देश का निर्यात अगस्त में 9.3 प्रतिशत घटा, व्यापार घाटा 10 महीनों के उच्च स्तर पर

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण अगस्त में देश के निर्यात में 13 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान निर्यात 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा जबकि व्यापार घाटा बढ़कर 10 महीनों के उच्चतम स्तर 29.65 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सोने और चांदी के आयात में उल्लेखनीय उछाल आने से देश का आयात 3.3 प्रतिशत बढ़कर 64.36 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया।

मुख्य बिंदु

  • पिछले महीने सोने का आयात दोगुने से अधिक बढ़कर 10.06 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 4.93 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन महीने में चांदी का आयात बढ़कर 72.7 करोड़ डॉलर हो गया, जो अगस्त 2023 में 15.9 करोड़ डॉलर था।
  • हालांकि पेट्रोलियम कीमतें गिरने से कच्चे तेल का आयात अगस्त में 32.38 प्रतिशत घटकर 11 अरब डॉलर रह गया। कीमतों में गिरावट का असर देश के वस्तु निर्यात पर भी पड़ा है।
  • आयात और निर्यात के बीच का अंतर यानी देश का व्यापार घाटा अक्टूबर, 2023 में 30.43 अरब डॉलर रहा था। वहीं इस साल जुलाई में देश के वस्तु निर्यात में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
  • चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में देश का निर्यात 1.14 प्रतिशत बढ़कर 178.68 अरब डॉलर हो गया जबकि इस दौरान आयात सात प्रतिशत बढ़कर 295.32 अरब डॉलर रहा।
  • इस तरह अप्रैल-अगस्त 2024 की अवधि में देश का व्यापार घाटा 116.64 अरब डॉलर था, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 99.16 अरब डॉलर था।

वाणिज्य सचिव ने क्या कहा?

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इन आंकड़ों पर संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा वैश्विक स्थिति में निर्यात एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि चीन में सुस्ती और यूरोपीय संघ एवं अमेरिका में मंदी की स्थिति निर्यात को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा तेल की कीमतों में गिरावट और लाल सागर संकट के कारण परिवहन लागत में वृद्धि से भी निर्यात पर असर पड़ रहा है।

हालांकि वाणिज्य सचिव ने कहा कि इन समस्याओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में भारत के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय निर्यात बढ़ाने के लिए अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में नए बाजारों की खोज पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके अलावा निर्यात बढ़ाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोत परिवहन और परिवहन जैसे 12 चैंपियन सेवा क्षेत्रों की भी पहचान की गई है।

 

हरियाणा ने जीडीपी में पंजाब को पीछे छोड़ा

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी- पीएम) के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हरियाणा का हिस्सा अब पंजाब से अधिक हो गया है और इसकी प्रति व्यक्ति आय 2023-24 में पंजाब के 106.7 प्रतिशत की तुलना में 176.8 प्रतिशत हो गई है।

बता दें कि पिछले कई दशकों में जीडीपी में बंगाल की हिस्सेदारी लगातार घट रही है। देश के पूर्वी हिस्से का विकास जहां चिंता का विषय बना हुआ है वहीं बंगाल को छोड़ अन्य समुद्र तटीय राज्यों ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां तक बिहार की बात है तो पिछले दो दशकों में उसकी स्थिति स्थिर रही है और वह अन्य राज्यों से काफी पीछे है।

पंजाब की जीडीपी में हिस्सेदारी

पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुसार पंजाब और हरियाणा कभी एक ही राज्य का हिस्सा थे। पंजाब की जीडीपी में हिस्सेदारी 1960 के दशक में मुख्य रूप से हरित क्रांति के चलते बढ़ी, लेकिन फिर 1990-91 तक लगभग 4.3 प्रतिशत पर स्थिर हो गई और फिर इसमें गिरावट शुरू हुई। अंततः 2023-24 में 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसके विपरीत, हरियाणा का हिस्सा लगातार बढ़ता गया है और यह 2010-11 से अपेक्षाकृत स्थिर बना हुआ है। 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा की हिस्सेदारी 3.6 प्रतिशत थी। इस बात की संभावना व्यक्त की गई है कि गुरुग्राम की सफलता हरियाणा की बढ़ती हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा हो।

बंगाल राष्ट्रीय जीडीपी में

1960-61 में बंगाल राष्ट्रीय जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ तीसरा सबसे बड़ा बोगदानकर्ता था वर्ष 2023-24 में उसकी हिस्सेदारी घटकर केवल 5.6 प्रतिशत रह गई है। इस पूरी अवधि में जीडीपी में बंगाल की हिस्सेदारी लगातार गिरी है। इतना ही नहीं बंगाल की प्रति व्यक्ति आय 1960- 61 में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 127.5 प्रतिशत थी, लेकिन 2023- 24 में प्रति व्यक्ति आय घटकर राष्ट्रीय औसत का 83.7 प्रतिशत यह गई। यह राजस्थान और ओडिशा जैसे पारंपरिक रूप से पिछले राज्यों से भी कम है।

यूपी और त्रिपुरा के सीएम ने किया सिद्धेश्वरी मंदिर का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने संयुक्त रूप से 16 सितंबर, 2024 को त्रिपुरा के बरकथाल में नवनिर्मित सिद्धेश्वरी मंदिर का उद्घाटन किया। योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी त्रिपुरा के मोहनपुर के बरकथाल स्थित चित्त धाम में वेद विद्यालय की आधारशिला भी रखी।

मुख्यमंत्रियों की टिप्पणियाँ

योगी आदित्यनाथ का संबोधन

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश जैसी डबल इंजन वाली सरकारें यह सुनिश्चित करती हैं कि विकास कार्य जमीनी स्तर तक पहुँचें, जिससे विकसित और आत्मनिर्भर भारत में योगदान मिले। उन्होंने विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने में त्रिपुरा सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की और इस बात पर ज़ोर दिया कि लोगों का सहयोग बहुत ज़रूरी है। उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान करने में सनातन धर्म की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश की प्रगति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रही है।

डॉ. माणिक साहा का संबोधन

उन्होंने पिछले 35 वर्षों में त्रिपुरा में नास्तिकता के माहौल से हटकर वर्तमान सरकार के तहत धर्म पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने पर टिप्पणी की। उन्होंने उम्मीद जताई कि सिद्धेश्वरी मंदिर, त्रिपुरेश्वरी मंदिर और चौदह देवता मंदिर जैसे मौजूदा स्थलों के साथ-साथ एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन जाएगा। उन्होंने चित्त रंजन महाराज के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने 25 मंदिरों के निर्माण और आध्यात्मिक विषयों में लगभग एक हजार पांच छात्रों की शिक्षा की देखरेख की है।

उल्लेखनीय उपस्थितगण

उद्घाटन समारोह में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:

  • सचिंद्र नाथ सिन्हा, विश्व हिंदू परिषद (VHP)
  • बिप्लब कुमार देब, पूर्व मुख्यमंत्री और TIPRA मोथा के संस्थापक
  • प्रोद्युत माणिक्य किशोर देब बर्मा, MDC
  • राजीब भट्टाचार्य, त्रिपुरा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
  • प्रणजीत सिंह रॉय, वित्त, योजना और समन्वय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
  • सुशांत चौधरी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, परिवहन और पर्यटन मंत्री
  • सुधांशु दास, एससी कल्याण, एआरडी, मत्स्य पालन मंत्री
  • पद्म श्री पुरस्कार विजेता चित्त रंजन देबबर्मा

वरिष्ठ IPS अधिकारी अमृत मोहन SSC प्रमुख नियुक्त

सरकारी सूत्रों के अनुसार, ओडिशा कैडर के वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी, अमृत मोहन को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का महानिदेशक नियुक्त किया गया।

अमृत मोहन कौन हैं?

  • अमृत मोहन ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
  • वर्तमान में, केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के विशेष महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं.
  • मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने श्री प्रसाद की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है एसएसबी के महानिदेशक के पद पर, उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2025 को उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि तक रहेगा.

इससे पहले, आईपीएस अधिकारी दलित सिंह चौधरी एसएसबी के महानिदेशक थे.

SSB के बारे में एसएसबी

  • एसएसबी अधिकारी या सशस्त्र सीमा बल अधिकारी नेपाल और भूटान के साथ भारत की सीमाओं की रखवाली के लिए जिम्मेदार है। 
  • मूल रूप से 1963 में स्थापित, सशस्त्र सीमा बल मुख्य रूप से देश और उसके क्षेत्रों की सीमाओं के भीतर सीमा पार अपराध और तस्करी के साथ-साथ अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को रोकने से संबंधित है।

संगठन संरचना

  • बल का सर्वोच्च स्तर का मुख्यालय बल मुख्यालय (FHQ) है,जिसे SSB का महानिदेशालय भी कहा जाता है, जो भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है।
  • बल मुख्यालय (FHQ)की कमान महानिदेशक रैंक के अधिकारी के पास होती है।
  • महानिदेशक को अतिरिक्त महानिदेशक द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
  • ऑपरेशन और खुफिया, कार्मिक और प्रशिक्षण, प्रशासन, प्रावधान और संचार, चिकित्सा, साथ ही अन्य सहित विभिन्न निदेशालय महानिदेशक के अधीन कार्य करते हैं।
  • प्रत्येक निदेशालय का नेतृत्व एक आईजी (महानिरीक्षक) करता है और एक डीआईजी (उप महानिरीक्षक) और अन्य अधिकारी उनकी सहायता करते हैं।

कैबिनेट की नियुक्ति समिति क्या है

  • कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी)भारत सरकार के भीतर एक उच्च स्तरीय समिति है, जो केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में प्रमुख पदों पर वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है.
  • 1950 में स्थापित, एसीसी की अध्यक्षता भारत के प्रधान मंत्री करते हैं और गृह मंत्री इसके सदस्य के रूप में शामिल हैं।
  • यह समिति भारत के प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, कैबिनेट सचिव, रक्षा प्रमुख, भारत सरकार के सचिवों सहित विभिन्न शीर्ष पदों पर चयन और नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।


विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह, शीर्ष-10 की सूची_100.1

अनमोल खरब ने बेल्जियम में जीता अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब

भारत की 17 वर्षीय अनमोल खरब ने बेल्जियम इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट में डेनमार्क की अमाली शुल्ज को कड़े मुकाबले में हराकर महिला एकल में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता।

अनमोल खरब कौन हैं?

  • 20 जनवरी, 2007 को हरियाणा के फरीदाबाद में जन्मीं अनमोल खरब ने कम उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था.
  • अनमोल खरब 16 साल की उम्र में महिला एकल राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियन बन गईं और एक साल बाद, भारतीय महिला टीम के पीछे प्रेरक शक्ति साबित हुईं, जिसने मलेशिया में 2024 बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता.

मैच के मुख्य अंश

  • 17 वर्षीय भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी, BWF में 222वें स्थान पर रैंकिंग में शीर्ष पर चल रही डेनमार्क की विश्व में 80वें नंबर की खिलाड़ी अमाली शुल्ज को 59 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में 24-22, 12-21, 21-10 से हराया.
  • सेमीफाइनल में अनमोल ने बुल्गारिया की 68वीं रैंकिंग की कालोयाना नलबांटोवा को 76 मिनट में 21-13, 24-26, 21-19 से हराया।

उनकी उपलब्धियां

  • 2019 में, 12 साल की उम्र में, अनमोल ने हैदराबाद में अंडर-17 ऑल इंडिया रैंकिंग खिताब जीता, जो उनका पहला राष्ट्रीय स्तर का खिताब था।
  • इसके अलावा भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना के लिए चुना गया, जो उभरते एथलीटों को सहायता प्रदान करता है।
  • भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय आयु वर्ग के टूर्नामेंटों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जो 2022 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप के प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया है।
  • अनमोल जल्द ही अंडर-17 और 19 दोनों आयु समूहों में भारत की नंबर 1 खिलाड़ी बन गई।
  • 2023 में सीनियर महिला एकल राष्ट्रीय चैंपियन
  • बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 में स्वर्ण पदक

विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह, शीर्ष-10 की सूची_100.1

ऐश्वर्या राय ने जीता SIIMA 2024 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार

साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवार्ड्स (SIIMA) 2024 में ऐश्वर्या राय बच्चन ने मणिरत्नम की महाकाव्य “पोन्नियिन सेलवन 2” में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (आलोचक) पुरस्कार जीता हैं.

पुरस्कार के बाद ऐश्वर्या ने जताया आभार

  • मुझे पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए SIIMA का बहुत-बहुत धन्यवाद। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि यह फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब थी, पोन्नियिन सेलवन, जिसे मेरे गुरु मणिरत्नम ने निर्देशित किया था।
  • पोन्नियिन सेलवन में नंदिनी के रूप में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए मेरे काम का सम्मान करना वास्तव में पूरी टीम के काम का जश्न मनाना है।

किस साम्राज्य पर आधारित है

मणिरत्नम द्वारा निर्देशित पोन्नियिन सेलवन, एक उपन्यास पर आधारित है और चोल साम्राज्य के दैनिक जीवन पर फिल्माई गई है.

 SIIMA 2024 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार के बारे में जानकारी

  • ऐश्वर्या राय बच्चन ने ‘पोन्नियिन सेलवन: II’ में दोहरी भूमिकाएँ निभाईं, जिसमें उन्होंने नंदिनी और मंदाकिनी देवी दोनों का किरदार निभाया।
  • मणिरत्नम द्वारा निर्देशित दो-भाग वाली यह फिल्म, कल्कि कृष्णमूर्ति के प्रसिद्ध तमिल उपन्यास ‘पोन्नियिन सेलवन’ का रूपांतरण है।
  • स्टार-स्टडेड कास्ट में कार्थी, जयम रवि, त्रिशा, जयराम, प्रभु, आर सरथकुमार, शोभिता धुलिपाला, ऐश्वर्या लक्ष्मी, विक्रम प्रभु, प्रकाश राज, रहमान और आर पार्थिबन भी शामिल थे।
  • ऐश्वर्या की जीत के अलावा, उनके सह-कलाकार चियान विक्रम को भी भारी उत्साह मिला, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (तमिल) का पुरस्कार जीता समारोह में। 2022 की ब्लॉकबस्टर की अगली कड़ी ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ अपनी भव्य कहानी के साथ गाथा को जारी रखती है।
  • दिग्गज कमल हासन द्वारा सुनाई गई और ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान द्वारा संगीतबद्ध इस फिल्म ने काफी प्रशंसा बटोरी है।

विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह, शीर्ष-10 की सूची_100.1

NPS वात्सल्य योजना 18 सितंबर, 2024 को शुरू होगी

केंद्रीय बजट 2024-25 में घोषित NPS वात्सल्य योजना का शुभारंभ वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 18 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में किया जाएगा। यह पहल माता-पिता को अपने बच्चों के लिए पेंशन खातों में निवेश करने की अनुमति देती है, जिसमें सालाना 1,000 रुपये से शुरू होने वाला लचीला योगदान होता है, जो चक्रवृद्धि के माध्यम से दीर्घकालिक धन निर्माण की पेशकश करता है।

यह योजना बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बनाई गई है और इसकी देखरेख पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा की जाएगी। देश भर में लगभग 75 स्थानों पर वर्चुअल रूप से लॉन्च में भाग लिया जाएगा, और नाबालिग ग्राहकों को PRAN कार्ड वितरित किए जाएंगे।

NPS वात्सल्य की मुख्य विशेषताएं

यह योजना फ्लेक्सिबल योगदान और निवेश विकल्प प्रदान करती है, जिससे यह सभी आर्थिक पृष्ठभूमि के परिवारों के लिए सुलभ हो जाती है। माता-पिता अपने बच्चे के नाम पर सालाना 1,000 रुपये से भी कम निवेश कर सकते हैं, जिससे चक्रवृद्धि के माध्यम से वित्तीय विकास सुनिश्चित होता है।

लॉन्च हाइलाइट्स

लॉन्च के दौरान, वित्त मंत्री एनपीएस वात्सल्य की सदस्यता के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का अनावरण करेंगे, एक योजना विवरणिका जारी करेंगे और नए नाबालिग ग्राहकों को PRAN कार्ड वितरित करेंगे।

सरकार की वित्तीय प्रतिबद्धता

यह पहल दीर्घकालिक वित्तीय नियोजन को बढ़ावा देने और भारत की युवा पीढ़ी के लिए वित्तीय रूप से स्वतंत्र भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समावेशी वित्तीय सुरक्षा पर सरकार के फोकस को पुष्ट करता है।

about | - Part 536_12.1

ऑपरेशन सद्भावना, टाइफून यागी के प्रति भारत की मानवीय सहायता

हाल ही में दक्षिण-पूर्व एशिया में आए तूफान यागी के मद्देनजर भारत सरकार ने ऑपरेशन सद्भावना शुरू किया है, जो एक मानवीय पहल है जिसका उद्देश्य प्रभावित देशों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करना है। यह ऑपरेशन भारत की अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के प्रति प्रतिबद्धता और जरूरतमंद देशों को मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रदान करने में प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में उसकी भूमिका को दर्शाता है।

भारत की मानवीय सहायता

वियतनाम को सहायता

ऑपरेशन सद्भावना के हिस्से के रूप में, भारत सरकार ने वियतनाम के लिए एक पर्याप्त सहायता पैकेज की घोषणा की है:

राशि: मानवीय सहायता में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर

सहायता सामग्री: 35 टन राहत सामग्री, जिसमें शामिल हैं:

  • जल शोधन सामग्री
  • पानी के कंटेनर
  • कंबल
  • रसोई के बर्तन
  • सौर लालटेन
  • अन्य आवश्यक वस्तुएँ

इस व्यापक सहायता पैकेज का उद्देश्य तूफान से प्रभावित लोगों की तत्काल ज़रूरतों को पूरा करना है, जिसमें स्वच्छ पानी, आश्रय और बुनियादी ज़रूरतें प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक के लिए समर्थन

वियतनाम को अपनी सहायता के अलावा, भारत लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक को भी सहायता प्रदान की है:

राशि: मानवीय सहायता में USD 100,000

सहायता सामग्री: 10 टन राहत सामग्री, जिसमें शामिल हैं:

  • स्वच्छता किट
  • कंबल
  • मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली दवाएँ
  • स्लीपिंग बैग
  • जेनरेटर
  • वाटर प्यूरीफायर
  • वाटर प्यूरीफिकेशन टैबलेट
  • कीटाणुनाशक
  • अन्य आवश्यक सामग्री

यह सहायता पैकेज प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है लाओस की आबादी पर तूफान के प्रभाव का स्वास्थ्य, स्वच्छता और बुनियादी अस्तित्व की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करते हुए।

टाइफून यागी: एक अवलोकन

उत्पत्ति और तीव्रता

टाइफून यागी ने पिछले तीन दशकों में दक्षिण चीन सागर में उत्पन्न होने वाले सबसे शक्तिशाली तूफान होने का गौरव प्राप्त किया है। तूफान के बारे में कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

    • हवा की गति: 142 मील प्रति घंटे से अधिक
    • उत्पत्ति: दक्षिण चीन सागर
    • नाम: जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी द्वारा दिया गया

 

प्रभावित क्षेत्र

तूफ़ान के विनाशकारी मार्ग ने दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया:

  • वियतनाम
  • थाईलैंड
  • म्यांमार
  • लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक
  • दक्षिणी चीन

वियतनाम पर प्रभाव

सभी प्रभावित देशों में से, वियतनाम को सबसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़े हैं:

  • मृत्यु दर: 350 से ज़्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, और इसमें और वृद्धि की उम्मीद है
  • बाढ़: उत्तरी वियतनाम के बड़े इलाके जलमग्न हो गए
  • आर्थिक प्रभाव: कृषि भूमि, कारखानों और बुनियादी ढांचे का विनाश
  • चल रहे खतरे: व्यापक बाढ़ और भूस्खलन

चक्रवातों को समझना

व्युत्पत्ति और इतिहास

शब्द “चक्रवात” की उत्पत्ति दिलचस्प है:

  • व्युत्पन्न: ग्रीक शब्द “साइक्लोस”
  • द्वारा गढ़ा गया: हेनरी पिडिंगटन, औपनिवेशिक काल के दौरान कोलकाता में एक ब्रिटिश रिपोर्टर

परिभाषा और विशेषताएँ

चक्रवात को एक वायु प्रणाली के रूप में परिभाषित किया जाता है जो निम्न वायुमंडलीय केंद्र के चारों ओर घूमती है दबाव। इसकी घूर्णन दिशा भूमध्य रेखा के सापेक्ष इसके स्थान पर निर्भर करती है:

  • उत्तरी गोलार्ध: वामावर्त घूर्णन
  • दक्षिणी गोलार्ध: दक्षिणावर्त घूर्णन

चक्रवातों के प्रकार

चक्रवातों को उनकी भौगोलिक उत्पत्ति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है:

उष्णकटिबंधीय चक्रवात:

  • मकर और कर्क रेखा के भीतर बनते हैं
  • भूमध्य रेखा के पास गर्म समुद्री जल पर उत्पन्न होते हैं

शीतोष्ण चक्रवात:

  • शीतोष्ण, उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उत्पन्न होते हैं

वैश्विक वितरण

चक्रवाती हवाएँ एक वैश्विक घटना हैं, जो दुनिया के अधिकांश हिस्सों में पाई जाती हैं, एक उल्लेखनीय अपवाद के साथ:

  • अनुपस्थित: भूमध्यरेखीय क्षेत्र

about | - Part 536_12.1

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2024, जानें तिथि, इतिहास और महत्व

हर साल 17 सितंबर, 2024 को, दुनिया भर में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है, जो रोगी सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस वर्ष की थीम, “Improving diagnosis for patient safety” यानी “रोगी सुरक्षा के लिए निदान में सुधार” है, जिसका नारा “Get it right, make it safe!” है, यह रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाने में सटीक और समय पर निदान के महत्वपूर्ण महत्व को रेखांकित करता है।

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का महत्व

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस निम्नलिखित के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है:

  1. रोगी सुरक्षा मुद्दों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना
  2. रोगियों, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, नीति निर्माताओं और स्वास्थ्य सेवा नेताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना
  3. दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में रोगी सुरक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से पहल को बढ़ावा देना

निदान और नैदानिक ​​त्रुटियों को समझना

निदान क्या है?

निदान स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण घटक है जो:

  • रोगी की स्वास्थ्य समस्या की पहचान करता है
  • उचित देखभाल और उपचार तक पहुँचने की कुंजी के रूप में कार्य करता है

निदान संबंधी त्रुटियों को परिभाषित करना

निदान संबंधी त्रुटि तब होती है जब रोगी की स्वास्थ्य समस्या का सही और समय पर स्पष्टीकरण स्थापित करने में विफलता होती है। यह कई तरीकों से प्रकट हो सकता है:

  • निदान में देरी: सही निदान किया जाता है, लेकिन एक महत्वपूर्ण और टालने योग्य देरी के बाद
  • गलत निदान: निदान किया जाता है, लेकिन यह गलत होता है
  • निदान में चूक: निदान की संभावना वाली उपलब्ध जानकारी के बावजूद कोई निदान नहीं किया जाता है
  • संचार विफलता: सही निदान किया जाता है, लेकिन रोगी को प्रभावी ढंग से सूचित नहीं किया जाता है

डायग्नोस्टिक सुरक्षा को प्रभावित करने वाले कारक

डायग्नोस्टिक सुरक्षा में सुधार के लिए कारकों की दो मुख्य श्रेणियों को संबोधित करना आवश्यक है:

1. सिस्टम-आधारित मुद्दे

ये संगठनात्मक कमज़ोरियाँ हैं जो स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को निदान संबंधी त्रुटियों के लिए प्रेरित कर सकती हैं:

  • संचार विफलताएँ: स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के बीच या स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और रोगियों के बीच
  • भारी कार्यभार: रोगियों का अत्यधिक भार या समय की कमी जिसके कारण निदान में जल्दबाजी हो सकती है
  • अप्रभावी टीमवर्क: स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के बीच सहयोग की कमी या खराब सूचना साझाकरण

2. संज्ञानात्मक कारक

ये व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की मानसिक प्रक्रियाओं और क्षमताओं से संबंधित हैं:

  • क्लिनिकल प्रशिक्षण और अनुभव: स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के पास मौजूद ज्ञान और व्यावहारिक कौशल का स्तर
  • संज्ञानात्मक पूर्वाग्रह: पूर्वकल्पित धारणाएँ या मानसिक शॉर्टकट जो निर्णय लेने में त्रुटियाँ पैदा कर सकते हैं
  • थकान और तनाव: शारीरिक और मानसिक थकावट जो निर्णय लेने की क्षमताओं को ख़राब कर सकती है

रणनीतियाँ

डायग्नोस्टिक सुरक्षा को प्रभावित करने वाले कारक

डायग्नोस्टिक सुरक्षा में सुधार के लिए दो मुख्य श्रेणियों के कारकों को संबोधित करना आवश्यक है:

1. सिस्टम-आधारित मुद्दे

ये संगठनात्मक कमज़ोरियाँ हैं जो स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को निदान संबंधी त्रुटियों के लिए प्रेरित कर सकती हैं:

  • संचार विफलताएँ: स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के बीच या स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और रोगियों के बीच
  • भारी कार्यभार: रोगियों का अत्यधिक भार या समय की कमी जिसके कारण निदान में जल्दबाजी हो सकती है
  • अप्रभावी टीमवर्क: स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के बीच सहयोग की कमी या खराब सूचना साझाकरण

2. संज्ञानात्मक कारक

ये व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की मानसिक प्रक्रियाओं और क्षमताओं से संबंधित हैं:

  • क्लिनिकल प्रशिक्षण और अनुभव: स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के पास मौजूद ज्ञान और व्यावहारिक कौशल का स्तर
  • संज्ञानात्मक पूर्वाग्रह: पूर्वकल्पित धारणाएँ या मानसिक शॉर्टकट जो निर्णय लेने में त्रुटियाँ पैदा कर सकते हैं
  • थकान और तनाव: शारीरिक और मानसिक थकावट जो निर्णय लेने की क्षमताओं को ख़राब कर सकती है

डायग्नोस्टिक सुरक्षा में सुधार के लिए रणनीतियाँ

इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, एक बहुआयामी दृष्टिकोण आवश्यक है:

हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत बनाना

  • मजबूत गुणवत्ता आश्वासन प्रक्रियाओं को लागू करना
  • हेल्थकेयर सुविधाओं के भीतर संचार प्रोटोकॉल को बढ़ाना
  • हेल्थकेयर के बीच पेशेवर कार्यभार वितरण को अनुकूलित करना

सुरक्षित निदान मार्ग डिजाइन करना

  • सामान्य स्थितियों के लिए मानकीकृत निदान प्रक्रियाएँ विकसित करना
  • निर्णय समर्थन उपकरण और प्रौद्योगिकियाँ शामिल करना
  • जटिल मामलों को आगे बढ़ाने के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल स्थापित करना

स्वास्थ्य सेवा कर्मियों का समर्थन करना

  • निदान तकनीकों में निरंतर शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना
  • खुले संचार की संस्कृति को बढ़ावा देना और गलतियों से सीखना
  • तनाव को प्रबंधित करने और बर्नआउट को रोकने के लिए रणनीतियों को लागू करना

निदान प्रक्रिया के दौरान मरीजों को शामिल करना

  • मरीजों को उनके स्वास्थ्य सेवा निर्णयों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना
  • उपलब्ध कराना निदान प्रक्रियाओं और परिणामों के बारे में स्पष्ट, सुलभ जानकारी
  • रोगियों के लिए उनके निदान में चिंताओं या विसंगतियों की रिपोर्ट करने के लिए तंत्र स्थापित करना

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भूमिका

WHO वैश्विक स्तर पर निदान सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके प्रयासों में शामिल हैं:

डब्ल्यूएचओ वैश्विक स्तर पर नैदानिक ​​सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके प्रयासों में शामिल हैं:

  • रोगी सुरक्षा पहलों को विकसित करने और लागू करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग करना
  • स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को उनकी नैदानिक ​​प्रक्रियाओं में सुधार करने के लिए मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करना
  • निदान सटीकता और समयबद्धता बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं में अनुसंधान का समर्थन करना
  • दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा सेटिंग्स में रोगी सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाली नीतियों को बढ़ावा देना।

about | - Part 536_16.1

सरकार ने बासमती चावल पर से न्यूनतम मूल्य हटाया

भारत के प्रमुख जीआई किस्म के चावल, बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम में, भारत सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर से न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) हटाने का निर्णय लिया है। भारत सरकार ने बासमती चावल पर 950 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटा दिया है। घरेलू धान की गिरती कीमतों और व्यापार दबावों के जवाब में किए गए इस निर्णय का उद्देश्य निर्यात के अवसरों को बढ़ाना और किसानों की आय का समर्थन करना है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) अब उचित मूल्य और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बिना किसी न्यूनतम मूल्य के बासमती चावल के निर्यात की निगरानी करेगा।

वर्तमान में जारी व्यापार संबंधी चिंताओं और चावल की पर्याप्त घरेलू उपलब्धता को ध्यान रखते हुए, भारत सरकार ने अब बासमती चावल के निर्यात पर से न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) को पूरी तरह से हटाने का फैसला किया है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) बासमती चावल के किसी भी गैर-यथार्थवादी मूल्य निर्धारण को रोकने और निर्यात से जुड़ी कार्यप्रणालियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु निर्यात अनुबंधों की बारीकी से निगरानी करेगा।

पृष्ठभूमि

पृष्ठभूमि के रूप में, चावल की बेहद कम घरेलू आपूर्ति की स्थिति के कारण चावल की बढ़ती घरेलू कीमतों के जवाब में और गैर-बासमती सफेद चावल पर निर्यात प्रतिबंध के कारण, निर्यात के दौरान गैर-बासमती चावल को बासमती चावल के तौर पर रखने से संबंधित किसी भी संभावित गलत वर्गीकरण को रोकने के लिए एक अस्थायी उपाय के रूप में अगस्त 2023 में 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन (एमटी) का एक न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) पेश किया गया था। विभिन्न व्यापार निकायों एवं हितधारकों के अनुरोधों के बाद, सरकार ने अक्टूबर, 2023 में न्यूनतम मूल्य (फ्लोर प्राइस) को तर्कसंगत बनाकर 950 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर दिया था।

Recent Posts

about | - Part 536_18.1