भारत ने एशियाई आपदा तैयारी केंद्र की अध्यक्षता संभाली

about | - Part 577_3.1

भारत ने वैश्विक और एशियाई स्तर पर नई उपलब्धि हासिल की है। भारत को 2024 के लिए एशिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में आपदा जोखिम को कम करने, सहयोग करने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय संगठन एशियाई आपदा तैयारी केंद्र का अध्यक्ष बनाया गया है।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य और एचओडी राजेंद्र सिंह ने अध्यक्ष का पदभार संभाला। अब तक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना इस संगठन की कमान संभाल रहा था।

नेतृत्व की भूमिका और पहल

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आपदा जोखिम न्यूनीकरण में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है, विशेष रूप से आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) की स्थापना के माध्यम से। ADPC में देश का नेतृत्व DRR को आगे बढ़ाने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जलवायु लचीलापन बनाने के लिए इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आपदा के लिए बुनियादी ढांचा तैयार

गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आपदा जोखिम को कम करने के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर नेतृत्व किया है। भारत ने इस दिशा में कई पहल कीं।

खासकर आपदा से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय गठबंधन करते हुए आपदा के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया है। बता दें कि ADPC में बांग्लादेश, कंबोडिया, चाइना, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका और थाईलैंड सदस्य देश हैं। भारत ने 25 जुलाई को बैंकॉक में एडीपीसी पांचवी बोर्ड बैठक की अध्यक्षता भी की।

 

Unesco की विश्व धरोहर सूची में शामिल असम का मोइदम

about | - Part 577_5.1

असम के चराइदेव जिले में स्थित अहोम युग के ‘मोइदम’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है। पूर्वोत्तर से पहली बार किसी धरोहर ने इस सूची में जगह बनाई है। यह निर्णय नई दिल्ली में यूनेस्को की 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के दौरान लिया गया। वर्ष 2023-24 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में 4 जुलाई को शामिल करने के लिए भारत की ओर से ‘मोइडम्स’ को नामांकन के रूप में प्रस्तुत किया गया।

बता दें कि अहोम मोइदम पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। यानी ये असम के शाही परिवारों का कब्रिस्तान है। इसे शामिल करने की सिफारिश अंतरराष्ट्रीय सलाहकार संस्था आईसीओएमओएस ने की थी।

जानें ‘मोइदम’ के बारे में

असम के चराईदेव में स्थित ‘मोइदम’ अहोम राजाओं और रानियों के दफन स्थल हैं। ‘मोइदम’ नाम ताई शब्द ‘फ्रांग-माई-डैम’ या ‘माई-टैम’ से लिया गया है – जिसका अर्थ है दफनाना और मृतक की आत्मा। ये मिस्र के पिरामिडों और मध्यकालीन युग के असम के कलाकारों और राजमिस्त्रियों की शानदार वास्तुकला और विशेषज्ञता के माध्यम से देखे गए आश्चर्य के तत्वों के समान हैं।

‘मोइदम’ गुंबददार कक्ष (चौ-चाली) होते हैं, जो प्रायः दो मंजिला होते हैं, जिनमें प्रवेश के लिए मेहराबदार मार्ग होता है तथा अर्धगोलाकार मिट्टी के टीलों के ऊपर ईंटों और मिट्टी की परतें बिछाई जाती हैं। यूनेस्को के अनुसार, टीले का आधार बहुकोणीय दीवार और पश्चिम की ओर एक धनुषाकार प्रवेशद्वार द्वारा सुदृढ़ किया गया है।

क्यों खास है मोइदम

ये टीले अपनी बनावट के लिए बेहद खास हैं और अहोम के विदेशी प्रभावों को दर्शाते हैं। ये पूरे ऊपरी असम में पाए जाते हैं, जहां अहोम की पहली राजधानी चरईदेव है। चराईदेव में अहोम राजवंश को पूरे ताई-अहोम संस्कारों से दफनाया गया है। इस जगह को काफी पवित्र माना जाता है।

भारत-अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संपत्तियों के समझौते पर हस्ताक्षर, जाने सबकुछ

about | - Part 577_7.1

भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है। समझौते के तहत संस्कृति से जुड़ी संपत्तियों की अवैध तस्करी पर लगाम लगाई जाएगी। इसके अलावा पौराणिक वस्तुओं को उनके मूल स्थान पर लौटाने को लेकर भी समझौता हुआ है। संस्कृति मंत्रालय की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है।

बता दें कि दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र चल रहा है। इस सत्र के इतर भारत के केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह एक सामान्य समझौता है जिसके तहत, अमेरिका से भारत की पौराणिक वस्तुओं और ऐतिहासिक कलाकृतियों को स्वदेश लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका में भारत की 297 ऐतिहासिक वस्तुएं हैं , जिन्हें भारत में वापस लाया जाएगा। शेखावत ने कहा कि वर्ष 1976 से अब तक भारत द्वारा अमेरिका से 358 प्राचीन वस्तुओं को वापस लाया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह समझौता हमारी संस्कृति से जुड़ी पौराणिक वस्तुओं की अवैध तस्करी पर लगाम लगाने के लिए हुआ है। इसके अलावा ऐतिहासिक वस्तुओं को उनके मूल स्थान पर वापस लौटाना भी इस समझौते की प्रमुख बात है।

अमेरिकी दूतावास ने क्या कहा?

अमेरिकी दूतावास का कहना है कि भारत, अमेरिका के उन 29 साझेदारों में शामिल हो गया है, जो आपस में सांस्कृतिक संपत्तियों को साझा करते हैं। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि इस समझौते के तहत दो खास बातों का ध्यान रखा गया है। सबसे पहली बात यह कि यह भारतीयों को उनकी पौराणिक वस्तुएं लौटाई जाएंगीं। दूसरी बात यह कि इससे भारत दुनिया से भी जुड़ेगा।

अंतर्राष्ट्रीय और द्विपक्षीय प्रभाव

अमेरिका ने कई देशों के साथ इसी तरह के समझौते किए हैं, जिससे सांस्कृतिक संपत्ति संरक्षण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता बढ़ती है। यह समझौता अमेरिका से भारतीय कलाकृतियों को वापस लाने में सहयोग बढ़ाने और त्वरित कार्रवाई करने का संकेत देता है।

आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई प्रारूप जारी किया

about | - Part 577_9.1

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) प्रारूप जारी किया। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उचित समय पर उपयुक्त हस्तक्षेप किया जा सके। प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पीसीए प्रारूप के प्रावधान एक अप्रैल, 2025 से प्रभावी होंगे।

पीसीए प्रारूप जारी करने का मतलब है कि संबंधित वित्तीय इकाइयों पर आरबीआई उचित समय पर हस्तक्षेप कर सके। इस प्रारूप का मकसद है कि शहरी सहकारी बैंक समय पर सुधारात्मक कदम उठाएं और उन्हें लागू करें ताकि उनकी वित्तीय सेहत बहाल हो सके।

एसएएफ की जगह

रिजर्व बैंक ने कमजोर शहरी सहकारी बैंकों और वित्तीय दबाव से गुजर रहे यूसीबी में जरूरी सुधारों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप उपकरण के तौर पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) जारी किया था। एसएएफ को आखिरी बार जनवरी 2020 में संशोधित किया गया था। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यह पीसीए प्रारूप अब शहरी सहकारी बैंकों के लिए एसएएफ की जगह लेगा। संशोधित ढांचा किसी मामले में जोखिमों के आकलन के आधार पर उस इकाई के लिए विशिष्ट पर्यवेक्षी कार्य योजनाएं तय करने के लिए लचीलापन लाना चाहता है।

लाभप्रदता के बिंदुओं पर विशेष निगरानी

आरबीआई ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लागू समान ढांचे के साथ पीसीए ढांचे को सुसंगत बनाया गया है। इसमें आनुपातिक महत्व के अंतर्निहित सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए जरूरी संशोधन किए गए हैं। रिजर्व बैंक के मुताबिक, पीसीए ढांचा काफी हद तक सिद्धांत-आधारित है, जिसमें एसएएफ की तुलना में कम मानदंड होने के बावजूद पर्यवेक्षी कठोरता में कोई कमी नहीं है। संशोधित पीसीए ढांचे में पूंजी, परिसंपत्ति गुणवत्ता और लाभप्रदता के बिंदुओं पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। यह ढांचा छोटे यूसीबी (टियर 1 यूसीबी) को छोड़कर सभी शहरी सहकारी बैंकों पर लागू होगा। रिजर्व बैंक ने विनियामक उद्देश्यों के लिए शहरी सहकारी बैंकों को चार स्तरों में वर्गीकृत किया हुआ है।

राजभाषा गौरव सम्मान 2023-24 पुरस्कार समारोह

about | - Part 577_11.1

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (TOLIC) ने विशाखापत्तनम में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) को वर्ष 2023-24 के लिए ‘राजभाषा गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम की मेज़बानी NTPC ने की और इसकी अध्यक्षता TOLIC के अध्यक्ष और RINL के CMD अतुल भट्ट ने की।

पुरस्कार श्रेणियां और विजेता

श्रेणी I

  • प्रथम पुरस्कार: एचपीसीएल-विशाखा रिफाइनरी
  • द्वितीय पुरस्कार: एनटीपीसी सिम्हाद्री
  • तृतीय पुरस्कार: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण

श्रेणी II

  • प्रथम पुरस्कार: गेल
  • द्वितीय पुरस्कार: एचपीसीएल-विशाखा क्षेत्रीय कार्यालय
  • तृतीय पुरस्कार: सेल – शाखा परिवहन एवं शिपिंग कार्यालय
  • सांत्वना पुरस्कार: एफसीआई-क्षेत्रीय कार्यालय

श्रेणी III

  • प्रथम पुरस्कार: एमएसटीसी
  • द्वितीय पुरस्कार: एचपीसीएल एलपीजी
  • तृतीय पुरस्कार: ईसीजीसी (भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम)

मुख्य बातें

  • अतुल भट्ट ने विशाखापत्तनम में हिंदी के प्रगतिशील उपयोग और नगरीय राजभाषा अधिकारिता विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने 2022-23 के लिए क्षेत्रीय राजभाषा पुरस्कार जीतने के लिए स्थानीय सार्वजनिक उपक्रमों और नगरीय राजभाषा अधिकारिता विभाग को भी बधाई दी।
  • गृह मंत्रालय के उप निदेशक (कार्यान्वयन) अनिरबन कुमार विश्वास ने सदस्य संगठनों के प्रदर्शन की समीक्षा की और उनकी सराहना की तथा राजभाषा कार्यान्वयन के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों पर विस्तार से चर्चा की।
  • हिंदी शिक्षण योजना की सहायक निदेशक डॉ. रीता त्रिवेदी ने विशाखापत्तनम में हिंदी प्रशिक्षण सुविधाओं पर प्रकाश डाला और सदस्य कार्यालयों को उनका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।

अतिरिक्त गतिविधियाँ

  • ‘विशाखा धारा’ नराकास हिंदी पत्रिका के 8वें अंक का विमोचन अतुल भट्ट, संजय कुमार सिन्हा, अनिरबन कुमार विश्वास, डॉ. रीता त्रिवेदी, जी गांधी और डॉ. ललन कुमार द्वारा किया गया।
  • बैठक का संचालन डॉ. ललन कुमार, महाप्रबंधक (राजभाषा और आतिथ्य) आरआईएनएल और डॉ. टी हिमावती, सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) आरआईएनएल ने किया और श्रीमती वी सुगुना, वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) आरआईएनएल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

AU Small Finance Bank ने यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस मांगा

about | - Part 577_13.1

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के बोर्ड ने स्मॉल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) से यूनिवर्सल बैंक में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय 1 अगस्त, 2016 को जारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों और एसएफबी के स्वैच्छिक रूप से यूनिवर्सल बैंक में बदलाव पर 26 अप्रैल, 2024 को जारी परिपत्र के अनुरूप है। बोर्ड ने यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन की जांच के लिए एच.आर. खान की अध्यक्षता में कमिटी ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशकों की समिति) नियुक्त की।

आवेदन की समयसीमा और समिति का गठन

बैंक अगस्त के अंत तक RBI को अपना आवेदन प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है। समिति, जिसमें स्वतंत्र निदेशक पुष्पिंदर सिंह और एमएस श्रीराम, साथ ही प्रबंध निदेशक और सीईओ संजय अग्रवाल शामिल हैं, आवेदन प्रक्रिया का प्रबंधन करेंगे। फाइलिंग में सहायता के लिए सलाहकारों को नियुक्त किया गया है।

RBI के दिशा-निर्देश और मानदंड

RBI के अप्रैल 2024 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सार्वभौमिक बैंक बनने की इच्छा रखने वाले SFB को कई मानदंडों को पूरा करना होगा:

  • न्यूनतम ₹1,000 करोड़ की निवल संपत्ति
  • किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना
  • पिछले दो वित्तीय वर्षों में शुद्ध लाभ
  • सकल NPA अनुपात ≤3% और शुद्ध NPA अनुपात ≤1%

इन मानदंडों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वित्तीय रूप से मजबूत और परिचालनात्मक रूप से मजबूत बैंक ही इस परिवर्तन के लिए पात्र हों।

हाल ही में हुए घटनाक्रम और वित्तीय प्रदर्शन

जयपुर में मुख्यालय वाले एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने हाल ही में फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक का अधिग्रहण किया है, जिसका विलय 1 अप्रैल से प्रभावी होगा। संयुक्त इकाई का कुल व्यवसाय मिश्रण ₹1.8 लाख करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है। जून तिमाही के लिए, बैंक ने शुद्ध लाभ में 30% की वृद्धि के साथ ₹502 करोड़ और कुल आय में ₹4,315 करोड़ की वृद्धि दर्ज की। ब्याज आय बढ़कर ₹3,769 करोड़ हो गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹2,458 करोड़ थी। हालांकि, परिसंपत्ति गुणवत्ता के मुद्दों में मामूली वृद्धि हुई, जिसमें सकल एनपीए 1.78% और शुद्ध एनपीए 0.63% रहा।

रणनीतिक निहितार्थ और भविष्य का दृष्टिकोण

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने का निर्णय इसके परिचालन दायरे और सेवा पेशकशों को व्यापक बनाने की इसकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक का सफल अधिग्रहण और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन इस बदलाव के लिए बैंक की तत्परता को दर्शाता है। इस रणनीतिक कदम से भारत के बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और बड़े ग्राहक आधार को वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने की उम्मीद है। आगामी आवेदन प्रस्तुतीकरण और इसके परिणाम प्रतिस्पर्धी बैंकिंग परिदृश्य में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के भविष्य के प्रक्षेपवक्र को आकार देने में महत्वपूर्ण होंगे।

भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का अधिग्रहण करेगी Mankind Pharma

about | - Part 577_15.1

मैनकाइंड फार्मा जल्द ही वैक्सीन बनाने वाली एक कंपनी का अधिग्रहण कर सकती है। मैनकाइंड फार्मा एडवेंट इंटरनेशनल से भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का पूर्ण अधिग्रहण करेगी। इसके लिए 13, 630 करोड़ रुपये में डील फाइनल हुई है। कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया कि मैनकाइंड फार्मा 13,630 करोड़ रुपये में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का अधिग्रहण करेगी।

कंपनी ने लगभग 13,630 करोड़ रुपये में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स (बीएसवी) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के समझौते को अंतिम रूप दिया है। यह रणनीतिक कदम दवा निर्माता के लिए अहम माना जा रहा है। इससे उसे भारतीय महिला स्वास्थ्य और प्रजनन दवा बाजार में अग्रणी बनकर उभरने में मदद मिलेगी।

मैनकाइंड फार्मा के बारे में

मैनकाइंड फार्मा भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक है, जो पूरे भारत में अपनी मौजूदगी के साथ घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करती है। मैनकाइंड भारतीय दवा निर्माण और उपभोक्ता स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों के बीच काम करती है, जिसका उद्देश्य किफायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराना है।

फार्मास्यूटिकल्स कंपनी की घोषणा

26 जुलाई को ट्रेडिंग सेशन के दौरान मैनकाइंड फार्मा के शेयर फोकस में रहेंगे, क्योंकि फार्मास्यूटिकल्स कंपनी ने अपने हाई एंट्री बैरियर पोर्टफोलियो का विस्तार करने और महिलाओं के स्वास्थ्य में नेतृत्व हासिल करने के लिए एडवेंट इंटरनेशनल से भारत सीरम एंड वैक्सीन (बीएसवी) का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि यह रणनीतिक कदम मैनकाइंड फार्मा को भारतीय महिला स्वास्थ्य और प्रजनन दवा बाजार में एक दिग्गज के रूप में स्थापित करने में मददगार होगा।

 

नीता अंबानी सर्वसम्मति से IOCM के रूप में फिर से चुनी गईं: पेरिस ओलंपिक, 2024

about | - Part 577_17.1

पेरिस 2024 ओलंपिक खेल: इस सप्ताहांत शुरू होने वाले 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के साथ, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने 24 जुलाई को घोषणा की कि नीता अंबानी को 142वें सत्र में भारत की ओर से IOC के रूप में सर्वसम्मति से फिर से चुना गया है। नीता रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक हैं और उन्होंने 100 प्रतिशत वोट के साथ सर्वसम्मति से जीत हासिल की।

रिलायंस फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष

रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष के रूप में, नीता अंबानी लाखों भारतीयों को संसाधनों और अवसरों के साथ सशक्त बनाना चाहती हैं। वह खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में विभिन्न पहलों को आगे बढ़ाती हैं – जिनका उद्देश्य देश भर में लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। रिलायंस फाउंडेशन जमीनी स्तर से लेकर अभिजात वर्ग तक अपने कार्यक्रमों के साथ भारत के खेल विकास को आगे बढ़ाने में सबसे आगे है, जो अपनी स्थापना के बाद से भारत में 22.9 मिलियन से अधिक बच्चों और युवाओं तक पहुँच रहा है।

IOC में शामिल होने वाली भारत की पहली महिला

नीता अंबानी को पहली बार 2016 में रियो डी जेनेरियो ओलंपिक खेलों में इस प्रतिष्ठित संस्था में शामिल होने के लिए नियुक्त किया गया था। तब से, आईओसी में शामिल होने वाली भारत की पहली महिला के रूप में, नीता अंबानी ने पहले ही एसोसिएशन के लिए बहुत प्रगति की है, साथ ही भारत की खेल महत्वाकांक्षाओं और ओलंपिक विजन की भी वकालत की है। इसमें हाल ही में अक्टूबर 2023 में मुंबई में 40 से अधिक वर्षों के बाद पहला आईओसी सत्र आयोजित करना शामिल है, जिसे दुनिया के सामने नए, महत्वाकांक्षी भारत को प्रदर्शित करने के रूप में सराहा गया।

about | - Part 577_18.1

इंडोनेशिया के पूर्व उपराष्ट्रपति हमजा हाज का 84 साल की उम्र में निधन

about | - Part 577_20.1
2001 से 2004 तक इंडोनेशिया के उपराष्ट्रपति रहे हमजा हज़ का निधन हो गया है। वह 84 वर्ष के थे। राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री के अधीन काम करने वाले हमजा का 24 जुलाई को जकार्ता के एक अस्पताल में निधन हो गया, यह जानकारी डेवलपमेंट प्लानिंग पार्टी (पीपीपी) के एक राजनेता ने स्थानीय स्तर पर दिए गए एक साक्षात्कार में दी।

हमजा हज़ के बारे में

उन्होंने पिछले प्रशासनों के तहत निवेश मंत्री के साथ-साथ लोगों के कल्याण के समन्वय मंत्री के रूप में भी काम किया। वह 2004 के राष्ट्रपति चुनावों में दावेदारों में से एक थे। हमजाह हज इंडोनेशिया की प्रमुख इस्लामी राजनीतिक पार्टियों में से एक पीपीपी में एक प्रमुख व्यक्ति थे, उनके नेतृत्व ने वर्षों से पार्टी की नीतियों और दिशा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राजनेता बनने से पहले

अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से पहले, हमजा हज़ एक शिक्षक और पत्रकार थे। उपराष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने कई अन्य उच्च-स्तरीय भूमिकाएँ निभाईं, जिनमें राष्ट्रपति बीजे हबीबी के अधीन निवेश मंत्री और राष्ट्रपति अब्दुर्रहमान वाहिद के अधीन इंडोनेशियाई प्रतिनिधि सभा के उपाध्यक्ष शामिल हैं।

about | - Part 577_18.1

अश्विनी वैष्णव ने आइजोल में भारत के 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन का उद्घाटन किया

about | - Part 577_23.1

भारत के सामुदायिक रेडियो परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मिजोरम के आइजोल में भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में देश के 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन, अपना रेडियो 90.0 FM का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम एक्ट ईस्ट नीति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और स्थानीय संचार और सूचना प्रसार को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण विकास को दर्शाता है।

इवेंट हाइलाइट्स

उद्घाटन और उपस्थित लोग

उद्घाटन समारोह में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन और मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा भी की गई।

अपना रेडियो 90.0 एफएम का महत्व

मंत्री वैष्णव ने इस बात पर जोर दिया कि अपना रेडियो अपने कवरेज क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा। इस नए स्टेशन से मौसम, सरकारी योजनाओं और कृषि संबंधी जानकारी पर महत्वपूर्ण अपडेट प्रदान करके मिजोरम के मुख्य रूप से कृषि समुदाय को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है।

सरकारी सहायता और बजट आवंटन

वैष्णव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2024 के बजट में पूर्वोत्तर के रेलवे बुनियादी ढांचे के लिए रिकॉर्ड आवंटन शामिल है, जिसका उद्देश्य मिजोरम में कनेक्टिविटी में सुधार करना है।

सामुदायिक रेडियो की भूमिका

राज्य मंत्री मुरुगन ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की गैर-वाणिज्यिक, सामाजिक रूप से लाभकारी प्रकृति, विशेष रूप से प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। इन स्टेशनों का उद्देश्य अंतिम छोर तक संचार की ज़रूरतों को पूरा करना और वंचित आबादी को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है।

प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा कि नया स्टेशन संचार को आगे बढ़ाने और राज्य के कृषि क्षेत्र को सहायता प्रदान करने में सहायक होगा। आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर ने सामुदायिक संवाद को बढ़ावा देने, स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करने और नागरिकों को सशक्त बनाने में स्टेशन की भूमिका पर प्रकाश डाला।

10वां राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार

विषयगत पुरस्कार

    • प्रथम पुरस्कार: रेडियो मयूर, बिहार को “टेक सखी” के लिए
    • द्वितीय पुरस्कार: रेडियो कोच्चि, केरल को “निरांगल” के लिए
    • तृतीय पुरस्कार: हेलो दून, उत्तराखंड को “मेरी बात” के लिए

मोस्ट इनोवेटिव कम्युनिटी एंगेजमेंट अवार्ड

    • प्रथम पुरस्कार: येरलवानी सांगली, महाराष्ट्र “कहानी सुनंदाची” के लिए
    • द्वितीय पुरस्कार: वायलागा वनोली, तमिलनाडु “लेट्स बिल्ड ए न्यू नॉर्म” के लिए
    • तृतीय पुरस्कार: सलाम नमस्ते नोएडा, उत्तर प्रदेश “मेड दीदी” के लिए

स्थानीय संस्कृति पुरस्कार को बढ़ावा देना

    • प्रथम पुरस्कार: रेडियो ब्रह्मपुत्र, असम “इगारेकुन” के लिए
    • दूसरा पुरस्कार: रेडियो कोटागिरी, तमिलनाडु “एन मक्कलुडन ओरु पायनम” के लिए
    • तीसरा पुरस्कार: रेडियो एक्टिव, बिहार “अंग प्रदेश की अदबुत धरोहर” के लिए

स्थिरता मॉडल पुरस्कार

    • प्रथम पुरस्कार: रेडियो बेंजिगर, केरल
    • द्वितीय पुरस्कार: रेडियो नमस्कार, ओडिशा
    • तृतीय पुरस्कार: रेडियो अंतरवाणी, कर्नाटक

पुरस्कार विवरण

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के बीच नवाचार और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए 2011-12 में राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों की स्थापना की। प्रत्येक श्रेणी में प्रथम स्थान के लिए 1 लाख रुपये, दूसरे स्थान के लिए 75,000 रुपये और तीसरे स्थान के लिए 50,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाता है।

about | - Part 577_18.1

Recent Posts

about | - Part 577_25.1