प्रधानमंत्री नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक की अध्यक्षता करेंगे

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 27 जुलाई, 2024 को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र, नई दिल्ली में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस वर्ष की थीम ‘विकसित भारत@2047’ है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।

9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक का उद्देश्य

गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विकसित भारत @2047 पर विज़न डॉक्यूमेंट के लिए दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा की जाएगी। बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी शासन और सहयोग को बढ़ावा देना है, सरकारी हस्तक्षेपों के वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। बैठक में विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में राज्यों की भूमिका पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होगा।

इस दृष्टि के लिए एक रोडमैप बनाने के लिए

भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, जिसकी जीडीपी 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर चुकी है और 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुँचने की आकांक्षा है। 2047 तक ‘विकसित भारत’ के विज़न को प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी। 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक का उद्देश्य इस विज़न के लिए एक रोडमैप तैयार करना है, जिससे केंद्र और राज्यों के बीच ‘टीम इंडिया’ के रूप में टीम वर्क को बढ़ावा मिले।

नीति आयोग की शासी परिषद का फोकस

नीति आयोग की शासी परिषद 27-29 दिसंबर, 2023 के दौरान आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। ‘जीवन की सुगमता’ के व्यापक विषय के तहत, मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान निम्नलिखित पाँच प्रमुख विषयों पर सिफारिशें की गईं:

1.पीने का पानी: पहुंच, मात्रा और गुणवत्ता

2. बिजली: गुणवत्ता, दक्षता और विश्वसनीयता

3. स्वास्थ्य: पहुंच, सामर्थ्य और देखभाल की गुणवत्ता

4. स्कूली शिक्षा: पहुंच और गुणवत्ता

5. भूमि और संपत्ति: पहुंच, डिजिटलीकरण, पंजीकरण और म्यूटेशन

विशेष सत्र

इसके अतिरिक्त, साइबर सुरक्षा, आकांक्षी जिलों और ब्लॉक कार्यक्रम, राज्यों की भूमिका और शासन में एआई पर विचार-विमर्श के लिए विशेष सत्र भी आयोजित किए गए, जिन पर मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान भी चर्चा की गई।

दिसंबर 2023 में पाँच प्रमुख विषय

नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की तैयारी के लिए, दिसंबर 2023 के अंत में तीसरा मुख्य सचिव सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसके दौरान इन पाँच प्रमुख विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। भारत सरकार के सचिव और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव ‘विकसित भारत@2047’ के एजेंडे के लिए रूपरेखा को परिभाषित करने और सुझाव देने की दिशा में परामर्श प्रक्रिया का हिस्सा थे।

मीटिंग में उपस्थित लोग

प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष हैं। अन्य उपस्थित लोगों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल, पदेन सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्य शामिल होंगे।

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केंद्र ने 5 राज्यों की ₹2,514.36 करोड़ की शहरी बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं को मंजूरी दी

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आपदा प्रतिरोधी भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, गृह मंत्रालय ने गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में कई पहलें की हैं ताकि देश में आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित किया जा सके। भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को मजबूत करके आपदाओं के दौरान जान-माल को होने वाले किसी भी बड़े नुकसान को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

छह परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी

उच्च स्तरीय समिति ने बैठक में तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र राज्यों में शहरी बाढ़ प्रबंधन के लिए कुल 2514.36 करोड़ रुपये की लागत से छह परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी, जो छह मेट्रो शहरों मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे में हैं। इससे पहले, एचएलसी ने 27 नवंबर 2023 को चेन्नई शहर में तमिलनाडु राज्य के लिए बाढ़ प्रबंधन हेतु एकीकृत समाधान के लिए 561.29 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

अग्निशमन सेवाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण

उच्च स्तरीय समिति ने असम, कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए “राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण” योजना के तहत 810.64 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाले तीन परियोजना प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत कुल 5000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 11 राज्यों के प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दे दी है, जिनका कुल परिव्यय 1691.43 करोड़ रुपये है।

GLOF के लिए एक परियोजना प्रस्ताव

इसके अलावा, उच्च स्तरीय समिति ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के लिए जीएलओएफ जोखिम शमन के लिए 150 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय पर एक परियोजना प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। जीएलओएफ जोखिम शमन परियोजना इन चार राज्यों को जीएलओएफ जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक शमन उपाय करने में आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी।

युवा आपदा मित्र योजना (वाईएएमएस) का प्रस्ताव

उच्च स्तरीय समिति ने एनडीआरएफ से 470.50 करोड़ रुपये के व्यय पर युवा आपदा मित्र योजना (वाईएएमएस) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जिसे देश के 315 सर्वाधिक आपदा संभावित जिलों में कार्यान्वित किया जाएगा, ताकि 1300 प्रशिक्षित आपदा मित्र स्वयंसेवकों को मास्टर प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया जा सके तथा 2.37 लाख स्वयंसेवक विशेष रूप से एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस तथा बीएसएंडजी (भारत स्काउट्स एंड गाइड्स) से आपदा तैयारी एवं प्रतिक्रिया में प्रशिक्षित किए जा सकें।

समुदाय को पहले उत्तरदाताओं के रूप में तैयार करना

यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें किसी भी आपदा के दौरान समुदाय को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में तैयार किया जाता है। इससे पहले, सरकार ने “आपदा मित्र” योजना लागू की है, जिसके तहत देश के 350 सबसे अधिक आपदा-प्रवण जिलों में आपदा प्रतिक्रिया के लिए लगभग 1 लाख सामुदायिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है।

14 राज्यों को 6348 करोड़ रुपये

चालू वित्त वर्ष के दौरान, केंद्र सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत 14 राज्यों को 6348 करोड़ रुपये और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) के तहत 06 राज्यों को 672 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत 10 राज्यों को 4265 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

 

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भारत ने एशियाई आपदा तैयारी केंद्र की अध्यक्षता संभाली

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भारत ने वैश्विक और एशियाई स्तर पर नई उपलब्धि हासिल की है। भारत को 2024 के लिए एशिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में आपदा जोखिम को कम करने, सहयोग करने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय संगठन एशियाई आपदा तैयारी केंद्र का अध्यक्ष बनाया गया है।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य और एचओडी राजेंद्र सिंह ने अध्यक्ष का पदभार संभाला। अब तक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना इस संगठन की कमान संभाल रहा था।

नेतृत्व की भूमिका और पहल

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आपदा जोखिम न्यूनीकरण में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है, विशेष रूप से आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) की स्थापना के माध्यम से। ADPC में देश का नेतृत्व DRR को आगे बढ़ाने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जलवायु लचीलापन बनाने के लिए इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आपदा के लिए बुनियादी ढांचा तैयार

गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आपदा जोखिम को कम करने के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर नेतृत्व किया है। भारत ने इस दिशा में कई पहल कीं।

खासकर आपदा से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय गठबंधन करते हुए आपदा के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया है। बता दें कि ADPC में बांग्लादेश, कंबोडिया, चाइना, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका और थाईलैंड सदस्य देश हैं। भारत ने 25 जुलाई को बैंकॉक में एडीपीसी पांचवी बोर्ड बैठक की अध्यक्षता भी की।

 

Unesco की विश्व धरोहर सूची में शामिल असम का मोइदम

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असम के चराइदेव जिले में स्थित अहोम युग के ‘मोइदम’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है। पूर्वोत्तर से पहली बार किसी धरोहर ने इस सूची में जगह बनाई है। यह निर्णय नई दिल्ली में यूनेस्को की 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के दौरान लिया गया। वर्ष 2023-24 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में 4 जुलाई को शामिल करने के लिए भारत की ओर से ‘मोइडम्स’ को नामांकन के रूप में प्रस्तुत किया गया।

बता दें कि अहोम मोइदम पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। यानी ये असम के शाही परिवारों का कब्रिस्तान है। इसे शामिल करने की सिफारिश अंतरराष्ट्रीय सलाहकार संस्था आईसीओएमओएस ने की थी।

जानें ‘मोइदम’ के बारे में

असम के चराईदेव में स्थित ‘मोइदम’ अहोम राजाओं और रानियों के दफन स्थल हैं। ‘मोइदम’ नाम ताई शब्द ‘फ्रांग-माई-डैम’ या ‘माई-टैम’ से लिया गया है – जिसका अर्थ है दफनाना और मृतक की आत्मा। ये मिस्र के पिरामिडों और मध्यकालीन युग के असम के कलाकारों और राजमिस्त्रियों की शानदार वास्तुकला और विशेषज्ञता के माध्यम से देखे गए आश्चर्य के तत्वों के समान हैं।

‘मोइदम’ गुंबददार कक्ष (चौ-चाली) होते हैं, जो प्रायः दो मंजिला होते हैं, जिनमें प्रवेश के लिए मेहराबदार मार्ग होता है तथा अर्धगोलाकार मिट्टी के टीलों के ऊपर ईंटों और मिट्टी की परतें बिछाई जाती हैं। यूनेस्को के अनुसार, टीले का आधार बहुकोणीय दीवार और पश्चिम की ओर एक धनुषाकार प्रवेशद्वार द्वारा सुदृढ़ किया गया है।

क्यों खास है मोइदम

ये टीले अपनी बनावट के लिए बेहद खास हैं और अहोम के विदेशी प्रभावों को दर्शाते हैं। ये पूरे ऊपरी असम में पाए जाते हैं, जहां अहोम की पहली राजधानी चरईदेव है। चराईदेव में अहोम राजवंश को पूरे ताई-अहोम संस्कारों से दफनाया गया है। इस जगह को काफी पवित्र माना जाता है।

भारत-अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संपत्तियों के समझौते पर हस्ताक्षर, जाने सबकुछ

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भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है। समझौते के तहत संस्कृति से जुड़ी संपत्तियों की अवैध तस्करी पर लगाम लगाई जाएगी। इसके अलावा पौराणिक वस्तुओं को उनके मूल स्थान पर लौटाने को लेकर भी समझौता हुआ है। संस्कृति मंत्रालय की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है।

बता दें कि दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र चल रहा है। इस सत्र के इतर भारत के केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह एक सामान्य समझौता है जिसके तहत, अमेरिका से भारत की पौराणिक वस्तुओं और ऐतिहासिक कलाकृतियों को स्वदेश लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका में भारत की 297 ऐतिहासिक वस्तुएं हैं , जिन्हें भारत में वापस लाया जाएगा। शेखावत ने कहा कि वर्ष 1976 से अब तक भारत द्वारा अमेरिका से 358 प्राचीन वस्तुओं को वापस लाया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह समझौता हमारी संस्कृति से जुड़ी पौराणिक वस्तुओं की अवैध तस्करी पर लगाम लगाने के लिए हुआ है। इसके अलावा ऐतिहासिक वस्तुओं को उनके मूल स्थान पर वापस लौटाना भी इस समझौते की प्रमुख बात है।

अमेरिकी दूतावास ने क्या कहा?

अमेरिकी दूतावास का कहना है कि भारत, अमेरिका के उन 29 साझेदारों में शामिल हो गया है, जो आपस में सांस्कृतिक संपत्तियों को साझा करते हैं। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि इस समझौते के तहत दो खास बातों का ध्यान रखा गया है। सबसे पहली बात यह कि यह भारतीयों को उनकी पौराणिक वस्तुएं लौटाई जाएंगीं। दूसरी बात यह कि इससे भारत दुनिया से भी जुड़ेगा।

अंतर्राष्ट्रीय और द्विपक्षीय प्रभाव

अमेरिका ने कई देशों के साथ इसी तरह के समझौते किए हैं, जिससे सांस्कृतिक संपत्ति संरक्षण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता बढ़ती है। यह समझौता अमेरिका से भारतीय कलाकृतियों को वापस लाने में सहयोग बढ़ाने और त्वरित कार्रवाई करने का संकेत देता है।

आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई प्रारूप जारी किया

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) प्रारूप जारी किया। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उचित समय पर उपयुक्त हस्तक्षेप किया जा सके। प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पीसीए प्रारूप के प्रावधान एक अप्रैल, 2025 से प्रभावी होंगे।

पीसीए प्रारूप जारी करने का मतलब है कि संबंधित वित्तीय इकाइयों पर आरबीआई उचित समय पर हस्तक्षेप कर सके। इस प्रारूप का मकसद है कि शहरी सहकारी बैंक समय पर सुधारात्मक कदम उठाएं और उन्हें लागू करें ताकि उनकी वित्तीय सेहत बहाल हो सके।

एसएएफ की जगह

रिजर्व बैंक ने कमजोर शहरी सहकारी बैंकों और वित्तीय दबाव से गुजर रहे यूसीबी में जरूरी सुधारों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप उपकरण के तौर पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) जारी किया था। एसएएफ को आखिरी बार जनवरी 2020 में संशोधित किया गया था। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यह पीसीए प्रारूप अब शहरी सहकारी बैंकों के लिए एसएएफ की जगह लेगा। संशोधित ढांचा किसी मामले में जोखिमों के आकलन के आधार पर उस इकाई के लिए विशिष्ट पर्यवेक्षी कार्य योजनाएं तय करने के लिए लचीलापन लाना चाहता है।

लाभप्रदता के बिंदुओं पर विशेष निगरानी

आरबीआई ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लागू समान ढांचे के साथ पीसीए ढांचे को सुसंगत बनाया गया है। इसमें आनुपातिक महत्व के अंतर्निहित सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए जरूरी संशोधन किए गए हैं। रिजर्व बैंक के मुताबिक, पीसीए ढांचा काफी हद तक सिद्धांत-आधारित है, जिसमें एसएएफ की तुलना में कम मानदंड होने के बावजूद पर्यवेक्षी कठोरता में कोई कमी नहीं है। संशोधित पीसीए ढांचे में पूंजी, परिसंपत्ति गुणवत्ता और लाभप्रदता के बिंदुओं पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। यह ढांचा छोटे यूसीबी (टियर 1 यूसीबी) को छोड़कर सभी शहरी सहकारी बैंकों पर लागू होगा। रिजर्व बैंक ने विनियामक उद्देश्यों के लिए शहरी सहकारी बैंकों को चार स्तरों में वर्गीकृत किया हुआ है।

राजभाषा गौरव सम्मान 2023-24 पुरस्कार समारोह

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नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (TOLIC) ने विशाखापत्तनम में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) को वर्ष 2023-24 के लिए ‘राजभाषा गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम की मेज़बानी NTPC ने की और इसकी अध्यक्षता TOLIC के अध्यक्ष और RINL के CMD अतुल भट्ट ने की।

पुरस्कार श्रेणियां और विजेता

श्रेणी I

  • प्रथम पुरस्कार: एचपीसीएल-विशाखा रिफाइनरी
  • द्वितीय पुरस्कार: एनटीपीसी सिम्हाद्री
  • तृतीय पुरस्कार: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण

श्रेणी II

  • प्रथम पुरस्कार: गेल
  • द्वितीय पुरस्कार: एचपीसीएल-विशाखा क्षेत्रीय कार्यालय
  • तृतीय पुरस्कार: सेल – शाखा परिवहन एवं शिपिंग कार्यालय
  • सांत्वना पुरस्कार: एफसीआई-क्षेत्रीय कार्यालय

श्रेणी III

  • प्रथम पुरस्कार: एमएसटीसी
  • द्वितीय पुरस्कार: एचपीसीएल एलपीजी
  • तृतीय पुरस्कार: ईसीजीसी (भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम)

मुख्य बातें

  • अतुल भट्ट ने विशाखापत्तनम में हिंदी के प्रगतिशील उपयोग और नगरीय राजभाषा अधिकारिता विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने 2022-23 के लिए क्षेत्रीय राजभाषा पुरस्कार जीतने के लिए स्थानीय सार्वजनिक उपक्रमों और नगरीय राजभाषा अधिकारिता विभाग को भी बधाई दी।
  • गृह मंत्रालय के उप निदेशक (कार्यान्वयन) अनिरबन कुमार विश्वास ने सदस्य संगठनों के प्रदर्शन की समीक्षा की और उनकी सराहना की तथा राजभाषा कार्यान्वयन के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों पर विस्तार से चर्चा की।
  • हिंदी शिक्षण योजना की सहायक निदेशक डॉ. रीता त्रिवेदी ने विशाखापत्तनम में हिंदी प्रशिक्षण सुविधाओं पर प्रकाश डाला और सदस्य कार्यालयों को उनका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।

अतिरिक्त गतिविधियाँ

  • ‘विशाखा धारा’ नराकास हिंदी पत्रिका के 8वें अंक का विमोचन अतुल भट्ट, संजय कुमार सिन्हा, अनिरबन कुमार विश्वास, डॉ. रीता त्रिवेदी, जी गांधी और डॉ. ललन कुमार द्वारा किया गया।
  • बैठक का संचालन डॉ. ललन कुमार, महाप्रबंधक (राजभाषा और आतिथ्य) आरआईएनएल और डॉ. टी हिमावती, सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) आरआईएनएल ने किया और श्रीमती वी सुगुना, वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) आरआईएनएल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

AU Small Finance Bank ने यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस मांगा

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एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के बोर्ड ने स्मॉल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) से यूनिवर्सल बैंक में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय 1 अगस्त, 2016 को जारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों और एसएफबी के स्वैच्छिक रूप से यूनिवर्सल बैंक में बदलाव पर 26 अप्रैल, 2024 को जारी परिपत्र के अनुरूप है। बोर्ड ने यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन की जांच के लिए एच.आर. खान की अध्यक्षता में कमिटी ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशकों की समिति) नियुक्त की।

आवेदन की समयसीमा और समिति का गठन

बैंक अगस्त के अंत तक RBI को अपना आवेदन प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है। समिति, जिसमें स्वतंत्र निदेशक पुष्पिंदर सिंह और एमएस श्रीराम, साथ ही प्रबंध निदेशक और सीईओ संजय अग्रवाल शामिल हैं, आवेदन प्रक्रिया का प्रबंधन करेंगे। फाइलिंग में सहायता के लिए सलाहकारों को नियुक्त किया गया है।

RBI के दिशा-निर्देश और मानदंड

RBI के अप्रैल 2024 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सार्वभौमिक बैंक बनने की इच्छा रखने वाले SFB को कई मानदंडों को पूरा करना होगा:

  • न्यूनतम ₹1,000 करोड़ की निवल संपत्ति
  • किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना
  • पिछले दो वित्तीय वर्षों में शुद्ध लाभ
  • सकल NPA अनुपात ≤3% और शुद्ध NPA अनुपात ≤1%

इन मानदंडों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वित्तीय रूप से मजबूत और परिचालनात्मक रूप से मजबूत बैंक ही इस परिवर्तन के लिए पात्र हों।

हाल ही में हुए घटनाक्रम और वित्तीय प्रदर्शन

जयपुर में मुख्यालय वाले एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने हाल ही में फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक का अधिग्रहण किया है, जिसका विलय 1 अप्रैल से प्रभावी होगा। संयुक्त इकाई का कुल व्यवसाय मिश्रण ₹1.8 लाख करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है। जून तिमाही के लिए, बैंक ने शुद्ध लाभ में 30% की वृद्धि के साथ ₹502 करोड़ और कुल आय में ₹4,315 करोड़ की वृद्धि दर्ज की। ब्याज आय बढ़कर ₹3,769 करोड़ हो गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹2,458 करोड़ थी। हालांकि, परिसंपत्ति गुणवत्ता के मुद्दों में मामूली वृद्धि हुई, जिसमें सकल एनपीए 1.78% और शुद्ध एनपीए 0.63% रहा।

रणनीतिक निहितार्थ और भविष्य का दृष्टिकोण

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने का निर्णय इसके परिचालन दायरे और सेवा पेशकशों को व्यापक बनाने की इसकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक का सफल अधिग्रहण और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन इस बदलाव के लिए बैंक की तत्परता को दर्शाता है। इस रणनीतिक कदम से भारत के बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और बड़े ग्राहक आधार को वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने की उम्मीद है। आगामी आवेदन प्रस्तुतीकरण और इसके परिणाम प्रतिस्पर्धी बैंकिंग परिदृश्य में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के भविष्य के प्रक्षेपवक्र को आकार देने में महत्वपूर्ण होंगे।

भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का अधिग्रहण करेगी Mankind Pharma

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मैनकाइंड फार्मा जल्द ही वैक्सीन बनाने वाली एक कंपनी का अधिग्रहण कर सकती है। मैनकाइंड फार्मा एडवेंट इंटरनेशनल से भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का पूर्ण अधिग्रहण करेगी। इसके लिए 13, 630 करोड़ रुपये में डील फाइनल हुई है। कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया कि मैनकाइंड फार्मा 13,630 करोड़ रुपये में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का अधिग्रहण करेगी।

कंपनी ने लगभग 13,630 करोड़ रुपये में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स (बीएसवी) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के समझौते को अंतिम रूप दिया है। यह रणनीतिक कदम दवा निर्माता के लिए अहम माना जा रहा है। इससे उसे भारतीय महिला स्वास्थ्य और प्रजनन दवा बाजार में अग्रणी बनकर उभरने में मदद मिलेगी।

मैनकाइंड फार्मा के बारे में

मैनकाइंड फार्मा भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक है, जो पूरे भारत में अपनी मौजूदगी के साथ घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करती है। मैनकाइंड भारतीय दवा निर्माण और उपभोक्ता स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों के बीच काम करती है, जिसका उद्देश्य किफायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराना है।

फार्मास्यूटिकल्स कंपनी की घोषणा

26 जुलाई को ट्रेडिंग सेशन के दौरान मैनकाइंड फार्मा के शेयर फोकस में रहेंगे, क्योंकि फार्मास्यूटिकल्स कंपनी ने अपने हाई एंट्री बैरियर पोर्टफोलियो का विस्तार करने और महिलाओं के स्वास्थ्य में नेतृत्व हासिल करने के लिए एडवेंट इंटरनेशनल से भारत सीरम एंड वैक्सीन (बीएसवी) का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि यह रणनीतिक कदम मैनकाइंड फार्मा को भारतीय महिला स्वास्थ्य और प्रजनन दवा बाजार में एक दिग्गज के रूप में स्थापित करने में मददगार होगा।

 

नीता अंबानी सर्वसम्मति से IOCM के रूप में फिर से चुनी गईं: पेरिस ओलंपिक, 2024

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पेरिस 2024 ओलंपिक खेल: इस सप्ताहांत शुरू होने वाले 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के साथ, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने 24 जुलाई को घोषणा की कि नीता अंबानी को 142वें सत्र में भारत की ओर से IOC के रूप में सर्वसम्मति से फिर से चुना गया है। नीता रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक हैं और उन्होंने 100 प्रतिशत वोट के साथ सर्वसम्मति से जीत हासिल की।

रिलायंस फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष

रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष के रूप में, नीता अंबानी लाखों भारतीयों को संसाधनों और अवसरों के साथ सशक्त बनाना चाहती हैं। वह खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में विभिन्न पहलों को आगे बढ़ाती हैं – जिनका उद्देश्य देश भर में लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। रिलायंस फाउंडेशन जमीनी स्तर से लेकर अभिजात वर्ग तक अपने कार्यक्रमों के साथ भारत के खेल विकास को आगे बढ़ाने में सबसे आगे है, जो अपनी स्थापना के बाद से भारत में 22.9 मिलियन से अधिक बच्चों और युवाओं तक पहुँच रहा है।

IOC में शामिल होने वाली भारत की पहली महिला

नीता अंबानी को पहली बार 2016 में रियो डी जेनेरियो ओलंपिक खेलों में इस प्रतिष्ठित संस्था में शामिल होने के लिए नियुक्त किया गया था। तब से, आईओसी में शामिल होने वाली भारत की पहली महिला के रूप में, नीता अंबानी ने पहले ही एसोसिएशन के लिए बहुत प्रगति की है, साथ ही भारत की खेल महत्वाकांक्षाओं और ओलंपिक विजन की भी वकालत की है। इसमें हाल ही में अक्टूबर 2023 में मुंबई में 40 से अधिक वर्षों के बाद पहला आईओसी सत्र आयोजित करना शामिल है, जिसे दुनिया के सामने नए, महत्वाकांक्षी भारत को प्रदर्शित करने के रूप में सराहा गया।

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