चेक गणराज्य के अरबपति पॉपुलिस्ट नेता आंद्रेज बाबिस ने दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ ली

मध्य यूरोप में एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में, चेक गणराज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ है। अरबपति व्यवसायी और सेंट्रिस्ट–पॉपुलिस्ट ANO (YES) आंदोलन के नेता आंद्रेज बाबिस को 9 दिसंबर 2025 को चेक गणराज्य के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। चार साल बाद उनकी यह वापसी चेक राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। इससे पहले वे 2017 से 2021 तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं। बाबिस को राष्ट्रपति पेट्र पावेल ने प्राग कैसल में शपथ दिलाई, जो 3–4 अक्टूबर को हुए संसदीय चुनावों में उनकी पार्टी के मजबूत प्रदर्शन के बाद हुई औपचारिक प्रक्रिया का हिस्सा था।

पृष्ठभूमि: एक विवादित नेता की वापसी

71 वर्षीय आंद्रेज बाबिस चेक राजनीति के सबसे प्रभावशाली, लेकिन सबसे विवादित नेताओं में से एक बने हुए हैं। उनके पिछले कार्यकाल में,

  • लोकलुभावन आर्थिक नीतियाँ

  • यूरोपीय संघ (EU) के साथ सब्सिडी और सुशासन को लेकर टकराव

  • वित्तीय कदाचार के आरोपों पर चल रही जाँचें

जैसे मुद्दों ने सुर्खियाँ बटोरीं। इसके बावजूद, पारंपरिक राजनीतिक दलों से असंतुष्ट मतदाताओं के बीच उनका ANO आंदोलन अभी भी मजबूत समर्थन बनाए हुए है।

चुनावी परिणाम और गठबंधन निर्माण

2025 के चुनावों में ANO आंदोलन सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा। संसद में बहुमत पाने के लिए बाबिस ने गठबंधन किया है—

  • फ़्रीडम एंड डायरेक्ट डेमोक्रेसी (SPD) – प्रवासन-विरोधी पार्टी

  • मोटोरिस्ट्स फ़ॉर देमसेल्व्स – परिवहन और नागरिक अधिकारों पर केंद्रित दक्षिणपंथी समूह

गठबंधन की ताकत

यह गठबंधन 200 सदस्यीय निचले सदन में 108 सीटों पर नियंत्रण रखता है, जो पूर्व प्रधानमंत्री पेत्र फ़ियाला के नेतृत्व वाले प्रगतिशील–पश्चिमी गठबंधन की तुलना में एक स्पष्ट बहुमत है।

कैबिनेट का गठन

साझेदार दलों ने 16 सदस्यीय मंत्रिमंडल पर सहमति बनाई है—

  • ANO: प्रधानमंत्री सहित 8 मंत्री

  • मोटोरिस्ट्स फ़ॉर देमसेल्व्स: 4 मंत्री

  • SPD: 3 मंत्री

कैबिनेट की औपचारिक नियुक्ति अभी लंबित है, लेकिन बड़े नीतिगत बदलावों की संभावना है।

संदर्भ: यूरोप में राजनीतिक बदलाव का दौर

बाबिस का उदय यूरोप में बढ़ते लोकलुभावन, राष्ट्रवादी और EU-आलोचक सरकारों की लहर का हिस्सा है। उनके नेतृत्व में EU के भीतर निम्न मुद्दों पर सहमति बनाना और कठिन हो सकता है—

  • यूक्रेन युद्ध के लिए समर्थन

  • प्रवासन सुधार

  • ग्रीन ट्रांज़िशन नीतियाँ

  • बजट एवं सब्सिडी ढाँचा

चेक गणराज्य का यह बदलाव हंगरी, स्लोवाकिया और पश्चिमी यूरोप के कुछ हिस्सों में हो रहे राजनीतिक पुनर्संरेखन से मेल खाता है।

स्थिर जानकारी

  • नए प्रधानमंत्री: आंद्रेज बाबिस

  • शपथ ग्रहण: 9 दिसंबर 2025

  • शपथ दिलाने वाले: राष्ट्रपति पेट्र पावेल

  • मुख्य पार्टी: ANO (YES) मूवमेंट

  • गठबंधन साझेदार: SPD + मोटोरिस्ट्स फ़ॉर देमसेल्व्स

  • संसदीय बहुमत: 108/200 सीटें

  • पहला कार्यकाल: 2017–2021

तेलंगाना ग्लोबल समिट में ₹5.75 लाख करोड़ का निवेश हुआ

तेलंगाना ने एक महत्वपूर्ण आर्थिक उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि Telangana Rising Global Summit 2025 के समापन पर राज्य को कुल ₹5.75 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। दो दिवसीय इस शिखर सम्मेलन में राज्य की उस रणनीति पर प्रकाश डाला गया, जिसके माध्यम से वह ऊर्जा संक्रमण, AI-आधारित डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट नगरीकरण और अगली पीढ़ी की तकनीकों में राष्ट्रीय नेतृत्व स्थापित करना चाहता है। ग्लोबल निवेशकों, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के शीर्ष नेताओं की भागीदारी के साथ, यह सम्मेलन तेलंगाना की नवाचार-आधारित विकास को गति देने और स्वयं को एक उभरती हुई तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित करने की महत्वाकांक्षा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

तेलंगाना के वैश्विक निवेश अभियान में बढ़ती गति

यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में आयोजित किया गया जब भारत के विभिन्न राज्य नवीकरणीय ऊर्जा, AI इंफ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर्स और डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में वैश्विक पूंजी आकर्षित करने की प्रतिस्पर्धा में हैं। हैदराबाद की IT क्षमता के लिए पहले से प्रसिद्ध तेलंगाना अब अपने आर्थिक दृष्टिकोण को और व्यापक बना रहा है, जिसमें शामिल हैं—

  • उन्नत ऊर्जा प्रणालियाँ

  • AI-आधारित डेटा सेंटर इकोसिस्टम

  • भविष्य-योग्य एकीकृत शहरी क्षेत्र

  • कौशल एवं कार्यबल परिवर्तन कार्यक्रम

राज्य सरकार की सक्रिय नीतियों और सुव्यवस्थित निवेशक-सम्पर्क प्रणाली ने इसकी आकर्षकता को वैश्विक कंपनियों के बीच और बढ़ाया है।

ऊर्जा और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर बने निवेश के मुख्य केंद्र

कुल निवेश का बड़ा हिस्सा ऊर्जा और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर गया है, जो तेलंगाना की दीर्घकालिक विकास क्षमता पर निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।

ऊर्जा क्षेत्र

कुल ₹5.75 लाख करोड़ निवेश प्रतिबद्धताओं का लगभग 50% ऊर्जा क्षेत्र में आया। इससे निम्न क्षेत्रों में बढ़ती रुचि साफ़ दिखती है—

  • नवीकरणीय ऊर्जा क्लस्टर

  • बैटरी स्टोरेज समाधान

  • ग्रीन हाइड्रोजन-रेडी इकोसिस्टम

  • औद्योगिक पावर कॉरिडोर

ये परियोजनाएँ भारत के डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों और तेलंगाना के ऊर्जा-अधिशेष नवाचार केंद्र बनने की योजना से मेल खाती हैं।

विशाल डेटा सेंटर निवेश घोषणा

डेटा सेंटर निवेश, कुल प्रतिबद्धताओं का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा रहा। दो प्रमुख कंपनियों ने उच्च-मूल्य परियोजनाओं की घोषणा की—

इन्फ्राकी डेटासेंटर पार्क

  • 1 GW क्षमता वाला AI डेटा सेंटर

  • निवेश मूल्य: ₹70,000 करोड़

AGIDC (सिंगापुर आधारित)

  • ₹67,500 करोड़ का निवेश

  • अंतरराष्ट्रीय गेटवे डेटा सेंटर का निर्माण

  • वैश्विक क्लाउड नेटवर्क एकीकरण को मजबूत करेगा

ये घोषणाएँ तेलंगाना को AI और क्लाउड टेक्नोलॉजी हब के रूप में सशक्त बनाती हैं, जो अगली पीढ़ी के कंप्यूटिंग वर्कलोड्स को संभालने में सक्षम होगा।

शहरी एवं तकनीकी परियोजनाओं के बड़े ऐलान

शिखर सम्मेलन में शहरी विकास से जुड़ी परियोजनाएँ भी प्रमुख रहीं।

JCK Infra की Integrated AI City

  • निवेश: ₹9,000 करोड़

  • परियोजना: Bharat Future City में विकसित होगी

  • आवासीय, वाणिज्यिक, इनोवेशन तथा AI रिसर्च इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल

यह परियोजना तेलंगाना की तकनीक-आधारित शहरी योजना को बढ़ावा देती है और सतत दीर्घकालिक विकास में रुचि रखने वाले वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करती है।

Vision 2047: तेलंगाना का दीर्घकालिक आर्थिक खाका

समापन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने Telangana Rising 2047 Vision Document जारी किया, जिसे NITI Aayog और Indian School of Business (ISB) के सहयोग से तैयार किया गया है।

विजन लक्ष्य

  • $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लक्ष्य – 2034

  • $3 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लक्ष्य – 2047

रोडमैप का फोकस—

  • समावेशी एवं सतत आर्थिक विकास

  • शिक्षा सुधार

  • युवा-केंद्रित कार्यक्रम

  • वैश्विक-स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर

  • प्रतिभा विकास के लिए एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना

यह दस्तावेज़ तेलंगाना की वैश्विक प्रतिस्पर्धी ज्ञान एवं नवाचार अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है।

स्टैटिक फैक्ट्स

  • कुल निवेश प्रतिबद्धताएँ: ₹5.75 लाख करोड़

  • Infrakey AI डेटा सेंटर परियोजना: ₹70,000 करोड़

  • AGIDC अंतरराष्ट्रीय गेटवे डेटा सेंटर: ₹67,500 करोड़

  • JCK Infra की AI City परियोजना: ₹9,000 करोड़

  • Vision 2047 आर्थिक लक्ष्य: $3 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था

  • Vision 2034 लक्ष्य: $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था

  • शिखर सम्मेलन: Telangana Rising Global Summit 2025

लिवर की बीमारी का पता लगाने में तेज़ी लाने के लिए पहले AI टूल को मंज़ूरी

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने दवा परीक्षणों के दौरान एक गंभीर प्रकार की फैटी लीवर बीमारी का आकलन करने में डॉक्टरों की मदद करने के लिए विकसित पहले एआई-संचालित उपकरण को आधिकारिक रूप से मान्यता दे दी है। AIM-NASH नामक यह उपकरण दवा विकास की प्रक्रिया को तेज करने, निदान में निरंतरता लाने और शोधकर्ताओं पर संसाधन-संबंधी बोझ कम करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की बढ़ती भूमिका का महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है। यह मंजूरी मेडिकल रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल्स की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

AIM-NASH क्या है?

AIM-NASH एक क्लाउड-आधारित आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस सिस्टम है, जो लीवर बायोप्सी की छवियों का विश्लेषण करके डॉक्टरों को बीमारी के प्रमुख संकेतकों—जैसे फैट का जमाव, सूजन और स्कारिंग—का मूल्यांकन करने में मदद करता है।

  • ये बायोमार्कर MASH (Metabolic Dysfunction-Associated Steatohepatitis) की पहचान और उसकी प्रगति पर नज़र रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। यह बीमारी लाखों अमेरिकियों को प्रभावित करती है और समय रहते उपचार न मिलने पर लीवर फेल होने या कैंसर तक का कारण बन सकती है।
  • AIM-NASH बड़े डेटासेट पर प्रशिक्षित उन्नत एआई एल्गोरिद्म का उपयोग करके मानकीकृत स्कोर तैयार करता है, जिन्हें अंतिम व्याख्या के लिए डॉक्टर समीक्षा करते हैं। इस प्रक्रिया के स्वचालन से एआई शोध में मौजूद देरी और परिणामों में असंगति जैसी समस्याओं को कम करता है।

MASH दवा परीक्षणों में बदलाव

FDA द्वारा AIM-NASH को मान्यता दिए जाने से MASH के लिए दवा परीक्षणों की प्रक्रिया अधिक तेज़ और सुव्यवस्थित होने की उम्मीद है—यह बीमारी वर्तमान दशक की सबसे चुनौतीपूर्ण मेटाबॉलिक विकारों में से एक है। परंपरागत रूप से, लीवर बायोप्सी को कई विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग समीक्षा की आवश्यकता होती है, जिससे:

  • मूल्यांकन में अधिक समय लगता है

  • परिणामों में भिन्नता बढ़ जाती है

  • परीक्षणों की लागत बढ़ जाती है

AIM-NASH के स्वचालित और एकसमान विश्लेषण से दक्षता, विश्वसनीयता और मानकीकरण में सुधार होता है, जिससे दवा डेवलपर्स संभावित उपचारों को अधिक तेजी से आगे बढ़ा पाते हैं।
यह मान्यता यह भी दर्शाती है कि AI-आधारित निदान पर नियामकों का भरोसा बढ़ रहा है, क्योंकि अध्ययनों ने दिखाया कि AIM-NASH द्वारा दिए गए परिणाम विशेषज्ञ पैथोलॉजिस्ट के आकलन के समान थे।

दवा विकास में AI की बढ़ती भूमिका

  • FDA का यह निर्णय उद्योग में उभरते उस व्यापक रुझान को दर्शाता है, जिसमें AI शोध और विकास का अभिन्न हिस्सा बनता जा रहा है।
  • विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले 3–5 वर्षों में AI दवा विकास का समय और लागत कम से कम 50% तक घटा सकता है, जिससे संपूर्ण फार्मास्यूटिकल उद्योग का स्वरूप बदल सकता है।
  • टार्गेट की पहचान से लेकर क्लीनिकल ट्रायल के अनुकूलन तक, AI आधारित उपकरण तेजी से अनिवार्य बन रहे हैं। MASH जैसी बीमारियों में, जहां निदान की असंगति लंबे समय से बड़ी बाधा रही है, AIM-NASH इस संक्रमण में एक महत्वपूर्ण कदम है।

AIM-NASH कैसे काम करता है?

  • AIM-NASH डीप लर्निंग मॉडल का उपयोग करके अपलोड की गई बायोप्सी छवियों का विश्लेषण करता है और मानक क्लिनिकल स्कोरिंग सिस्टम के अनुरूप मात्रात्मक स्कोर तैयार करता है।
  • इसके बाद ये परिणाम चिकित्सकों के साथ साझा किए जाते हैं, जो अंतिम निदान और मूल्यांकन का निर्णय लेते हैं।
  • AI और मानव विशेषज्ञता का यह संयोजन दोनों—सटीकता और जवाबदेही—को मजबूत करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि AI डॉक्टरों की सहायता करे, उन्हें प्रतिस्थापित नहीं।

मुख्य बिंदु 

  • FDA ने AIM-NASH को मंजूरी दी, जो दवा परीक्षणों में फैटी लीवर बीमारी का आकलन करने वाला पहला AI टूल है।

  • यह उपकरण लीवर बायोप्सी की छवियों का विश्लेषण करके फैट जमाव, सूजन और स्कारिंग का मूल्यांकन करता है।

  • यह MASH (Metabolic Dysfunction-Associated Steatohepatitis) के उपचार विकसित करने की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करेगा।

  • इससे कई विशेषज्ञों द्वारा की जाने वाली मैनुअल बायोप्सी रीडिंग पर निर्भरता घटेगी और दवा परीक्षणों की समय-सीमा कम होगी

जसप्रीत बुमराह ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले पहले भारतीय बने

भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने 9 दिसंबर 2025 को क्रिकेट इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर लिया। वह टेस्ट, वनडे और टी20—तीनों अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों में 100-100 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज़ बन गए। यह ऐतिहासिक उपलब्धि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कटक के बाराबती स्टेडियम में खेले गए पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान हासिल की। यह मील का पत्थर बुमराह के शानदार करियर की एक और ऊँची उपलब्धि है।

इस उपलब्धि के साथ बुमराह विश्व क्रिकेट के शीर्ष पाँच गेंदबाज़ों की विशिष्ट सूची में शामिल हो गए, जिसमें टिम साउदी, लसिथ मलिंगा, शाकिब अल हसन और शाहीन शाह अफरीदी जैसे महान गेंदबाज़ भी शामिल हैं।

जसप्रीत बुमराह ने यह ऐतिहासिक मुकाम कैसे हासिल किया?

बुमराह का ऐतिहासिक क्षण तब आया जब उन्होंने अपने तीसरे ओवर में डिवाल्ड ब्रेविस को 22 रन पर आउट करके अपना 100वाँ टी20 अंतरराष्ट्रीय विकेट पूरा किया। इसके बाद उन्होंने केशव महाराज को भी पवेलियन भेजा और अपनी धारदार गेंदबाज़ी से एक बार फिर अपनी सटीक लाइन-लेंथ और नियंत्रण का प्रदर्शन किया।

मैच के बाद बुमराह का करियर आँकड़ा

  • टेस्ट: 52 मैच – 234 विकेट

  • वनडे: 89 मैच – 149 विकेट

  • टी20 अंतरराष्ट्रीय: 81 मैच – 101 विकेट

तीनों प्रारूपों में उनकी निरंतर उत्कृष्टता दिखाती है कि उन्हें आधुनिक क्रिकेट के सबसे सम्पूर्ण तेज़ गेंदबाज़ों में क्यों गिना जाता है।

उपलब्धि का महत्व

बुमराह की यह उपलब्धि न केवल भारतीय क्रिकेट में, बल्कि विश्व क्रिकेट में भी अत्यंत दुर्लभ है। तीनों प्रारूपों में 100 विकेट पूरा करने के लिए आवश्यक होते हैं—

  • लंबा करियर और लगातार फिटनेस

  • अलग-अलग प्रारूपों में ढलने की क्षमता

  • विविध परिस्थितियों में प्रदर्शन की योग्यता

  • टेस्ट, वनडे और टी20 में तकनीकी विकास

डेथ ओवर्स में उनकी निपुणता, अनोखी गेंदबाज़ी एक्शन, और प्रेशर में यॉर्कर डालने की क्षमता उन्हें विश्व का सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ बनने की दिशा में अलग पहचान देती है।

100-100-100 क्लब के अन्य सदस्य

इस उपलब्धि के साथ बुमराह विश्व क्रिकेट में पाँचवें गेंदबाज़ बन गए जिनके नाम टेस्ट, वनडे और टी20I में 100-100 विकेट हैं।
यह विशिष्ट समूह इस प्रकार है—

  1. टिम साउदी (न्यूज़ीलैंड)

  2. लसिथ मलिंगा (श्रीलंका)

  3. शाकिब अल हसन (बांग्लादेश)

  4. शाहीन शाह अफरीदी (पाकिस्तान)

  5. जसप्रीत बुमराह (भारत)

भारत के शीर्ष टी20I विकेट-टेकर (मैच के बाद)

बुमराह की नई उपलब्धि ने उन्हें भारत की ऑल-टाइम टी20I विकेट सूची में और ऊपर पहुँचा दिया है—

  1. अर्शदीप सिंह – 107 विकेट

  2. जसप्रीत बुमराह – 101 विकेट

  3. हार्दिक पंड्या – 99 विकेट

  4. युजवेंद्र चहल – 96 विकेट

  5. भुवनेश्वर कुमार – 90 विकेट

उनके वर्तमान फॉर्म को देखते हुए, वह जल्द ही देश के नंबर-1 टी20 विकेट-टेकर बन सकते हैं।

स्टैटिक जानकारी 

  • उपलब्धि: भारत के पहले गेंदबाज़ जिन्होंने टेस्ट, ODI और T20I में 100 विकेट पूरे किए

  • मैच: भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका, पहला टी20I (कटक)

  • तिथि: 9 दिसंबर 2025

  • वैश्विक रैंक: 100-100-100 मील का पत्थर हासिल करने वाले दुनिया के 5वें गेंदबाज़

  • डेब्यू: 23 जनवरी 2016 (ODI, सिडनी)

भारतीय मूल के नील मोहन ‘CEO ऑफ द ईयर’

नवाचार-प्रधान नेतृत्व की असाधारण पहचान करते हुए, TIME मैगज़ीन ने भारतीय मूल के यूट्यूब CEO नील मोहन को “2025 CEO ऑफ़ द ईयर” नामित किया है। भारत में आरंभिक शिक्षा से लेकर दुनिया के सबसे बड़े वीडियो प्लेटफ़ॉर्म का नेतृत्व संभालने तक उनका सफ़र तकनीकी उत्कृष्टता, सहानुभूति और दूरदर्शिता से निर्मित एक वैश्विक सफलता कहानी है।

नील मोहन कौन हैं?

भारतीय माता-पिता के घर जन्मे नील मोहन का पालन-पोषण एक ऐसे वातावरण में हुआ जहाँ अनुशासन, शैक्षणिक श्रेष्ठता और जिज्ञासा को महत्व दिया जाता था। आगे चलकर उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से:

• बैचलर ऑफ़ साइंस (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग)
• MBA (स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ बिज़नेस)
Arjay Miller Scholar, जो शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को दिया जाने वाला सम्मान है

इन उपलब्धियों के साथ उन्होंने तकनीक, डिज़ाइन और बिज़नेस नेतृत्व के संगम पर अपनी मजबूत नींव तैयार की।

करियर यात्रा

प्रारंभिक करियर

नील मोहन ने अपना पेशेवर करियर Accenture से शुरू किया, जहाँ उन्हें कंसल्टिंग और एंटरप्राइज सिस्टम्स का अनुभव मिला। तकनीकी दुनिया की ओर उनका बड़ा कदम तब आया जब वह DoubleClick से जुड़े और ऑनलाइन विज्ञापन प्रणालियों में गहराई से कार्य करने लगे।

Microsoft में भूमिका और Google अधिग्रहण

Microsoft में एक संक्षिप्त रणनीति भूमिका निभाने के बाद वे DoubleClick में वापस लौटे। 2007 में जब Google ने DoubleClick का अधिग्रहण किया, तो मोहन Google की नेतृत्व टीम में शामिल हुए। यहाँ उन्होंने:

• स्केलेबल डिजिटल विज्ञापन तकनीक विकसित की
• Google के विज्ञापन उत्पादों का विस्तार किया
• जटिल प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को उपयोगकर्ता-प्रथम सोच के साथ प्रबंधित किया

उनकी पहचान एक सूक्ष्म-चिंतक, शांत निर्णयकर्ता और तकनीक-आधारित बिज़नेस मॉडल्स के विशेषज्ञ के रूप में बनी।

YouTube में उदय: CPO से CEO तक

2015 में नील मोहन YouTube में चीफ़ प्रोडक्ट ऑफिसर (CPO) के रूप में जुड़े। अगले आठ वर्षों में उन्होंने कई महत्वपूर्ण विकासों का नेतृत्व किया—
• YouTube Shorts का विस्तार
• YouTube TV का विकास
• क्रिएटर्स के लिए मजबूत कमाई मॉडल
• डिजिटल वेलबीइंग और कंटेंट मॉडरेशन में सुधार

2023 में CEO बनने के बाद उन्होंने वैश्विक मीडिया तकनीक के परिवर्तनकारी दौर में प्लेटफ़ॉर्म की कमान संभाली।

यह सम्मान क्यों महत्वपूर्ण है?

TIME द्वारा नील मोहन को CEO ऑफ़ द ईयर चुना जाना:

• वैश्विक मंच पर भारतीय मूल के नेतृत्व को उजागर करता है
• नैतिक, क्रिएटर-केंद्रित तकनीकी नेतृत्व के महत्व को रेखांकित करता है
• वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच YouTube की दिशा पर विश्वास दिखाता है
• तकनीक, AI और डिजिटल मीडिया में युवा पेशेवरों को प्रेरित करता है

उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि तकनीकी गहराई, विनम्रता और समावेशी दृष्टिकोण मिलकर कैसे परिवर्तनकारी नेतृत्व गढ़ते हैं।

स्थैतिक जानकारी (Static Info)

पुरस्कार: TIME CEO ऑफ़ द ईयर 2025
प्राप्तकर्ता: नील मोहन
पद: CEO, YouTube (2023 से)
शिक्षा: स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय — B.S. (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), MBA (Arjay Miller Scholar)
करियर हाइलाइट्स: Accenture, DoubleClick, Microsoft, Google, YouTube CPO (2015), CEO (2023)

आईआईटी मद्रास और इंडिया एआई मिशन चेन्नई में आयोजित करेंगे ग्लोबल एआई कॉन्क्लेव

भारत जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी नेतृत्व स्थिति को लगातार मजबूत कर रहा है। इसी कड़ी में, आईआईटी मद्रास और इंडिया एआई मिशन मिलकर चेन्नई में ग्लोबल एआई कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहे हैं। 11 दिसंबर को प्रस्तावित यह कार्यक्रम, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा परिभाषित सुरक्षित, विश्वसनीय और समावेशी एआई विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। यह आयोजन आगामी इंडिया-एआई इम्पैक्ट समिट 2026 का पूर्वाभ्यास भी है, जो एआई शासन और नवाचार पर दुनिया के सबसे प्रमुख मंचों में से एक है।

प्रसंग: एआई शासन का निर्णायक क्षण

जैसे-जैसे दुनिया भर के देश AI को तेज़ी से अपना रहे हैं, सुरक्षा, जवाबदेही और नैतिक इस्तेमाल को लेकर चिंताएँ पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो गई हैं। भारत, अपने बड़े डिजिटल इकोसिस्टम और पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ, ऐसे फ्रेमवर्क बनाने पर काम कर रहा है जो विश्व स्तर पर इंटरऑपरेबल हों और साथ ही स्थानीय ज़रूरतों के हिसाब से भी हों, खासकर अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक और भाषाई संदर्भों के लिए। चेन्नई कॉन्क्लेव इसी रणनीतिक सोच को दिखाता है, जो उच्च-स्तरीय AI सिद्धांतों को व्यावहारिक, लागू करने योग्य गवर्नेंस टूल्स में बदलने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

ग्लोबल एआई कॉन्क्लेव के प्रमुख फोकस क्षेत्र

कॉन्व्लेव में मुख्य वक्ताओं के सत्र, विशेषज्ञ पैनल, और कार्यात्मक चर्चा समूह शामिल होंगे — जिनका केंद्र बिंदु विश्वास, नवाचार और समानता पर आधारित एआई पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।

1. एआई सुरक्षा और शासन ढाँचे को आगे बढ़ाना

मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि वर्तमान एआई सुरक्षा दिशानिर्देश—जो अक्सर सैद्धांतिक या व्यापक होते हैं—को कैसे व्यावहारिक और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त नियमों और शासन मॉडलों में बदला जाए।

2. ग्लोबल साउथ के लिए एआई सेफ्टी कॉमन्स की स्थापना

कॉन्व्लेव में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव एआई सेफ्टी कॉमन्स का है—एक साझा वैश्विक ढांचा, जिसमें शामिल होंगे:

  • साझा डेटा सेट

  • बेंचमार्किंग उपकरण

  • ओपन सोर्स गवर्नेंस संसाधन

इसका उद्देश्य विकासशील देशों और शोध संस्थानों को सुरक्षित और विश्वसनीय एआई निर्माण में सक्षम बनाना है।

3. स्थानीय प्रासंगिकता और वैश्विक इंटरऑपरेबिलिटी

चर्चा इस बात पर केंद्रित होगी कि एआई ढांचे ऐसे हों जो:

  • सीमाओं के पार अपनाने योग्य हों

  • भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप हों

  • सार्वजनिक क्षेत्र में एआई उपयोग को मजबूत करें

  • उद्योग और शिक्षा जगत में नैतिक नवाचार को प्रोत्साहित करें

बहु-हितधारक सहभागिता

इस कार्यक्रम में भाग लेंगे:

  • सरकारी नीति-निर्माता

  • उद्योग जगत के नेता और एआई नवोन्मेषक

  • शैक्षणिक विशेषज्ञ व शोधकर्ता

  • नागरिक समाज प्रतिनिधि

यह विविध सहभागिता सुनिश्चित करेगी कि चर्चाएँ वास्तविक चुनौतियों और अवसरों को प्रतिबिंबित करें।

इंडिया-एआई इम्पैक्ट समिट 2026 से संबंध

चेन्नई का यह कॉन्क्लेव, 15–20 फरवरी 2026 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होने वाली इंडिया-एआई इम्पैक्ट समिट का आधार तैयार करेगा। पहली बार यह वैश्विक मंच ग्लोबल साउथ में आयोजित होगा, जिससे एआई शासन और नवाचार में भारत की प्रमुख भूमिका स्पष्ट होती है।

मुख्य बिंदु

  • आईआईटी मद्रास और इंडिया एआई मिशन चेन्नई में ग्लोबल एआई कॉन्क्लेव आयोजित करेंगे।

  • फोकस: सुरक्षित, विश्वसनीय और समावेशी एआई विकास।

  • यह आयोजन इंडिया-एआई इम्पैक्ट समिट 2026 का पूर्वाभ्यास है।

  • चर्चा में एआई शासन, एआई सेफ्टी कॉमन्स, और वैश्विक–स्थानीय संतुलित ढांचे शामिल होंगे।

इंडिया पोस्ट ने केरल का पहला Gen-Z पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन लॉन्च किया

युवा भारत के डाक सेवाओं के अनुभव को नए सिरे से गढ़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, इंडिया पोस्ट ने केरल के कोट्टायम स्थित सीएमएस कॉलेज में राज्य का पहला Gen-Z पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन काउंटर शुरू किया है। 9 दिसंबर 2025 को उद्घाटित यह सुविधा पारंपरिक डाक सेवाओं को अधिक आकर्षक, सुलभ और आज के छात्रों की जीवनशैली के अनुरूप बनाने की एक साहसिक और अभिनव कोशिश है। इस एक्सटेंशन काउंटर का उद्घाटन केरल सेंट्रल रीजन के निदेशक डाक सेवाएँ श्री एन.आर. गिरि द्वारा किया गया, जो परिसरों और समुदायों में इंडिया पोस्ट के डिजिटल-फ्रेंडली और युवा-केंद्रित परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

परिप्रेक्ष्य और पृष्ठभूमि

इंडिया पोस्ट, दुनिया के सबसे पुराने और विशाल डाक नेटवर्कों में से एक, डिजिटल संचार के युग में प्रासंगिक बने रहने के लिए लगातार आधुनिकीकरण की रणनीतियाँ अपना रहा है। जेन-ज़ी थीम वाले पोस्टल काउंटरों की शुरुआत इसकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य परंपरा और नवाचार के बीच सेतु बनाना है, ताकि आवश्यक सेवाएँ नई पीढ़ी के लिए आकर्षक और सुविधाजनक बनी रहें। “लेण्ड ऑफ़ लेटर्स” के नाम से प्रसिद्ध और भारत की सबसे पुरानी शैक्षणिक संस्थाओं में से एक सीएमएस कॉलेज इस पहल के लिए आदर्श स्थान बना, जहाँ परंपरा और युवाओं की रचनात्मकता का सुंदर मेल संभव हुआ। नया एक्सटेंशन काउंटर “छात्रों का, छात्रों द्वारा, छात्रों के लिए” की अवधारणा पर आधारित है।

एक जेन-ज़ी स्पेस: जहाँ मेल मिलता है आधुनिकता से

नव उद्घाटित यह काउंटर पारंपरिक डाक सेवा केंद्र जैसा नहीं है। बल्कि यह एक वर्क-कैफ़े, हरित विश्राम स्थल, क्रिएटिव हब और सामुदायिक कोना — इन सभी का अनोखा मिश्रण प्रस्तुत करता है।

मुख्य विशेषताएँ

  • प्रकृति-थीम वाला बैठने का क्षेत्र: पिकनिक-टेबल शैली की सीटिंग, वर्टिकल गार्डन एलिमेंट्स और पुनर्नवीनीकृत टायरों से बने फ़र्नीचर एक पर्यावरण-अनुकूल और सुकून देने वाला माहौल तैयार करते हैं।

  • वर्क-फ्रेंडली लेज व चार्जिंग पोर्ट्स: छात्र लैपटॉप और मोबाइल चार्ज करते हुए पढ़ाई भी कर सकते हैं और साथ में डाक सेवाओं का उपयोग भी कर सकते हैं।

  • मनोरंजन व विश्राम कोना: एक मिनी-लाइब्रेरी, बोर्ड गेम्स और इनडोर रीडिंग नुक छात्रों को कक्षाओं के बीच एक ताज़गीभरा विराम प्रदान करते हैं।

  • पूर्ण सुसज्जित MPCM काउंटर: इसमें पैकेजिंग सामग्री, आवश्यक बुकिंग सेवाएँ तथा MyStamp प्रिंटर शामिल है, जिससे व्यक्तिगत डाक टिकट बनाए जा सकते हैं।

  • छात्रों द्वारा बनाई गई कलाकृतियाँ: दीवारों पर इंडिया पोस्ट, सीएमएस कॉलेज की विरासत, केरल की संस्कृति और प्रकृति-थीम वाली रंगीन आर्टवर्क सजी हुई हैं।

इस पहल का महत्व

  1. युवा-केंद्रित सार्वजनिक सेवा नवाचार: यह दर्शाता है कि सरकारी सेवाएँ अब आधुनिक, इंटरैक्टिव और समुदाय आधारित रूप में भी प्रदान की जा सकती हैं।

  2. सस्टेनेबिलिटी और डिज़ाइन थिंकिंग: पुनर्चक्रित सामग्री और हरित डिज़ाइन के माध्यम से यह काउंटर छात्रों को व्यावहारिक स्थिरता का पाठ सिखाता है।

  3. कैम्पस पोस्टल सेवाओं का नया मॉडल: यह सेवा-प्रदाय को सीखने, रचनात्मकता और सहयोग के साथ जोड़ता है—और भविष्य के कैंपस पोस्टल काउंटरों के लिए एक मिसाल स्थापित करता है।

  4. इंडिया पोस्ट की आधुनिक पहचान को सुदृढ़ करना: लाइफ़स्टाइल-फ्रेंडली ब्रांडिंग के माध्यम से इंडिया पोस्ट जेन-ज़ी उपयोगकर्ताओं के करीब आता है, जो सुविधा और सौंदर्यपूर्ण स्थानों को महत्व देते हैं।

MPCM काउंटर क्या होता है?

MPCM (मल्टी-परपज़ काउंटर मशीन) एक कंप्यूटर-सक्षम डाक काउंटर है, जहाँ एक ही स्थान पर कई प्रकार की डाक और वित्तीय सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • स्पीड पोस्ट और पार्सल बुकिंग

  • डाक स्टेशनरी की उपलब्धता

  • फिलैटेलिक सेवाएँ (जिसमें MyStamp प्रिंटिंग भी शामिल है)

  • बिल भुगतान और बचत बैंक से संबंधित लेनदेन

MPCM काउंटर इंडिया पोस्ट को तेज़, डिजिटल-आधारित और त्रुटि-रहित सेवाएँ प्रदान करने में मदद करते हैं, खासकर उन स्थानों पर जहाँ ग्राहक-केंद्रित सुविधा दी जाती है।

मुख्य बिंदु 

  • 9 दिसंबर 2025 को इंडिया पोस्ट ने केरल का पहला Gen-Z पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन काउंटर सीएमएस कॉलेज, कोट्टायम में शुरू किया।

  • पहल की अवधारणा: “छात्रों का, छात्रों द्वारा, छात्रों के लिए।”

  • प्रमुख विशेषताएँ: प्रकृति-थीम वाला बैठने का क्षेत्र, वर्टिकल गार्डन, चार्जिंग-फ्रेंडली वर्क लेज, बुकशेल्फ़ व बोर्ड गेम्स, और MyStamp-सक्षम MPCM काउंटर

  • यह स्थान एक साथ वर्क कैफ़े, क्रिएटिव ज़ोन, सामुदायिक हब और आधुनिक डाक सेवा केंद्र के रूप में कार्य करता है।

अदाणी ग्रुप एनर्जी ट्रांजिशन क्षेत्र में 75 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करेगा

भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य को मजबूत करते हुए अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने घोषणा की है कि समूह अगले पाँच वर्षों में ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) क्षेत्र में 75 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेगा। IIT (ISM) धनबाद के 100वें वर्ष समारोह के दौरान अदाणी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ता परिवर्तन भविष्य के सबसे बड़े उद्योगों में से एक बनने वाला है और भारत को इस परिवर्तन का नेतृत्व अवश्य करना चाहिए।

संदर्भ: भारत का ऊर्जा संक्रमण और अदाणी समूह की भूमिका

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बिजली उपभोक्ता है, लेकिन प्रति व्यक्ति खपत अभी भी कम है — लगभग 1,400 kWh प्रति वर्ष। जैसे-जैसे भारत अपनी औद्योगिक क्षमता बढ़ा रहा है, स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ेगी।

भारत ने दो सदियों के औद्योगिक विकास के बावजूद वैश्विक संचयी उत्सर्जन में केवल 4% का योगदान दिया है। इसलिए भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलाव को विकास का बड़ा अवसर मानता है, जिसमें भारी कार्बन उत्सर्जन से बचते हुए प्रगति की जा सके।

अदाणी समूह — जो पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों में शामिल है — इस परिवर्तन को गति देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

75 अरब डॉलर के निवेश की योजना

गौतम अडाणी ने बताया कि समूह आने वाले वर्षों में विभिन्न हरित (Green) क्षेत्रों में 75+ अरब डॉलर का निवेश करेगा:

1. ग्रीन हाइड्रोजन

उद्देश्य—दुनिया के सबसे किफायती ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादकों में शामिल होना, जिसका उपयोगः

  • उर्वरक उद्योग

  • मोबिलिटी

  • भारी उद्योग

  • ग्रीन स्टील उत्पादन
    में किया जाएगा।

2. नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विस्तार

निवेश किया जाएगाः

  • बड़े सोलर और विंड पार्क

  • ग्रिड अवसंरचना

  • बैटरी ऊर्जा भंडारण

  • ट्रांसमिशन नेटवर्क
    में नए स्तर पर विस्तार के लिए।

3. ग्रीन स्टील निर्माण

ग्रीन हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित स्टील उत्पादन भारत को कम उत्सर्जन वाले वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की श्रेणी में खड़ा करेगा।

4. ऊर्जा क्षेत्र में डिजिटल और उभरती तकनीकें

AI-आधारित सिस्टम, ऊर्जा पूर्वानुमान, और उन्नत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बिजली उत्पादन और वितरण में गहराई से एकीकृत किए जाएंगे।

खवड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क: वैश्विक मानक

अदाणी की स्वच्छ ऊर्जा दृष्टि का केंद्र गुजरात का खवड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट बताया गया है।

मुख्य तथ्य:

  • क्षेत्रफल: 520 वर्ग किलोमीटर

  • क्षमता: 2030 तक 30 GW ऊर्जा उत्पादन

  • प्रभाव: 6 करोड़ से अधिक भारतीय घरों को बिजली देने की क्षमता

यह पार्क बड़े पैमाने पर सौर और पवन ऊर्जा को जोड़कर दुनिया की सबसे कम लागत वाली हरित ऊर्जा (Green Electron) प्रदान करेगा।

IIT (ISM) धनबाद के लिए घोषित पहलें

1. अदाणी वार्षिक इंटर्नशिप

  • हर वर्ष 50 भुगतान वाली इंटर्नशिप तीसरे वर्ष के छात्रों के लिए

  • 25% इंटर्न को प्री-प्लेसमेंट ऑफर की गारंटी

2. अदाणी 3S माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर

TEXMiN के साथ साझेदारी में विकसित, जिसमें शामिल होंगेः

  • मेटावर्स लैब

  • ड्रोन-आधारित निगरानी

  • सिस्मिक सेंसिंग सिस्टम

  • प्रिसिजन ब्लास्टिंग तकनीकें

यह पहल जिम्मेदार और तकनीक-आधारित खनन को बढ़ावा देती है और उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करती है।

मुख्य बिंदु 

  • अदाणी समूह अगले 5 वर्षों में 75 अरब डॉलर से अधिक का निवेश ऊर्जा संक्रमण में करेगा।

  • प्रमुख क्षेत्र: ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन स्टील, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल ऊर्जा प्रणालियाँ

  • गुजरात का खवड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा, जो 2030 तक 30 GW ऊर्जा उत्पन्न करेगा।

  • भारत दुनिया की सबसे सस्ती हरित ऊर्जा प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है।

  • ऐतिहासिक रूप से भारत का वैश्विक उत्सर्जन में योगदान केवल 4% रहा है।

  • IIT (ISM) धनबाद में छात्रों के लिए इंटर्नशिप और माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर की घोषणा की गई।

अदाणी समूह तेलंगाना में 2500 करोड़ रुपये के निवेश से डेटा सेंटर स्थापित करेगा

भारत की डिजिटल अवसंरचना को मजबूत करने की रणनीतिक पहल के तहत अदाणी समूह ने तेलंगाना में 48-मेगावॉट का हरित डेटा सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है। यह अत्याधुनिक सुविधा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा संचालित होगी और देश में तेजी से बढ़ती क्लाउड सेवाओं, हाई-परफ़ॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) और डेटा स्टोरेज समाधान की मांग को पूरा करने पर केंद्रित होगी।

यह घोषणा अदाणी पोर्ट्स एवं एसईज़ेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट 2025 के दौरान की। यह नया डेटा सेंटर तकनीकी क्षेत्र में समूह की बड़ी बढ़त का संकेत देता है और भारत की अवसंरचना एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था में अदाणी समूह की बढ़ती उपस्थिति को और मजबूत करता है।

परियोजना का अवलोकन

प्रस्तावित AI-सक्षम डेटा सेंटर भारत के सबसे बड़े केंद्रों में से एक बनने जा रहा है, जिसे सस्टेनेबिलिटी और ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

मुख्य परियोजना विवरण:

  • स्थान: तेलंगाना

  • क्षमता: 48 मेगावॉट

  • निवेश: ₹2,500 करोड़

  • प्रौद्योगिकी: AI और क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म द्वारा संचालित

  • उद्देश्य: भारत में बढ़ती AI, HPC और डेटा स्टोरेज की मांग को पूरा करना

यह सुविधा उन उद्यमों, सरकारी संस्थाओं और टेक कंपनियों को सेवाएँ प्रदान करेगी जिन्हें स्केलेबल डेटा समाधान की जरूरत है। यह भारत को डिजिटल रूप से सक्षम अर्थव्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

तेलंगाना और भारत के लिए रणनीतिक महत्व

भारत की डिजिटल अवसंरचना को सशक्त बनाना

भारत तेजी से डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है—AI, 5G, फिनटेक, ई-गवर्नेंस और क्लाउड सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज और रियल-टाइम एनालिटिक्स की मांग में भारी वृद्धि हो रही है। यह परियोजना उन्नत कंप्यूटिंग क्षमताओं की इसी आवश्यकता को पूरा करती है।

तेलंगाना के टेक इकोसिस्टम को बढ़ावा

तेलंगाना, विशेषकर हैदराबाद, प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र बनकर उभरा है। यह नया डेटा सेंटर राज्य को डेटा और डिजिटल अवसंरचना हब के रूप में और मजबूत करता है, जिससे IT और स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी लाभ मिलेगा।

रोज़गार सृजन और आर्थिक प्रभाव

  • अदाणी समूह ने पिछले तीन वर्षों में तेलंगाना में ₹10,000 करोड़ का निवेश किया है—सड़कों, लॉजिस्टिक्स, अवसंरचना और विनिर्माण क्षेत्रों में।

  • इन परियोजनाओं से 7,000 से अधिक नौकरियाँ सृजित हुई हैं।

  • नया डेटा सेंटर इंजीनियरिंग, IT, पावर मैनेजमेंट, और फ़ैसिलिटी संचालन में और रोजगार पैदा करेगा।

स्थैतिक जानकारी: ग्रीन डेटा सेंटर क्या है?

ग्रीन डेटा सेंटर वह सुविधा है जिसे ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम रखने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें शामिल हैं:

  • नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग

  • अनुकूलित कूलिंग सिस्टम

  • AI आधारित रिसोर्स मैनेजमेंट

  • उच्च दक्षता वाला हार्डवेयर

बढ़ती ऊर्जा जरूरतों और पर्यावरण चिंताओं के बीच, ग्रीन डेटा सेंटर वैश्विक स्तर पर टिकाऊ तकनीकी अवसंरचना का मानक बनते जा रहे हैं।

परियोजना का महत्व

  • भारत के AI और डिजिटल इंडिया लक्ष्यों को बढ़ावा मिलेगा

  • आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेगा—स्थानीय डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज को बढ़ावा

  • साइबर संप्रभुता को सुदृढ़ करेगा, विदेशी डेटा केंद्रों पर निर्भरता कम होगी

  • अदाणी समूह को ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स से आगे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर लीडर के रूप में स्थापित करेगा

  • AI शोध, क्लाउड कंपनियों और फिनटेक संस्थानों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • अदाणी समूह तेलंगाना में ₹2,500 करोड़ से 48-MW AI-संचालित ग्रीन डेटा सेंटर स्थापित करेगा।

  • यह केंद्र भारत की AI, क्लाउड और HPC आवश्यकताओं का समर्थन करेगा।

  • तेलंगाना लगातार बड़े टेक और अवसंरचना निवेश आकर्षित कर रहा है, जिससे यह राष्ट्रीय डिजिटल हब के रूप में उभर रहा है।

  • यह परियोजना अदाणी समूह के तेलंगाना में ₹10,000 करोड़ के व्यापक निवेश का हिस्सा है।

UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में शामिल दीपावली

भारत के लिए एक गर्वपूर्ण सांस्कृतिक क्षण में, दीपावली—प्रकाश और आशा का प्रतीक यह प्रतिष्ठित त्योहार—को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची 2025 में औपचारिक रूप से शामिल किया गया है। यह मान्यता भारत और विश्वभर के भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले इस त्योहार की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक महत्ता को पुष्टि करती है। यूनेस्को का यह निर्णय भारत की जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं को वैश्विक मंच पर अधिक दृश्यता प्रदान करता है और तेजी से बदलती दुनिया में उनकी निरंतर प्रासंगिकता को रेखांकित करता है।

पृष्ठभूमि: यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची क्या है?

यूनेस्को की यह सूची उन परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से बनाई गई है जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होती हैं। इनमें शामिल हैं—मौखिक परंपराएँ, प्रदर्शन कलाएँ, सामाजिक रीति-रिवाज़ और त्यौहार, अनुष्ठान, प्रकृति एवं ब्रह्मांड संबंधी पारंपरिक ज्ञान, तथा हस्तशिल्प। इसका उद्देश्य सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखना, जन-जागरूकता बढ़ाना और विभिन्न जीवन-शैलियों के प्रति वैश्विक सम्मान विकसित करना है।

दीपावली के चयन का कारण

दीपावली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक जीवित विरासत है जो अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय के सार्वभौमिक संदेश को प्रसारित करती है। इसके अंतर्गत—विभिन्न क्षेत्रों की पूजा-परंपराएँ, सामुदायिक उत्सव, पारिवारिक जमावड़े, हस्तशिल्प और पारंपरिक भोजन, दीयों का प्रज्ज्वलन तथा सद्भावना और समावेशन जैसे मूल्यों की अभिव्यक्ति—इसे यूनेस्को के मानदंडों के अनुरूप एक जीवंत, समावेशी और समाज-आधारित विरासत बनाते हैं।

यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची 2025

2025 की सूची में कुल 20 सांस्कृतिक तत्व शामिल किए गए, जिनमें दीपावली भी है। प्रमुख प्रविष्टियों में अफगानिस्तान की बेहज़ाद शैली की मिनिएचर कला, कतर और खाड़ी देशों की बिश्त परंपरा, अर्जेंटीना का क्वार्तेतो संगीत, मिस्र का कोशरी व्यंजन, बेल्जियम की कठपुतली परंपरा, और बांग्लादेश की तांगाइल साड़ी बुनाई शामिल हैं।

दीपावली की सूची में सम्मिलित होने का महत्व

दीपावली का शामिल होना भारत की सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर को वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ करता है। यह इसके सार्वभौमिक संदेश—सद्भाव, नव-आरंभ और सकारात्मकता—को मान्यता देता है। इससे दीपावली से जुड़ी परंपराओं जैसे—रंगोली, दीया-निर्माण, कथावाचन, लोक अनुष्ठान और अन्य पारंपरिक गतिविधियों—को संरक्षण तथा प्रोत्साहन मिलता है। यह भारत को भविष्य में अधिक सांस्कृतिक परंपराएँ सूचीबद्ध कराने में भी मजबूती प्रदान करता है।

स्थिर जानकारी

  • नई भारतीय प्रविष्टि (2025): दीपावली

  • सूची का नाम: यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची

  • उद्देश्य: जीवित सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण

  • भारत की अन्य प्रविष्टियाँ: दुर्गा पूजा, कुंभ मेला, वैदिक chanting, रामलीला, कुटियाट्टम, छऊ नृत्य, कालबेलिया आदि

  • 2025 में बांग्लादेश की नई प्रविष्टि: तांगाइल साड़ी बुनाई

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