल

  • वीगन/प्लांट-बेस्ड जीवनशैली को बढ़ावा देना

रवीना टंडन को यह सम्मान क्यों मिला

  • पूरी तरह मीट-फ़्री जीवनशैली अपनाने के लिए

  • पालतू एवं वन्य दोनों प्रकार के पशुओं के लिए लगातार सक्रियता दिखाने के लिए

  • जागरूकता अभियानों और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से पशुओं के प्रति सहानुभूति (एम्पैथी) को बढ़ावा देने के लिए

वन्यजीव संरक्षण में उनका योगदान

  • अपनी बेटी के साथ मिलकर कर्नाटक के एक जैन मंदिर को जीवित हाथियों के उपयोग से बचाने के लिए एक जीवन-आकार का मैकेनिकल हाथी दान किया।

  • विकास परियोजनाओं से प्रभावित हो रहे वन्य आवासों की रक्षा के लिए सरकारी हस्तक्षेप की मांग कर वन्यजीव संरक्षण का समर्थन किया।

  • ग्रामीणों द्वारा एक तेंदुए की हत्या जैसी पशु हिंसा की घटनाओं पर आवाज़ उठाई और कड़े कदम उठाने की मांग की।

मानवीय शिक्षा (Humane Education) के लिए वकालत

  • रवीना टंडन PETA इंडिया के ‘कम्पैशनेट सिटिज़न’ कार्यक्रम का समर्थन करती हैं, जिसका उद्देश्य स्कूल-आयु के बच्चों में जानवरों के प्रति सहानुभूति और करुणा विकसित करना है।

  • वे शैक्षिक संस्थानों में पशु कल्याण जागरूकता को शामिल करने के लिए काम करती हैं, ताकि बच्चे छोटी उम्र से ही अन्य प्रजातियों के प्रति संवेदनशीलता सीख सकें।

बेघर और सामुदायिक जानवरों के लिए कार्य

  • उन्होंने कई जानवरों — कुत्ते, बिल्ली आदि — को गोद लिया है और मुंबई की व्यस्त सड़क से एक बिलौटी (किटन) को स्वयं बचाया था।

  • वे ऐसे अभियानों में शामिल रही हैं जो ब्रीडर्स से पालतू जानवर खरीदने को हतोत्साहित करते हैं और बेघर जानवरों को अपनाने (adoption) के लिए प्रेरित करते हैं।

नैतिक और क्रूरता-मुक्त विकल्पों को बढ़ावा

  • उन्होंने चमड़े (leather) और एक्ज़ॉटिक स्किन्स का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों में होने वाली क्रूरता को उजागर किया।

  • प्लांट-बेस्ड भोजन की आदतें अपनाने और भारत में प्रमुख फूड चेन से वीगन विकल्प जोड़ने की अपील की।

  • वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग सतत (sustainable) और नैतिक जीवनशैली का संदेश फैलाने के लिए करती हैं।

पुरस्कार के पूर्व प्राप्तकर्ता

  • पिछले वर्षों में यह सम्मान आलिया भट्ट, अनुष्का शर्मा, सोनम कपूर अहूजा और दिया मिर्ज़ा जैसे अभिनेताओं को दिया गया है।

  • खेल जगत और लोकसेवा से जुड़े व्यक्तित्व जैसे विराट कोहली और न्यायमूर्ति के. एस. पनिक्कर राधाकृष्णन् को भी यह पुरस्कार मिल चुका है, जो दिखाता है कि PETA इंडिया विभिन्न क्षेत्रों के योगदानकर्ताओं को सम्मानित करता है।

अन्य विजेता श्रेणियाँ 

श्रेणी विजेता टिप्पणी
बेस्ट वीगन प्रोटीन सुपरयू प्रो फ़र्मेंटेड यीस्ट प्रोटीन कोल्ड कॉफ़ी (रणवीर सिंह) हाई-प्रोटीन वीगन पेय
बेस्ट वीगन स्नैक हाई प्रोटीन वेज मोमोज़ (HRX by EatFit & Hello Tempayy) रेडी-टू-ईट वीगन स्नैक
बेस्ट वीगन मिल्क कंट्री डिलाइट ओट बेवरेज प्लांट-बेस्ड दूध विकल्प
बेस्ट वीगन बटर न्यूट्रालाइट एक्टिव ऑलिव प्लांट-बेस्ड बटररी स्प्रेड वीगन बटर
बेस्ट वीगन मीट ग्रीनमीट चिली रोस्ट – रेडी टू ईट प्लांट-बेस्ड मीट विकल्प
बेस्ट वीगन चीज़ माना यंग परमेसन विद क्रैक्ड पेपरकॉर्न वीगन चीज़
बेस्ट वीगन आइसक्रीम 1.5 डिग्री द ओरिजिनल जेलाटो बिस्कॉफ डेयरी-फ्री आइसक्रीम
बेस्ट वीगन क्रीमर वीगन डे ओट मिल्क बेस नॉन-डेयरी कॉफ़ी क्रीमर
बेस्ट वीगन स्वीट जीरो गिल्ट बाय अर्चना – वीगन ऑरेंज गनाश बर्फ़ी वीगन मिठाई विकल्प
बेस्ट वीगन चॉकलेट अनुस्ट्टमा बेला थराई प्लांट-बेस्ड चॉकलेट
बेस्ट वीगन दही व्हाइट क्यूब पीनट कर्ड प्लांट-बेस्ड दही
बेस्ट वीगन हनी द वाइल्ड हार्वेस्ट महुआ सिरप प्लांट-बेस्ड शहद विकल्प

Delhi की सुरक्षा के लिए स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम होगा तैनात

भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) को शत्रु के हवाई खतरों से सुरक्षित करने के लिए स्वदेशी इंटीग्रेटेड एयर डिफेन्स वेपन सिस्टम (IADWS) तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी है। मिसाइलों, ड्रोन और तेज़ गति वाले विमान जैसे आधुनिक हवाई खतरों के तेजी से विकसित होते स्वरूप को देखते हुए यह कदम आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं की दिशा में बड़ी प्रगति माना जा रहा है।

IADWS में क्या शामिल है?

प्रस्तावित IADWS एक मल्टी-लेयर्ड (बहु-स्तरीय) एयर डिफेन्स नेटवर्क है, जिसमें कई स्वदेशी प्रणालियों को एकीकृत किया गया है। इसके प्रमुख घटक हैं—

  • क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) – उच्च गतिशीलता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता के साथ हवाई खतरों को मार गिराने में सक्षम

  • वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेन्स सिस्टम्स (VSHORADS) – ड्रोन, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों जैसे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए विकसित

  • नेटवर्किंग एवं कमांड-एंड-कंट्रोल अवसंरचना – सभी सेंसर, मिसाइल और प्रतिक्रिया इकाइयों को एक समन्वित ऑपरेशनल ग्रिड में जोड़ने के लिए

यह संयोजन कम एवं अत्यंत कम दूरी के हवाई खतरों के खिलाफ तेज़, परत-दर-परत सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

रणनीतिक संदर्भ: ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख

रक्षा मंत्रालय का यह कदम उच्च सुरक्षा संवेदनशीलता के माहौल में लिया गया है। मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारत को निशाना बनाने के प्रयास के बाद सरकार ने राजधानी क्षेत्र की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने के उपायों को तेज़ किया। स्वदेशी IADWS की तैनाती न केवल सामरिक दृष्टि से आवश्यक है बल्कि यह भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा तैयारी का सशक्त प्रतीक भी है।

NASAMS-II खरीद योजना से बदलाव

यह कदम भारत की नीति में एक बड़ा परिवर्तन भी दर्शाता है।
पहले, अमेरिका से NASAMS-II (वॉशिंगटन D.C. की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाने वाला सिस्टम) खरीदने पर विचार चल रहा था। बातचीत आगे बढ़ चुकी थी, लेकिन अमेरिका द्वारा मांगी गई अत्यधिक कीमत के कारण यह योजना रोक दी गई।

स्वदेशी विकल्प अपनाने का निर्णय कई कारणों से महत्वपूर्ण है—

  • लागत में बचत

  • रक्षा खरीद में आत्मनिर्भरता

  • घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन

  • आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • भारत दिल्ली-NCR को मिसाइल, ड्रोन और विमानों से बचाने के लिए स्वदेशी IADWS तैनात करेगा।

  • इसमें QRSAM, VSHORADS और उन्नत कमांड-एंड-कंट्रोल नेटवर्क शामिल होंगे।

  • यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद सुरक्षा ज़रूरतों में तेजी के चलते लिया गया।

  • अमेरिका से NASAMS-II खरीदने की योजना अत्यधिक लागत के कारण छोड़ दी गई।

  • सिस्टम का संचालन भारतीय वायुसेना (IAF) करेगी; DRDO और उत्पादन एजेंसियां मिलकर तकनीक एकीकृत करेंगी।

मानवाधिकार दिवस 2025: थीम, इतिहास और महत्व

हर वर्ष 10 दिसंबर को विश्वभर में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है, जो 1948 में अपनाई गई मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) की स्मृति में मनाया जाता है। मानवाधिकार दिवस 2025 दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा, स्वतंत्रता और समानता की रक्षा के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता को दोहराता है—चाहे वह किसी भी राष्ट्रीयता, वर्ग, लिंग या पहचान का हो। इस दिन सरकारें, नागरिक समाज, शैक्षणिक संस्थान और समुदाय मिलकर विभिन्न अभियानों, चर्चाओं और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, ताकि मौलिक अधिकारों तथा उनसे जुड़ी जिम्मेदारियों के प्रति लोगों की समझ और जागरूकता को और गहरा किया जा सके।

Human Rights Day 2025 की थीम

2025 का थीम “Human Rights, Our Everyday Essentials” इसी बात पर जोर देता है कि ये अधिकार सिर्फ कागजों में नहीं बल्कि हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। यह हमें याद दिलाता है कि इन अधिकारों की सुरक्षा सिर्फ कानूनों से नहीं बल्कि हमारी अच्छाई, सहानुभूति और रोजमर्रा के कर्मों से होती है।

मानवाधिकार दिवस का इतिहास

मानवाधिकार दिवस का एक लंबा वैश्विक इतिहास है, जो दुनिया भर में उत्पीड़न को रोकने और स्वतंत्रताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों से जुड़ा है।

इसकी पृष्ठभूमि में कुछ प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं—

  • 1948: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) को अपनाया, जो संपूर्ण मानव जाति के अधिकारों और स्वतंत्रताओं को परिभाषित करने वाला पहला वैश्विक दस्तावेज़ बना।

  • 1950: संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर को आधिकारिक रूप से मानवाधिकार दिवस घोषित किया और सभी देशों से इस दिन को मनाने तथा जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।

तब से, यह दिन न्याय और समानता की दिशा में संवाद, कानूनी सुधार, सांस्कृतिक बदलाव और नागरिक कार्रवाई को आगे बढ़ाने वाला एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है।

मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR)

10 दिसंबर 1948 को अपनाया गया UDHR मानव इतिहास के सबसे प्रभावशाली दस्तावेजों में से एक है। यह 30 अनुच्छेदों में उन अधिकारों की परिभाषा करता है, जिनका हर व्यक्ति हकदार है।

मुख्य अधिकारों में शामिल हैं—

  • समानता और भेदभाव से मुक्ति

  • जीवन, स्वतंत्रता और व्यक्तिगत सुरक्षा का अधिकार

  • विचार, विवेक, धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

  • शिक्षा, काम और सम्मानजनक जीवन स्तर का अधिकार

  • शासन में भागीदारी, न्याय तक पहुँच, और उल्लंघनों के लिए उपाय पाने का अधिकार

UDHR ने विश्वभर में कई अंतरराष्ट्रीय संधियों, राष्ट्रीय संविधानों और मानवाधिकार संस्थाओं की नींव रखी।

भारत में मानवाधिकार: संवैधानिक आधार

भारत का संविधान मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए दुनिया के सबसे मजबूत कानूनी ढाँचों में से एक है। इसमें गरिमा, समानता, न्याय और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के सिद्धांत विभिन्न प्रावधानों में निहित हैं।

प्रस्तावना

भारत को एक सर्वभौम, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है और सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता सुनिश्चित करने का संकल्प व्यक्त करती है। यही मूल्य देश में मानवाधिकार संरक्षण की आधारशिला हैं।

मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12–35)

संविधान नागरिकों को ये अधिकार देता है—

  • कानून के समक्ष समानता

  • भेदभाव का निषेध

  • भाषण, आंदोलन और पेशे की स्वतंत्रता

  • जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)

  • शोषण और मनमानी हिरासत से सुरक्षा

ये अधिकार अदालतों द्वारा लागू किए जा सकते हैं, जिससे ये मानवाधिकार संरक्षण का शक्तिशाली साधन बनते हैं।

राज्य के नीति निर्देशक तत्व (अनुच्छेद 38–51)

राज्य को निर्देश देते हैं कि वह—

  • सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को बढ़ावा दे

  • समान काम के लिए समान वेतन दे

  • मानवीय कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करे

  • शिक्षा और बाल कल्याण को प्रोत्साहित करे

यद्यपि ये न्यायालय में प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन नीतियों और कल्याणकारी कानूनों की दिशा तय करते हैं।

सार्वजनिक वयस्क मताधिकार (अनु. 325–326)

प्रत्येक वयस्क नागरिक को मतदान का अधिकार प्रदान करता है, जिससे राजनीतिक समानता सुनिश्चित होती है।

अल्पसंख्यक संरक्षण (जैसे अनु. 244, 244A)

जनजातीय, भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए संवैधानिक तंत्र उपलब्ध कराता है।

भारत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)

मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित NHRC देश में मानवाधिकारों की निगरानी और संवर्धन में प्रमुख भूमिका निभाता है।

मुख्य कार्यों में शामिल हैं—

  • मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायतों की जांच

  • कारागारों, निरुद्ध केंद्रों और बाल गृहों की निगरानी

  • अधिकार संरक्षण को मजबूत करने के लिए नीतिगत सुझाव

  • जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों पर सरकार को सलाह देना

NHRC नागरिकों और राज्य के बीच एक जवाबदेह और सक्रिय सेतु के रूप में कार्य करता है।

मानवाधिकार जागरूकता का महत्व

मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह—

  • व्यक्तियों को अन्याय, शोषण और भेदभाव से स्वयं को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाती है

  • महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों और वंचित समूहों को सशक्त बनाती है

  • सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देती है

  • लोकतंत्र को मजबूत बनाती है

  • नैतिकता और पारस्परिक सम्मान पर आधारित जिम्मेदार नागरिकता को बढ़ाती है

  • न्याय तक पहुँच को आसान बनाती है

मुख्य तथ्य

  • मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है।

  • थीम 2025: Human Rights, Our Everyday Essentials

  • UDHR का अंगीकरण: 1948

  • वैश्विक पहली आधिकारिक मान्यता: 1950

  • UDHR समानता, स्वतंत्रता, शिक्षा और न्याय सहित कई सार्वभौमिक अधिकार निर्धारित करता है

  • भारतीय संविधान: प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, DPSPs, अल्पसंख्यक संरक्षण और सार्वभौमिक मताधिकार के माध्यम से अधिकारों की रक्षा करता है

  • NHRC भारत में मानवाधिकारों की निगरानी व संवर्धन की प्रमुख संस्था है

माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में 17.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा की

माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बुनियादी ढांचे, कौशल विकास और संप्रभु क्षमताओं के निर्माण में सहयोग के लिए 17.5 अरब डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए) का बड़ा निवेश करने जा रही है। यह कंपनी का एशिया में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है और 2025 में घोषित 3 अरब डॉलर के निवेश पर आधारित है, जिसका उपयोग 2026 के अंत तक पूरा हो जाएगा। यह घोषणा माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के बाद की गई, जो इस बात की पुष्टि करती है कि भारत AI नवाचार, स्वदेशी समाधान और प्रतिभा विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व पैमाने पर अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत में तेज़ी से बढ़ते एआई बाजार को देखते हुए अन्य बड़ी टेक कंपनियां भी महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं। अमेजन को उम्मीद है कि स्थानीय क्लाउड और एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में उसके 12.7 अरब डॉलर के निवेश से 2030 तक देश के 1.5 करोड़ छोटे व्यवसायों को लाभ मिलेगा। अमेजन के इमर्जिंग मार्केट्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित अग्रवाल ने बताया कि कंपनी अगले पांच वर्षों में 40 लाख सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखती है।

माइक्रोसॉफ्ट का भारत में निवेश

माइक्रोसॉफ्ट का यह निवेश भारत सरकार के उस विज़न के अनुरूप है, जिसमें AI को समावेशी विकास, डिजिटल क्षमताओं के विस्तार और डेटा संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण माना गया है। कंपनी का फोकस तीन प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है।

1. हाइपरस्केल AI इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण

निवेश का बड़ा हिस्सा भारत की क्लाउड और AI कंप्यूटिंग क्षमता को बढ़ाने में लगाया जाएगा। इसका प्रमुख केंद्र है इंडिया साउथ सेंट्रल क्लाउड रीजन (हैदराबाद), जो बनेगा—

  • भारत में माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा हाइपरस्केल डाटा सेंटर रीजन

  • मध्य 2026 तक संचालन शुरू

  • तीन अवेलेबिलिटी ज़ोन, जिनका आकार मिलकर दो ईडन गार्डन्स स्टेडियम जितना

कंपनी चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में मौजूद अपने डाटा सेंटर रीजन को भी मजबूत करेगी, जिससे—

  • AI कार्यभार के लिए कम लेटेंसी

  • एंटरप्राइज़ और स्टार्टअप्स को मिशन-क्रिटिकल सपोर्ट

  • सार्वजनिक क्षेत्र की डिजिटल सेवाओं के लिए बेहतर रेज़िलिएंस

इन सुधारों से भारत वैश्विक AI कंप्यूट हब के रूप में उभर सकेगा और उभरते AI इकोसिस्टम को मजबूत समर्थन मिलेगा।

2. जन-स्तर पर AI का प्रसार

निवेश का एक बड़ा और परिवर्तनकारी हिस्सा है माइक्रोसॉफ्ट का श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के साथ साझेदारी करके दो प्रमुख डिजिटल सार्वजनिक प्लेटफॉर्मों में AI को जोड़ना—

  • ई-श्रम, जो 18 कल्याणकारी योजनाओं से असंगठित श्रमिकों को जोड़ता है

  • नेशनल करियर सर्विस (NCS), एक प्रमुख रोजगार मंच

Azure OpenAI Service द्वारा संचालित AI एकीकरण से अब प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहे हैं—

  • बहुभाषी पहुंच

  • बुद्धिमान जॉब-मैचिंग एल्गोरिद्म

  • स्किल्स और मांग के रुझानों के लिए प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स

  • स्वचालित रिज़्यूमे निर्माण

  • औपचारिक रोजगार के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन

यह अपग्रेड 310 मिलियन (31 करोड़) असंगठित श्रमिकों को सीधे लाभ देता है—जो दुनिया के सबसे बड़े “AI for Public Good” प्रयासों में से एक है।
ILO के अनुसार, भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2019 में 24% से बढ़कर 2025 में 64% हो चुकी है, जिसमें ई-श्रम का बड़ा योगदान है।

3. 2030 तक 2 करोड़ भारतीयों को स्किलिंग

भारत की AI परिवर्तन यात्रा में मानव पूंजी की भूमिका को समझते हुए, माइक्रोसॉफ्ट ने अपना स्किलिंग लक्ष्य दोगुना किया है—

  • जनवरी 2025 में घोषित 1 करोड़ से बढ़ाकर

  • 2030 तक 2 करोड़ लोगों का प्रशिक्षण

ADVANTA(I)GE India पहल, जिसे Microsoft Elevate लागू करता है—

  • जनवरी 2025 से अब तक 56 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया

  • 1.25 लाख लोगों को नौकरियाँ या उद्यमिता के अवसर मिले

यह कार्यक्रम छात्रों, पेशेवरों, उद्यमियों और वंचित समुदायों को समान अवसर देने पर केंद्रित है।

डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करना

डेटा संप्रभुता को राष्ट्रीय प्राथमिकता मानते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने भारत के लिए दो नए संप्रभु क्लाउड समाधान घोषित किए—

● संप्रभु सार्वजनिक क्लाउड 

प्रदान करता है—

  • Sovereign Landing Zones आधारित वास्तुकला

  • अनुपालन नियंत्रण और गवर्नेंस

  • माइक्रोसॉफ्ट के भारत रीजन से ही तैनाती

● संप्रभु निजी क्लाउड 

डिज़ाइन किया गया—

  • कनेक्टेड और डिस्कनेक्टेड दोनों तरह के ऑपरेशन्स के लिए

  • उच्चतम स्तर के नियंत्रण की आवश्यकता वाले उपभोक्ताओं के लिए

  • सैकड़ों नोड स्केल, बाहरी SAN इंटीग्रेशन और NVIDIA GPU सपोर्ट के साथ

इसके साथ, Microsoft 365 Local, जो पूरी तरह संप्रभु निजी क्लाउड पर चलता है, अब भारतीय उद्यमों के लिए उपलब्ध है।

मुख्य बातें (Key Takeaways)

  • माइक्रोसॉफ्ट का एशिया में सबसे बड़ा निवेश: 17.5 अरब USD (2026–2029)

  • 2025 में घोषित 3 अरब USD के निवेश पर आधारित

  • नया इंडिया साउथ सेंट्रल हाइपरस्केल रीजन मिड-2026 में लाइव होगा

  • ई-श्रम और NCS में AI एकीकरण से 31 करोड़ श्रमिकों को लाभ

  • सामाजिक सुरक्षा कवरेज 24% (2019) → 64% (2025)

  • स्किलिंग लक्ष्य दोगुना: 2030 तक 2 करोड़ लोग

  • संप्रभु सार्वजनिक और संप्रभु निजी क्लाउड लॉन्च किए गए

लिथुआनिया में राष्ट्रीय आपातकाल: बेलारूस के गुब्बारों से सुरक्षा जोखिम

रूस समर्थित बेलारूस से लगातार आ रहे मौसम संबंधी गुब्बारों द्वारा एयरस्पेस उल्लंघन के बाद लिथुआनिया की सरकार ने 09 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया। पिछले कुछ हफ्तों में ये गुब्बारे देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कई बार बंद करवाने की वजह बने, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए।

लिथुआनिया की प्रधानमंत्री इंगा रुगिनिएने ने कहा कि गुब्बारों के जरिए हो रहा यह व्यवधान एक हाइब्रिड अटैक है, जिसका उद्देश्य देश में अस्थिरता फैलाना है। प्रधानमंत्री रुगिनिएने ने कहा हमें सबसे कड़े कदम उठाने होंगे और उन क्षेत्रों की रक्षा करनी होगी जहां यह हमला सबसे ज्यादा असर डाल रहा है। कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक के बाद यह घोषणा की गई। लिथुआनिया नाटो का सदस्य है और रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का मुखर समर्थक भी रहा है।

पृष्ठभूमि: लिथुआनिया और बेलारूस के बीच बढ़ता तनाव

विल्नियस (लिथुआनिया) और मिन्स्क (बेलारूस) के रिश्ते राजनीतिक मतभेदों, प्रवासन तनाव और बेलारूस की रूस के प्रति गहरी निष्ठा के कारण कई वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में लिथुआनियाई अधिकारियों ने रिपोर्ट किया कि—

  • कई मौसम संबंधी गुब्बारे लिथुआनिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गए,

  • कुछ गुब्बारों में तस्करी किए गए सिगरेट थे जिन्हें काले बाज़ार में पहुँचाया जाना था,

  • इसकी वजह से लिथुआनिया के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जबरन बंद करना पड़ा, जिससे हजारों यात्रियों पर असर पड़ा।

अधिकारियों का मानना है कि इन घटनाओं की आवृत्ति और समय स्पष्ट रूप से जानबूझकर की गई विघटनकारी गतिविधि की ओर इशारा करते हैं, न कि किसी आकस्मिक घटना की ओर।

क्यों गुब्बारों को हाइब्रिड खतरा माना जा रहा है

हाइब्रिड हमले वे होते हैं जिनमें असामान्य तरीकों—जैसे साइबर अटैक, दुष्प्रचार, या गैर-परंपरागत व्यवधान—का उपयोग करके किसी देश को अस्थिर करने की कोशिश की जाती है।

लिथुआनिया का मानना है कि ये गुब्बारे—

  • नागरिक विमानों की सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं,

  • हवाई अड्डों को महँगी और तात्कालिक बंदी के लिए मजबूर करते हैं,

  • जनता के भरोसे को कमजोर करते हैं,

  • सीमा और सुरक्षा एजेंसियों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया और आपातकाल की घोषणा

लिथुआनिया सरकार ने आपातकाल की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि यह कदम सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है—

  • राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को,

  • नागरिकों की सुरक्षा को,

  • महत्वपूर्ण अवसंरचना को,

  • पर्यावरणीय अखंडता को।

आपातकाल लागू होने से सरकार को यह सक्षम हुआ कि—

  • सुरक्षा बलों की त्वरित तैनाती की जा सके,

  • हवाई क्षेत्र की निगरानी और मजबूत की जा सके,

  • गुब्बारों को रोकने और निष्क्रिय करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र लागू हो सके,

  • उड्डयन प्राधिकरणों, सीमा सुरक्षा बलों और रक्षा बलों के बीच समन्वय तेज़ी से किया जा सके।

सरकार ने यह भी कहा कि यह कदम निवारक, अस्थायी और बढ़ते जोखिमों के कारण आवश्यक है।

बेलारूस की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ

लिथुआनिया का आरोप है कि बेलारूस—

  • जानबूझकर गुब्बारे छोड़ रहा है,

  • सीमा पार तस्करी को बढ़ावा दे रहा है,

  • शत्रुतापूर्ण और अस्थिरता बढ़ाने वाली रणनीतियों में शामिल है।

बेलारूस इन आरोपों से इनकार करता है, लेकिन उसका पुराना रिकॉर्ड—और रूस का राजनीतिक प्रभाव—लिथुआनिया के संदेह को मजबूत करता है कि यह EU पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने की समन्वित रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • बेलारूस से आने वाले गुब्बारों की लगातार घुसपैठ के कारण लिथुआनिया ने आपातकाल घोषित किया।

  • गुब्बारों में तस्करी की गई सिगरेट थीं और वे बार-बार हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर रहे थे।

  • कई घटनाओं के कारण मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए।

  • लिथुआनिया इन गुब्बारों को बेलारूस और रूस से जुड़े हाइब्रिड हमले के रूप में देखता है।

  • आपातकाल का उद्देश्य हवाई निगरानी, सुरक्षा समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना है।

भारतीय मूल के आर्किन गुप्ता ने फोर्ब्स-30 लिस्ट में बनाई जगह

भारतीय मूल के युवा नवप्रवर्तक आर्किन गुप्ता को प्रतिष्ठित Forbes 30 Under 30 सूची में स्थान मिला है, जो वैश्विक वित्तीय नवाचार जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। यह सम्मान इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे युवा उद्यमी तकनीक, डेटा और विश्लेषण के माध्यम से आधुनिक वित्तीय प्रणालियों को नया स्वरूप दे रहे हैं। गुप्ता का कार्य आज की दुनिया में अधिक स्मार्ट, पारदर्शी और समावेशी वित्तीय समाधान बनाने की बढ़ती वैश्विक प्रवृत्ति को दर्शाता है।

फोर्ब्स ने आर्किन गुप्ता को क्यों चुना?

फोर्ब्स ने गुप्ता को वित्तीय नवाचार के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया है। उन्होंने ऐसे डेटा-आधारित निवेश ढाँचे विकसित किए हैं जो शुरुआती निवेशकों से लेकर अनुभवी उपयोगकर्ताओं तक सभी के लिए उपयोगी हैं। उनकी रणनीति शुरुआती चरण के निवेश निर्णयों को मजबूत करने और विविध उपयोगकर्ताओं के लिए स्केलेबल वित्तीय उत्पाद विकसित करने पर केंद्रित है। इससे निवेश प्रक्रिया अधिक प्रभावी और विश्वसनीय बनती है।

डेटा और तकनीक से बना नेतृत्व का मॉडल

गुप्ता का मानना है कि तकनीक वित्तीय निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेजी से बदल रही है। इसी दृष्टिकोण से उन्होंने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, व्यवहारिक विश्लेषण और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके ऐसे वित्तीय ढाँचे तैयार किए हैं जो व्यापक स्तर पर उपयोग किए जा सकें और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दें। फोर्ब्स ने उनकी तकनीकी दक्षता के साथ-साथ वित्तीय ज्ञान को लोकतांत्रिक बनाने की दृष्टि की भी सराहना की—जिससे उच्च गुणवत्ता वाली निवेश सलाह केवल विशेष या धनी वर्ग तक सीमित न रहकर आम उपयोगकर्ताओं तक भी पहुँच सके।

फिनटेक जगत में प्रभावशाली भूमिका

आर्किन गुप्ता ने कई उच्च-प्रभाव वाले फिनटेक प्रोजेक्ट्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने ऐसे उत्पादों के निर्माण में योगदान दिया है जो नए निवेशकों को सशक्त बनाते हैं, निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाते हैं और जोखिम को डेटा-आधारित तरीकों से कम करते हैं। ये उत्पाद विभिन्न बाजारों में आसानी से स्केल किए जा सकते हैं, जिससे वे अधिक लोगों तक पहुँच पाते हैं। यह वैश्विक फिनटेक प्रवृत्ति के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य वित्तीय प्रबंधन को सरल बनाना और उपयोगकर्ताओं के बीच जानकारी की खाई को पाटना है।

गुप्ता की सोच: तकनीक बदलाव का प्रमुख साधन

सम्मान मिलने पर गुप्ता ने कहा कि फोर्ब्स की यह मान्यता उन्हें और अधिक स्मार्ट तथा सुलभ वित्तीय टूल्स बनाने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने वित्तीय पारिस्थितिकी में पारदर्शिता बढ़ाने, नए और वंचित निवेशकों को सहारा देने और वित्त एवं तकनीक के संगम पर निरंतर नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका लक्ष्य ऐसे वित्तीय उत्पाद बनाना है जो विश्वास बढ़ाएँ और निवेश बाजारों में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें।

मुख्य बातें (Key Takeaways)

• भारतीय मूल के आर्किन गुप्ता फोर्ब्स 30 अंडर 30 में शामिल
• डेटा-आधारित निवेश ढाँचे और स्केलेबल वित्तीय उत्पादों के विकास के लिए सम्मानित
• तकनीक, एआई और विश्लेषण के ज़रिए निवेश प्रक्रियाओं को सरल व पारदर्शी बनाने की दिशा में अग्रणी

भारत से PETA अवॉर्ड जीतने वालों की लिस्ट, पूरी लिस्ट देखें

PETA इंडिया एक ऐसी संस्था है जो पशुओं की सुरक्षा और उनके प्रति होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए काम करती है। हर साल यह उन लोगों को सम्मानित करती है जो पशुओं की मदद करते हैं, शाकाहारी या वीगन जीवनशैली को बढ़ावा देते हैं, और पशु अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाते हैं। ये सम्मान दूसरों को भी प्रेरित करते हैं कि वे पशुओं की देखभाल करें और अपने दैनिक जीवन में करुणा-भरे निर्णय लें। भारत के कई प्रसिद्ध हस्तियों और युवा नेताओं को पशु संरक्षण और सम्मान में उनके योगदान के लिए PETA इंडिया के इन पुरस्कारों से नवाज़ा गया है।

PETA इंडिया का संक्षिप्त परिचय

PETA इंडिया, जिसकी स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी और जिसका मुख्यालय मुंबई में है, पशुओं की सुरक्षा और उनके प्रति होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए निरंतर काम करती है। इस संगठन ने सर्कसों में पशुओं के साथ होने वाले अत्याचारों को उजागर किया, जिसके परिणामस्वरूप 2013 में भारत में हाथियों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया। PETA इंडिया विभिन्न अभियानों के माध्यम से पशु अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाती है—जैसे लोगों से वीगन बनने और चमड़े का उपयोग न करने की अपील करने वाले बिलबोर्ड लगाना। ऐसे अभियान लोगों को पशुओं के प्रति दयाभाव रखने और क्रूरता-मुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

भारत से PETA पुरस्कार विजेताओं की सूची

PETA इंडिया उन मशहूर हस्तियों और सार्वजनिक व्यक्तियों को सम्मानित करती है, जो पशुओं की सुरक्षा, करुणा को बढ़ावा देने और जागरूकता फैलाने के लिए काम करते हैं। हर वर्ष दिए जाने वाले ये पुरस्कार उन लोगों को मान्यता प्रदान करते हैं, जो वेगन या शाकाहारी जीवनशैली अपनाते हैं, पालतू पशुओं को गोद लेते हैं, और पशु अधिकारों के समर्थन में जागरूकता फैलाते हैं। ऐसे सम्मान समाज को प्रेरित करते हैं कि वे पशुओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान बनाए रखें।

यह रहा भारत के PETA पुरस्कार विजेताओं की सूची

वर्ष विजेता उपलब्धि / सम्मान
2011 हेमा मालिनी पशुओं के हित में आवाज उठाने और उनका समर्थन करने के लिए सम्मानित
2012 आर. माधवन दुनिया को पशुओं के लिए बेहतर स्थान बनाने में योगदान के लिए सम्मानित
2013 शशि थरूर पशु कल्याण में योगदान के लिए मान्यता
2014 के. एस. पनिक्कर राधाकृष्णन जलीकट्टू प्रतिबंध के ऐतिहासिक फैसले के लिए “मैन ऑफ द ईयर”
2014 जैकलीन फर्नांडीज़ पशु कल्याण के समर्थन के लिए “वुमन ऑफ द ईयर”
2015 कपिल शर्मा आश्रयों और सड़कों से कुत्तों को गोद लेने को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित
2016 सनी लियोन वेगन फैशन, शाकाहार और बिल्लियों-कुत्तों को गोद लेने/बधियाकरण के समर्थन के लिए
2017 अनुष्का शर्मा पटाखों से पशुओं की सुरक्षा और घोड़ागाड़ी के घोड़ों के अधिकारों सहित व्यापक कार्यों के लिए सम्मानित
2018 सोनम कपूर पशु कल्याण में योगदान के लिए मान्यता
2019 विराट कोहली पशु कल्याण में योगदान के लिए मान्यता
2020 जॉन अब्राहम पशु कल्याण में योगदान के लिए मान्यता
2021 आलिया भट्ट पशु-अनुकूल फैशन उद्योग को बढ़ावा देने के सतत कार्यों के लिए सम्मानित
2022 सोनाक्षी सिन्हा फ़ैशन उद्योग में पशुओं की हत्या रोकने और ज़रूरतमंद बिल्लियों-कुत्तों के समर्थन के लिए
2023 एम.एस. धोनी समर्थित Shaka Harry और जॉन अब्राहम समर्थित NOTO Shaka Harry को “बेस्ट वेगन मीट” और NOTO को “बेस्ट वेगन आइसक्रीम” के लिए सम्मानित
2024 अदा शर्मा पशु-अनुकूल फैशन, हाथियों को कैद से बचाने और सभी जीवों की रक्षा के लिए tireless प्रयासों हेतु “पर्सन ऑफ द ईयर”
2025 रवीना टंडन पशु अधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता, मानवीय शिक्षा, वन्य जीवों की सुरक्षा और करुणा को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित

SEBI ने लॉन्च किया PaRRVA, अब निवेश सलाहकारों के रिटर्न दावे होंगे पूरी तरह वेरिफाई

निवेशकों के हितों की रक्षा और बाज़ार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय प्रतिभूति और विनियमन बोर्ड (SEBI) ने PaRRVA (Past Risk and Return Verification Agency) नामक एक नई सत्यापन प्रणाली लॉन्च की है। यह प्रणाली SEBI-पंजीकृत बाज़ार मध्यस्थों द्वारा किए गए पूर्व प्रदर्शन (past performance) के दावों की स्वतंत्र और विश्वसनीय जाँच करती है।

यह तंत्र Care Ratings और राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सहयोग से विकसित किया गया है। 8 दिसंबर 2025 को इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया — खासकर ऐसे समय में जब ऑनलाइन फिनफ्लुएंसर्स द्वारा गलत निवेश सलाह और बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावों का प्रभाव तेज़ी से बढ़ रहा है।

PaRRVA का उद्देश्य और दायरा

PaRRVA निम्न SEBI-पंजीकृत मध्यस्थों द्वारा किए गए पिछले रिटर्न और उससे जुड़े जोखिमों की पुष्टि (वैरिफिकेशन) करेगा:

  • रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स

  • रिसर्च एनालिस्ट

  • एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग सेवा प्रदाता

अब ये मध्यस्थ निवेशकों को सत्यापित (validated) प्रदर्शन डेटा प्रदान कर सकेंगे, जिससे निवेशक अधिक सूझबूझ के साथ निर्णय ले पाएँगे और झूठे दावों का प्रभाव कम होगा।

फिनफ्लुएंसर समस्या पर नियंत्रण

SEBI के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने लॉन्च के दौरान कहा कि फिनफ्लुएंसर्स और गैर-पंजीकृत सलाहकारों की बढ़ती गतिविधियों से बाज़ार में गलत सूचना का खतरा बढ़ गया है।

कई फिनफ्लुएंसर्स:

  • मनगढ़ंत या अप्रमाणित रिटर्न दिखाते हैं

  • फॉलोअर्स और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए भ्रामक सामग्री प्रस्तुत करते हैं

  • पंजीकृत सलाहकारों के भरोसेमंद कार्यों को ओवरशैडो कर देते हैं

PaRRVA के माध्यम से SEBI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पंजीकृत पेशेवर विश्वसनीय, स्वतंत्र रूप से सत्यापित डेटा का उपयोग कर सकें और निवेशकों का भरोसा औपचारिक वित्तीय प्रणाली में बढ़े।

PaRRVA की संरचना और कार्यप्रणाली

PaRRVA दो-स्तरीय ढाँचे पर आधारित है:

  1. PaRRVA एजेंसी:

    • एक SEBI-पंजीकृत क्रेडिट रेटिंग एजेंसी

    • रिटर्न डेटा का सत्यापन करेगी

  2. PaRRVA डेटा सेंटर (PDC):

    • NSE जैसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज

    • डेटा स्टोरेज और स्वतंत्र जाँच सुनिश्चित करेगा

दोनों एजेंसियाँ एक मानकीकृत और पारदर्शी विधि से पिछले रिटर्न की पुष्टि करेंगी, जिससे सभी मध्यस्थों के लिए विश्वसनीयता और एकरूपता सुनिश्चित होगी।

मुख्य विशेषताएँ:

  • Selective disclosure प्रतिबंधित: केवल उच्च रिटर्न दिखाने की अनुमति नहीं

  • अनिवार्य प्रदर्शन अवधि सत्यापन: डेटा का ‘चेरी-पिकिंग’ रोकने के लिए

  • निवेशकों की जागरूकता बढ़ाना

  • भ्रामक मार्केटिंग पर अंकुश

स्थिर संदर्भ: फिनफ्लुएंसर्स कौन होते हैं?

फिनफ्लुएंसर्स: वे व्यक्ति जो सोशल मीडिया पर वित्तीय सलाह, स्टॉक टिप्स या निवेश रणनीतियाँ साझा करते हैं — लेकिन SEBI द्वारा पंजीकृत नहीं होते।
इनमें से कई:

  • भ्रामक दावे करते हैं

  • जोखिमपूर्ण योजनाओं को प्रमोट करते हैं

  • कोई जवाबदेही नहीं रखते

PaRRVA का उद्देश्य निवेशकों को सत्यापित, विश्वसनीय डेटा उपलब्ध कराकर इस समस्या को संतुलित करना है।

मुख्य बिंदु 

  • SEBI ने PaRRVA लॉन्च किया — पूर्व रिटर्न दावों के सत्यापन के लिए नई प्रणाली।

  • Care Ratings और NSE के सहयोग से विकसित।

  • गलत और बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावों पर रोक लगाने में मदद करेगा।

  • एकसमान, पारदर्शी कार्यप्रणाली का उपयोग करेगा।

  • उद्देश्य: निवेशकों की सुरक्षा और फिनफ्लुएंसर प्रभाव को कम करना।

भारत में बनेगा C-130J सुपर हरक्यूलिस का सबसे बड़ा MRO सेंटर, जानें सबकुछ

भारत की रक्षा अवसंरचना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और लॉकहीड मार्टिन ने बेंगलुरु में C-130J सुपर हरक्यूलिस विमानों के लिए अत्याधुनिक मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) सुविधा के निर्माण की शुरुआत कर दी है। यह केंद्र भारतीय वायुसेना (IAF) की ऑपरेशनल तैयारियों को मजबूत करेगा और दुनिया के सबसे भरोसेमंद टैक्टिकल एयरलिफ्टरों में से एक के दीर्घकालिक रखरखाव की क्षमता विकसित करेगा।

C-130J क्यों महत्वपूर्ण है?

C-130J Super Hercules एक बहुउद्देश्यीय, चार-इंजन वाला टर्बोप्रॉप सैन्य परिवहन विमान है, जो दुनिया भर में टैक्टिकल एयरलिफ्ट मिशनों के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ:

  • सैनिकों और उपकरणों का परिवहन

  • आपदा राहत व मानवीय सहायता मिशन

  • मेडिकल इवैकुएशन

  • सीमावर्ती ऊँचाई वाले क्षेत्रों में संचालन

भारत के पास वर्तमान में 12 C-130J विमान हैं, जो रणनीतिक व सामरिक मिशनों में उपयोग किए जाते हैं। लद्दाख और उत्तर-पूर्व जैसे कठिन इलाकों में इनकी उच्च-ऊँचाई क्षमता विशेष रूप से मूल्यवान है।

पृष्ठभूमि: टाटा–लॉकहीड साझेदारी

टाटा और लॉकहीड मार्टिन की साझेदारी कई वर्षों से कायम है। उनकी संयुक्त कंपनी Tata Lockheed Martin Aerostructures Ltd. (TLMAL) वैश्विक C-130J बेड़े के लिए एम्पेनेज (टेल असेंबली) का निर्माण करती है।

2025 में TLMAL ने 250वीं C-130J टेल असेंबली की डिलीवरी दर्ज की — जो भारत के वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में योगदान को दर्शाता है।

अब इस साझेदारी को MRO क्षेत्र तक बढ़ाया जा रहा है, ऐसे समय में जब लॉकहीड मार्टिन भारतीय वायुसेना के 80 मध्यम परिवहन विमानों के बड़े टेंडर में C-130J पेश कर रहा है।

बेंगलुरु MRO सुविधा की प्रमुख विशेषताएँ

यह सुविधा C-130J विमान के रखरखाव के लिए समर्पित भारत का पहला केंद्र होगा। यहाँ उपलब्ध होंगी:

  • भारी मेंटेनेंस और ओवरहॉल सेवाएँ

  • कंपोनेंट व संरचनात्मक मरम्मत

  • एवियोनिक्स अपग्रेड व परीक्षण

  • भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए प्रशिक्षण

  • भविष्य के मॉडलों (KC-130J, B–H श्रृंखला) के लिए समर्थन

यह न केवल भारत, बल्कि क्षेत्रीय C-130J संचालकों के लिए भी एक प्रमुख MRO हब बनेगा।

स्टैटिक जीके: विमानन में MRO क्या होता है?

MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) — विमान को सुरक्षित, सक्षम और उड्डयन योग्य बनाए रखने के लिए किए जाने वाले सभी निरीक्षण, मरम्मत, प्रतिस्थापन और ओवरहॉल का समग्र नाम है।

रक्षा क्षेत्र में घरेलू MRO की उपलब्धता:

  • लॉजिस्टिक देरी घटाती है

  • रणनीतिक स्वायत्तता बढ़ाती है

  • सैन्य संसाधनों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करती है

अब तक की प्रमुख प्रगति

  • ग्राउंडब्रेकिंग: 8 दिसंबर 2025

  • स्थान: बेंगलुरु, कर्नाटक

  • साझेदार: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड × लॉकहीड मार्टिन

  • लाभार्थी: भारतीय वायुसेना एवं क्षेत्रीय C-130J ऑपरेटर

  • सेवाएँ: मेंटेनेंस, स्ट्रक्चरल चेक, एवियोनिक्स, प्रशिक्षण

  • भविष्य सुविधाएँ: लेगेसी मॉडल व नए वेरिएंट का समर्थन

Anant Ambani को मिला ग्लोबल ह्यूमैनटेरीयन अवार्ड, सबसे कम उम्र और पहले एशियाई विजेता बने

वन्यजीव संरक्षण में असाधारण योगदान के लिए ग्लोबल ह्यूमन सोसाइटी ने वंतारा संरक्षण केंद्र के संस्थापक अनंत अंबानी को प्रतिष्ठित ग्लोबल ह्यूमैनटेरीयन अवार्ड फॉर एनिमल वेलफेयर से सम्मानित किया है। इस सम्मान के साथ ही अनंत अंबानी सबसे कम उम्र के और पहले एशियाई व्यक्ति बने जिन्हें यह वैश्विक मान्यता मिली है। यह अवॉर्ड एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया, जिसमें दुनियाभर के वन्यजीव संरक्षण विशेषज्ञ और पशु कल्याण से जुड़े नेता शामिल हुए।

अनंत अंबानी को यह वैश्विक सम्मान क्यों मिला?

ग्लोबल ह्यूमन सोसाइटी ने बताया कि यह अवॉर्ड उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिनकी आजीवन प्रतिबद्धता पशुओं और प्रकृति पर वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। अनंत अंबानी को यह सम्मान उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण और साक्ष्य-आधारित संरक्षण कार्यों के लिए प्रदान किया गया, जिनमें शामिल हैं बड़े स्तर पर पशु बचाव और पुनर्वास, विलुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण, विज्ञान-आधारित संरक्षण कार्यक्रम और वैश्विक जैव-विविधता को बचाने के प्रयास। उनकी पहल वनतारा को दुनिया में सबसे व्यापक और प्रभावशाली संरक्षण परियोजनाओं में से एक माना जा रहा है।

यह सम्मान इससे पहले कौन-कौन पा चुके हैं ?

यह अवॉर्ड अब तक दुनिया के बेहद चुनिंदा और प्रभावशाली लोगों को ही दिया गया है। इसके पिछले प्राप्तकर्ताओं में हॉलिवुड अभिनेता शर्ली मैकलेन, जॉन वेन, बैटी व्हाइट, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी और बिल क्लिंटन शामिल रहे हैं। ये सभी वे हस्तियां हैं जिन्होंने वैश्विक स्तर पर पशु संरक्षण और मानवीय कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

ग्लोबल ह्यूमन सोसाइटी: परिचय

  • स्थापना: 1877
  • उत्पत्ति: American Humane Society (दुनिया की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पशु-कल्याण संस्था)

  • कार्य क्षेत्र: 60+ देशों में

  • मुख्य कार्य:

    • Global Humane Certification

    • बचाव एवं पुनर्वास मानक

    • पशु-चिकित्सा नवाचार

    • पशु-कल्याण नीतियों पर कार्य

  • यह संस्था विश्वभर में नैतिक पशु-उपचार के मानक निर्धारित करती है।

मुख्य बिंदु 

  • अनंत अंबानी (संस्थापक, वंतारा) को दिसंबर 2025 में Global Humanitarian Award for Animal Welfare मिला।

  • वे सबसे युवा और पहले एशियाई प्राप्तकर्ता हैं।

  • वंतारा को वाइल्डलाइफ़ रेस्क्यू, रिहैबिलिटेशन और साइंस-आधारित संरक्षण में वैश्विक मानक स्थापित करने के लिए सराहा गया।

  • यह केंद्र इन-सीतू + एक्स-सीतू संरक्षण मॉडल पर कार्य करता है।

  • अंबानी ने पशु-कल्याण को सेवा, करुणा और धर्म से जुड़ा मानवता का साझा दायित्व बताया।

Recent Posts

about | - Part 8_12.1