वैज्ञानिकों ने IVF का उपयोग करके पहला कंगारू भ्रूण बनाया

वैज्ञानिकों ने एक ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए पहली बार इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक का उपयोग करके कंगारू भ्रूण तैयार किए हैं। यह उपलब्धि संकटग्रस्त मार्सुपियल (थैलीधारी) प्रजातियों के संरक्षण में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है और विलुप्ति के खतरे से बचाने में सहायक हो सकती है।

यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया और इसे ‘रिप्रोडक्शन, फर्टिलिटी एंड डेवलपमेंट’ नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। शोध में यह उजागर किया गया है कि सहायक प्रजनन तकनीक (ART) को कोआला, तस्मानियन डेविल, उत्तरी हेरी-नोस वॉम्बैट और लीडबीटर्स पॉसम जैसे संकटग्रस्त प्राणियों के संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस उपलब्धि का महत्व

  • पहली बार कंगारू भ्रूण IVF तकनीक से विकसित किए गए, जो संकटग्रस्त मार्सुपियल्स के संरक्षण के लिए नई संभावनाएँ खोलते हैं।
  • IVF तकनीक अब तक मुख्य रूप से मनुष्यों और पालतू जानवरों में प्रयुक्त होती रही है, लेकिन मार्सुपियल्स में इसका उपयोग अब तक सीमित था।
  • इस शोध से संकटग्रस्त मार्सुपियल्स के लिए नई संरक्षण रणनीतियों का मार्ग प्रशस्त होगा और उनके प्रजनन को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

IVF के माध्यम से कंगारू भ्रूण बनाने की प्रक्रिया

1. अध्ययन का उद्देश्य

इस शोध का मुख्य उद्देश्य संकटग्रस्त मार्सुपियल्स के प्रजनन को संरक्षित करने के लिए नई विधियों का विकास करना था। इसके तहत:

  • संकटग्रस्त प्रजातियों की आनुवंशिक सामग्री संरक्षित करने के प्रयास।
  • मार्सुपियल प्रजनन में IVF तकनीक के उपयोग का विस्तार
  • प्राकृतिक आवासों के विनाश, जलवायु परिवर्तन और बीमारियों से प्रभावित प्रजातियों को बचाना।

2. कंगारू भ्रूण विकसित करने की प्रक्रिया

वैज्ञानिकों ने पूर्वी ग्रे कंगारू (Eastern Grey Kangaroo) को मॉडल प्रजाति के रूप में चुना और उनके प्रजनन को IVF तकनीक से अनुकूलित किया।

अंडाणु और शुक्राणु का संग्रहण:

  • अनुसंधान उद्देश्यों के लिए पूर्वी ग्रे कंगारू के अंडाणु और शुक्राणु एकत्र किए गए।
  • एक मादा कंगारू से कुल 32 अंडाशय कूप (follicles) प्राप्त किए गए।
  • इनमें से 78% ने वृद्धि दिखाई, जबकि 12% आकार में दोगुने हो गए।

इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) तकनीक:

  • वैज्ञानिकों ने ICSI विधि का उपयोग किया, जिसमें एक शुक्राणु को सीधे एक परिपक्व अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया के बाद, सफलतापूर्वक कंगारू भ्रूण का निर्माण किया गया।

संरक्षण प्रयासों में IVF का महत्व

1. संकटग्रस्त मार्सुपियल्स की सुरक्षा

इस तकनीक से जिन प्रजातियों को लाभ मिल सकता है, उनमें शामिल हैं:

  • कोआला – आवास क्षति और बीमारियों से प्रभावित।
  • तस्मानियन डेविल – डेविल फेशियल ट्यूमर रोग से खतरे में।
  • उत्तरी हेरी-नोस वॉम्बैट – दुर्लभतम मार्सुपियल्स में से एक।
  • लीडबीटर्स पॉसम – वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन से प्रभावित।

2. आनुवंशिक सामग्री का संरक्षण और उपयोग

  • IVF के माध्यम से अंडाणु और शुक्राणु को संरक्षित किया जा सकता है, जिससे जैव विविधता बनी रहेगी
  • इस तकनीक से सीधे प्रजनन कार्यक्रमों की आवश्यकता के बिना प्रजातियों को फिर से जंगल में बसाने में मदद मिलेगी।

3. भविष्य में IVF से जन्मे कंगारू

अब तक कोई कंगारू IVF के माध्यम से जन्म नहीं लिया है, लेकिन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले दशक में पहला IVF-जनित मार्सुपियल जन्म ले सकता है

वैश्विक स्तर पर संरक्षण में IVF की भूमिका

मार्सुपियल्स में IVF की सफलता वैश्विक स्तर पर संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण में सहायक प्रजनन तकनीकों के बढ़ते उपयोग का हिस्सा है।

  • जनवरी 2024 में जर्मनी के वैज्ञानिकों ने गैंडे का पहला IVF भ्रूण सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया।
  • इसी तरह, बाघों, हाथियों और अन्य संकटग्रस्त प्रजातियों के लिए IVF तकनीक का परीक्षण किया गया है।
  • कंगारू IVF अध्ययन यह साबित करता है कि ये तकनीकें अन्य वन्यजीव प्रजातियों में भी सफल हो सकती हैं, जिससे भविष्य में संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।

यह खोज न केवल कंगारू और अन्य मार्सुपियल प्रजातियों के संरक्षण में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, बल्कि भविष्य में विलुप्ति के कगार पर खड़ी कई प्रजातियों को बचाने में भी मददगार साबित हो सकती है।

पाकिस्तान चीन के चांग’ए-8 चंद्र मिशन में शामिल हुआ

पाकिस्तान के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, स्पेस एंड अपर एटमॉस्फियर रिसर्च कमीशन (SUPARCO) ने चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) के साथ चांग’ए-8 चंद्र मिशन के लिए साझेदारी की है, जो 2028 में प्रक्षेपित किया जाएगा। यह पहली बार है जब पाकिस्तान किसी चंद्र अन्वेषण मिशन में भाग ले रहा है, जो देश की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस मिशन के तहत, चीन के अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (ILRS) परियोजना के हिस्से के रूप में पाकिस्तान का स्वदेशी रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जाएगा।

चांग’ए-8 मिशन में पाकिस्तान की भूमिका

इस संयुक्त मिशन के तहत, SUPARCO एक 35 किलोग्राम वजनी चंद्र रोवर विकसित करेगा, जो चंद्रमा के दुर्गम दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र की खोज करेगा। वैज्ञानिक दृष्टि से यह क्षेत्र महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यहां पानी की बर्फ पाए जाने की संभावना है, जो भविष्य में चंद्र उपनिवेशीकरण के लिए उपयोगी हो सकता है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह रोवर वैज्ञानिक प्रयोग, भू-भाग विश्लेषण और संसाधनों के आकलन जैसे कार्य करेगा।

चांग’ए-8 मिशन के उद्देश्य

NASA और चीनी सूत्रों के अनुसार, चांग’ए-8 मिशन मुख्य रूप से निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है:

  • चंद्र वैज्ञानिक आधार बनाने के लिए आवश्यक तकनीकों का परीक्षण।
  • चंद्र सतह के नमूनों का अध्ययन और वैज्ञानिक प्रयोग।
  • इन-सिटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन (ISRU) तकनीक का मूल्यांकन, जिससे चंद्रमा पर स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा सके।
  • पृथ्वी अवलोकन अनुसंधान और उन्नत चंद्र सर्वेक्षण।

चांग’ए-8 से मिलने वाली जानकारी चीन के 2035 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक स्थायी वैज्ञानिक अड्डा बनाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगी।

पाकिस्तान की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाएं

यह साझेदारी पाकिस्तान की अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ती रुचि को दर्शाती है। इससे पहले, मई 2024 में पाकिस्तान ने iCube Qamar CubeSat उपग्रह को चांग’ए-6 मिशन के तहत सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इस उपग्रह को SUPARCO और पाकिस्तान के स्पेस टेक्नोलॉजी संस्थान (IST) के सहयोग से विकसित किया गया था, जिससे पाकिस्तान की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति स्पष्ट होती है।

चांग’ए-8 मिशन SUPARCO के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि अब तक इसकी प्राथमिकता पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों और संचार तकनीकों तक सीमित रही है। इस मिशन के जरिए पाकिस्तानी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को चंद्र अन्वेषण, रोवर तकनीक और ग्रह विज्ञान में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर मिलेगा

चीन की वैश्विक भागीदारी नीति

चांग’ए-8 मिशन की एक विशेषता इसका अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए खुलापन है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने विदेशी भागीदारों के लिए 200 किलोग्राम (440 पाउंड) पेलोड क्षमता निर्धारित की है। इस पेलोड में शामिल हो सकते हैं:

  • लैंडर से जुड़े वैज्ञानिक उपकरण।
  • स्वतंत्र रूप से संचालित होने वाले रोबोट और रोवर
  • लूनर फ्लाइट व्हीकल, जो चंद्र सतह का हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं।

चीन ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए रुचि पत्र (Letters of Intent) आमंत्रित किए थे, जिसमें प्राथमिकता दी गई:

  • चंद्र अनुसंधान में नवाचार।
  • चंद्र मिट्टी और चट्टान के नमूने इकट्ठा करने में सक्षम रोबोटिक सिस्टम।
  • ऐसे वैज्ञानिक उपकरण जो चीनी उपकरणों को पूरक कर सकते हैं।

चीन की चंद्र महत्वाकांक्षाएं

चांग’ए-8 मिशन चीन के 2035 तक चंद्रमा पर स्थायी आधार बनाने के लक्ष्य की ओर एक बड़ा कदम है। इस मिशन से:

  • चंद्रमा पर स्थायी बुनियादी ढांचा तैयार करने की नींव रखी जाएगी।
  • लूनर सामग्री से 3डी प्रिंटिंग तकनीक का परीक्षण किया जाएगा।
  • चंद्र संसाधनों के निष्कर्षण और आत्मनिर्भर चंद्र आवास विकसित करने की प्रणाली विकसित की जाएगी।

चीन पहले ही चांग’ए-4 मिशन के जरिए चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से पर पहली सफल लैंडिंग और चांग’ए-5 मिशन के जरिए चंद्र मिट्टी के नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाने जैसी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुका है।

चांग’ए-8 मिशन में पाकिस्तान की भागीदारी अंतरिक्ष अनुसंधान में इसकी बढ़ती उपस्थिति को दर्शाती है और भविष्य में पाकिस्तान-चीन के बीच अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत कर सकती है।

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए ICC ने सॉन्ग रिलीज किया

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने आधिकारिक तौर पर आईसीसी मेंस चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का थीम सॉन्ग ‘जीतो बाज़ी खेल के’ लॉन्च कर दिया है। यह गीत प्रसिद्ध पाकिस्तानी गायक अतिफ असलम द्वारा गाया गया है और टूर्नामेंट के प्रति उत्साह बढ़ाने के लिए जारी किया गया है। प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत होने में अब केवल 12 दिन शेष हैं।

‘जीतो बाज़ी खेल के’ – क्रिकेट का जश्न मनाने वाला गीत

यह आधिकारिक एंथम क्रिकेट की भावना, प्रशंसकों की ऊर्जा और खेल के प्रति जुनून को दर्शाता है।

  • गायक: अतिफ असलम
  • संगीत निर्माता: अब्दुल्ला सिद्दीकी
  • गीतकार: अदनान धूल और असफंदयार असद

इस गाने का म्यूजिक वीडियो पाकिस्तान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को श्रद्धांजलि देता है, जिसमें स्ट्रीट मार्केट, स्टेडियम और क्रिकेट के प्रति आम लोगों का प्रेम दिखाया गया है।

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 – एक वैश्विक क्रिकेट महोत्सव

आईसीसी मेंस चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन 19 फरवरी से 9 मार्च 2025 तक पाकिस्तान और यूएई में किया जाएगा। शीर्ष आठ क्रिकेट टीमें इस रोमांचक 15-मैचों के टूर्नामेंट में गौरव और प्रतिष्ठित सफेद जैकेट के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी।

टूर्नामेंट का कार्यक्रम

  • शुरुआत: 19 फरवरी 2025
  • अंतिम मैच: 9 मार्च 2025
  • सेमीफाइनल: दुबई और लाहौर में आयोजित होंगे
  • फाइनल मैच: दुबई में पहले सेमीफाइनल के बाद टिकट उपलब्ध होंगे

सेबी ने डीबी रियल्टी एंड एसोसिएट्स पर जुर्माना लगाया

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने डीबी रियल्टी लिमिटेड (अब वेलोर एस्टेट लिमिटेड) और सात संबंधित व्यक्तियों पर वित्तीय गड़बड़ियों और अनिवार्य खुलासों में चूक के लिए कुल ₹25 लाख का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई कंपनी द्वारा लेखा मानकों के उल्लंघन और पुणे बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड (PBPL) के लिए बैंक ऑफ इंडिया को दी गई कॉर्पोरेट गारंटी को ठीक से उजागर न करने के कारण की गई।

SEBI की कार्रवाई का कारण

SEBI की जांच में सामने आया कि डीबी रियल्टी ने 2013 में PBPL के लिए बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए ऋण से संबंधित वित्तीय विवरणों में लेखा मानकों का पालन नहीं किया। यह ऋण जून 2020 तक ₹516 करोड़ तक बढ़ गया था। हालांकि, कंपनी ने महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे कि इस ऋण का गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) के रूप में वर्गीकरण, गारंटी का उपयोग, और बैंक द्वारा संपत्तियों के सांकेतिक अधिग्रहण को स्टॉक एक्सचेंज को सही तरीके से सूचित नहीं किया।

कौन-कौन हुए दंडित?

SEBI ने निम्नलिखित व्यक्तियों और संस्थाओं पर जुर्माना लगाया:

  • ₹5 लाख का जुर्माना: डीबी रियल्टी, चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक विनोद कुमार गोयनका, और प्रबंध निदेशक शाहिद बलवा उस्मान
  • ₹2 लाख का जुर्माना: आसिफ यूसुफ बलवा, जयवर्धन विनोद गोयनका, सलीम बलवा उस्मान, सुनीता गोयनका, और नबील यूसुफ पटेल

इन व्यक्तियों पर वित्तीय विवरणों में महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाने और PBPL की वित्तीय स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगा है।

पिछली नियामकीय कार्रवाइयों से संबंध

यह कार्रवाई डीबी रियल्टी के खिलाफ नियामकीय सख्ती के एक पैटर्न को दर्शाती है। दिसंबर 2024 में, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) ने हरिभक्ति एंड कंपनी LLP के दो लेखा परीक्षकों पर ₹8 लाख का जुर्माना लगाया था। इन लेखा परीक्षकों को वित्त वर्ष 2015-16 में डीबी रियल्टी के ऑडिट के दौरान पेशेवर लापरवाही और पर्याप्त ऑडिट साक्ष्य एकत्र करने में विफलता के लिए दोषी पाया गया था।

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?

निवेशकों को इस नियामकीय कार्रवाई के प्रति सतर्क रहना चाहिए क्योंकि यह डीबी रियल्टी की पारदर्शिता और कॉर्पोरेट गवर्नेंस में गंभीर कमियों को उजागर करता है। यह जुर्माना दर्शाता है कि वित्तीय रिपोर्टिंग और खुलासे में उच्च मानकों का पालन करना आवश्यक है। इस घटनाक्रम का कंपनी के शेयर प्रदर्शन पर भी प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए निवेशकों को इस पर लगातार नज़र बनाए रखनी चाहिए।

एथलेटिक एसोसिएशन ने ट्रंप के आदेश पर महिलाओं के खेल में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार, 5 फरवरी 2025 को “नो मेन इन विमेंस स्पोर्ट्स एक्जीक्यूटिव ऑर्डर” पर हस्ताक्षर किए। यह आदेश ट्रांसजेंडर महिलाओं और लड़कियों को महिला खेलों में भाग लेने से प्रतिबंधित करता है। यह ट्रंप प्रशासन का 20 जनवरी 2025 को कार्यभार संभालने के बाद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ चौथा कार्यकारी आदेश है।

ट्रंप के कार्यकारी आदेश का औचित्य

  1. महिला खेलों में ‘जैविक लिंग’ की रक्षा
    • व्हाइट हाउस में महिला एथलीटों के साथ खड़े होकर ट्रंप ने कहा कि कट्टर वामपंथी समूह जैविक लिंग को समाप्त कर ट्रांसजेंडर विचारधारा को थोपना चाहते हैं।
    • उन्होंने दावा किया, “इस कार्यकारी आदेश के साथ, महिलाओं के खेलों पर चल रहा युद्ध समाप्त हो गया है।”
    • ट्रंप का तर्क है कि ट्रांसजेंडर महिलाओं (जो जन्म से पुरुष होती हैं) को महिला खेलों में भाग लेने की अनुमति देना अनुचित लाभ देता है, जिससे जैविक महिलाओं के अवसर छिनते हैं।
  2. ट्रांस एथलीटों को लेकर भ्रामक दावे
    • ट्रंप ने अपने भाषण में पुरुष-जनित एथलीटों द्वारा महिला खिलाड़ियों की जीत ‘चुराने’ का उदाहरण दिया।
    • उन्होंने गलती से दावा किया कि अल्जीरियाई महिला मुक्केबाज इमाने खलीफ, जिन्हें अगस्त 2024 में पेरिस ओलंपिक में लिंग जांच का सामना करना पड़ा था, जन्म से पुरुष थीं।

कार्यकारी आदेश का कार्यान्वयन

  1. बाइडेन प्रशासन की टाइटल IX सुरक्षा को समाप्त करना
    • इस आदेश के तहत बाइडेन प्रशासन की वह नीति रद्द कर दी गई है, जो ट्रांसजेंडर छात्रों को उनके लिंग पहचान के अनुसार स्कूल खेलों में भाग लेने की अनुमति देती थी।
    • अब स्कूलों को ट्रांस लड़कियों और महिलाओं को महिला खेल टीमों में शामिल करने से रोक दिया जाएगा।
    • ट्रांसजेंडर छात्रों को स्कूलों में महिला शौचालयों के उपयोग की अनुमति भी नहीं होगी।
    • अमेरिकी शिक्षा विभाग उल्लंघन की जांच करेगा और गैर-अनुपालन करने वाले स्कूलों की संघीय फंडिंग काटी जा सकती है।
  2. खेल संगठनों के साथ सहयोग
    • ट्रंप प्रशासन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) सहित खेल संगठनों के साथ मिलकर महिला खेल श्रेणियों से ट्रांसजेंडर महिलाओं को बाहर रखने के लिए काम करेगा।
    • यह आदेश अमेरिकी वीज़ा नीतियों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे ट्रांसजेंडर महिला एथलीटों को अमेरिका में महिला खेलों में भाग लेने से रोका जा सकता है।
    • व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार, अमेरिका में महिला खेलों में भाग लेने के लिए प्रवेश करने वाली विदेशी ट्रांसजेंडर एथलीटों की ‘धोखाधड़ी’ की जांच की जाएगी।

अमेरिका के बाद अब अर्जेंटीना ने भी WHO से बाहर निकलने का फैसला किया

अर्जेंटीना ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर निकलने की घोषणा की है, जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इसी तरह के फैसले के बाद हुआ है। राष्ट्रपति जेवियर मिलेई की सरकार ने WHO की स्वास्थ्य नीतियों, विशेष रूप से COVID-19 महामारी के प्रबंधन को लेकर गहरी असहमति जताई है। इस निर्णय ने अर्जेंटीना की वैश्विक स्थिति, स्वास्थ्य नीति और WHO की विश्वसनीयता पर प्रभाव को लेकर बहस छेड़ दी है। आलोचकों का कहना है कि यह फैसला कांग्रेस की मंजूरी के बिना पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो सकता और इससे अर्जेंटीना की स्वास्थ्य प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है।

अर्जेंटीना के WHO से बाहर निकलने के प्रमुख बिंदु

निर्णय और घोषणा

अर्जेंटीना ने बुधवार को WHO से बाहर निकलने की घोषणा की। राष्ट्रपति प्रवक्ता मैनुअल एदोर्नी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की पुष्टि की। विदेश मंत्री गेरार्डो वर्थेइन को आधिकारिक रूप से निकासी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है।

वजहें

राष्ट्रपति जेवियर मिलेई ने WHO की स्वास्थ्य नीतियों और प्रबंधन को लेकर गहरी असहमति व्यक्त की। अर्जेंटीना सरकार ने COVID-19 महामारी के दौरान WHO की भूमिका की आलोचना की। संगठन की राजनीतिक स्वतंत्रता और बाहरी प्रभाव को लेकर भी सवाल उठाए गए। पिछले वामपंथी सरकार द्वारा लगाए गए लंबे लॉकडाउन भी इस फैसले की एक बड़ी वजह बताए जा रहे हैं।

अमेरिकी नीति के साथ मेल

मिलेई अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का अनुसरण करते हैं और उन्हें अपना राजनीतिक सहयोगी मानते हैं। ट्रंप ने जनवरी 2025 में दोबारा राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद अमेरिका को WHO से बाहर कर लिया था। दोनों नेताओं ने WHO की महामारी प्रबंधन और वित्तीय नीतियों की कड़ी आलोचना की थी।

कानूनी और स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव

विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला कांग्रेस की मंजूरी के बिना कानूनी रूप से प्रभावी नहीं होगा। आलोचकों के अनुसार, इसे कानूनी रूप से पारित कराने की आवश्यकता है। इस निर्णय से अर्जेंटीना की चिकित्सा आपूर्ति और स्वास्थ्य तकनीकों तक पहुंच प्रभावित हो सकती है। मिलेई सरकार पहले ही स्वास्थ्य बजट में कटौती कर चुकी है, जिससे टीकाकरण कार्यक्रमों में कमी और स्वास्थ्य क्षेत्र में छंटनी देखी गई है।

WHO पर प्रभाव

अमेरिका WHO का सबसे बड़ा दाता है, जो वार्षिक $950 मिलियन (कुल बजट का 15%) का योगदान करता है। अर्जेंटीना का योगदान मात्र $8 मिलियन है, जो वित्तीय रूप से WHO को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। हालांकि, विशेषज्ञों को आशंका है कि अन्य देश भी अर्जेंटीना के कदम का अनुसरण कर सकते हैं, जिससे WHO की वैश्विक विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है।

वैश्विक और घरेलू प्रतिक्रियाएं

आलोचकों का कहना है कि ट्रंप की नीतियों का अंधानुकरण अर्जेंटीना के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका पर अत्यधिक निर्भरता अर्जेंटीना के आर्थिक हितों के लिए जोखिमभरी हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता है कि यह निर्णय अर्जेंटीना की पहले से संकटग्रस्त स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।

क्यों चर्चा में है? अमेरिका के बाद अर्जेंटीना ने WHO से नाता तोड़ा
वजह WHO की नीतियों, विशेष रूप से COVID-19 प्रबंधन पर असहमति
प्रमुख व्यक्ति राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, विदेश मंत्री गेरार्डो वर्थेइन, प्रवक्ता मैनुअल एदोर्नी
अमेरिकी प्रभाव डोनाल्ड ट्रंप के WHO से बाहर निकलने के फैसले का अनुसरण
कानूनी अड़चनें WHO सदस्यता अर्जेंटीना के कानून का हिस्सा है, कांग्रेस की मंजूरी जरूरी
स्वास्थ्य प्रभाव चिकित्सा आपूर्ति और WHO कार्यक्रमों तक पहुंच प्रभावित होने की आशंका
WHO के बजट पर प्रभाव नगण्य वित्तीय असर, अर्जेंटीना का वार्षिक योगदान मात्र $8 मिलियन
वैश्विक चिंताएं अन्य देशों के भी WHO से बाहर होने की संभावना, संगठन की विश्वसनीयता पर असर
घरेलू प्रतिक्रियाएं विशेषज्ञों और विपक्ष की आलोचना, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंता

फूड और ड्रिंक कैटेगरी में Zepto दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाला App बना

भारतीय क्विक कॉमर्स स्टार्टअप Zepto ने वैश्विक स्तर पर फूड और ड्रिंक्स कैटेगरी में दूसरा स्थान हासिल किया है। Sensor Tower की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, Zepto ने KFC और Domino’s जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को पीछे छोड़ दिया है, जबकि McDonald’s पहले स्थान पर रहा। यह उपलब्धि भारत के तेज़ी से बढ़ते क्विक कॉमर्स सेक्टर को दर्शाती है, जहां Blinkit, Zomato और Swiggy भी शीर्ष 10 में शामिल हैं। Zepto की सफलता का श्रेय 2024 की दूसरी छमाही में 300% ग्रोथ और “बाय नाउ, पे लेटर” फीचर को जाता है।

मुख्य बिंदु

Zepto की वैश्विक सफलता

  • Zepto दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया फूड और ड्रिंक ऐप बना।
  • McDonald’s पहले स्थान पर, जबकि KFC, Domino’s और Burger King अन्य शीर्ष ब्रांड्स में शामिल।
  • Zepto के प्रतिस्पर्धी Blinkit ने 10वां स्थान प्राप्त किया।
  • अन्य भारतीय ऐप्स:
    • Zomato (#5)
    • Swiggy (#9)

भारत में क्विक कॉमर्स का उछाल

  • Zepto के डाउनलोड में 2024 की दूसरी छमाही में 300% की वृद्धि हुई।
  • “बाय नाउ, पे लेटर” फीचर ने ग्राहकों की भागीदारी को बढ़ाया।
  • Q4 2024 में Zepto के मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता (MAU) पहली बार Blinkit से आगे निकले।
  • Sensor Tower की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में फूड और ड्रिंक ऐप्स के डाउनलोड 43% बढ़कर 353 मिलियन तक पहुंच गए।

निवेश और विस्तार योजनाएं

  • Zepto ने नवंबर 2024 में $350 मिलियन जुटाए, जबकि अगस्त 2024 में $340 मिलियन की फंडिंग मिली।
  • कंपनी की कुल फंडिंग अब $1.95 बिलियन हो चुकी है।
  • विस्तार की पहल:
    • तत्काल रिटर्न और एक्सचेंज सुविधा (चयनित उत्पादों के लिए)।
    • चेन्नई में महिलाओं के लिए विशेष डार्क स्टोर लॉन्च।
    • IPO साइज को $800M–$1B तक बढ़ाने और FY26 तक $5.5B सेल्स टारगेट की योजना।

भारतीय ऐप्स की वैश्विक रैंकिंग में धाक

  • रिटेल: रिटेल ऐप डाउनलोड में मीशो वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर रहा और फ्लिपकार्ट ने छठा स्थान हासिल किया।
  • वीडियो स्ट्रीमिंग: क्रिकेट प्रसारण अधिकारों की बदौलत जियोसिनेमा नेटफ्लिक्स के बाद दूसरे स्थान पर रहा।
  • फाइनेंस ऐप: फोनपे ने वित्तीय सेवा ऐप डाउनलोड में वैश्विक स्तर पर अपना पहला स्थान बरकरार रखा और पेटीएम और बजाज फिनसर्व भी शीर्ष 10 में रहे।
  • यात्रा: रैपिडो वैश्विक यात्रा ऐप डाउनलोड में शीर्ष 10 में शामिल हुआ।
  • खेल: ड्रीम11 2024 में दुनिया का सबसे ज़्यादा डाउनलोड किया जाने वाला स्पोर्ट्स ऐप था।
  • क्रिप्टोकरेंसी: भारत वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी ऐप सेशन में 2024 में 26% वृद्धि के साथ 8वें स्थान पर रहा और जर्मनी 91% वृद्धि दर के साथ सबसे आगे रहा।

Zepto की यह उपलब्धि भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक पहचान को और मजबूत करती है।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? Zepto दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया फूड और ड्रिंक ऐप बना।
फूड और ड्रिंक ऐप्स (टॉप 10) 1. McDonald’s 2. Zepto 3. KFC 4. Domino’s 5. Zomato 6. Burger King 7. Grab 8. Uber Eats 9. Swiggy 10. Blinkit
रिटेल ऐप्स 1. Shein 2. Temu 3. Meesho 6. Flipkart
वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स 1. Netflix 2. JioCinema
फाइनेंस ऐप्स 1. PhonePe (टॉप 10 में Paytm, Bajaj Finserv भी शामिल)
यात्रा ऐप्स टॉप 10 में Rapido शामिल
स्पोर्ट्स ऐप्स 1. Dream11
क्रिप्टो ऐप सेशंस (2024 ग्रोथ) 1. जर्मनी (91%) 2. इंडोनेशिया (54%) 8. भारत (26%)

लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष 25 देशों में होगा भारत

भारत PM गति शक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जैसी पहलों के माध्यम से अपने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) में 38वें स्थान पर काबिज भारत का लक्ष्य 2030 तक शीर्ष 25 देशों में स्थान बनाना है। बढ़ते बुनियादी ढांचे, नीति-संचालित सुधारों और मल्टी-मोडल परिवहन की मदद से, यह क्षेत्र 2029 तक $484.43 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। सरकार का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के 13-14% से घटाकर सिंगल डिजिट में लाना है।

मुख्य बिंदु

  • भारत की मौजूदा रैंक139 देशों में 38वां स्थान, 2030 तक शीर्ष 25 में पहुंचने का लक्ष्य।
  • PM गति शक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति – लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने के मुख्य स्तंभ।
  • बाजार विकास – भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र 8.8% वार्षिक वृद्धि के साथ 2029 तक $484.43 बिलियन तक पहुंचेगा।
  • बुनियादी ढांचा निवेश₹11.17 लाख करोड़ की लागत से 434 परियोजनाएं PM गति शक्ति के तहत विकसित की जा रही हैं।
  • ऊर्जा, खनिज, सीमेंट, बंदरगाह संपर्क, और उच्च-यातायात गलियारों पर विशेष ध्यान।

लागत में कमी का लक्ष्य – लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के 13-14% से घटाकर सिंगल डिजिट तक लाने की योजना।

मल्टी-मोडल परिवर्तन

  • तेज रफ्तार सड़कों, हाइपरलूप और नए हवाई अड्डों का निर्माण, जिससे यात्रा समय 66% तक घटेगा

अन्य अपेक्षाएं

  • भारत की आर्थिक वृद्धि2026 तक जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना।
  • निजी-सार्वजनिक भागीदारी – लॉजिस्टिक्स के बुनियादी ढांचे में अत्याधुनिक तकनीक और नवाचारों पर जोर।
  • इवेंट घोषणाLogiMAT India 2025 (13-15 फरवरी, मुंबई) में लॉजिस्टिक्स नवाचारों का प्रदर्शन किया जाएगा।

सरकार की ये पहल भारत को एक वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब बनाने में मदद करेंगी और आर्थिक विकास को गति देंगी।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? भारत का लक्ष्य 2030 तक वैश्विक लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन इंडेक्स (LPI) में शीर्ष 25 में शामिल होना
LPI रैंक (वर्तमान और लक्ष्य) 38वां (2024)शीर्ष 25 (2030)
प्रमुख सरकारी पहल PM गति शक्ति, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति
वृद्धि दर 8.8% प्रति वर्ष
अनुमानित बाजार आकार (2029 तक) $484.43 बिलियन
लॉजिस्टिक्स लागत में कमी का लक्ष्य GDP के 13-14% से घटाकर सिंगल डिजिट (2030 तक)
बुनियादी ढांचा निवेश ₹11.17 लाख करोड़ (434 परियोजनाएं)
सुधार के लिए प्रमुख क्षेत्र ऊर्जा, खनिज, सीमेंट, बंदरगाह संपर्क, उच्च-यातायात गलियारे
यातायात समय में कमी 66% (हाई-स्पीड सड़कों, हाइपरलूप और नए हवाई अड्डों के माध्यम से)
भारत की वैश्विक आर्थिक रैंकिंग (2026) जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद

SBI Q3 results: नेट प्रॉफिट 84% उछलकर ₹16,891 करोड़ हुआ, ब्याज से इनकम 4% बढ़ी

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3 FY25) में 84% की सालाना वृद्धि के साथ ₹16,891 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो बाजार की अपेक्षाओं से अधिक रहा। बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) 4% बढ़कर ₹41,446 करोड़ हो गई, जबकि कर्मचारियों के खर्च में 17% की गिरावट आई।

SBI Q3 FY25 प्रदर्शन की प्रमुख बातें

वित्तीय प्रदर्शन

  • शुद्ध लाभ: 84% वृद्धि के साथ ₹16,891 करोड़ (Q3FY24: ₹9,164 करोड़)।
  • शुद्ध ब्याज आय (NII): 4% वृद्धि के साथ ₹41,446 करोड़ (Q3FY24: ₹39,816 करोड़)।
  • कर्मचारी खर्च: 17% की गिरावट के साथ ₹16,074 करोड़।
  • परिचालन लाभ: 20% तिमाही गिरावट।
  • प्रावधान: ₹911 करोड़, जो पिछले वर्ष से अधिक लेकिन पिछली तिमाही से कम है।

शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIMs)

  • संपूर्ण बैंक NIM (9MFY25): 3.12% (Q3FY25: 3.01%)।
  • घरेलू NIM (9MFY25): 3.25% (Q3FY25: 3.15%)।

ऋण गुणवत्ता में सुधार

  • सकल NPA अनुपात घटकर 2.07% हुआ (Q2FY25: 2.13%)।
  • शुद्ध NPA अनुपात 0.53% पर स्थिर रहा।
  • प्रावधान कवरेज अनुपात (PCR) 74.66% (49 आधार अंक की सालाना वृद्धि)।
  • स्लिपेज अनुपात Q3FY25 में घटकर 0.39% (9MFY25: 0.59%) हुआ।

ऋण वृद्धि और अग्रिम

  • कुल सकल अग्रिम (Gross Advances) 13.49% वृद्धि के साथ ₹40.68 लाख करोड़।
  • घरेलू कॉर्पोरेट अग्रिम: ₹11.76 लाख करोड़।
  • खुदरा व्यक्तिगत ऋण: 11.65% वृद्धि के साथ ₹14.47 लाख करोड़।

जमा वृद्धि

  • कुल जमा 9.81% वृद्धि के साथ ₹52.3 लाख करोड़।
  • घरेलू CASA (चालू और बचत खाता): 4.46% वृद्धि के साथ ₹19.65 लाख करोड़।
  • घरेलू सावधि जमा: 13.47% वृद्धि के साथ ₹30.49 लाख करोड़।
  • CASA अनुपात Q3FY25 में घटकर 39.20% हो गया (Q3FY24: 41.18%)।

SBI ने मजबूत ऋण वृद्धि, बेहतर परिसंपत्ति गुणवत्ता, और उच्च जमा संग्रहण के साथ मजबूत वित्तीय स्थिति दिखाई है, हालांकि CASA अनुपात में मामूली गिरावट आई है।

बदल गया ‘Zomato’ का नाम, कंपनी के बोर्ड ने दी मंजूरी

फूड और डिलीवरी दिग्गज Zomato ने एक बड़े कॉर्पोरेट रीब्रांडिंग की घोषणा की है, जिसके तहत कंपनी का नाम बदलकर “Eternal” कर दिया गया है। यह बदलाव 6 फरवरी 2025 से प्रभावी होगा। यह रीब्रांडिंग कंपनी के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है, जिसमें इसके विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों को एक ही छत्रछाया में लाया जाएगा।

Zomato ने 2022 से ही आंतरिक रूप से “Eternal” नाम का उपयोग करना शुरू कर दिया था, जो उसके व्यापारिक दृष्टिकोण में परिवर्तन का संकेत था। इस नई पहचान के तहत चार प्रमुख व्यावसायिक इकाइयों को एकीकृत किया जाएगा, जिससे संचालन में तालमेल बेहतर होगा, हालांकि फूड डिलीवरी के लिए Zomato ब्रांड बरकरार रहेगा।

Zomato ने अपना नाम “Eternal” क्यों बदला?

आंतरिक पहचान को औपचारिक रूप देना
2022 में नाम परिवर्तन की अटकलें शुरू हुई थीं, लेकिन उस समय CEO दीपिंदर गोयल ने इसे केवल एक आंतरिक कोडनेम बताया था। अब, कंपनी के विस्तार और विविधीकरण के साथ, नई ब्रांड पहचान आवश्यक हो गई थी

व्यवसाय विस्तार को मजबूत करना
Zomato अब सिर्फ फूड डिलीवरी तक सीमित नहीं है; कंपनी क्विक कॉमर्स, B2B सप्लाई चेन और लाइव इवेंट्स जैसे क्षेत्रों में भी काम कर रही है। Eternal नाम दीर्घकालिक विकास रणनीति और निवेशकों के हितों के अनुरूप है।

क्विक-कॉमर्स ग्रोथ में निवेशकों का विश्वास
2022 में Blinkit का अधिग्रहण करने पर कई निवेशकों को संदेह था, लेकिन अब क्विक-कॉमर्स Zomato के विकास का प्रमुख कारक बन गया है। रीब्रांडिंग से Blinkit की बढ़ती भूमिका को दर्शाया गया है, जिससे कंपनी के विविध राजस्व स्रोतों पर निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।

Eternal में क्या-क्या शामिल होगा? – चार प्रमुख बिजनेस यूनिट्स

Eternal Ltd के तहत चार मुख्य व्यवसायिक इकाइयों को समेकित किया जाएगा:

बिजनेस यूनिट विवरण
1. Zomato मूल फूड डिलीवरी और रेस्टोरेंट डिस्कवरी प्लेटफॉर्म, जो अपने मौजूदा ब्रांड नाम से काम करता रहेगा।
2. Blinkit क्विक-कॉमर्स यूनिट, जो मिनटों में किराना और आवश्यक वस्तुएं डिलीवर करता है। Eternal के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
3. Hyperpure B2B सप्लाई चेन बिजनेस, जो रेस्टोरेंट्स को रसोई का सामान, ताज़ी उपज और पैकेज्ड उत्पाद उपलब्ध कराता है।
4. District लाइव इवेंट्स और लॉजिस्टिक्स बिजनेस, जो मनोरंजन, कॉन्सर्ट्स और सांस्कृतिक आयोजनों पर केंद्रित है।

ग्राहकों और निवेशकों के लिए क्या बदलेगा?

ग्राहकों के लिए

  • Zomato ऐप का नाम नहीं बदलेगा, इसलिए फूड डिलीवरी का अनुभव जस का तस रहेगा।
  • Blinkit, Hyperpure और District अपने मौजूदा नामों से काम करना जारी रखेंगे।

निवेशकों के लिए

  • कंपनी का स्टॉक ‘Zomato’ से ‘Eternal’ में अपडेट होगा, जिससे इसके विविध व्यावसायिक कार्यों को प्रतिबिंबित किया जाएगा।
  • Blinkit और क्विक-कॉमर्स को अब दीर्घकालिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक माना जा रहा है, जिससे 2022 के Blinkit अधिग्रहण को लेकर निवेशकों की शंकाएं कम हो रही हैं

Recent Posts

about | - Part 390_12.1