हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर, तरुण गर्ग को नए मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (MD & CEO) के रूप में नियुक्त किया गया है, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। यह नियुक्ति इस बात का प्रतीक है कि भारत में हुंडई के संचालन में पहली बार कोई भारतीय कार्यकारी शीर्ष नेतृत्व संभालेंगे, जबसे कंपनी ने 1996 में भारत में प्रवेश किया था।
तरुण गर्ग का पृष्ठभूमि: शिक्षा और करियर
तरुण गर्ग दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और IIM लखनऊ से MBA धारक हैं।
उनके पास ऑटोमोबाइल उद्योग में 30 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने मारुति सुजुकी में लंबे समय तक कार्य किया और 2019 में हुंडई में Director – Sales, Marketing & Service के रूप में शामिल हुए।
2023 में उन्हें Chief Operating Officer (COO) बनाया गया, जहां उन्होंने बिक्री, मार्केटिंग और रणनीतिक संचालन का नेतृत्व किया।
उनके नेतृत्व में हुंडई इंडिया ने लगातार तीन वर्षों तक रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की और 2024 में भारत में सबसे बड़े ऑटो IPO को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इस नियुक्ति का महत्व
हुंडई इंडिया के पहले भारतीय MD & CEO
लगभग तीन दशक से हुंडई इंडिया का शीर्ष नेतृत्व हमेशा कोरियाई कार्यकारी संभालते आए हैं। तरुण गर्ग की नियुक्ति स्थानीय नेतृत्व को सशक्त करने और भारत को प्रमुख विकास बाजार के रूप में देखने की हुंडई की रणनीति को दर्शाती है।
रणनीतिक वृद्धि और संक्रमण
मौजूदा MD & CEO, Unsoo Kim,हुंडई मोटर कंपनी, दक्षिण कोरिया में एक रणनीतिक वैश्विक भूमिका संभालेंगे।
इससे नेतृत्व में निरंतरता बनी रहेगी, जबकि गर्ग के तहत भारत के लिए स्थानीय दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
हुंडई का कहना है कि गर्ग का नेतृत्व “पीपल-फर्स्ट” शैली पर आधारित है और उनकी प्रगतिशील दृष्टि कंपनी के भारत में दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुकूल है।
मुख्य तथ्य
तरुण गर्ग 1 जनवरी 2026 से पदभार संभालेंगे
हुंडई इंडिया का नेतृत्व संभालने वाले पहले भारतीय
रिकॉर्ड बिक्री और भारत के सबसे बड़े ऑटो IPO (2024) के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका
हुंडई ने FY 2030 तक 5.07 बिलियन डॉलर का निवेश घोषित किया
बजाज फिनसर्व एएमसी ने एक अभूतपूर्व सुविधा शुरू की है जो निवेश और दैनिक भुगतान को जोड़ती है—’म्यूचुअल फंड से भुगतान’ सुविधा। फिनटेक फर्म क्यूरी मनी के सहयोग से, यह नवाचार निवेशकों को अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट्स का उपयोग करके यूपीआई लेनदेन करने की सुविधा देता है, जिससे परिसंपत्ति वृद्धि की दुनिया और वास्तविक समय की खर्च आवश्यकताओं का सहज मिश्रण होता है।
क्या है ‘पे विद म्यूचुअल फंड’?
यह नई सुविधा निवेश और भुगतान — दोनों को एक साथ जोड़ती है। इसके तहत निवेशक किसी भी यूपीआई क्यूआर कोड को स्कैन करके अपने म्यूचुअल फंड निवेश से सीधे भुगतान कर सकते हैं।
भुगतान की राशि निवेशक के बैंक खाते के ज़रिए भेजी जाती है, जबकि मूल राशि उनके लिक्विड म्यूचुअल फंड से रियल टाइम में रिडीम होती है।
इससे निवेशकों को दोहरा लाभ मिलता है —
उनका पैसा निवेशित रहकर बेहतर रिटर्न कमाता रहता है।
फिर भी ज़रूरत पड़ने पर तत्काल भुगतान के लिए उपलब्ध रहता है।
यह कैसे काम करता है यह सुविधा “इंस्टा रिडेम्प्शन” मेकैनिज्म पर आधारित है, जिसमें निवेशक —
अधिकतम ₹50,000 या
अपने निवेश का 90% (जो भी कम हो) तुरंत रिडीम कर सकते हैं।
जैसे ही उपयोगकर्ता यूपीआई क्यूआर कोड स्कैन कर पेमेंट स्वीकृत करते हैं, सिस्टम स्वतः उनके फंड से रिडेम्प्शन प्रक्रिया शुरू कर देता है, और राशि तुरंत व्यापारी या प्राप्तकर्ता के बैंक खाते में पहुंच जाती है।
तकनीक और साझेदारी इस सुविधा को सक्षम बनाने के लिए बजाज फिनसर्व एएमसी ने फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म क्यूरी मनी (Curie Money) के साथ साझेदारी की है। क्यूरी की तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि रिडेम्प्शन और ट्रांज़ैक्शन प्रोसेस निवेशक के यूपीआई अनुभव को बिना बाधित किए रियल टाइम में पूरी हो।
मुख्य तथ्य
सुविधा का नाम: पे विद म्यूचुअल फंड
लॉन्च करने वाला: बजाज फिनसर्व एएमसी
तकनीकी भागीदार: क्यूरी मनी
मेकैनिज्म: इंस्टा रिडेम्प्शन (₹50,000 या 90% निवेश, जो कम हो)
पेमेंट माध्यम: यूपीआई (बैंक खाते के ज़रिए)
फंड का प्रकार: लिक्विड फंड
लॉन्च के समय कुल AUM: ₹28,814 करोड़ (अक्टूबर 2025 तक)
भारत का वस्तु व्यापार घाटा (Merchandise Trade Deficit) सितंबर 2025 में तेज़ी से बढ़कर 32.15 अरब अमेरिकी डॉलर के उच्च स्तर पर पहुँच गया — जो पिछले 11 महीनों में सबसे अधिक है। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 15 अक्टूबर को जारी आंकड़ों में दी गई। घाटे में यह उछाल उम्मीद से कहीं ज़्यादा रहा, जिसका कारण आयात में तेज़ वृद्धि और निर्यात में अपेक्षाकृत धीमी बढ़ोतरी है — साथ ही हाल ही में अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ (शुल्क) बढ़ाने का भी असर पड़ा है। यह स्थिति उस समय आई है जब भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण व्यापार वार्ताएँ होने वाली हैं, जिनमें भारत अपने अमेरिकी ऊर्जा आयात बढ़ाने और रूसी तेल की खरीद का बचाव करने की तैयारी में है।
सितंबर 2025 के व्यापार आंकड़े
वस्तु निर्यात और आयात
भारत का निर्यात सितंबर में बढ़कर 36.38 अरब डॉलर हुआ, जो अगस्त के 35.10 अरब डॉलर से थोड़ा अधिक है।
अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से टेक्सटाइल, झींगा (shrimp) और रत्न-आभूषण जैसे प्रमुख निर्यात क्षेत्रों पर असर पड़ा।
वहीं आयात तेज़ी से बढ़कर 68.53 अरब डॉलर हो गया, जबकि अगस्त में यह 61.59 अरब डॉलर था।
इसके चलते व्यापार घाटा 32.15 अरब डॉलर पहुँच गया, जो रायटर्स पोल में अनुमानित 25.13 अरब डॉलर से कहीं अधिक है।
अमेरिका के साथ शुल्क (टैरिफ) तनाव
यह बड़ा घाटा उस निर्णय के बाद आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त 2025 के अंत में कई भारतीय उत्पादों पर टैरिफ 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया।
यह कदम उन क्षेत्रों को निशाना बनाता है जहाँ भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा अधिक है — जैसे टेक्सटाइल, समुद्री खाद्य और आभूषण उद्योग।
हालांकि इन तनावों के बावजूद, भारत अभी भी अमेरिका का सबसे बड़ा वस्तु व्यापारिक साझेदार बना हुआ है।
इस सप्ताह होने वाली भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में भारत संभवतः अमेरिकी एलएनजी (LNG) और कच्चे तेल के आयात बढ़ाने की रूपरेखा पेश करेगा ताकि व्यापार असंतुलन को कम किया जा सके।
रूसी तेल खरीद पर विवाद
अमेरिका की चिंता भारत द्वारा रियायती रूसी तेल खरीद जारी रखने को लेकर बनी हुई है।
भारत इस पर अपने रुख का बचाव करेगा कि यह नीति ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक तेल बाजार में मूल्य स्थिरता के लिए आवश्यक है।
अप्रैल–सितंबर (वित्त वर्ष 2025–26) का अर्धवार्षिक व्यापार परिदृश्य
अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत का अमेरिका को निर्यात 13% से अधिक बढ़कर 40.42 अरब डॉलर से 45.82 अरब डॉलर हुआ।
वहीं अमेरिका से आयात भी 23.47 अरब डॉलर से बढ़कर 25.59 अरब डॉलर हो गया।
यह दर्शाता है कि अल्पकालिक टैरिफ बाधाओं के बावजूद, दीर्घकालिक व्यापार प्रवृत्ति मजबूत बनी हुई है, जिसे उपभोक्ता मांग और आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण से बल मिल रहा है।
सेवा क्षेत्र का संतुलनकारी योगदान
भारत का सेवा क्षेत्र (Services Sector) मजबूत अधिशेष बनाए हुए है, जो वस्तु व्यापार घाटे के असर को कुछ हद तक कम करता है।
सितंबर में:
सेवा निर्यात: 30.82 अरब डॉलर
सेवा आयात: 15.29 अरब डॉलर
शुद्ध अधिशेष (Surplus): 15.53 अरब डॉलर
वस्तु और सेवा दोनों क्षेत्रों को मिलाकर कुल व्यापार घाटा अपेक्षाकृत मध्यम स्तर पर रहा।
मुख्य तथ्य
सितंबर 2025 में व्यापार घाटा: 32.15 अरब डॉलर (11 महीनों में सबसे अधिक)
निर्यात: 36.38 अरब डॉलर | आयात: 68.53 अरब डॉलर
अमेरिका ने भारतीय झींगा, वस्त्र, रत्न-आभूषण पर टैरिफ 50% तक बढ़ाया
आगामी भारत-अमेरिका वार्ता में ऊर्जा आयात और रूसी तेल पर चर्चा
सेवा क्षेत्र अधिशेष (Surplus): 15.53 अरब डॉलर (सितंबर 2025)
भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग को नई दिशा देते हुए भारतीय नौसेना (IN) और दक्षिण कोरिया की नौसेना (Republic of Korea Navy – RoKN) ने अपनी पहली द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास श्रृंखला “IN–RoKN” की शुरुआत 13 अक्टूबर 2025 को बुसान नौसैनिक अड्डे (Busan Naval Base), दक्षिण कोरिया में की। यह ऐतिहासिक अभ्यास दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हुए समुद्री पारस्परिकता (interoperability), विश्वास और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अभ्यास की संरचना: दो चरणों में विभाजित
1. हार्बर फेज़ (Harbour Phase)
इस आरंभिक चरण का उद्देश्य पेशेवर आपसी समझ और मित्रता को बढ़ाना है। प्रमुख गतिविधियाँ —
भारतीय और कोरियाई जहाजों के बीच क्रॉस-डेक विज़िट्स (Cross-deck visits)
प्रोफेशनल एक्सचेंज और सर्वोत्तम अभ्यासों की साझेदारी
क्रॉस-ट्रेनिंग सत्र — जहाज संचालन और सुरक्षा प्रक्रियाओं पर
खेल प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक मेल-मिलाप
INS सह्याद्री के कमांडिंग ऑफिसर द्वारा वरिष्ठ कोरियाई अधिकारियों और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों से औपचारिक मुलाक़ातें
इन गतिविधियों का उद्देश्य संयुक्त अभियानों के दौरान सामरिक तालमेल और संचार चैनलों को सशक्त बनाना है।
2. सी फेज़ (Sea Phase)
यह चरण उच्च स्तरीय संयुक्त नौसैनिक अभियानों पर केंद्रित है, जिनमें शामिल हैं —
जटिल समुद्री युद्धाभ्यास (Maritime Manoeuvres)
सामरिक समन्वय (Tactical Coordination) पर ऑपरेशनल अभ्यास
INS सह्याद्री और ROKS ग्योंगनाम (Gyeongnam) के बीच रीयल-टाइम इंटरऑपरेबिलिटी ड्रिल्स
ये अभ्यास आपदा राहत, मानवीय सहायता या भारत-प्रशांत सुरक्षा मिशनों के दौरान दोनों नौसेनाओं की संयुक्त कार्यक्षमता सुनिश्चित करने में सहायक हैं।
भारतीय नौसेना का योगदान: INS सह्याद्री
भारत की ओर से इस अभ्यास में INS सह्याद्री भाग ले रही है —
यह एक शिवालिक-श्रेणी की स्टील्थ फ्रिगेट (Shivalik-class stealth frigate) है, जिसका 2012 में कमीशन हुआ था।
जहाज पूर्वी नौसैनिक कमान (Eastern Naval Command), विशाखापत्तनम के अधीन है।
मुख्य विशेषताएँ:
पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित — ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का प्रतीक
आधुनिक स्टील्थ तकनीक, उन्नत हथियार प्रणाली और सेंसरों से लैस
हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सुरक्षा प्रदाता (Security Provider) की भूमिका को सुदृढ़ करता है
IN–RoKN अभ्यास का रणनीतिक महत्व
भारत-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र वैश्विक व्यापार और सुरक्षा का केंद्र बनता जा रहा है। ऐसे में IN–RoKN जैसे साझेदारी अभ्यास —
भारत–दक्षिण कोरिया संबंधों को नई रणनीतिक गहराई प्रदान करते हैं
नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था (Rules-Based Maritime Order) के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं
क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे (Regional Security Architecture) को मजबूत करते हैं
दोनों राष्ट्र शांति, नौवहन की स्वतंत्रता (Freedom of Navigation) और अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान जैसे साझा मूल्यों का समर्थन करते हैं — विशेषकर बढ़ती इंडो-पैसिफिक तनावों और ग्रे-ज़ोन खतरों के बीच।
ऑस्कर विजेता संगीतकार ए आर रहमान ने अपने नए प्रोजेक्ट ‘सीक्रेट माउंटेन’ के लिए गूगल क्लाउड के साथ हाथ मिलाया है। यह मेटाह्यूमन डिजिटल अवतार बैंड है जो अगली पीढ़ी के मनोरंजन अनुभव के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), संगीत और कहानी कहने की कला का मिश्रण करता है।
साझेदारी के तहत, गूगल क्लाउड के उन्नत एआई मॉडल और बुनियादी ढांचे ‘सीक्रेट माउंटेन’ को शक्ति प्रदान करेंगे, जिससे वास्तविक समय में दर्शकों के साथ प्रस्तुति और संवाद करने में अत्यधिक यथार्थवादी अवतार सक्षम होंगे।
सीक्रेट माउंटेन: विज़न
डिजिटल अवतार बैंड
सीक्रेट माउंटेन ए.आर. रहमान द्वारा बनाया गया एक मेटाह्यूमन डिजिटल बैंड है। इसमें छह हाइपर-रियलिस्टिक सिंथेटिक अवतार शामिल हैं, जो विभिन्न संस्कृतियों और संगीत शैलियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये अवतार वास्तविक मानवों की तरह दिखने, हिलने-डुलने और भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम हैं, जिससे दर्शकों को वर्चुअल वातावरण में जीवंत प्रदर्शन अनुभव मिलता है। कुछ प्रमुख पात्र:
Cara – आयरिश सिंगर-सॉन्गराइटर
Zen Tam – तमिल रैपर
Blessing – अफ्रीकी पर्कशनिस्ट और वोकलिस्ट प्रत्येक अवतार के पीछे वास्तविक संगीतकार, डांसर, प्रोड्यूसर और क्रिएटिव टीम है, जो रहमान की कला और विविधता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गूगल क्लाउड की भूमिका और तकनीकें
अवतार के लिए AI इन्फ्रास्ट्रक्चर गूगल क्लाउड सीक्रेट माउंटेन को AI मॉडल और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सशक्त बना रहा है, जो अवतार की मूवमेंट, एनीमेशन और रियल-टाइम इंटरैक्शन को सक्षम बनाता है।
प्रमुख तकनीकें:
Veo 3: वीडियो जनरेशन और अवतार एम्बॉडीमेंट, जिससे अवतार रियल-टाइम में मूव और प्रदर्शन कर सकते हैं
Imagen + Gemini Flash 2.5 (Nano Banana): उच्च गुणवत्ता वाली विजुअल और इमेजरी निर्माण के लिए
Gemini 2.5 Pro: मल्टीमॉडल कॉन्वर्सेशनल ब्रेन, जिससे अवतार फैंस के साथ इंटेलिजेंट बातचीत कर सकते हैं
यह तकनीकी संरचना अवतारों को बोलने, प्रतिक्रिया देने और प्रदर्शन करने में मानव जैसी प्रेजेंस देने में सक्षम बनाती है।
इमर्सिव स्टोरीटेलिंग में नया युग
रियल-टाइम फैन एंगेजमेंट पारंपरिक वर्चुअल कॉन्सर्ट या एनीमेटेड प्रदर्शन से अलग, Secret Mountain इंटरैक्टिव डिजिटल पर्सनालिटीज बनाने का लक्ष्य रखता है। ये अवतार न केवल संगीत प्रदर्शन करेंगे बल्कि कहानियाँ सुनाएंगे, फैंस के इनपुट का जवाब देंगे और दर्शक इंटरैक्शन के अनुसार विकसित होंगे।
स्केलेबिलिटी और गवर्नेंस Google Cloud के CEO Thomas Kurian के अनुसार, यह प्रोजेक्ट बड़े पैमाने पर AI को सुरक्षित रूप से लागू करने का उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। इसमें कंटेंट गवर्नेंस, सुरक्षा और स्केलेबिलिटी के लिए इन-बिल्ट सिस्टम शामिल हैं, जो भविष्य के AI-पावर्ड एंटरटेनमेंट मॉडल के लिए मजबूत मिसाल हैं।
मुख्य बातें
सीक्रेट माउंटेन ए.आर. रहमान का AI-संचालित डिजिटल बैंड है जिसमें छह सिंथेटिक अवतार हैं।
प्रोजेक्ट में Google Cloud के Veo 3, Imagen और Gemini 2.5 Pro AI मॉडल का उपयोग होता है।
यह रियल-टाइम संगीत प्रदर्शन, स्टोरीटेलिंग और फैन इंटरैक्शन को सक्षम बनाता है।
ध्यान का केंद्र: सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व, AI स्केलेबिलिटी और इमर्सिव अनुभव डिज़ाइन।
यह वैश्विक स्तर पर AI-ड्रिवन डिजिटल एंटरटेनमेंट में एक महत्वपूर्ण विकास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 अक्टूबर 2025 को आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में एक ऐतिहासिक दौरे के दौरान लगभग ₹13,430 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, भूमि पूजन और राष्ट्र को समर्पण किया। ये बहु-क्षेत्रीय पहलें आंध्र प्रदेश को भारत के आर्थिक और तकनीकी भविष्य में एक प्रमुख स्तंभ बनाने के उद्देश्य से हैं, जिनमें ऊर्जा, परिवहन, रक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण घोषणाएँ शामिल हैं।
रणनीतिक क्षेत्रों में प्रमुख परियोजनाएँ
ऊर्जा और पावर ट्रांसमिशन: नई अवसंरचना ग्रिड स्थिरता और ग्रामीण विद्युतीकरण में सुधार कर भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को समर्थन देगी।
सड़कों और रेलवे: क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार से यात्रा समय कम होगा, व्यापार बढ़ेगा और दूरदराज़ इलाकों तक पहुंच बढ़ेगी।
रक्षा निर्माण: “मेक इन इंडिया” मिशन को मजबूत करते हुए नई रक्षा-संबंधित सुविधाएँ उन्नत विनिर्माण निवेश आकर्षित करेंगी।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस: इस क्षेत्र की परियोजनाएँ बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने और आयात निर्भरता कम करने में सहायक होंगी।
डिजिटल अवसंरचना: प्रमुख घोषणाएँ आंध्र प्रदेश को भविष्य का तकनीकी हब बनाने और डिजिटल अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक लाभ प्रदान करने का लक्ष्य रखती हैं।
रायलसीमा पर ध्यान और आर्थिक प्रभाव प्रधानमंत्री ने रायलसीमा की रणनीतिक महत्वता पर जोर दिया और कहा कि क्षेत्रीय समृद्धि राष्ट्रीय शक्ति की कुंजी है। उन्होंने जीएसटी सुधारों के सकारात्मक वित्तीय परिणामों की ओर भी इशारा किया, जिसमें आंध्र प्रदेश को लगभग ₹8,000 करोड़ की बचत होने की संभावना है, जिससे उपभोक्ता भावनाएँ सशक्त होंगी और त्योहारों के मौसम में सार्वजनिक व्यय को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने नागरिकों से “जीएसटी बचत महोत्सव” में भाग लेने और इन लाभों के प्रति जागरूकता फैलाने का आग्रह किया।
कुर्नूल: भारत का उभरता ड्रोन हब प्रधानमंत्री ने कुर्नूल को ड्रोन हब के रूप में विकसित करने के आंध्र प्रदेश के प्रयासों की सराहना की, और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन तकनीकों की सफलता को उजागर किया। उन्होंने कहा कि ड्रोन क्षेत्र निम्नलिखित अत्याधुनिक उद्योगों के लिए अवसर खोलेगा:
सटीक कृषि
आपदा प्रबंधन
निगरानी और लॉजिस्टिक्स
शहरी योजना और मैपिंग
यह कदम भारत की 2047 तक उन्नत मानव रहित प्रणाली में नेतृत्व की महत्वाकांक्षा के अनुरूप है।
विशाखापत्तनम: भारत का पहला एआई और कनेक्टिविटी हब प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम को भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कनेक्टिविटी हब बनाने की योजना की घोषणा की।
मुख्य पहलें:
राष्ट्रीय स्तर का एआई नवाचार केंद्र स्थापित करना
Google द्वारा नया सबसी इंटरनेट गेटवे विकसित करना, जिससे अंतरराष्ट्रीय डेटा कनेक्टिविटी बढ़ेगी
क्लाउड कंप्यूटिंग, डिजिटल सेवाओं और एआई स्टार्टअप्स के लिए अवसंरचना का विकास
ये परियोजनाएँ आंध्र प्रदेश को भारत की डिजिटल क्रांति के केंद्र में स्थापित करने के लिए तैयार हैं।
केदारनाथ धाम की पवित्र यात्रा अब और तेज़ और सुविधाजनक बनने जा रही है। अडानी ग्रुप सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबी रोपवे का निर्माण कर रहा है, जिससे वर्तमान लगभग 9 घंटे के ट्रेकिंग समय को सिर्फ 36 मिनट में घटाया जा सकेगा। यह परियोजना तीर्थयात्रियों के लिए आधुनिक और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने के साथ-साथ उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगी।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
संक्षिप्त और सुरक्षित यात्रा
वर्तमान में, तीर्थयात्रियों को 16 किमी से अधिक कठिन और खतरनाक हिमालयी रास्तों से पैदल जाना पड़ता है।
नई रोपवे प्रणाली समय और शारीरिक श्रम दोनों को कम करेगी, खासकर बुजुर्ग और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं वाले यात्रियों के लिए।
चालू होने पर यात्रा समय केवल 36 मिनट रहेगा, जिससे यात्रा तेज़ और अधिक सुरक्षित होगी।
लागत और क्षमता
परियोजना की अनुमानित लागत ₹4,081 करोड़ है।
इसमें प्रति दिशा 1,800 यात्रियों की क्षमता होगी, जिससे वार्षिक लाखों तीर्थयात्रियों की भीड़ को संभाला जा सकेगा।
उन्नत तकनीक
ट्राइ-कैबल डिटेचेबल गोंडोला (3S) तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जो उच्च ऊंचाई पर मौसम की कठिन परिस्थितियों में स्थिरता और सुचारु परिवहन सुनिश्चित करेगी।
कार्यान्वयन मॉडल और समयसीमा
यह परियोजना राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम—परवतमाला योजना के तहत बनाई जा रही है।
यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल में विकसित हो रही है।
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को सितंबर 2025 में आधिकारिक पत्र दिया गया।
निर्माण में 6 साल का समय लगेगा, इसके बाद अडानी इसे 29 साल तक संचालित करेगा और राजस्व सरकार के साथ साझा करेगा।
क्षेत्रीय प्रभाव
पर्यटन और अर्थव्यवस्था में वृद्धि: बेहतर पहुंच से केदारनाथ क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा, जिससे होटल, खुदरा और लॉजिस्टिक क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा।
स्थानीय रोजगार और कनेक्टिविटी: निर्माण और संचालन के दौरान स्थानीय लोगों को तकनीकी और सेवा क्षेत्रों में प्रशिक्षित और रोजगार दिया जा सकता है।
पर्यावरण और सामाजिक विचार
हिमालयी पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र में बड़े निर्माण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी, वनावरण का न्यूनतम नुकसान और जैव विविधता की सुरक्षा आवश्यक होगी।
पारंपरिक आजीविका जैसे गधे और पोर्टर सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के उपाय किए जाएंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य
दूरी: 12.9 किमी
लागत: ₹4,081 करोड़
तकनीक: 3S (Tri-cable Detachable Gondola)
समय बचत: 9 घंटे से 36 मिनट
योजना: परवतमाला परियोजना
क्षमता: 1,800 यात्री/घंटा/दिशा
मॉडल: PPP; 6 साल में निर्माण, 29 साल संचालन अडानी द्वारा
भारतीय क्रिकेट ने सितंबर 2025 में गौरवपूर्ण पल मनाया, जब अभिषेक शर्मा और स्मृति मंधाना को उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में असाधारण प्रदर्शन के लिए ICC महीने के खिलाड़ी के रूप में चुना गया। दोनों लेफ्ट‑हैंडेड ओपनर हैं और उन्होंने मैच विजयी पारियाँ और करियर की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज कीं, जो वैश्विक रैंकिंग और फैंस के वोट में दिखाई दीं।
अभिषेक शर्मा: एशिया कप में दबदबा
प्रदर्शन मुख्य बिंदु: 25 वर्षीय अभिषेक शर्मा एशिया कप T20I टूर्नामेंट के सबसे चमकते सितारों में से एक बने। उन्होंने 7 मैचों में 314 रन बनाए, औसत 44.85 और स्ट्राइक रेट 200 के साथ।
उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिलाया और ICC मेन्स T20I बल्लेबाजी रैंकिंग में 931 रेटिंग प्वाइंट्स तक पहुँचाया, जो सुपर फोर्स स्टेज के अंत में किसी भी खिलाड़ी द्वारा अब तक का उच्चतम स्कोर है।
प्रतियोगी और चयन: उन्होंने कुलदीप यादव (भारत) और ब्रायन बेनेट (जिम्बाब्वे) जैसे दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए माह के ICC पुरस्कार जीता। अभिषेक की दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता उन्हें भारत की T20 टीम में एक उभरते सितारे के रूप में स्थापित करती है।
स्मृति मंधाना: अग्रिम पंक्ति में नेतृत्व
ODI में उत्कृष्टता (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ): उप-कप्तान स्मृति मंधाना ने भारत की ODI श्रृंखला में 58, 117 और 125 रन की पारियाँ खेलीं।
उन्होंने महीने में 4 मैचों में कुल 308 रन बनाए, औसत 77 और स्ट्राइक रेट 135.68 के साथ।
तीसरे ODI में, मंधाना ने महिला ODI में सबसे तेज़ शतक बनाकर केवल 50 गेंदों में यह उपलब्धि हासिल की, जो उनकी आक्रामक और प्रभावशाली बल्लेबाजी शैली को दर्शाता है।
नामांकित और मतदान: मंधाना ने ताज़मिन ब्रिट्स (साउथ अफ्रीका) और सिद्रा अमीन (पाकिस्तान) को पीछे छोड़ते हुए ICC महिला महीने की खिलाड़ी का पुरस्कार जीता। उनकी भूमिका भारत की ICC महिला विश्व कप 2025 अभियान में निर्णायक रही।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने दो नए बीमा योजनाएँ लॉन्च की हैं—जन सुरक्षा योजना (880) और बीमा लक्ष्मी योजना (881)। ये नई GST प्रणाली के तहत LIC द्वारा पेश की गई पहली पॉलिसियाँ हैं और विभिन्न आय और लिंग समूहों में वित्तीय सुरक्षा का विस्तार करने के प्रयास को दर्शाती हैं। जहाँ जन सुरक्षा योजना कम आय वाले वर्ग के लिए है, वहीं बीमा लक्ष्मी योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिए है, जो सुरक्षा, बचत और स्वास्थ्य लाभ का मिश्रण प्रदान करती है।
LIC जन सुरक्षा योजना (योजना 880)
यह एक जीवन सूक्ष्म बीमा (life micro-insurance) एंडॉमेंट योजना है।
योजना के तहत पॉलिसी अवधि के दौरान जीवन बीमा कवरेज और परिपक्वता पर एकमुश्त राशि दी जाती है।
प्रत्येक वर्ष वार्षिक प्रीमियम का 4% सुनिश्चित अतिरिक्त राशि के रूप में जोड़ा जाता है।
योग्यता और राशि: प्रवेश आयु 18–55 वर्ष, पॉलिसी अवधि 12–20 वर्ष, न्यूनतम राशि ₹1,00,000, अधिकतम ₹2,00,000 (₹5,000 के गुणक में)।
अन्य लाभ: सीमित प्रीमियम भुगतान अवधि (पॉलिसी अवधि – 5 वर्ष), 3 वर्षों के पूर्ण प्रीमियम भुगतान के बाद ऑटो कवरेज, 1 वर्ष बाद ऋण सुविधा।
LIC बीमा लक्ष्मी योजना (योजना 881)
यह एक गैर-लिंक्ड जीवन बीमा पॉलिसी है जिसमें सुनिश्चित लाभ और मनी-बैक विकल्प हैं।
योजना में महिलाओं के लिए विशेष रूप से क्रिटिकल इलनेस कवरेज भी शामिल है।
योग्यता और संरचना: प्रवेश आयु 18–50 वर्ष, पॉलिसी अवधि 25 वर्ष, प्रीमियम भुगतान अवधि 7–15 वर्ष, न्यूनतम राशि ₹2,00,000, कोई अधिकतम सीमा नहीं।
विशेषताएँ: चालू पॉलिसियों पर वार्षिक प्रीमियम का 7% सुनिश्चित अतिरिक्त, 3 विकल्पों में से जीवन रक्षा लाभ चुनने की सुविधा, भविष्य की जरूरतों के लिए लाभ स्थगित करने का विकल्प, परिपक्वता या मृत्यु लाभ के लिए किस्त भुगतान, 3 वर्षों के पूर्ण प्रीमियम भुगतान के बाद ऑटो कवरेज, महिला-विशेष क्रिटिकल इलनेस राइडर।
महत्व और समावेशन
जन सुरक्षा योजना कम आय वाले व्यक्तियों को किफायती बीमा प्रदान करती है।
बीमा लक्ष्मी योजना महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता और स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ावा देती है।
दोनों योजनाएँ GST प्रणाली के तहत किफायती होने के साथ कवरेज बढ़ाने की नीति का पालन करती हैं।
मुख्य तथ्य
जन सुरक्षा योजना (880): कम आय वाले व्यक्तियों के लिए, ₹1–2 लाख राशि, 12–20 वर्ष अवधि, 4% सुनिश्चित अतिरिक्त।
बीमा लक्ष्मी योजना (881): महिलाओं के लिए, न्यूनतम ₹2 लाख राशि, 25 वर्ष अवधि, 7% सुनिश्चित अतिरिक्त।
हर वर्ष 17 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस (International Day for the Eradication of Poverty) विश्वभर में मनाया जाता है। यह दिन केवल आय असमानताओं पर विचार करने का अवसर नहीं है, बल्कि गरिमा, न्याय और समावेशी विकास पर बल देने का भी समय है। वर्ष 2025 में इस दिवस की थीम है — “परिवारों के प्रति सम्मान और प्रभावी समर्थन सुनिश्चित कर सामाजिक एवं संस्थागत दुर्व्यवहार का अंत करना।” यह थीम गरीबी से जूझ रहे परिवारों की वास्तविक संघर्षपूर्ण स्थितियों की ओर ध्यान आकर्षित करती है और नीति-निर्माताओं से यह आग्रह करती है कि वे सहायता प्रणालियों को अविश्वास और नियंत्रण की बजाय भरोसे और गरिमा पर आधारित बनाएं।
दिन का महत्व
हर वर्ष 17 अक्टूबर को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस मनाया जाता है। यह केवल आय असमानता पर चिंतन का दिन नहीं है, बल्कि गरिमा, न्याय और समावेशी विकास को बढ़ावा देने का अवसर भी है। 2025 की थीम “परिवार-केंद्रित गरीबी उन्मूलन” इस बात पर जोर देती है कि गरीबी केवल आर्थिक अभाव नहीं, बल्कि सामाजिक अपमान, असमान व्यवहार और अविश्वास से भी जुड़ी है।
2025 की थीम: परिवार-केंद्रित गरीबी उन्मूलन
यह थीम इस बात पर प्रकाश डालती है कि गरीबी का अनुभव अक्सर सामाजिक कलंक और संस्थागत नियंत्रण के साथ जुड़ा होता है।
एकल माताएँ, आदिवासी परिवार, और ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहे समुदाय अक्सर उन संस्थाओं (स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, कल्याण कार्यालय आदि) से भी अपमान और अविश्वास का सामना करते हैं जो उनकी मदद के लिए बनाए गए हैं।
कार्रवाई के लिए आह्वान:
ऐसे सहयोगी संस्थान बनाना जो परिवारों की गरिमा का सम्मान करें।
सबसे कमजोर वर्गों की जरूरतों को प्राथमिकता देना।
गरीबी का प्रत्यक्ष अनुभव रखने वाले लोगों की सलाह से नीति सुधार करना।
संक्षिप्त इतिहास
1987: फ्रांस के पेरिस में पहली बार “विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस” मनाया गया।
1992: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस घोषित किया। उद्देश्य: गरीबी में जीवन यापन करने वाले लोगों के प्रयासों को सम्मान देना, जागरूकता बढ़ाना और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करना।
वैश्विक परिदृश्य
तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास के बावजूद, करोड़ों लोग अब भी अत्यधिक गरीबी, असुरक्षित आवास, कुपोषण, और स्वास्थ्य व न्याय तक सीमित पहुंच जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र का तीसरा गरीबी उन्मूलन दशक (2018–2027) सतत विकास लक्ष्य (SDG) 1 के अनुरूप गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को तेज करने पर केंद्रित है — “हर रूप में, हर जगह गरीबी का अंत करना”।
भारत की प्रगति
अत्यधिक गरीबी (रोज़ाना $2.15 से कम आय) 2011–12 के 16.2% से घटकर 2022–23 में 2.3% रह गई — यानी 171 मिलियन लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे।
शहरी बेरोजगारी दर: Q1 FY24–25 में 6.6%, जो 2017–18 के बाद सबसे कम है।
2021 से रोज़गार वृद्धि जनसंख्या वृद्धि से तेज रही है।
ग्रामीण महिलाओं की कृषि में भागीदारी और स्वरोज़गार दर बढ़ी है।
अब भी मौजूद चुनौतियाँ
युवा बेरोजगारी: 13.3%, जबकि स्नातकों में यह 29% तक है।
औपचारिक क्षेत्र में हिस्सेदारी: केवल 23% गैर-कृषि वेतनभोगी नौकरियाँ।
महिला-पुरुष रोजगार अंतर: 23.4 करोड़ का अंतर भुगतान वाले कार्यों में।
भारत की प्रमुख गरीबी उन्मूलन योजनाएँ
मनरेगा (MGNREGA, 2005): प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वर्ष में 100 दिनों का भुगतानयुक्त कार्य; एक-तिहाई नौकरियाँ महिलाओं के लिए आरक्षित।
दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY–NRLM, 2011): महिलाओं के स्व-सहायता समूह और सतत आजीविका निर्माण पर केंद्रित।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (2016): गरीबी रेखा से नीचे की महिलाओं को स्वच्छ ईंधन (एलपीजी) कनेक्शन प्रदान करती है।
इंदिरा आवास योजना / प्रधानमंत्री आवास योजना: ग्रामीण बीपीएल परिवारों को निःशुल्क या सब्सिडी वाले घर उपलब्ध कराना।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM, 2013): शहरी गरीबों के कौशल विकास और स्वरोज़गार को बढ़ावा देना।
एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP): ग्रामीण आय सृजन हेतु ऋण और सब्सिडी प्रदान करना।
गरीबी उन्मूलन पर कार्यबल (2015): नीति आयोग के अंतर्गत स्थापित — गरीबी मापन और रोजगार-आधारित गरीबी कमी रणनीतियों पर केंद्रित।
गरीबी मापन और हालिया आँकड़े
राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (NITI Aayog, 2023):
2015–16 से 2019–21 के बीच 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले।
वैश्विक एमपीआई (Global MPI, 2018):
भारत ने 2005–06 से 2015–16 के बीच गरीबी 55% से घटाकर 28% कर दी — यानी 271 मिलियन लोगों पर प्रभाव पड़ा।
बिजली, बैंक खाते, स्वच्छ पेयजल और शिक्षा जैसी सुविधाओं में सुधार ने इस सफलता में प्रमुख भूमिका निभाई है।
निष्कर्ष:
अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस हमें यह याद दिलाता है कि गरीबी से लड़ाई केवल आर्थिक सुधारों से नहीं जीती जा सकती — बल्कि गरिमा, समानता और सहयोग पर आधारित नीतियों से ही एक “विकसित और समावेशी विश्व” बनाया जा सकता है।