CDS जनरल अनिल चौहान ने IIT कानपुर में टेककृति 2025 का उद्घाटन किया

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में टेककृति 2025, एशिया के सबसे बड़े अंतरमहाविद्यालयीय तकनीकी और उद्यमिता महोत्सव का उद्घाटन किया। यह आयोजन प्रौद्योगिकी नवाचार का केंद्र है, जो विद्वानों, उद्योग विशेषज्ञों और रक्षा क्षेत्र के अधिकारियों को एक साथ लाकर उन्नत तकनीकी प्रगति की खोज को प्रोत्साहित करता है।

मुख्य बिंदु:

उद्घाटन और थीम

  • जनरल अनिल चौहान ने टेककृति 2025 का उद्घाटन किया।

  • थीम: “पांटा रेई” (सब कुछ प्रवाहित होता है), जो तकनीकी और नवाचार के सतत विकास का प्रतीक है।

भविष्य की युद्ध तकनीकों पर ध्यान केंद्रित

  • भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर चर्चा की गई।

  • साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग और कॉग्निटिव वारफेयर में हो रहे विकास को रेखांकित किया गया।

  • युवाओं को राष्ट्र की प्रौद्योगिकी वृद्धि में योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया।

प्रमुख प्रतिभागी

  • एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित, सेंट्रल एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (AOC-in-C)।

  • प्रो. मनींद्र अग्रवाल, निदेशक, IIT कानपुर।

रक्षककृति: रक्षा एक्सपो

  • एक विशेष रक्षा प्रदर्शनी, जिसमें अगली पीढ़ी की सैन्य तकनीकों का प्रदर्शन किया गया।

  • AI-आधारित युद्ध प्रणालियाँ, स्वायत्त ड्रोन और स्वदेशी रक्षा नवाचार प्रस्तुत किए गए।

  • आत्मनिर्भर भारत’ को सशक्त बनाने और विदेशी रक्षा निर्भरता को कम करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।

रक्षा-अकादमिक-उद्योग समन्वय को मजबूत करना

  • सशस्त्र बलों, शैक्षणिक संस्थानों और रक्षा उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया गया।

  • शैक्षिक अनुसंधान को वास्तविक रक्षा अनुप्रयोगों से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

  • IIT कानपुर को रक्षा प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी योगदान देने वाले प्रमुख संस्थान के रूप में प्रस्तुत किया गया।

सारांश/स्थिर विवरण
क्यों चर्चा में? CDS जनरल अनिल चौहान ने IIT कानपुर में टेककृति 2025 का उद्घाटन किया, भविष्य की युद्ध तकनीकों पर प्रकाश डाला।
आयोजन टेककृति 2025 – IIT कानपुर
उद्घाटनकर्ता जनरल अनिल चौहान (CDS)
थीम पांटा रेई” (सब कुछ प्रवाहित होता है)
प्रमुख प्रतिभागी एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित, प्रो. मनींद्र अग्रवाल
केंद्रित क्षेत्र साइबर सुरक्षा, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, कॉग्निटिव वारफेयर
विशेष प्रदर्शनी रक्षककृति – रक्षा एक्सपो
प्रदर्शित तकनीकें स्वायत्त ड्रोन, एआई-आधारित युद्ध प्रणाली, स्वदेशी हथियार प्रणाली
उद्देश्य रक्षा-शिक्षा-उद्योग सहयोग को मजबूत करना
राष्ट्रीय पहल आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा

 

अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस 2025: इतिहास, विषय और महत्व

अंतरराष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है। इसका मकसद वैश्विक स्तर पर अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देना और टिकाऊ उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा देना है। इस दिन को मनाने का मकसद, शून्य-अपशिष्ट पहलों के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है।

फैशन और वस्त्र उद्योग संसाधन-गहन और अपशिष्ट उत्पन्न करने वाला प्रमुख क्षेत्र है, जो पर्यावरणीय क्षति में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस फैशन और वस्त्र क्षेत्र में अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित है और इसका विषय है “Towards Zero Waste in Fashion and Textiles।”

वैश्विक अपशिष्ट संकट

हर साल, घरों, छोटे व्यवसायों और सार्वजनिक सेवा प्रदाताओं द्वारा लगभग 2.1 से 2.3 अरब टन ठोस कचरा उत्पन्न किया जाता है, जिसमें पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक और खाद्य अपशिष्ट शामिल हैं। हालांकि, मौजूदा अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था इस संकट को संभालने में असमर्थ है:

  • लगभग 2.7 अरब लोग ठोस कचरा संग्रहण सेवाओं से वंचित हैं।

  • केवल 61-62% नगरपालिका ठोस अपशिष्ट को नियंत्रित सुविधाओं में संसाधित किया जाता है।

ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि हमें सतत अपशिष्ट प्रबंधन की ओर तेजी से बढ़ने की आवश्यकता है।

फैशन उद्योग और अपशिष्ट समस्या

फैशन और वस्त्र उद्योग दुनिया के सबसे प्रदूषित उद्योगों में से एक है। इस क्षेत्र में उत्पादन और उपभोग में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जिससे गंभीर पर्यावरणीय, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पड़ रहे हैं।

चिंताजनक तथ्य:

  • 2000 से 2015 के बीच वस्त्र उत्पादन दोगुना हो गया।

  • यह उद्योग हर साल 92 मिलियन टन वस्त्र अपशिष्ट उत्पन्न करता है।

  • हर सेकंड एक कचरा ट्रक भरकर कपड़ों को जला दिया जाता है या लैंडफिल में डाला जाता है।

तेज फैशन (फास्ट फैशन) के बढ़ते प्रभाव ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है, जिससे विकासशील देशों पर भारी बोझ पड़ा है।

शून्य अपशिष्ट की ओर परिवर्तन

सतत उत्पादन और परिपत्र अर्थव्यवस्था (Circular Economy) समाधान

फैशन उद्योग को कचरे को कम करने और एक परिपत्र अर्थव्यवस्था को अपनाने की आवश्यकता है, जिसमें शामिल हैं:

  • उत्पादन प्रक्रियाओं को अधिक टिकाऊ बनाना।
  • पुनर्चक्रण (Recycling) और पुन: उपयोग (Repurposing) को प्रोत्साहित करना।
  • पर्यावरण-अनुकूल वस्त्रों (Eco-friendly Textiles) का उपयोग।

उपभोक्ताओं की भूमिका

उपभोक्ता भी अपनी आदतों में बदलाव कर अपशिष्ट कम कर सकते हैं:

  • पुराने कपड़ों का पुन: उपयोग, मरम्मत और पुनर्चक्रण करना।
  • तेज फैशन (Fast Fashion) से बचना और उच्च गुणवत्ता वाले टिकाऊ वस्त्रों में निवेश करना।
  • उन ब्रांडों का समर्थन करना जो टिकाऊ और नैतिक उत्पादन को प्राथमिकता देते हैं।

निजी क्षेत्र की जिम्मेदारी

  • लंबे समय तक उपयोग होने वाले, मरम्मत योग्य और पुनर्चक्रण योग्य उत्पादों का डिज़ाइन।
  • उत्पादन मात्रा को सीमित करना और परिपत्र व्यावसायिक मॉडल अपनाना।
  • जैव-अपघटनीय सामग्री (Biodegradable Materials) का उपयोग।
  • रासायनिक प्रदूषण को कम करना और जैव विविधता को संरक्षित करने वाली तकनीकों में निवेश करना।

सरकार की भूमिका

  • विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (Extended Producer Responsibility – EPR) लागू करना।
  • वस्त्र उत्पादन में हानिकारक रसायनों पर नियंत्रण।
  • अपशिष्ट पुनर्चक्रण अवसंरचना में निवेश।
  • सतत व्यवसायों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं।

अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस की पृष्ठभूमि और महत्व

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 दिसंबर 2022 को इस दिवस की घोषणा की। यह पहल तुर्किये के नेतृत्व में 105 देशों के समर्थन से की गई थी।

संयोजनकर्ता और उद्देश्य

इस आयोजन का संयोजन निम्नलिखित संगठनों द्वारा किया गया:

  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)
  • संयुक्त राष्ट्र मानव बस्तियों का कार्यक्रम (UN-Habitat)
  • तुर्किये का स्थायी मिशन और ज़ीरो वेस्ट फाउंडेशन

संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से संबंध

शून्य अपशिष्ट पहल संयुक्त राष्ट्र 2030 सतत विकास एजेंडा के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक है, विशेष रूप से:

  • एसडीजी 11 (सतत शहर और समुदाय)

  • एसडीजी 12 (जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन)

ये लक्ष्य खाद्य अपशिष्ट, इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट और प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी को कम करने पर केंद्रित हैं, जिससे अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

अंतरराष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव श्रीलंका में आयोजित

स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, कोलंबो में अंतरराष्ट्रीय रामायण और वैदिक अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित रामायण सम्मेलन में भारत और श्रीलंका के प्रतिष्ठित विद्वानों व धार्मिक नेताओं ने भाग लिया। इस सम्मेलन में भगवान श्रीराम के वैश्विक प्रभाव और श्रीलंका में रामायण से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों की महत्ता पर चर्चा की गई।

रामायण की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता
रामायण, हिंदू धर्म के महानतम महाकाव्यों में से एक, विश्वभर में विद्वानों, इतिहासकारों और भक्तों के लिए प्रेरणा स्रोत बना हुआ है। श्रीलंका, रावण के साम्राज्य और रामायण में वर्णित महत्वपूर्ण स्थलों के कारण इस महाकाव्य से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को समझते हुए, इस सम्मेलन में रामायण के ऐतिहासिक, धार्मिक और दार्शनिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।

रामायण सम्मेलन के प्रमुख बिंदु

  1. विद्वानों एवं विशेषज्ञों की सहभागिता

    • बीकानेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित और गुजरात विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया।

    • भारत और श्रीलंका के धार्मिक गुरु और वैदिक विद्वानों ने भगवान श्रीराम के जीवन और मूल्यों के वैश्विक प्रभाव पर चर्चा की।

    • ऐतिहासिक और पुरातात्विक प्रमाणों के माध्यम से रामायण के सांस्कृतिक प्रभाव को समझाया गया।

  2. श्रीलंका की रामायण विरासत पर चर्चा

    • विशेषज्ञों ने रामायण से जुड़े श्रीलंका के पुरातात्विक और पौराणिक महत्व को उजागर किया।

    • श्रीलंका के कई स्थान भगवान श्रीराम और रावण से जुड़े हुए हैं, जो तीर्थयात्रा और अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

    • सम्मेलन में उन स्थानों को विशेष रूप से रेखांकित किया गया, जहां भगवान श्रीराम की लीलाएं और रावण के साथ युद्ध के प्रसंग घटित हुए थे।

  3. श्रीलंका में महत्वपूर्ण रामायण स्थल

    • सीता एलिया (सीता अम्मन मंदिर): नुवारा एलिया के निकट स्थित यह स्थान वह माना जाता है, जहां रावण ने माता सीता को बंदी बनाकर रखा था। यहां स्थित सीता मंदिर प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

    • मनवारी मंदिर: चिलाव में स्थित इस मंदिर को वह पहला स्थान माना जाता है, जहां भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय के पश्चात शिवलिंग की स्थापना की थी। इसे “रामलिंगम” कहा जाता है, और यहां पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

    • मुन्नेश्वरम मंदिर: यह मंदिर वह स्थान है, जहां भगवान श्रीराम ने रावण का वध करने के बाद भगवान शिव की आराधना की थी। यह मंदिर हिंदू और बौद्ध दोनों समुदायों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।

  4. भगवान श्रीराम के आदर्शों का वैश्विक प्रभाव

    • सम्मेलन में धार्मिक नेताओं और विद्वानों ने श्रीराम के चरित्र, मूल्यों और शासन प्रणाली के वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डाला।

    • भगवान श्रीराम को धर्म, नेतृत्व और भक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

    • थाईलैंड, इंडोनेशिया, कंबोडिया और नेपाल जैसे देशों में रामायण से प्रेरित कला और साहित्य आज भी प्रचलित हैं।

    • सम्मेलन में रामायण के दार्शनिक शिक्षाओं पर विशेष जोर दिया गया, जो समाज में एकता, भक्ति और न्याय को बढ़ावा देती हैं।

इस सम्मेलन ने रामायण के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का कार्य किया, जिससे रामायण से जुड़े स्थलों और मूल्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली।

पहलू विवरण
कार्यक्रम का नाम अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन
आयोजक अंतरराष्ट्रीय रामायण और वैदिक अनुसंधान संस्थान
स्थान स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, कोलंबो
प्रमुख वक्ता प्रो. मनोज दीक्षित (बीकानेर विश्वविद्यालय), प्रो. नीरजा गुप्ता (गुजरात विश्वविद्यालय), भारत और श्रीलंका के धार्मिक नेता
मुख्य विषय भगवान श्रीराम का प्रभाव, रामायण का वैश्विक प्रभाव, श्रीलंका का रामायण में महत्व
चर्चित महत्वपूर्ण स्थल सीता एलिया, मनवारी मंदिर, मुन्नेश्वरम मंदिर
मुख्य निष्कर्ष सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करना, आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, रामायण पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करना

सुनील कक्कड़ को मारुति सुजुकी में पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया गया

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) ने सुनील कक्कड़ को अतिरिक्त निदेशक और पूर्णकालिक निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। उन्हें निदेशक (कॉर्पोरेट योजना) के रूप में नामित किया गया है, और उनका कार्यकाल 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2028 तक रहेगा। कक्कड़ को 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है और उन्होंने कंपनी में कॉर्पोरेट योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और स्थानीयकरण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में वैश्विक साझेदारों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित किए गए हैं, और वे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं।

मुख्य बिंदु

  • नई नियुक्ति – सुनील कक्कड़ को निदेशक (कॉर्पोरेट योजना) के रूप में नियुक्त किया गया।
  • कार्यकाल1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2028 तक।
  • अनुभव35+ वर्षों का अनुभव, मारुति सुजुकी में विभिन्न नेतृत्वकारी पदों पर कार्य किया।
  • वर्तमान भूमिका – वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, कॉर्पोरेट योजना प्रमुख, कार्यकारी समिति के प्रमुख सदस्य।

पूर्व नेतृत्व भूमिकाएँ

  • आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रमुख।

  • गुरुग्राम उत्पादन संचालन के संयंत्र प्रमुख।

  • रणनीतिक स्थानीयकरण पहल का नेतृत्व किया।

प्रमुख योगदान

  • प्रमुख परियोजनाओं के लिए आपूर्ति श्रृंखला विकास में महत्वपूर्ण भूमिका।

  • जापानी, इतालवी और फ्रेंच कंपनियों के साथ AMT टेक्नोलॉजी, प्लास्टिक फ्यूल टैंक, हाई-टेंसाइल शीट मेटल और कंट्रोलर के लिए संयुक्त उपक्रमों का नेतृत्व किया।

औद्योगिक भागीदारी

  • मार्क एग्जॉस्ट सिस्टम्स, SKH मेटल्स और हनोन क्लाइमेट सिस्टम्स इंडिया जैसी कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल।

  • SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) के आत्मनिर्भर भारत-सोर्सिंग ग्रुप के अध्यक्ष, जो भारतीय ऑटो उद्योग में स्थानीयकरण को बढ़ावा देता है।

मुख्य पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? सुनील कक्कड़ मारुति सुजुकी के पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त
नई भूमिका निदेशक (कॉर्पोरेट योजना), मारुति सुजुकी
कार्यकाल 1 अप्रैल 2025 – 31 मार्च 2028
वर्तमान पद वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, कॉर्पोरेट योजना
अनुभव 35+ वर्षों का अनुभव, मारुति सुजुकी
पूर्व भूमिकाएँ आपूर्ति श्रृंखला प्रमुख, संयंत्र प्रमुख (गुरुग्राम)
प्रमुख उपलब्धियाँ आपूर्ति श्रृंखला विकास, संयुक्त उद्यम, स्थानीयकरण पहल
निदेशक मंडल सदस्यता मार्क एग्जॉस्ट सिस्टम्स, SKH मेटल्स, हनोन क्लाइमेट सिस्टम्स इंडिया
औद्योगिक भूमिका अध्यक्ष, SIAM आत्मनिर्भर भारत-सोर्सिंग ग्रुप

एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड ने जसप्रीत बुमराह को ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया

भारत की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) में से एक, एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड (LTF) ने भारतीय क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह को अपना ब्रांड एंबेसडर घोषित किया है। यह रणनीतिक साझेदारी देशभर में एलटीएफ की ब्रांड पहचान को मजबूत करने और व्यापक ग्राहक आधार से जुड़ने के उद्देश्य से की गई है।

एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड और इसका बढ़ता बाज़ार प्रभाव

एलटीएफ एक प्रतिष्ठित एनबीएफसी है जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में वित्तीय उत्पाद और सेवाएं प्रदान करता है। कंपनी ग्रामीण व्यापार वित्त, फार्म उपकरण वित्त और दोपहिया वाहन वित्त में अग्रणी मानी जाती है।

एलटीएफ की व्यापक पहुंच

  • 2 लाख गांवों तक उपस्थिति।

  • 2,028 ग्रामीण शाखाएं और 185 शहरी शाखाएं।

  • 12,500 से अधिक वितरण टच पॉइंट।

  • एक मजबूत रिटेल फ्रैंचाइज़ी, जो व्यक्तिगत और पारिवारिक वित्तीय समाधान प्रदान करती है।

जसप्रीत बुमराह – एलएंडटी फाइनेंस के ब्रांड कैंपेन का चेहरा

बुमराह, एलटीएफ के Above The Line (ATL) और Below The Line (BTL) मार्केटिंग अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। ये अभियान विभिन्न माध्यमों पर प्रसारित किए जाएंगे, जिससे –

  • ब्रांड जागरूकता बढ़ेगी।

  • ग्राहक सहभागिता को प्रोत्साहन मिलेगा।

  • एलटीएफ के वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को प्रचारित किया जाएगा।

वित्तीय समावेशन और स्थिरता के प्रति एलएंडटी फाइनेंस की प्रतिबद्धता

एलटीएफ, Lakshya 2026 रणनीतिक रोडमैप के तहत डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा दे रहा है, जो निम्नलिखित उद्देश्यों पर केंद्रित है –

  • उत्पादों के बजाय ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करना।

  • उच्च गुणवत्ता वाली परिसंपत्तियों के साथ मजबूत खुदरा पोर्टफोलियो विकसित करना।

  • Fintech@Scale के माध्यम से वित्तीय सेवाओं में डिजिटल नवाचार लाना।

  • पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन (ESG) सिद्धांतों को अपनाना।

पुरस्कार और मान्यताएं

एलएंडटी फाइनेंस को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं –

  • चार प्रमुख एजेंसियों से “AAA” क्रेडिट रेटिंग (एनबीएफसी के लिए उच्चतम रेटिंग)।

  • “डिजिटल सखी” सीएसआर परियोजना के लिए मान्यता, जो महिलाओं को सशक्त बनाने और डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

  • “ग्रेट प्लेस टू वर्क®” प्रमाणन

राइज़ वर्ल्डवाइड की भूमिका

एलटीएफ और जसप्रीत बुमराह के बीच यह साझेदारी RISE Worldwide के माध्यम से संभव हुई, जो खिलाड़ियों और ब्रांडों को जोड़कर प्रभावी साझेदारियां बनाने में मदद करता है। इस सहयोग का उद्देश्य –

  • एलटीएफ के ब्रांड विस्तार को बढ़ावा देना।

  • 2.5 करोड़ ग्राहक आधार के साथ जुड़ाव को मजबूत करना।

  • रणनीतिक विपणन पहलों के माध्यम से ग्राहक निष्ठा को सुदृढ़ करना।

मुख्य पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड (LTF) ने जसप्रीत बुमराह को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया।
कंपनी का नाम एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड (LTF)
ब्रांड एंबेसडर जसप्रीत बुमराह
मार्केटिंग रणनीति ब्रांड जागरूकता और ग्राहक सहभागिता के लिए ATL और BTL कैंपेन
एलटीएफ की बाजार उपस्थिति 2 लाख गांव, 2,028 ग्रामीण शाखाएं, 185 शहरी शाखाएं, 12,500+ टच पॉइंट
एलटीएफ के प्रमुख क्षेत्र ग्रामीण व्यापार वित्त, फार्म उपकरण वित्त, दोपहिया वाहन वित्त, शहरी वित्त
रणनीतिक रोडमैप लक्ष्‍य 2026 – डिजिटल परिवर्तन और Fintech@Scale पर ध्यान केंद्रित
साझेदारी एजेंसी राइज़ वर्ल्डवाइड
कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) डिजिटल सखी – महिला सशक्तिकरण और डिजिटल वित्तीय समावेशन
पुरस्कार और मान्यताएं AAA-रेटेड NBFC, ग्रेट प्लेस टू वर्क®, ESG लीडरशिप स्कोर

हुरुन रिच लिस्ट 2025: शंघाई में दुनिया के सबसे ज्‍यादा अरबपति

हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2025 जारी कर दी गई है, जिसमें अरबपतियों की वैश्विक रैंकिंग में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। खासतौर पर, शंघाई ने मुंबई को पीछे छोड़ते हुए एशिया की अरबपति राजधानी का ताज अपने नाम कर लिया है, जबकि भारत 284 अरबपतियों के साथ विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर बना हुआ है।

भारत की स्थिति:

भारत ने दुनिया के सबसे धनी देशों में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है। भारतीय अरबपतियों की कुल संपत्ति ₹98 लाख करोड़ तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% अधिक है।

मुख्य विशेषताएं:

  • मुंबई से एशिया की अरबपति राजधानी का खिताब छिना: शंघाई में 92 अरबपति हैं, जबकि मुंबई में 90।

  • अरबपतियों की संपत्ति में बदलाव: 175 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में वृद्धि हुई, जबकि 109 की संपत्ति घटी या स्थिर रही।

  • युवा अरबपतियों की संख्या: भारत में 40 वर्ष से कम उम्र के 7 अरबपति हैं, जिनमें से अधिकांश बेंगलुरु और मुंबई से हैं।

  • सबसे कम उम्र के भारतीय अरबपति: दो भारतीय अरबपति केवल 34 वर्ष के हैं।

भारत के सबसे अमीर व्यक्ति 2025

मुकेश अंबानी: एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का ताज फिर हासिल

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का खिताब फिर से अपने नाम किया, हालांकि उनकी संपत्ति में ₹1 लाख करोड़ की गिरावट आई है।

गौतम अडानी: सबसे बड़े लाभार्थी

उद्योगपति गौतम अडानी की संपत्ति में ₹1 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई, जो पिछले साल की तुलना में 13% अधिक है। उनकी कुल संपत्ति ₹8.4 लाख करोड़ हो गई है, जो मुकेश अंबानी की ₹8.6 लाख करोड़ की संपत्ति से थोड़ी कम है।

वैश्विक अरबपति रैंकिंग

इस बार एक दशक में पहली बार अमेरिका 870 अरबपतियों के साथ सूची में शीर्ष पर है, जबकि चीन 823 अरबपतियों के साथ दूसरे स्थान पर है।

विश्व के शीर्ष 10 अरबपति (2025)

इस वर्ष की सूची में फिर से सिलिकॉन वैली के अरबपतियों का दबदबा बना हुआ है, जिसमें शीर्ष 10 में से 9 स्थान अमेरिकी व्यापार दिग्गजों के पास हैं।

रैंक नाम कंपनी कुल संपत्ति (अमेरिकी डॉलर में)
1 एलन मस्क टेस्ला $420 बिलियन
2 जेफ बेजोस अमेज़न $266 बिलियन
3 मार्क ज़ुकरबर्ग मेटा $242 बिलियन
4 लैरी एलिसन ओरेकल $203 बिलियन
5 वॉरेन बफेट बर्कशायर हैथवे $167 बिलियन
6 लैरी पेज अल्फाबेट (गूगल) $164 बिलियन
7 बर्नार्ड अरनॉल्ट LVMH $157 बिलियन
8 स्टीव बाल्मर माइक्रोसॉफ्ट $156 बिलियन
9 सर्गेई ब्रिन अल्फाबेट (गूगल) $148 बिलियन
10 बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट $143 बिलियन

 

केंद्रीय कर्मचारियों के DA में 2 फीसदी की बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 मार्च 2025 को केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में 2% की वृद्धि को मंजूरी दी। यह वृद्धि 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी, जिससे DA 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा। इससे लगभग 48.66 लाख सरकारी कर्मचारी और 66.55 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। यह संशोधन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार किया गया है और इसका उद्देश्य बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करना है।

मुख्य बिंदु:

DA/DR में वृद्धि – 2% की वृद्धि, 53% से बढ़कर 55% हुई।

लागू तिथि – 1 जनवरी 2025 से प्रभावी।

लाभार्थी – 48.66 लाख केंद्र सरकार कर्मचारी और 66.55 लाख पेंशनभोगी।

वित्तीय प्रभाव – सरकार पर ₹6,614.04 करोड़ का वार्षिक भार।

पृष्ठभूमि – महंगाई भत्ता वर्ष में दो बार (जनवरी और जुलाई) संशोधित किया जाता है, जो औद्योगिक श्रमिकों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) पर आधारित होता है। पिछली वृद्धि जुलाई 2024 में हुई थी, जब DA 50% से बढ़ाकर 53% किया गया था।

उद्देश्य – मुद्रास्फीति के प्रभाव को संतुलित करना और सरकारी कर्मचारियों के वेतन की वास्तविक क्रय शक्ति बनाए रखना।

आगामी 8वें वेतन आयोग को लेकर बढ़ती प्रत्याशाओं के बीच इस DA वृद्धि को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में 2% वृद्धि को मंजूरी
मंजूरी की तारीख 28 मार्च 2025
लागू होने की तारीख 1 जनवरी 2025
DA वृद्धि 2% (53% से बढ़कर 55%)
लाभार्थी 48.66 लाख कर्मचारी, 66.55 लाख पेंशनभोगी
वित्तीय प्रभाव ₹6,614.04 करोड़ प्रति वर्ष
पिछली वृद्धि जुलाई 2024 (50% से बढ़ाकर 53%)
संशोधन का आधार 7वां वेतन आयोग, AICPI-IW

परमाणु ऊर्जा में उछाल: भारत का 100 गीगावाट तक पहुंचने का मार्ग

भारत ने अपनी स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए महत्वाकांक्षी न्यूक्लियर मिशन की शुरुआत की है, जो टिकाऊ ऊर्जा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित और डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा विस्तृत इस पहल का उद्देश्य 2047 तक 100 गीगावाट (GW) परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करना है। इस कदम के तहत, अब तक सरकार के नियंत्रण में रहा परमाणु क्षेत्र निजी क्षेत्र के लिए भी खोला गया है। मिशन का मुख्य फोकस स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) और स्वदेशी परमाणु तकनीक के विकास पर होगा, जिससे भारत 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ सकेगा।

भारत के न्यूक्लियर मिशन की प्रमुख बातें

1. दृष्टिकोण और उद्देश्य

  • लक्ष्य: 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन, जिससे भारत की कुल ऊर्जा जरूरतों का 10% पूरा होगा।
  • स्वच्छ एवं स्थिर ऊर्जा उत्पादन को मजबूत करना।
  • भारत को उन्नत परमाणु तकनीक में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाना।

2. निजी क्षेत्र के लिए द्वार खुला

  • पहली बार निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भाग लेने की अनुमति।
  • निवेश और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एक ऐतिहासिक नीतिगत परिवर्तन
  • परमाणु कार्यक्रमों की गोपनीयता की सीमाएं तोड़ने का पहला बड़ा कदम।

3. स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs)

  • 16 मेगावाट (MW) से 300 मेगावाट (MW) क्षमता वाले SMRs विकसित किए जाएंगे।
  • दूरस्थ क्षेत्रों और औद्योगिक समूहों को ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन।
  • पर्यावरण के अनुकूल, स्केलेबल और तुरंत उपयोग योग्य ऊर्जा स्रोत।

4. बजट और अनुसंधान को बढ़ावा

  • 2014 से परमाणु ऊर्जा बजट में 170% वृद्धि।
  • 2024-25 में ₹20,000 करोड़ की राशि से पांच ‘भारत SMRs’ विकसित किए जाएंगे।
  • राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (60-70% गैर-सरकारी वित्त पोषण) परमाणु अनुसंधान को गति देगा।

5. वैश्विक और स्वदेशी सहयोग

  • फ्रांस और अमेरिका के साथ उन्नत परमाणु तकनीक पर साझेदारी।
  • स्वदेशी विकास पर जोर, विशेष रूप से थोरियम-आधारित रिएक्टर्स में।
  • भवानी रिएक्टर और कुडनकुलम परमाणु संयंत्र जैसे विलंबित परियोजनाओं को पुनर्जीवित करना।

6. जलवायु लक्ष्यों में योगदान

  • भारत के 2070 तक नेट-ज़ीरो लक्ष्य को प्राप्त करने में परमाणु ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  • जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करेगा और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगा।
  • भारत की वैश्विक हरित ऊर्जा परिवर्तन यात्रा को मजबूती मिलेगी।
सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? परमाणु ऊर्जा वृद्धि: भारत का 100 गीगावाट लक्ष्य
मिशन उद्देश्य 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन
निजी क्षेत्र की भागीदारी परमाणु ऊर्जा को निजी कंपनियों के लिए खोला गया
प्रौद्योगिकी फोकस स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) का विकास
बजट वृद्धि 2014 से परमाणु ऊर्जा फंडिंग में 170% की वृद्धि
2024-25 बजट आवंटन ₹20,000 करोड़ से पाँच ‘भारत SMRs’ विकसित किए जाएंगे
वैश्विक सहयोग फ्रांस, अमेरिका के साथ परमाणु प्रौद्योगिकी साझेदारी
स्वदेशी विकास थोरियम-आधारित रिएक्टर्स और स्थानीय अनुसंधान को बढ़ावा
जलवायु लक्ष्य 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करना
परियोजनाओं का पुनरुद्धार भवानी रिएक्टर, कुडनकुलम संयंत्र का कार्य तेज़ी से आगे बढ़ाना

विश्व रंगमंच दिवस 2025: रंगमंच की कला और विरासत का जश्न

विश्व रंगमंच दिवस हर वर्ष 27 मार्च को मनाया जाता है। इसे 1961 में अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (ITI) द्वारा शुरू किया गया था ताकि रंगमंच के महत्व को मान्यता दी जा सके। वर्ष 2025 का विषय है “रंगमंच और शांति की संस्कृति”, जो शांति और समझ को बढ़ावा देने में रंगमंच की भूमिका को रेखांकित करता है।

इतिहास
इस दिवस की शुरुआत 1962 में हुई थी। 27 मार्च को “थिएटर ऑफ नेशंस” के उद्घाटन के रूप में चुना गया था। वर्तमान में, 90 से अधिक ITI केंद्र इस दिन को रंगमंच से जुड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के माध्यम से मनाते हैं।

महत्व

  • कला के रूप में रंगमंच को बढ़ावा देना – यह केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि कहानी कहने, शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है।

  • सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करना – रंगमंच विभिन्न संस्कृतियों, भावनाओं और दृष्टिकोणों को समझने में मदद करता है।

  • सरकारी समर्थन की अपील – यह सरकारों और नीति-निर्माताओं को रंगमंच के सामाजिक और आर्थिक योगदान की याद दिलाता है।

  • प्रदर्शन की शक्ति को उजागर करना – रंगमंच सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने, परंपराओं को चुनौती देने और परिवर्तन लाने का एक प्रभावी माध्यम है।

भारतीय रंगमंच का इतिहास

भारतीय रंगमंच की जड़ें वैदिक काल से जुड़ी हैं और इसका मूल आधार नाट्य शास्त्र है, जो 2000 ईसा पूर्व से लेकर चौथी शताब्दी ईस्वी के बीच लिखा गया था।

भारतीय रंगमंच का विकास

  • वैदिक काल – ऋग्वेद में संवादात्मक शैली में रचित कई भजन और नाटकीय दृश्य मिलते हैं।

  • संस्कृत रंगमंच (2वीं सदी ईसा पूर्व – 10वीं सदी ईस्वी) – भास, कालिदास और शूद्रक जैसे नाटककारों ने समृद्ध साहित्य रचा।

  • क्षेत्रीय लोक रंगमंच – भारत के विभिन्न भागों में पारंपरिक रंगमंच विकसित हुए:

    • जात्रा (बंगाल)

    • नौटंकी (उत्तर प्रदेश)

    • यक्षगान (कर्नाटक)

    • भवाई (गुजरात)

  • सड़क रंगमंच (19वीं सदी मध्य) – सामाजिक जागरूकता और क्रांति का माध्यम बना।

  • ब्रिटिश प्रभाव (1920 के बाद) – यथार्थवादी नाटकों की शुरुआत हुई।

  • स्वतंत्रता के बाद (1947 से वर्तमान) – भारतीय जन नाट्य संघ (IPTA) की स्थापना हुई, जिसने समाज से जुड़े मुद्दों को मंचित किया।

भारत के प्रमुख रंगमंच संस्थान

  • राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD), दिल्ली

  • फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे

  • सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट (SRFTI), कोलकाता

  • एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न (AAFT), नोएडा

भारतीय रंगमंच की प्रमुख हस्तियां

  • इब्राहिम अल्काज़ी – “भारतीय रंगमंच के जनक”

  • उत्पल दत्त – क्रांतिकारी नाटककार और निर्देशक

  • रवींद्रनाथ टैगोर – भारतीय और पश्चिमी रंगमंच का संगम

  • गिरीश कर्नाड – आधुनिक भारतीय नाट्य लेखन के अग्रदूत

  • पृथ्वीराज कपूर – पृथ्वी थिएटर के संस्थापक

  • बी जयश्री, खालिद चौधरी, मकरंद देशपांडे – भारतीय रंगमंच में महत्वपूर्ण योगदान

रंगमंच से जुड़े प्रमुख अभिनेता

अनुपम खेर, ओम पुरी, शबाना आज़मी, नसीरुद्दीन शाह, परेश रावल, राजकुमार राव, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, इरफ़ान खान, मनोज बाजपेयी और अन्य।

आज भी रंगमंच क्यों महत्वपूर्ण है?

  • विभिन्न दृष्टिकोणों को बढ़ावा देता है – रंगमंच दर्शकों को अलग-अलग दुनियाओं में ले जाता है और विभिन्न पात्रों के प्रति सहानुभूति विकसित करने में मदद करता है।

  • शिक्षा और साक्षरता को प्रोत्साहित करता है – रंगमंच में भाग लेने वाले छात्र अकादमिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

  • सामुदायिकता और एकजुटता को बढ़ावा देता है – रंगमंच साझा अनुभवों के माध्यम से समाज में एकता स्थापित करता है।

  • आलोचनात्मक सोच को विकसित करता है – दर्शकों की तत्काल प्रतिक्रियाएं विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाती हैं।

  • समाज का प्रतिबिंब और परिवर्तन का माध्यम है – रंगमंच वास्तविक दुनिया की समस्याओं को दर्शाता और उन पर चर्चा करने के लिए प्रेरित करता है।

  • रचनात्मकता को बढ़ावा देता है – यह कलात्मक अभिव्यक्ति और कल्पनाशक्ति को विकसित करने में सहायक होता है।

  • एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है – लाइव प्रदर्शन का रोमांच अप्रतिम और अविस्मरणीय होता है।

  • विभिन्न संस्कृतियों को समझने में सहायक – वैश्विक रंगमंच परंपराओं के संपर्क में आने से दृष्टिकोण व्यापक होता है।

डिजिटल मनोरंजन के युग में भी, लाइव रंगमंच का आकर्षण अद्वितीय बना हुआ है। वास्तविक समय में कलाकारों को अभिनय करते देखना आज भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

RBI ने सिक्किम में 8वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 26 मार्च 2025 को सिक्किम के गंगटोक में 8वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति (SLCC) बैठक आयोजित की। इस बैठक की अध्यक्षता सिक्किम के मुख्य सचिव श्री रवींद्र तेलंग ने की, जबकि इसे RBI के क्षेत्रीय निदेशक श्री थोटंगम जमांग द्वारा आयोजित किया गया। बैठक में RBI, SEBI और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया। चर्चा का मुख्य केंद्र अविनियमित जमा योजना (BUDS) अधिनियम के कार्यान्वयन, डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना रहा।

SLCC बैठक के मुख्य बिंदु

अध्यक्षता एवं प्रतिभागी

  • बैठक की अध्यक्षता श्री रवींद्र तेलंग, मुख्य सचिव, सिक्किम ने की।

  • RBI के क्षेत्रीय निदेशक श्री थोटंगम जमांग द्वारा बैठक का आयोजन किया गया।

  • भाग लेने वाले प्रमुख संस्थान: RBI, SEBI, एवं राज्य सरकार के प्रमुख विभाग (कानून, गृह, वित्त, सहकारिता, सूचना एवं जनसंपर्क)।

BUDS अधिनियम का कार्यान्वयन

  • अविनियमित जमा योजना (BUDS) अधिनियम, 2019 के सिक्किम में प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा।

  • वित्तीय धोखाधड़ी और अवैध जमा योजनाओं पर सख्ती से रोक लगाने की रणनीति।

डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी और रोकथाम

  • हेल्पलाइन 1930 के माध्यम से दर्ज वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों की समीक्षा।

  • RBI ने डिजिटल धोखाधड़ी के प्रकारों और उन्हें रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियानों पर चर्चा की।

  • सचेत पोर्टल के माध्यम से अविनियमित वित्तीय संस्थाओं की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित किया गया।

बाजार खुफिया तंत्र एवं भागीदार सहयोग

  • राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच बाजार खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान।

  • वित्तीय धोखाधड़ी की पहचान और उन्हें नियंत्रित करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत बनाना।

निवेशक जागरूकता एवं वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम

  • RBI और SEBI ने निवेशक संरक्षण और ग्राहक शिकायत निवारण के लिए जागरूकता कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

  • नागरिकों को डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी और उनके वित्तीय अधिकारों के बारे में शिक्षित करने पर जोर।

  • मुख्य सचिव ने RBI की वित्तीय साक्षरता पहलों और जागरूकता कार्यक्रमों की सराहना की।

क्यों चर्चा में? सिक्किम में RBI द्वारा आयोजित 8वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति (SLCC) बैठक
आयोजक भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), गंगटोक
तारीख और स्थान 26 मार्च 2025, ताशी लिंग सचिवालय, गंगटोक
अध्यक्ष श्री रवींद्र तेलंग, मुख्य सचिव, सिक्किम
आयोजक (Convenor) श्री थोटंगम जमांग, क्षेत्रीय निदेशक, RBI
प्रतिभागी RBI, SEBI, सिक्किम सरकार के अधिकारी, कानून प्रवर्तन एजेंसियां
मुख्य चर्चाएं BUDS अधिनियम का कार्यान्वयन, वित्तीय धोखाधड़ी, डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम, बाजार खुफिया साझा करना, निवेशक जागरूकता कार्यक्रम
धोखाधड़ी रिपोर्टिंग हेल्पलाइन 1930
RBI की पहल सचेत पोर्टल (Sachet Portal) द्वारा धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग
निष्कर्ष वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम को मजबूत किया गया और वित्तीय साक्षरता पहलों को बढ़ावा दिया गया

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