विश्व वन्यजीव दिवस 2025: तिथि, थीम, इतिहास और महत्व

विश्व वन्यजीव दिवस एक वैश्विक आयोजन है जिसे प्रतिवर्ष मनाया जाता है ताकि दुनिया के वन्यजीवों और पौधों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि और पर्यावरण प्रदूषण जैसी तिहरी वैश्विक संकटों के कारण एक करोड़ से अधिक प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। यह दिन संकटग्रस्त प्रजातियों और उनके आवासों की रक्षा के लिए तत्काल संरक्षण प्रयासों और स्थायी प्रथाओं की आवश्यकता की याद दिलाता है।

विश्व वन्यजीव दिवस व्यक्तियों, समुदायों, संगठनों और सरकारों को एकजुट होने और वन्यजीव संरक्षण का समर्थन करने वाली नीतियों को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। यह शिक्षा, जागरूकता और कार्रवाई का दिन है, जो लोगों को वन्यजीवों के अनुकूल भविष्य के लिए सार्थक कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है।

विश्व वन्यजीव दिवस 2025: तिथि और थीम

विश्व वन्यजीव दिवस हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है, ताकि 1973 में अंतर्राष्ट्रीय संकटग्रस्त प्रजाति व्यापार संधि (CITES) को अपनाने की स्मृति को चिह्नित किया जा सके। 2025 में, यह दिन सोमवार, 3 मार्च को मनाया जाएगा और इसकी थीम होगी:

“वन्यजीव संरक्षण वित्त: लोगों और पृथ्वी में निवेश”

इस थीम का उद्देश्य संरक्षण प्रयासों में वित्तीय निवेश के महत्व को रेखांकित करना है। यह दर्शाता है कि सतत भविष्य की कुंजी वित्तीय संसाधनों को सुरक्षित करने और उनका प्रभावी ढंग से उपयोग करने में निहित है। यह सरकारों, निजी संस्थानों और वैश्विक संगठनों के बीच सहयोग की आवश्यकता को भी उजागर करता है ताकि संरक्षण वित्त पोषण को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

वित्तीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, विश्व वन्यजीव दिवस 2025 का लक्ष्य दीर्घकालिक संरक्षण रणनीतियों को बढ़ावा देना है, जिससे मानव समुदायों और पर्यावरण दोनों को लाभ मिलेगा। यह थीम कॉर्पोरेट जिम्मेदारी, समुदाय-आधारित संरक्षण पहलों और नीतिगत सुधारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी काम करेगी।

विश्व वन्यजीव दिवस की उत्पत्ति और महत्व

विश्व वन्यजीव दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने दिसंबर 2013 में आधिकारिक रूप से विश्व वन्यजीव दिवस की स्थापना की थी। इस प्रस्ताव की शुरुआत थाईलैंड ने की थी ताकि वैश्विक ध्यान वन्यजीवों की रक्षा की तत्काल आवश्यकता की ओर आकर्षित किया जा सके। 3 मार्च को इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन CITES (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora) को अपनाया गया था, जो संकटग्रस्त प्रजातियों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक समझौता है।

विश्व वन्यजीव दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?

विश्व वन्यजीव दिवस जैव विविधता संरक्षण की वकालत करता है और वन्यजीवों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए कार्रवाई को प्रेरित करता है। इसका महत्व निम्नलिखित पहलुओं में देखा जा सकता है:

  • वैश्विक जागरूकता बढ़ाना: यह दिन वन्यजीवों और पारिस्थितिक तंत्रों के महत्व पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • संरक्षण नीतियों को बढ़ावा देना: सरकारों और संगठनों को पर्यावरणीय कानूनों और विनियमों को मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है।
  • जैव विविधता हानि को उजागर करना: मानव गतिविधियों, जलवायु परिवर्तन और आवास विनाश के कारण संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा की आवश्यकता पर जोर देता है।
  • लोगों को संरक्षण प्रयासों में शामिल करना: यह छात्रों से लेकर नीति निर्माताओं तक सभी को वन्यजीव संरक्षण पहलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।

वन्यजीव संरक्षण में CITES की भूमिका

CITES (अंतर्राष्ट्रीय संकटग्रस्त प्रजाति व्यापार संधि) एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जो वन्यजीवों और वन्यजीव उत्पादों के वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करती है। 184 देशों द्वारा हस्ताक्षरित इस संधि का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वन्यजीवों के व्यापार से उनकी प्रजातियों के अस्तित्व को खतरा न हो।

CITES 38,000 से अधिक प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करता है, जिसमें स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, उभयचर, मछलियां और पौधे शामिल हैं। यह समझौता वन्यजीवों की अवैध तस्करी को रोकने में मदद करता है, जो जैव विविधता के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है।

विश्व वन्यजीव दिवस 2025: प्रमुख गतिविधियां और वैश्विक भागीदारी

1. शैक्षिक कार्यक्रम और कार्यशालाएं

स्कूल, विश्वविद्यालय और संरक्षण संगठन बायोडायवर्सिटी और संरक्षण वित्त पोषण पर सेमिनार, व्याख्यान और संवाद सत्र आयोजित करेंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण को आर्थिक रूप से मजबूत करने की रणनीतियों और निवेश के महत्व को उजागर करना है।

2. वकालत अभियान और सोशल मीडिया आंदोलन

वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। सोशल मीडिया पर #WorldWildlifeDay2025, #InvestInNature, और #FinanceForWildlife जैसे हैशटैग का उपयोग किया जाएगा ताकि लोग संरक्षण वित्त पर चर्चा कर सकें और इसमें भाग ले सकें।

3. नीति संवाद और सरकारी पहल

सरकारें और अंतर्राष्ट्रीय संगठन वन्यजीव संरक्षण कानूनों को मजबूत करने, संरक्षण परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण बढ़ाने और सतत विकास का समर्थन करने वाले वित्तीय मॉडल को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श करेंगे।

4. समुदाय-आधारित संरक्षण परियोजनाएं

स्थानीय समुदाय जैव विविधता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दिन आदिवासी और ग्रामीण समुदायों को शामिल करते हुए आवास पुनर्स्थापन, अवैध शिकार रोकथाम और सतत आजीविका से जुड़ी परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

5. धन उगाहने और वन्यजीव प्रायोजन कार्यक्रम

कई पर्यावरण एनजीओ और वन्यजीव संरक्षण संगठन विलुप्तप्राय प्रजातियों के समर्थन में धन उगाहने के अभियान चलाएंगे। लोग दान देकर, किसी जानवर को गोद लेकर, या आवास पुनर्स्थापन कार्यक्रमों में योगदान देकर संरक्षण प्रयासों में भाग ले सकते हैं।

वन्यजीव संरक्षण में वित्त की भूमिका

रक्षा के लिए वित्तीय निवेश क्यों आवश्यक है?

संरक्षण परियोजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए पर्याप्त वित्त पोषण आवश्यक है। इसके लिए फंडिंग निम्नलिखित कार्यों में मदद करती है:

  • वन्यजीव सुरक्षा कार्यक्रम – अवैध शिकार रोकने, कानून प्रवर्तन में सुधार और संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा के लिए।
  • आवास पुनर्स्थापन और संरक्षण – विभिन्न प्रजातियों के अस्तित्व के लिए पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित और पुनर्स्थापित करने के लिए।
  • शोध और निगरानी – आबादी के रुझानों को ट्रैक करने, खतरों को समझने और संरक्षण रणनीतियों को विकसित करने के लिए।
  • सामुदायिक संरक्षण कार्यक्रम – स्थानीय समुदायों को सतत आजीविका प्रदान करके संरक्षण पहलों में शामिल करने के लिए।
  • शिक्षा और जागरूकता अभियान – भविष्य की पीढ़ियों को जैव विविधता संरक्षण का महत्व सिखाने के लिए।

वन्यजीव संरक्षण के लिए नवीन वित्तीय समाधान

  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP)
  • ग्रीन बॉन्ड और संरक्षण निधियां
  • ईको-टूरिज्म से राजस्व उत्पन्न करना
  • कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल

विश्व वन्यजीव दिवस 2025 सतत वित्तीय समाधानों को प्रोत्साहित करके मानवता और प्रकृति के सह-अस्तित्व को सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? विश्व वन्यजीव दिवस 2025 को 3 मार्च, 2025 को मनाया जाएगा, जिसकी थीम होगी वन्यजीव संरक्षण वित्त: लोगों और पृथ्वी में निवेश”। यह थीम वन्यजीव संरक्षण में वित्तीय निवेश के महत्व को उजागर करती है।
मनाने की तिथि 3 मार्च (हर वर्ष, 1973 में CITES के अपनाने की स्मृति में)। 2025 में, यह सोमवार, 3 मार्च को पड़ेगा।
2025 की थीम वन्यजीव संरक्षण वित्त: लोगों और पृथ्वी में निवेश” – संरक्षण प्रयासों में वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने पर जोर।
महत्व – वन्यजीव संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
– संरक्षण नीतियों और वित्तीय निवेश को प्रोत्साहित करता है।
– जैव विविधता हानि और जलवायु संबंधी खतरों को उजागर करता है।
– संरक्षण वित्त पोषण के लिए स्थायी समाधान को बढ़ावा देता है।
विश्व वन्यजीव दिवस की उत्पत्ति संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2013 में थाईलैंड के प्रस्ताव पर इसे स्थापित किया।
3 मार्च को चुना गया क्योंकि 1973 में इस दिन CITES (अंतर्राष्ट्रीय संकटग्रस्त प्रजाति व्यापार संधि) को अपनाया गया था।
CITES की भूमिका – वन्यजीवों और वन्यजीव उत्पादों के वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करता है।
38,000 से अधिक प्रजातियों को अति-शोषण से बचाता है।
184 देशों द्वारा हस्ताक्षरित, ताकि वन्यजीवों का सतत व्यापार सुनिश्चित किया जा सके।
2025 की प्रमुख गतिविधियां शैक्षिक कार्यक्रम और कार्यशालाएं: संरक्षण वित्त पोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
वकालत अभियान और सोशल मीडिया आंदोलन: #WorldWildlifeDay2025 जैसे हैशटैग के माध्यम से जागरूकता फैलाना।
नीति संवाद और सरकारी पहल: वन्यजीव संरक्षण कानूनों और वित्तीय मॉडलों को मजबूत करना।
सामुदायिक संरक्षण परियोजनाएं: स्थानीय लोगों को संरक्षण में शामिल करना।
धन उगाहने और प्रायोजन कार्यक्रम: संकटग्रस्त प्रजातियों के समर्थन में दान और संरक्षण कार्यक्रम चलाना।
संरक्षण वित्त क्यों महत्वपूर्ण है? – वन्यजीव सुरक्षा कार्यक्रमों (जैसे अवैध शिकार विरोधी प्रयासों) का समर्थन करता है।
– आवास पुनर्स्थापन और संरक्षण में मदद करता है।
– वैज्ञानिक अनुसंधान और आबादी की निगरानी को वित्त पोषण प्रदान करता है।
– सामुदायिक-आधारित संरक्षण प्रयासों को प्रोत्साहित करता है।
नवाचारपूर्ण वित्तीय समाधान सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP): सरकारों और कंपनियों के बीच सहयोग।
ग्रीन बॉन्ड और संरक्षण निधियां: वन्यजीव संरक्षण के लिए विशेष रूप से संसाधन आवंटित करना।
ईको-टूरिज्म राजस्व: पर्यटन आय का उपयोग संरक्षण परियोजनाओं के लिए करना।
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पहल: कंपनियों को संरक्षण कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना।

सर्बानंद सोनोवाल ने ‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’ पहल का अनावरण किया

भारत के बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने समुद्री क्षेत्र के आधुनिकीकरण, वैश्विक व्यापार को मजबूत करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की हैं। इनमें ‘वन नेशन: वन पोर्ट प्रोसेस’ (ONOP) की शुरुआत प्रमुख है, जिसका उद्देश्य देशभर के बंदरगाह संचालन को मानकीकृत और सरल बनाना है।

यह पहल बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा एक प्रमुख हितधारक बैठक के दौरान घोषित की गई, जिसमें केंद्रीय बजट 2025-26 से समुद्री क्षेत्र को मिलने वाले लाभों पर चर्चा की गई। इन उपायों का लक्ष्य भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाना और आत्मनिर्भर भारत व विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को साकार करना है।

‘वन नेशन: वन पोर्ट प्रोसेस’ (ONOP) – भारत के बंदरगाहों में क्रांतिकारी बदलाव

ONOP पहल का उद्देश्य देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों में दस्तावेज़ीकरण और प्रक्रियाओं में एकरूपता लाना है, जिससे अप्रभावी प्रक्रियाएँ खत्म हों, लागत कम हो, और संचालन में तेजी आए

मुख्य उद्देश्य:

  • प्रक्रियाओं का मानकीकरण – सभी प्रमुख बंदरगाहों में समान संचालन पद्धति।
  • लागत में कमी – अनावश्यक दस्तावेज़ीकरण हटाकर लॉजिस्टिक्स खर्च घटाना।
  • संचालन कुशलता – बंदरगाह प्रक्रियाओं को तेज़ और सटीक बनाना।
  • वैश्विक व्यापार को बढ़ावा – भारत को एक प्रमुख समुद्री केंद्र बनाना।
  • पारदर्शिता में सुधारडिजिटलीकरण और ऑटोमेशन के जरिए पेपरलेस प्रणाली लागू करना।

इस पहल से कार्गो संचालन में बाधाएँ कम होंगी, क्लीयरेंस प्रक्रियाएँ तेज़ होंगी और समग्र उत्पादकता में वृद्धि होगी।

सागर अंकलन – लॉजिस्टिक्स पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPPI) 2023-24

ONOP के साथ, सर्बानंद सोनोवाल ने सागर अंकलन भी लॉन्च किया, जिसमें लॉजिस्टिक्स पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPPI) 2023-24 शामिल है। यह इंडेक्स भारत के बंदरगाहों की दक्षता, प्रतिस्पर्धात्मकता और लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगा।

LPPI के प्रमुख बिंदु:

  • बंदरगाह प्रदर्शन का मूल्यांकन – उच्च और निम्न प्रदर्शन वाले बंदरगाहों की पहचान।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता – भारतीय बंदरगाहों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर परखना।
  • दक्षता सुधारटर्नअराउंड समय और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना।
  • सतत विकास मापदंड – बंदरगाहों द्वारा अपनाई गई हरित प्रथाओं और कार्बन फुटप्रिंट की निगरानी।

यह सूचकांक बंदरगाहों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और सेवा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उन्हें प्रेरित करेगा।

भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम – वैश्विक समुद्री व्यापार में भारत की भागीदारी बढ़ाना

भारत सरकार ने भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना है।

प्रमुख लाभ:

  • वैश्विक समुद्री प्रभाव का विस्तार – प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी।
  • निवेश और व्यापार के अवसरबंदरगाह अवसंरचना में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना
  • वैश्विक भागीदारी – अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह प्राधिकरणों के साथ रणनीतिक सहयोग।
  • बंदरगाह अवसंरचना में सुधारस्मार्ट, हरित और डिजिटल बंदरगाहों का विकास।

इस पहल से भारत को वैश्विक शिपिंग मार्गों में रणनीतिक लाभ मिलेगा, जिससे निर्यात और समुद्री व्यापार को मजबूती मिलेगी।

भविष्य के प्रमुख फोकस क्षेत्र

  • स्मार्ट पोर्ट्स: एआई और ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए स्वचालित बंदरगाह संचालन।
  • हरित ऊर्जा अपनाना: बंदरगाहों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर स्थानांतरित करना।
  • समुद्री सुरक्षा बढ़ाना: तटीय निगरानी और साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना।
  • डिजिटलीकरण: इलेक्ट्रॉनिक बिल ऑफ लैंडिंग और एआई-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम लागू करना।

ये सभी पहल सागरमाला परियोजना के अंतर्गत ‘बंदरगाह-आधारित विकास’ को गति देंगी, जिससे भारत का समुद्री व्यापार परिदृश्य क्रांतिकारी रूप से बदलने की दिशा में अग्रसर होगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में पुनः निर्वाचित

वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने एक बार फिर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है, जो उनकी लगातार सातवीं विजय है। यह ऐतिहासिक जीत न केवल उनकी कानूनी जगत में मजबूत पकड़ को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि अधिवक्ता समुदाय उन पर पूरा विश्वास करता है। गौरतलब है कि मिश्रा न केवल एक प्रख्यात विधि विशेषज्ञ हैं, बल्कि वे बिहार से राज्यसभा सांसद (भाजपा) भी हैं

पुनर्निर्वाचन और अधिवक्ता समुदाय के प्रति आभार

उनके पुनर्निर्वाचन की आधिकारिक घोषणा के बाद, बीसीआई द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में देशभर के अधिवक्ताओं के समर्थन के प्रति उनका आभार प्रकट किया गया। उन्होंने कहा कि वे वकीलों और कानूनी पेशे के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं। मिश्रा ने बार की स्वतंत्रता बनाए रखने और आवश्यक सुधार लागू करने की अपनी नीति को जारी रखने की बात दोहराई।

मुख्य प्रतिबद्धताएँ और आगामी सुधार

मिश्रा ने अपने कार्यकाल में कानूनी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहलों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता संशोधन विधेयक को लागू करने का प्रयास रहेगा, ताकि इसमें वकीलों के हितों की सुरक्षा की जाए और कोई भी विवादास्पद प्रावधान पेशे की गरिमा को प्रभावित न कर सके।

उनकी प्रमुख प्रतिबद्धताएँ इस प्रकार हैं:

  • बार की स्वायत्तता को और मजबूत बनाना ताकि बाहरी हस्तक्षेप को रोका जा सके।
  • युवा वकीलों के लिए संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करना।
  • एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कर वकीलों की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करना।
  • वकील कल्याण योजनाओं में सुधार, जिसमें वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा प्रावधान शामिल होंगे।

बीसीआई के उपाध्यक्ष पद का चुनाव और आगामी घटनाक्रम

जहाँ मिश्रा ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है, वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव अभी जारी है। इस पद के लिए दो प्रमुख उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं:

एस. प्रभाकरण (तमिलनाडु एवं पुडुचेरी)

वेद प्रकाश शर्मा (दिल्ली)

इस पद का चुनाव 2 मार्च को होगा, और कार्यकारी समिति के अन्य सदस्यों का चयन भी मिश्रा के नेतृत्व में किया जाएगा।

अधिवक्ता कल्याण और विधि सुधारों पर राष्ट्रीय बैठक

कानूनी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम 17 मई को दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जहाँ राज्य बार काउंसिल के सदस्य और अधिवक्ता प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक में कानूनी पेशे से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी, जैसे:

  • अधिवक्ता कल्याण योजनाएँ: वित्तीय सुरक्षा और अन्य लाभों के प्रस्ताव।
  • एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट: अधिवक्ताओं को दबाव और खतरों से बचाने हेतु कानून पर विमर्श।
  • विधायी नीति चर्चाएँ: न्यायपालिका और विधि विशेषज्ञों को प्रभावित करने वाले नीतिगत विषयों पर विचार-विमर्श।

मनन कुमार मिश्रा के नेतृत्व में भारतीय अधिवक्ता समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं और सुधारों की दिशा में ठोस प्रयास जारी रहेंगे।

फरवरी 2025 में जीएसटी संग्रह 9.1% बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये पहुंचा

फरवरी 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में 9.1% की उल्लेखनीय वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कुल संग्रह लगभग ₹1.84 लाख करोड़ तक पहुँच गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि घरेलू आर्थिक गतिविधियों की मजबूती और कर अनुपालन में सुधार को दर्शाती है।

सकल जीएसटी राजस्व का विवरण

फरवरी 2025 में एकत्रित कुल सकल जीएसटी राजस्व विभिन्न घटकों से मिलकर बना है:

  • केंद्रीय जीएसटी (CGST): ₹35,204 करोड़
  • राज्य जीएसटी (SGST): ₹43,704 करोड़
  • एकीकृत जीएसटी (IGST): ₹90,870 करोड़ (जिसमें ₹41,702 करोड़ आयात पर एकत्र किया गया)
  • मुआवजा उपकर (Compensation Cess): ₹13,868 करोड़

घरेलू और आयात राजस्व में वृद्धि

विस्तृत विश्लेषण से पता चलता है कि घरेलू राजस्व में 10.2% की वृद्धि हुई, जो ₹1.42 लाख करोड़ तक पहुँच गई। वहीं, आयात से प्राप्त राजस्व 5.4% बढ़कर ₹41,702 करोड़ हो गया। ये आँकड़े उपभोग में निरंतर वृद्धि और देश में कर अनुपालन की मजबूती को दर्शाते हैं।

शुद्ध जीएसटी संग्रह में 8.1% की वृद्धि

रिफंड जारी करने के बाद, फरवरी 2025 में शुद्ध जीएसटी संग्रह लगभग ₹1.63 लाख करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.1% अधिक है। इस दौरान जारी किए गए रिफंड की राशि ₹20,889 करोड़ रही, जो 2024 की तुलना में 17.3% अधिक है।

तुलनात्मक रूप से, फरवरी 2024 में सकल जीएसटी संग्रह ₹1.68 लाख करोड़ था, जबकि शुद्ध संग्रह ₹1.50 लाख करोड़ था। इस वर्ष हुए बढ़े हुए संग्रह से कर आधार के विस्तार और जीएसटी प्रवर्तन की बढ़ती प्रभावशीलता का संकेत मिलता है।

जीएसटी राजस्व में वृद्धि के प्रमुख कारण

जीएसटी संग्रह में निरंतर वृद्धि के पीछे कई कारक हैं:

  1. आर्थिक वृद्धि: निरंतर आर्थिक सुधार और व्यापार गतिविधियों के विस्तार से उपभोग बढ़ा है, जिससे कर संग्रह भी बढ़ा है।
  2. मजबूत अनुपालन उपाय: सरकार द्वारा कर चोरी रोकने के लिए कड़े नियम, उन्नत रिटर्न फाइलिंग सिस्टम और तकनीकी हस्तक्षेप कर अनुपालन को बढ़ावा दे रहे हैं।
  3. घरेलू लेन-देन में वृद्धि: घरेलू राजस्व में 10.2% की वृद्धि से पता चलता है कि देश में उत्पादन और उपभोग में तेजी आई है।
  4. आयात कर संग्रह में वृद्धि: 5.4% की वृद्धि यह दर्शाती है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद विदेशी वस्तुओं की मांग स्थिर बनी हुई है।
  5. रिफंड प्रक्रिया में सुधार: सरकार ने रिफंड जारी करने की प्रक्रिया को तेज किया है, जिससे व्यवसायों को बेहतर नकदी प्रवाह प्राप्त हो रहा है और समग्र कर अनुपालन बढ़ रहा है।

जीएसटी संग्रह रुझान और भविष्य की संभावनाएँ

पिछले एक वर्ष में, जीएसटी संग्रह लगातार ₹1.75 लाख करोड़ से अधिक बना हुआ है, जिससे राजस्व में स्थिरता का संकेत मिलता है। यह वृद्धि सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-25 के राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने के संकेत देती है।

आने वाले महीनों में, डिजिटल अनुपालन, ई-चालान अनिवार्यता और एआई-आधारित निगरानी से जीएसटी राजस्व में और सुधार होने की उम्मीद है। इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर और विनिर्माण क्षेत्र में सरकारी निवेश के चलते आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ने से कर संग्रह में निरंतर वृद्धि जारी रहेगी।

विवरण विस्तार
क्यों चर्चा में? फरवरी 2025 में जीएसटी संग्रह 9.1% वार्षिक वृद्धि के साथ ₹1.84 लाख करोड़ तक पहुँचा, जो मजबूत आर्थिक गतिविधि और बेहतर अनुपालन को दर्शाता है।
सकल जीएसटी राजस्व का विवरण सीजीएसटी (CGST): ₹35,204 करोड़
एसजीएसटी (SGST): ₹43,704 करोड़
आईजीएसटी (IGST): ₹90,870 करोड़ (₹41,702 करोड़ आयात से)
मुआवजा उपकर: ₹13,868 करोड़
घरेलू एवं आयात राजस्व में वृद्धि घरेलू राजस्व: ₹1.42 लाख करोड़ (10.2% वृद्धि)
आयात पर जीएसटी: ₹41,702 करोड़ (5.4% वृद्धि)
शुद्ध जीएसटी संग्रह – रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह ₹1.63 लाख करोड़ (8.1% वार्षिक वृद्धि)
जारी रिफंड: ₹20,889 करोड़ (17.3% वार्षिक वृद्धि)
फरवरी 2024 की तुलना सकल जीएसटी राजस्व (फरवरी 2024): ₹1.68 लाख करोड़
शुद्ध जीएसटी संग्रह (फरवरी 2024): ₹1.50 लाख करोड़
जीएसटी राजस्व वृद्धि के कारक आर्थिक वृद्धि: व्यापार गतिविधियों और उपभोग में वृद्धि।
सख्त अनुपालन उपाय: कर प्रवर्तन, रिटर्न फाइलिंग सुधार, तकनीकी हस्तक्षेप।
घरेलू लेन-देन में वृद्धि: उत्पादन और खपत में तेजी।
आयात कर संग्रह में सुधार: विदेशी वस्तुओं की मांग स्थिर।
तेज रिफंड प्रक्रिया: नकदी प्रवाह में सुधार, बेहतर अनुपालन।
जीएसटी संग्रह रुझान एवं भविष्य की संभावनाएँ – पिछले एक वर्ष में संग्रह ₹1.75 लाख करोड़ से अधिक बना हुआ
डिजिटल अनुपालन, ई-चालान, एआई निगरानी से आगे बढ़ेगा कर संग्रह।
सरकारी निवेश (इंफ्रास्ट्रक्चर और विनिर्माण) कर राजस्व वृद्धि को समर्थन देगा।

फरवरी 2025 में डिजिटल भुगतान के रुझान: UPI, IMPS, FASTag और AePS का प्रदर्शन

भारत में डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र ने फरवरी 2025 में मिश्रित रुझान देखे। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेन-देन में महीने-दर-महीने (MoM) गिरावट आई, जबकि फ़ास्टैग (FASTag) और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) लेन-देन में स्थिर वृद्धि दर्ज की गई। लेन-देन की मात्रा और मूल्य में यह बदलाव फरवरी माह के कम दिनों और उपभोक्ताओं की बदलती भुगतान आदतों के कारण हुआ।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, डिजिटल भुगतान उद्योग वर्ष-दर-वर्ष (YoY) आधार पर विस्तार करता रहा, जिससे देश में कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा मिलने की पुष्टि होती है।

फरवरी में UPI लेन-देन में गिरावट

भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति की रीढ़ माने जाने वाले यूपीआई लेन-देन में 5% की मासिक गिरावट देखी गई, जो जनवरी में 16.99 अरब से घटकर फरवरी में 16.11 अरब लेन-देन रह गया। लेन-देन का कुल मूल्य भी 6.5% कम होकर जनवरी के ₹23.48 ट्रिलियन से फरवरी में ₹21.48 ट्रिलियन हो गया।

पिछले महीनों की तुलना:

  • दिसंबर 2024: 16.73 अरब लेन-देन | ₹23.25 ट्रिलियन
  • जनवरी 2025: 16.99 अरब लेन-देन | ₹23.48 ट्रिलियन
  • फरवरी 2025: 16.11 अरब लेन-देन | ₹21.48 ट्रिलियन

हालांकि, साल-दर-साल (YoY) आधार पर, यूपीआई लेन-देन की मात्रा में 33% और मूल्य में 20% की वृद्धि हुई, जिससे डिजिटल भुगतान की बढ़ती पैठ का संकेत मिलता है।

IMPS लेन-देन में कमी

तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), जो रीयल-टाइम इंटरबैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा देती है, ने भी फरवरी में लेन-देन की मात्रा और मूल्य में गिरावट दर्ज की।

  • मात्रा: 9% MoM की गिरावट, जनवरी में 444 मिलियन से घटकर फरवरी में 405 मिलियन लेन-देन।
  • मूल्य: 7% MoM की गिरावट, जनवरी में ₹6.06 ट्रिलियन से घटकर फरवरी में ₹5.63 ट्रिलियन।

पिछले महीनों की तुलना:

  • दिसंबर 2024: 441 मिलियन लेन-देन | ₹6.02 ट्रिलियन
  • जनवरी 2025: 444 मिलियन लेन-देन | ₹6.06 ट्रिलियन
  • फरवरी 2025: 405 मिलियन लेन-देन | ₹5.63 ट्रिलियन

YoY आधार पर, IMPS लेन-देन में 24% की गिरावट आई, जबकि मूल्य में 1% की मामूली कमी दर्ज की गई, जिससे संकेत मिलता है कि उपयोगकर्ता तत्काल धन हस्तांतरण के लिए यूपीआई को अधिक पसंद कर रहे हैं।

FASTag लेन-देन की वृद्धि जारी

UPI और IMPS के विपरीत, FASTag लेन-देन ने फरवरी में 1% की वृद्धि दर्ज की, भले ही माह में दिन कम थे।

  • मात्रा: फरवरी में 384 मिलियन लेन-देन, जबकि जनवरी में 380 मिलियन और दिसंबर में 382 मिलियन।
  • मूल्य: फरवरी में ₹6,601 करोड़, जो जनवरी के ₹6,614 करोड़ की तुलना में थोड़ा कम रहा।

पिछले महीनों की तुलना:

  • दिसंबर 2024: 382 मिलियन लेन-देन | ₹6,620 करोड़
  • जनवरी 2025: 380 मिलियन लेन-देन | ₹6,614 करोड़
  • फरवरी 2025: 384 मिलियन लेन-देन | ₹6,601 करोड़

YoY आधार पर, FASTag लेन-देन में 19% की वृद्धि और मूल्य में 18% की वृद्धि हुई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान को तेजी से अपनाया जा रहा है।

AePS लेन-देन की स्थिर वृद्धि

आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS), जो आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से डिजिटल लेन-देन की सुविधा देती है, ने फरवरी में स्थिर प्रदर्शन बनाए रखा।

  • मात्रा: 94 मिलियन लेन-देन, जो जनवरी के समान रहा।
  • मूल्य: MoM आधार पर 2% वृद्धि, जनवरी के ₹24,026 करोड़ से बढ़कर फरवरी में ₹24,410 करोड़।

पिछले महीनों की तुलना:

  • दिसंबर 2024: 94 मिलियन लेन-देन | ₹24,020 करोड़
  • जनवरी 2025: 94 मिलियन लेन-देन | ₹24,026 करोड़
  • फरवरी 2025: 94 मिलियन लेन-देन | ₹24,410 करोड़

YoY आधार पर, AePS लेन-देन में 14% की वृद्धि और मूल्य में 11% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह पता चलता है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इसकी मांग बढ़ रही है, जहां बैंकिंग अवसंरचना अभी भी सीमित है।

मुख्य निष्कर्ष और भविष्य की संभावनाएँ

फरवरी के कम दिनों के कारण लेन-देन में स्वाभाविक गिरावट:

  • UPI और IMPS लेन-देन में गिरावट मुख्य रूप से फरवरी माह के कम दिनों के कारण हुई।
  • इसके विपरीत, FASTag और AePS ने मजबूती दिखाई।

UPI की वार्षिक वृद्धि जारी:

  • MoM गिरावट के बावजूद, UPI ने साल-दर-साल 33% की वृद्धि दर्ज की, जिससे यह भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र का प्रमुख बना हुआ है।

FASTag की बढ़ती स्वीकार्यता:

  • 19% YoY वृद्धि इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को अपनाने की प्रवृत्ति को दर्शाती है।

ग्रामीण भारत में AePS की लोकप्रियता बढ़ी:

  • AePS लेन-देन में साल-दर-साल वृद्धि दर्शाती है कि यह वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

भविष्य की संभावनाएँ:

  • NPCI की नवाचार पहलों, जैसे UPI लाइट और अंतरराष्ट्रीय UPI विस्तार, के कारण डिजिटल लेन-देन में और वृद्धि की संभावना है।
  • सरकार की कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ आने वाले महीनों में डिजिटल भुगतान को और गति देंगी।

City Union Bank ने चेन्नई सुपर किंग्स के साथ मिलकर को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया

सिटी यूनियन बैंक (CUB) ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, जिसके तहत एक विशेष सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड पेश किया जाएगा। यह सहयोग सीएसके प्रशंसकों को एक अनूठा वित्तीय उत्पाद प्रदान करने के लिए बनाया गया है, जो उनकी खरीदारी के अनुभव को बेहतर बनाएगा और साथ ही उन्हें अपनी टीम के प्रति उत्साह व्यक्त करने का अवसर देगा। सिटी यूनियन बैंक – चेन्नई सुपर किंग्स सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को रोमांचक रिवार्ड्स, विशेष ऑफ़र और यादगार क्रिकेट से जुड़े अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

साझेदारी का महत्व

सिटी यूनियन बैंक और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच यह सहयोग बैंकिंग और खेल जगत के संगम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वित्तीय सेवाओं को क्रिकेट प्रेम के साथ जोड़कर, यह सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड सीएसके समर्थकों को अपनी टीम के प्रति प्रेम व्यक्त करने और साथ ही वित्तीय लाभ प्राप्त करने का अवसर देता है। इस पहल का उद्देश्य प्रशंसकों की भागीदारी को बढ़ाना और उन्हें अपनी पसंदीदा फ्रेंचाइज़ी से और अधिक जुड़ने का मौका देना है।

सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड की विशेषताएँ और लाभ

  1. विशेष CSK-थीम वाला डिज़ाइन
    कार्डधारक एक अनोखे कार्ड डिज़ाइन के माध्यम से सीएसके के प्रति अपने समर्थन को प्रदर्शित कर सकेंगे, जिसमें टीम का प्रतिष्ठित पीला रंग और शेर का लोगो होगा। यह विशेष ब्रांडिंग प्रशंसकों को अपनी पसंदीदा टीम को हर जगह अपने साथ रखने का अवसर देती है।

  2. खरीदारी पर रिवॉर्ड पॉइंट्स
    इस सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने वाले ग्राहक प्रत्येक लेन-देन पर रिवॉर्ड पॉइंट्स अर्जित कर सकेंगे, जिससे यह उनके वित्तीय पोर्टफोलियो का एक मूल्यवान हिस्सा बन जाएगा। सीएसके से संबंधित खरीदारी, जैसे कि मर्चेंडाइज़, मैच टिकट और विशेष अनुभवों पर अतिरिक्त रिवॉर्ड्स प्रदान किए जाएंगे।

  3. सीएसके मर्चेंडाइज़ पर विशेष छूट
    कार्डधारकों को आधिकारिक सीएसके मर्चेंडाइज़ पर विशेष छूट और ऑफ़र मिलेंगे। इससे प्रशंसक जर्सी, कैप और अन्य यादगार वस्तुएँ रियायती दरों पर खरीद सकते हैं, जिससे वे अपनी टीम के प्रति समर्पण को गर्व से प्रदर्शित कर सकेंगे।

  4. इवेंट्स और फैन मीटअप में प्राथमिकता प्रवेश
    इस सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड का एक प्रमुख लाभ यह है कि कार्डधारकों को सीएसके से जुड़े इवेंट्स, मैचों और फैन मीटअप में प्राथमिकता प्रवेश मिलेगा। इससे प्रशंसकों को अपने पसंदीदा खिलाड़ियों और टीम के सदस्यों से मिलने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके लिए यह एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाएगा।

  5. सीएसके मैच टिकट पर बोनस पॉइंट्स
    जो ग्राहक इस सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके सीएसके मैच टिकट खरीदेंगे, उन्हें बोनस रिवॉर्ड पॉइंट्स प्राप्त होंगे। इससे प्रशंसकों को स्टेडियम में अपनी टीम का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त लाभ मिलेंगे।

  6. सीएसके परिवार से जुड़ने का विशेष अवसर
    यह क्रेडिट कार्ड केवल एक वित्तीय उपकरण नहीं है, बल्कि यह सीएसके परिवार में प्रवेश का एक विशेष जरिया भी है। इस कार्ड के माध्यम से कार्डधारकों को विशेष ऑफ़र, रिवॉर्ड्स और क्रिकेट से जुड़े विशेषाधिकार प्राप्त होंगे, जिससे वे अपनी पसंदीदा आईपीएल फ्रेंचाइज़ी के साथ और अधिक घनिष्ठता महसूस करेंगे।

पहलू विवरण
साझेदारी सिटी यूनियन बैंक (CUB) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK)
उत्पाद सीएसके प्रशंसकों के लिए सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड
उद्देश्य वित्तीय लाभों के साथ खरीदारी अनुभव को बेहतर बनाना और प्रशंसकों की भागीदारी को बढ़ाना
मुख्य विशेषताएँ सीएसके-थीम वाला डिज़ाइन, रिवॉर्ड पॉइंट्स, विशेष छूट, आयोजनों में प्राथमिकता प्रवेश, मैच टिकट पर बोनस पॉइंट्स
डिज़ाइन सीएसके के पीले रंग और शेर के लोगो की विशेषता
रिवॉर्ड्स हर लेन-देन पर रिवॉर्ड पॉइंट्स, विशेष रूप से सीएसके से संबंधित खरीदारी पर अतिरिक्त लाभ
अनन्य लाभ सीएसके मर्चेंडाइज़ पर विशेष छूट, मैचों और आयोजनों में प्राथमिकता प्रवेश
अधिकारियों के बयान सीयूबी के विजय आनंद: सीएसके प्रशंसकों के लिए एक अत्याधुनिक वित्तीय उत्पाद लाने को लेकर उत्साहित। सीएसके के श्रीराम एस: प्रशंसकों के लिए अपनी टीम के प्रति जुनून को मनाने का एक नया तरीका।
भविष्य पर प्रभाव खेल और वित्तीय सेवाओं की साझेदारी को मजबूत करना, इसी तरह की अन्य साझेदारियों के लिए मिसाल कायम करना

Oscars 2025: 97वें अकादमी पुरस्कार विजेताओं की पूरी सूची

लॉस एंजेलिस के डॉल्बी थिएटर में 97वें अकादमी अवॉर्ड्स (ऑस्कर) का भव्य आयोजन हो रहा है। इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह की मेजबानी इस बार मशहूर कॉमेडियन और होस्ट कोनन ओ’ब्रायन कर रहे हैं। फिल्मी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक, ऑस्कर, दुनिया भर के सिनेप्रेमियों और कलाकारों के लिए एक यादगार पल होता है। इस बार ऑस्कर की दौड़ में ‘अनुजा’ नाम की एक भारतीय फिल्म शामिल हुई थी, इस फिल्म को गुनीत मोंगा और प्रियंका चोपड़ा जोनास ने मिलकर बनाया है।

ऑस्कर विजेताओं की फुल लिस्ट 

बेस्ट पिक्चर

  • अनोरा (Anora)- WINNER
  • द ब्रूटलिस्ट (The Brutalist)
  • कॉन्क्लेव (Conclave)
  • ए कम्पलीट अननोन (A Complete Unknown)
  • ड्यून: पार्ट 2 (Dune: Part Two)
  • एमिलिया पेरेज (Emilia Perez)
  • आई एम् स्टिल हियर (I’m Still Here)
  • निकल बॉयज (Nickel Boys)
  • द सबस्टेंस (The Substance)
  • विक्ड (Wicked)

बेस्ट डायरेक्टर

  • शॉन बेकर, “अनोरा” (Anora)- WINNER
  • ब्रैडी कॉर्बेट, “द ब्रुटलिस्ट” (The brutalist)
  • जेम्स मैंगोल्ड, “ए कम्प्लीट अननोन” (A complete unknown)
  • जैक्स ऑडियार्ड, “एमिलिया पेरेज” (Emilia perez)
  • कोराली फॉरगेट, “द सबस्टेंस” (the substance)

बेस्ट एक्टर 

  • एड्रियन ब्रॉडी, “द ब्रुटलिस्ट” (The brutalist)- WINNER
  • टिमोथी चालमेट, “ए कम्पलीट अननोन” (A complete unknown)
  • कोलमैन डोमिंगो, “सिंग सिंग” (Sing Sing)
  • राल्फ फिएनेस, “कॉन्क्लेव” (Conclave)
  • सेबेस्टियन स्टेन, “द अप्रेंटिस” (The Apprentice)

बेस्ट एक्ट्रेस

  • माइकी मैडिसन, “अनोरा” (Anora)- WINNER
  • सिंथिया एरिवो, “विक्ड” (Wicked)
  • कार्ला सोफिया गैस्कॉन, “एमिलिया पेरेज” (Emilia perez)
  • डेमी मूर, “द सबस्टेंस” (The Substance)
  • फर्नांडा टोरेस, “आई एम् स्टिल हियर” (I’m Still Here)

बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर

  • कीरन कल्किन, “ए रियल पेन” (A Real Pain)- WINNER
  • यूरा बोरिसोव, “अनोरा” (Anora)
  • एडवर्ड नॉर्टन, “ए कम्पलीट अननोन” (A complete unknown)
  • गाइ पियर्स, “द ब्रुटलिस्ट” (The brutalist)
  • जेरेमी स्ट्रॉन्ग, “द अप्रेंटिस” (The Apprentice)

बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस

  • जोई सलदाना, “एमिलिया पेरेज” (Emilia perez)- WINNER
  • मोनिका बारबरो, “ए कम्प्लीट अननोन” (A complete unknown)
  • एरियाना ग्रांडे, “विक्ड” (Wicked)
  • फेलिसिटी जोन्स, “द ब्रुटलिस्ट” (The brutalist)
  • इसाबेला रोसेलिनी, “कॉन्क्लेव” (Conclave)

बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म

  • “आई एम् स्टिल हियर” (ब्राजील) (I’m Still Here)- WINNER
  • “द गर्ल विद द नीडल” (डेनमार्क) (The Girl with the Needle)
  • “एमिलिया पेरेज” (फ्रांस) (Emilia Perez)
  • “द सीड ऑफ थे सेक्रेड फिग” (जर्मनी) (The Seed of the Sacred Fig)
  • “फ्लो” (लातविया) (Flow)

बेस्ट एनिमेटेड फीचर

  • फ्लो (flow)- WINNER
  • “इनसाइड आउट 2” (Inside Out 2)
  • “मेमॉयर ऑफ ए स्नेल” (Memoir of a Snail)
  • “वालेस और ग्रोमिट: वेंजेंस मोस्ट फाउल” (Wallace and Gromit: Vengeance Most Fowl)
  • “द वाइल्ड रोबोट” (The Wild Robot)

बेस्ट डॉक्युमेंट्री फीचर –

  • “नो अदर लैंड” (No Other Land)-WINNER
  • “ब्लैक बॉक्स डायरीज” (Black Box Diaries)
  • “पोर्सिलेन वॉर” (Porcelain War)
  • “साउंडट्रैक टू ए कूप डी’एटैट” (Soundtrack to a Coup d’Etat)
  • “शुगरकेन” (Sugarcane)

बेस्ट ओरिजिनल स्क्रीनप्ले

  • “अनोरा” (Anora)- WINNER
  • “द सबस्टेंस” (करलिए फॉरगेट) (The Substance)
  • “द ब्रुटलिस्ट” (ब्रैडी कॉर्बेट, मोना फस्टवोल्ड)  (The brutalist)
  • “ए रियल पेन” (जेसे एसेंबेर्ग) (A Real Pain)
  • सितम्बर 5 (टिम फेह्लबौम एंड मोरित्ज एस बाइंडर) (September 5)

बेस्ट अडेप्टेड स्क्रीनप्ले 

  • कॉन्क्लेव (Conclave) – WINNER
  • ए कम्पलीट अननोन (A Complete Unknown)
  • एमिलिया पेरेज (Emilia perez)
  • सींग सींग (Sing Sing)
  • निकल बॉयज (Nickle boys)

बेस्ट डाक्यूमेंट्री शार्ट

  • द ओनली गर्ल इन द ऑर्केस्ट्रा (The Only Girl in the Orchestra)-WINNER
  • डेथ बाय नंबर्स (Death by number)
  • आई एम रेडी, वार्डन (I am ready Warden)
  • इंसिडेंट (incident)
  • इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ ए बीटन हार्ट (Instrument of beaten heart)

बेस्ट लाइव एक्शन शार्ट

  • आई एम नॉट ए रोबोट (I’m not a robot)- WINNER
  • अनुजा (Anuja)
  • द लास्ट रेंजर (The last ranger)
  • एलियन (Alien)
  • द मेन हू कुड नॉट रेमें साइलेंट (The man could not remain silent)

बेस्ट एनिमेटेड शॉर्ट

  • इन द शैडो ऑफ साईप्रस (In the shadow of sypress) – WINNER
  • ब्यूटीफुल मेन (Beautiful men)
  • मैजिक कैंडीज (magic candies)
  • वैंडर टू  वंडर (Wander to wonder)
  • यक (Yuck)

बेस्ट ओरिजिनल स्कोर

  • द ब्रूटलिस्ट (The brutalist)-WINNER
  • कॉन्क्लेव (Conclave)
  • एमिलिया पेरेज (Emilia perez)
  • विकेड (Wicked)
  • द वाइल्ड  रोबोट (The Wild Robot)

बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग 

  • एल मल  (El Mal) from Emilia Pérez (Clément Ducol, Camille, and Jacques Audiard)-WINNER
  • नेवर टू लेट (Never Too Late) from Elton John: Never Too Late (Elton John & Brandi Carlile)
  • लाइक ए बर्ड  (Like A Bird) from Sing Sing (Abraham Alexander and Adrian Quesada)
  • द जर्नी (The Journey) from The Six Triple Eight (Diane Warren)
  • मि कमीनो (Mi Camino) from Emilia Pérez (Clément Ducol, Camille, and Jacques Audiard)

बेस्ट साउंड

  • ड्यून: पार्ट 2 (Dune: Part Two)- WINNER
  • ए कम्पलीट अननोन (A Complete Unknown)
  • एमिलिया पेरेज (Emilia perez)
  • द वाइल्ड रोबोट (The Wild Robot)
  • विक्ड (Wicked)

बेस्ट प्रोडक्शन डिजाइन

  • विक्ड (Wicked)- WINNER
  • द ब्रुटलिस्ट (The brutalist)
  • कॉन्क्लेव (Conclave)
  • ड्यून: पार्ट 2 (Dune: Part Two)
  • नोस्फेरातु (Nosferatu)

बेस्ट सिनेमेटोग्राफी

  • द ब्रुटलिस्ट (The brutalist)- WINNER
  • ड्यून: पार्ट 2 (Dune: Part Two)
  • एमिलिया पेरेज (Emilia perez)
  • मारिया (Maria)
  • नोस्फेरातु (Nosferatu)

बेस्ट हेयर एंड मेकअप

  • द सबस्टेंस (The Substance)- WINNER
  • ए डिफरेंट मेन (A different Men)
  • एमिलिया पेरेज (Emilia perez)
  • नोस्फेरातु (Nosferatu)
  • विक्ड (Wicked)

बेस्ट कॉस्टयूम  डिजाइन

  • विक्ड (Wicked)- WINNER
  • ए कम्पलीट अननोन (A Complete Unknown)
  • कॉन्क्लेव (Conclave)
  • ग्लैडिएटर II (Gladiator II)
  • नोस्फेरातु (Nosferatu)

बेस्ट फिल्म एडिटिंग

  • अनोरा (Anora)- Winner
  • द ब्रुटलिस्ट (The brutalist)
  • कॉन्क्लेव (Conclave)
  • एमिलिया पेरेज (Emilia perez)
  • विक्ड (Wicked)

बेस्ट विजुअल इफेक्ट्स

  • ड्यून: पार्ट 2 (Dune: Part Two)- Winner
  • एलियन: रोम्यूलस (Alien Romulus)
  • किंगडम ऑफ द प्लेनेट ऑफ एप्स (Kingdom of the planet of the apes)
  • बेटर मेन (Better man)
  • विक्ड (Wicked)

सबसे ज्यादा अवॉर्ड हासिल करने वाली फिल्में

  • एमिलिया पेरेज को 2 (Emilia perez)
  • द ब्रूटलिस्ट को 3 (The brutalist)
  • विक्ड को 2 (Wicked)
  • अनोरा को 5 (Anora)
  • ड्यून: पार्ट 2 को 2 (Dune: Part Two)

YES BANK ने डब्ल्यूटीसी मुंबई के सहयोग से निर्यात सम्मेलन 2025 की मेजबानी की

YES BANK, जो भारत का छठा सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है, ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) मुंबई के साथ मिलकर एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन YES BANK हाउस में किया। यह प्रतिष्ठित आयोजन निर्यातकों, उद्योग जगत के नेताओं और सरकारी अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ, जहाँ उभरते व्यापारिक रुझानों, चुनौतियों और वैश्विक बाजार के अवसरों पर चर्चा हुई।

इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों) को सशक्त बनाना और भारत के निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना था। इस कार्यक्रम ने व्यापार सुगमता, वित्तीय सहायता और निर्यात सेवाओं में नवाचार पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।

एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव 2025 की प्रमुख बातें

YES BANK और WTC मुंबई के बीच रणनीतिक साझेदारी

इस आयोजन की सबसे बड़ी उपलब्धि YES BANK और WTC मुंबई के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर रही। इस साझेदारी का उद्देश्य:

  • MSME के लिए क्रेडिट तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन को सरल बनाने के लिए व्यापार सुविधा सेवाएं प्रदान करना
  • वैश्विक बाजार की जानकारियों से निर्यातकों को सशक्त बनाना
    इस साझेदारी के माध्यम से YES BANK और WTC मुंबई, भारत की वैश्विक व्यापारिक स्थिति को मजबूत करने और निर्यातकों को आवश्यक वित्तीय सहायता एवं संसाधन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

YES BANK के MSME और महिला उद्यमियों के लिए विशेष ऑफर

YES BANK ने YES Business Suite के अंतर्गत दो नई पहलों की घोषणा की:

1. YES Exports: एक संपूर्ण निर्यात वित्त समाधान

YES Exports उन व्यवसायों को समर्थन प्रदान करता है जो निर्यात पर केंद्रित हैं। इस योजना के तहत, पूर्व-शिपमेंट और पश्चात-शिपमेंट वित्त की सुविधा दी जाएगी, जिससे निर्यातकों को कार्यशील पूंजी तक तेजी से पहुंच प्राप्त हो सके।

YES Exports की प्रमुख विशेषताएँ:

  • ₹10 करोड़ तक का निर्यात वित्त न्यूनतम संपार्श्विक (कोलेटरल) आवश्यकताओं के साथ।
  • वित्तीय प्रदर्शन पर आधारित वित्त पोषण (पारंपरिक ऋण मानकों से मुक्त)।
  • निर्यातकों के लिए विशेषज्ञ व्यापार सलाह जो उन्हें वैश्विक बाजार में विस्तार करने में मदद करेगी।
  • डिजिटल SME सेवा डेस्क ताकि बैंकिंग समाधान तक आसान पहुंच मिल सके।
  • प्रतिस्पर्धात्मक विदेशी मुद्रा दरें और प्रभावी निर्यात बिल प्रोसेसिंग
  • इस पहल का उद्देश्य MSME निर्यातकों को वित्तीय अवरोधों को कम कर वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाना है।

2. YES PowherUp: महिला उद्यमियों के लिए विशेष योजना

YES BANK ने महिलाओं के बढ़ते व्यवसाय और व्यापार में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए YES PowherUp नामक एक वित्तीय पहल शुरू की।

YES PowherUp के लाभ:

  • व्यवसाय विस्तार और संचालन के लिए अनुकूलित व्यावसायिक ऋण
  • वित्तीय नियोजन और परामर्श सेवाएं, जिससे महिला उद्यमी सही निर्णय ले सकें।
  • विशेष विदेशी मुद्रा विनिमय दरें और निर्यात बिल प्रोसेसिंग लाभ
  • उद्योग विशेषज्ञों और वैश्विक व्यापार पेशेवरों के साथ नेटवर्किंग अवसर

यह पहल YES BANK के वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इनक्लूजन) को बढ़ावा देने और महिला उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ले जाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव 2025 का प्रभाव

  • MSME विकास को गति – बेहतर क्रेडिट पहुंच और व्यापार सुविधा सेवाओं से छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए वैश्विक बाजारों में विस्तार के अवसर बढ़े।
  • मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी – इस आयोजन ने बैंकों, व्यापार संगठनों और सरकारी निकायों के बीच सहयोग को और अधिक गहरा किया
  • वैश्विक व्यापारिक रुझानों और नीतियों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि – निर्यातकों को नवीनतम बाजार प्रवृत्तियों, नियामक ढांचों और बदलते वैश्विक मांगों की गहरी जानकारी मिली।

निष्कर्ष

YES BANK और WTC मुंबई की यह साझेदारी भारत के निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह MSME और महिला उद्यमियों को वैश्विक व्यापार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए वित्तीय और तकनीकी समर्थन प्रदान करेगा, जिससे देश की निर्यात क्षमता और आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? YES BANK ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) मुंबई के साथ मिलकर एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन YES BANK हाउस में किया।
उद्देश्य MSME को सशक्त बनाना, उभरते व्यापारिक रुझानों पर चर्चा करना और भारत के निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना।
मुख्य आयोजन YES BANK और WTC मुंबई के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर।
MoU का उद्देश्य – MSME के लिए क्रेडिट तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना।
– व्यापार सुविधा सेवाएँ प्रदान करना।
– वैश्विक बाजार की जानकारी उपलब्ध कराना।
नई पहलें YES Exports (MSME के लिए) और YES PowherUp (महिला उद्यमियों के लिए)।
YES Exports – प्रमुख विशेषताएँ ₹10 करोड़ तक का निर्यात वित्त न्यूनतम संपार्श्विक के साथ।
– वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर वित्त पोषण।
विशेषज्ञ व्यापार परामर्श
डिजिटल SME सेवा डेस्क
– वैश्विक लेनदेन के लिए प्रतिस्पर्धात्मक विदेशी मुद्रा दरें
YES PowherUp – लाभ – महिला उद्यमियों के लिए अनुकूलित व्यावसायिक ऋण
– वित्तीय नियोजन और परामर्श सेवाएँ।
विशेष विदेशी मुद्रा विनिमय दरें
नेटवर्किंग के अवसर
कॉन्क्लेव का प्रभाव – बेहतर क्रेडिट सुविधा के माध्यम से MSME की वृद्धि में तेजी
निर्यात समर्थन के लिए मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी
– वैश्विक व्यापार प्रवृत्तियों पर निर्यातकों के लिए बाजार खुफिया जानकारी
निष्कर्ष इस कॉन्क्लेव ने YES BANK की प्रतिबद्धता को मजबूत किया, जो MSME और महिला उद्यमियों को समर्थन देकर भारत की व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है।

Paytm ने एआई-संचालित सर्च को एकीकृत करने हेतु स्टार्टअप पेरप्लेक्सिटी के साथ साझेदारी की

डिजिटल पहुंच और वित्तीय निर्णय लेने की प्रक्रिया को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, Paytm ने Perplexity नामक एआई-संचालित उत्तर इंजन के साथ साझेदारी की घोषणा की है। इस सहयोग का उद्देश्य Paytm ऐप में एआई-पावर्ड सर्च को एकीकृत करना है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी पसंदीदा स्थानीय भाषाओं में प्रश्न पूछ सकें, विभिन्न विषयों का अन्वेषण कर सकें और अधिक सटीक वित्तीय निर्णय ले सकें।

Perplexity क्या है?

Perplexity एक उन्नत एआई-आधारित उत्तर इंजन है, जो वास्तविक समय में सटीक उत्तर और इन-लाइन उद्धरणों के साथ जानकारी प्रदान करता है। यह पारंपरिक खोज इंजनों से अलग है, क्योंकि यह बेहतर शोध-आधारित उत्तर देने के लिए अनुकूलित किया गया है, जिससे उपयोगकर्ताओं को वित्तीय और बाजार से संबंधित विषयों पर विश्वसनीय जानकारी मिल सके।

Paytm उपयोगकर्ताओं के लिए AI-पावर्ड सर्च के लाभ

Paytm ऐप में AI-संचालित सर्च इंजन के एकीकरण से उपयोगकर्ताओं को कई लाभ प्राप्त होंगे, विशेष रूप से वित्तीय साक्षरता और निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार होगा। इसके कुछ मुख्य लाभ इस प्रकार हैं:

  • त्वरित वित्तीय जानकारी – उपयोगकर्ता वित्तीय योजनाओं, बाजार प्रवृत्तियों और निवेश विकल्पों पर वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
  • स्थानीय भाषा समर्थन – उपयोगकर्ता अपनी पसंदीदा क्षेत्रीय भाषा में विभिन्न विषयों को समझ और एक्सप्लोर कर सकेंगे, जिससे वित्तीय शिक्षा अधिक सुलभ बनेगी।
  • बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव – एआई की मदद से Paytm प्लेटफॉर्म को अधिक इंटरैक्टिव और जानकारीपूर्ण बनाया जाएगा।
  • प्रामाणिक और सत्यापित जानकारीइन-लाइन उद्धरणों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को विश्वसनीय स्रोतों से प्रमाणित जानकारी मिलेगी।
  • सरल वित्तीय निर्णय लेने की सुविधा – उपयोगकर्ता व्यक्तिगत वित्त, बजट, ऋण और निवेश से संबंधित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करके बेहतर और सूचित निर्णय ले सकेंगे

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में एआई की बढ़ती आवश्यकता

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, और इसी के साथ तेजी से और सटीक वित्तीय जानकारी की मांग भी बढ़ रही है। विशेष रूप से वे उपयोगकर्ता, जो डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में नए हैं, अक्सर विश्वसनीय और सरल जानकारी खोजने में कठिनाई का सामना करते हैं। Paytm का AI-पावर्ड सर्च इस अंतर को पाटने का प्रयास करेगा, जिससे उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित क्षेत्रों में सहायता मिलेगी:

  • डिजिटल लेनदेन पर मार्गदर्शन
  • नए निवेशकों के लिए रणनीतियाँ
  • सरकारी योजनाओं और वित्तीय नियमों की जानकारी
  • बाजार की प्रवृत्तियाँ और आर्थिक अपडेट

Paytm का डिजिटल साक्षरता और वित्तीय पहुंच पर ध्यान

Paytm लंबे समय से डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और वित्तीय सेवाओं की पहुंच का विस्तार करने के लिए तकनीक का उपयोग कर रहा है। अब एआई-संचालित सर्च इंजन को एकीकृत करके, कंपनी उपयोगकर्ताओं को डिजिटल वित्तीय प्रणाली को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।

Paytm की हालिया पहलें

AI-संचालित सर्च के अलावा, Paytm भारत के फिनटेक इकोसिस्टम को समर्थन देने के लिए कई प्रमुख पहलों पर कार्य कर रहा है। हाल ही में,

DPIIT और Paytm के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU)

फरवरी 2025 में, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने Paytm (One97 Communications Limited) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य:

  • फिनटेक और विनिर्माण स्टार्टअप्स में नवाचार को बढ़ावा देना
  • स्टार्टअप इकोसिस्टम की वृद्धि में तेजी लाना
  • डिजिटल भुगतान समाधानों को सशक्त बनाना

यह सहयोग भारत के बढ़ते फिनटेक क्षेत्र को समर्थन देने और एक अधिक समावेशी वित्तीय वातावरण विकसित करने की दिशा में Paytm की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? Paytm ने Perplexity, एक एआई-आधारित उत्तर इंजन के साथ साझेदारी की है, जिससे Paytm ऐप में एआई-पावर्ड सर्च को एकीकृत किया जाएगा। यह डिजिटल पहुंच और वित्तीय निर्णय लेने की प्रक्रिया को सशक्त बनाएगा।
Perplexity क्या है? यह एक एआई-संचालित उत्तर इंजन है, जो वास्तविक समय में सटीक उत्तर प्रदान करता है। इसमें इन-लाइन उद्धरणों के साथ वित्त और बाजार प्रवृत्तियों सहित विभिन्न विषयों पर विश्वसनीय जानकारी मिलती है।
Paytm उपयोगकर्ताओं के लिए एआई-पावर्ड सर्च के लाभ तत्काल वित्तीय जानकारी: बाजार प्रवृत्तियों, वित्तीय योजना और निवेश पर वास्तविक समय की जानकारी।
स्थानीय भाषा समर्थन: उपयोगकर्ता अपनी पसंदीदा क्षेत्रीय भाषा में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव: एआई की मदद से अधिक इंटरैक्टिव और जानकारीपूर्ण प्लेटफॉर्म।
सत्यापित जानकारी: इन-लाइन उद्धरणों के माध्यम से सटीक और विश्वसनीय डेटा।
सरल वित्तीय निर्णय: व्यक्तिगत वित्त, बजट, ऋण और निवेश से जुड़ी सहायता।
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में एआई की आवश्यकता तेजी से और सटीक वित्तीय जानकारी की बढ़ती मांग
डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को समझने में कई उपयोगकर्ताओं को कठिनाई
एआई-संचालित सर्च इस अंतर को पाटने और सरल मार्गदर्शन देने का प्रयास करेगा
Paytm का डिजिटल साक्षरता पर ध्यान डिजिटल वित्तीय प्रणाली को नेविगेट करने में उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाना
वित्तीय शिक्षा तक पहुंच को आसान बनाना
हालिया पहल: DPIIT और Paytm के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) फरवरी 2025 में, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने Paytm (One97 Communications Ltd.) के साथ समझौता किया।
उद्देश्य: फिनटेक नवाचार को बढ़ावा देना, स्टार्टअप्स के विकास का समर्थन करना और डिजिटल भुगतान समाधानों को सशक्त बनाना।
साझेदारी का महत्व Paytm की डिजिटल और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने में भूमिका को मजबूत करता है
भारत के बढ़ते फिनटेक क्षेत्र का समर्थन करता है
वित्तीय सेवाओं में नवाचार को प्रोत्साहित करता है

चंपकम दोरायराजन मामला: संवैधानिक इतिहास में एक ऐतिहासिक मामला

चंपकम दोरायराजन, जो मद्रास की एक ब्राह्मण महिला थीं, ने भारत के संवैधानिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शैक्षिक संस्थानों में जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। उनका मामला, स्टेट ऑफ मद्रास बनाम चंपकम दोरायराजन (1951), भारत के संविधान के पहले संशोधन का आधार बना, जिसने अनुच्छेद 15(4) को जोड़ा और सामाजिक तथा शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधानों को कानूनी मान्यता दी। यह मामला भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसी कानून को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर असंवैधानिक ठहराने का पहला उदाहरण था, जिसने योग्यता, समानता और आरक्षण पर भविष्य की बहसों की नींव रखी।

मामले के प्रमुख बिंदु

चंपकम दोरायराजन का परिचय

  • जन्म: 1915, मद्रास
  • शिक्षा: मद्रास विश्वविद्यालय से भौतिकी और रसायनशास्त्र में बी.एससी. (1934)
  • डॉक्टर बनने की इच्छा थी, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण शिक्षिका बनीं
  • व्यापारिक परिवार में विवाह हुआ; उनके पति Dollar & Company फार्मा कंपनी चलाते थे
  • मद्रास (अब चेन्नई) में रहीं और कानूनी मामलों की गहरी समझ रखती थीं

विवादास्पद सामुदायिक सरकारी आदेश (G.O.)

  • 1948 में मद्रास सरकार ने जाति-आधारित शैक्षिक आरक्षण लागू किया
  • 14 सीटों का वितरण इस प्रकार था:
    • 6 सीटें – गैर-ब्राह्मण हिंदुओं के लिए
    • 2 सीटें – पिछड़े हिंदुओं के लिए
    • 2 सीटें – ब्राह्मणों के लिए
    • 2 सीटें – हरिजन (दलित) के लिए
    • 1 सीट – एंग्लो-इंडियन व ईसाई भारतीयों के लिए
    • 1 सीट – मुसलमानों के लिए
  • इस प्रणाली से ब्राह्मण विद्यार्थियों की मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की संभावनाएँ सीमित हो गईं

कानूनी चुनौती और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

  • चंपकम दोरायराजन ने 1950 में मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तर्क दिया कि यह नीति समानता के मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 14) का उल्लंघन करती है
  • मद्रास हाईकोर्ट ने सामुदायिक सरकारी आदेश (G.O.) को असंवैधानिक घोषित किया
  • मद्रास सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की
  • 9 अप्रैल 1951 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय सुनाया कि:
    • जाति और धर्म के आधार पर आरक्षण अनुच्छेद 14, 15(1) और 29(2) का उल्लंघन करता है
    • राज्य शैक्षिक प्रवेश में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता

प्रभाव: भारतीय संविधान का पहला संशोधन (1951)

  • सरकार को झटका लगा, और उसने इस निर्णय को निष्प्रभावी करने के लिए पहला संवैधानिक संशोधन किया
  • अनुच्छेद 15(4) जोड़ा गया, जिससे निम्न वर्गों के लिए विशेष प्रावधान संभव हुए:
    • सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग (OBC)
    • अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST)
  • इस संशोधन ने शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण को वैध बना दिया

लंबी अवधि के कानूनी और सामाजिक प्रभाव

  • इस मामले ने योग्यता बनाम आरक्षण की बहस को जन्म दिया, जो आज भी जारी है
  • समय के साथ न्यायपालिका ने आरक्षण को सामाजिक न्याय का साधन माना
  • 2024 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने 1951 के फैसले की आलोचना की और इसे आरक्षण के लिए बाधा बताया
  • यह मामला मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 14) और राज्य की नीतिगत जिम्मेदारियों (अनुच्छेद 46) के बीच संतुलन तय करने में महत्वपूर्ण रहा, जिससे कई संवैधानिक संशोधन प्रेरित हुए
सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? चंपकम दोराईराजन और पहला संशोधन: संवैधानिक इतिहास का एक ऐतिहासिक मामला
संबंधित व्यक्ति चंपकम दोराईराजन, मद्रास की एक ब्राह्मण महिला
मुद्दा 1948 के सामुदायिक सरकारी आदेश (Communal G.O.) के कारण जाति आधारित आरक्षण की वजह से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से वंचित
कानूनी कार्रवाई 1950 में मद्रास हाईकोर्ट में मामला दायर किया, बाद में 1951 में सुप्रीम कोर्ट में अपील की
फैसला सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित कोटा प्रणाली को असंवैधानिक ठहराया
सरकारी प्रतिक्रिया 1951 में पहला संशोधन लाया गया, जिससे शिक्षा में आरक्षण संभव हुआ
नया प्रावधान जोड़ा गया अनुच्छेद 15(4), जो पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान की अनुमति देता है
कानूनी प्रभाव असंवैधानिक कानूनों को निरस्त करने में न्यायपालिका की भूमिका स्थापित की
दीर्घकालिक प्रभाव शिक्षा में आरक्षण के कानूनी आधार को मजबूत किया और भविष्य के संवैधानिक संशोधनों को दिशा दी

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