राजस्थान दिवस: इतिहास, भूगोल, महत्व और तथ्य

राजस्थान दिवस जिसे राजस्थान स्थापना दिवस भी कहा जाता है, हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन 1949 में जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और जैसलमेर जैसे रियासतों के एकीकरण और ग्रेटर राजस्थान के गठन की स्मृति में मनाया जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान यह क्षेत्र “राजपूताना” के नाम से जाना जाता था। राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक महत्व और भव्य स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।

राजस्थान दिवस के प्रमुख बिंदु

राजस्थान का गठन

  • आधिकारिक रूप से राजस्थान का गठन – 30 मार्च 1949
  • स्वतंत्रता से पहले इसे “राजपूताना” के नाम से जाना जाता था।
  • 1948 से 1956 के बीच सात चरणों में राजस्थान का एकीकरण हुआ।
  • जयपुर को राजस्थान की राजधानी घोषित किया गया।

राजस्थान का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

प्राचीन काल (1200 ईसवी पूर्व तक)

  • यह क्षेत्र मौर्य साम्राज्य का हिस्सा था और बाद में प्रतिहार, चालुक्य, परमार और चौहान वंशों का शासन रहा।

मध्यकाल (1201–1707)

  • 1200 ईस्वी के बाद राजस्थान का कुछ भाग मुस्लिम शासन के अधीन आया (नागौर, अजमेर, रणथंभौर)।

  • मेवाड़ सबसे प्रमुख राजपूत राज्य के रूप में उभरा।

आधुनिक काल (1707–1947)

  • मुगल साम्राज्य के पतन (1707) के बाद मराठों के आक्रमण बढ़े।

  • ब्रिटिश शासन के दौरान इसे “राजपूताना” के रूप में संगठित किया गया।

राजस्थान के एकीकरण के सात चरण

एकीकरण चरण शामिल राज्य तारीख
मत्स्य संघ अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली 17-03-1948
राजस्थान संघ बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड़, किशनगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, टोंक 25-03-1948
यूनाइटेड स्टेट ऑफ राजस्थान उदयपुर राजस्थान संघ में शामिल 18-04-1948
ग्रेटर राजस्थान बीकानेर, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर 30-03-1949
यूनाइटेड स्टेट ऑफ ग्रेटर राजस्थान मत्स्य संघ का विलय 15-05-1949
यूनाइटेड राजस्थान 18 राज्य एकीकृत, सिरोही (अबू एवं देलवाड़ा को छोड़कर) जोड़ा गया 26-01-1950
पुनर्गठित राजस्थान अजमेर, अबू रोड, सिरोही, सुनल टप्पा शामिल; सिरोंज को मध्य प्रदेश में भेजा गया 01-11-1956

राजस्थान का भूगोल और वन्यजीव

  • भारत का सबसे बड़ा राज्य, जो देश के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित है।
  • 9 प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र – अजमेर, हाड़ौती, धूंधाड़, गोडवाड़, शेखावाटी, मेवाड़, मारवाड़, वागड़ और मेवात।
  • केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर) – पक्षी प्रजातियों के लिए UNESCO विश्व धरोहर स्थल

तीन प्रमुख बाघ अभयारण्य

  • रणथंभौर (सवाई माधोपुर)

  • सरिस्का (अलवर)

  • मुकुंदरा हिल्स (कोटा)

राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत

  • सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल – कालीबंगा (हनुमानगढ़), बालाथल (उदयपुर)।
  • दिलवाड़ा मंदिर (माउंट आबू) – जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल।
  • राजस्थान के किले और महल – जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़, और कुंभलगढ़ के ऐतिहासिक किले।

राजस्थान दिवस न केवल राज्य की ऐतिहासिक यात्रा को याद करने का अवसर है, बल्कि इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और गौरवशाली परंपराओं को सम्मान देने का भी पर्व है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए थीम की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) 2025 की थीम “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” घोषित की। उन्होंने योग को वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए लोगों से इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाने की अपील की। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (MDNIY) इस वर्ष की योग दिवस गतिविधियों का नेतृत्व कर रहा है और योग महोत्सव में 100-दिवसीय काउंटडाउन अभियान शुरू किया गया है। यह वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को IDY मान्यता देने के एक दशक को भी चिह्नित करता है।

IDY 2025 के प्रमुख बिंदु

थीम“योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ”
महत्व – शारीरिक, मानसिक और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बढ़ावा, संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों से जुड़ाव।
प्रधानमंत्री की अपील – भारतीय पारंपरिक ज्ञान योग को अपनाने और इसे गर्व से विश्वभर में प्रचारित करने का आह्वान।

योग और आयुर्वेद का वैश्विक प्रभाव

योग और आयुर्वेद के प्रति अंतरराष्ट्रीय रुचि बढ़ी, विशेष रूप से चिली और ब्राजील जैसे देशों में।
‘Somos India’ टीम ने स्पेनिश भाषी देशों में योग और आयुर्वेद शिक्षा को बढ़ावा दिया, 2024 में 9,000+ प्रतिभागी जुड़े।

IDY 2025 के 10 अनोखे सिग्नेचर इवेंट्स

योग संगम – 10,000 स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन।
योग बंधन – 10 देशों में प्रसिद्ध स्थलों पर वैश्विक सहयोग से योग सत्र।
योग पार्क1,000 योग पार्क, सामुदायिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए।
योग समावेशविकलांग, वरिष्ठ नागरिकों और हाशिए पर मौजूद समूहों के लिए विशेष योग कार्यक्रम।
योग प्रभावयोग का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव का आकलन।
योग कनेक्ट – योग विशेषज्ञों के साथ वर्चुअल ग्लोबल योग समिट।
हरित योगवृक्षारोपण और पर्यावरण-संबंधित योग पहल।
योग अनप्लग्डयुवाओं को आकर्षित करने के लिए रचनात्मक योग गतिविधियाँ।
योग महाकुंभ10 स्थानों पर सप्ताहभर चलने वाला उत्सव, प्रधानमंत्री के साथ समापन कार्यक्रम।
संयोगम100-दिवसीय अभियान, योग को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने की पहल।

पिछले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसों की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ

  • 2015 / नई दिल्ली – 35,985 प्रतिभागियों के साथ 2 गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड।
  • 2016 / चंडीगढ़पहली बार दिव्यांगजन ने योग दिवस में भाग लिया।
  • 2017 / लखनऊ – 51,000 लोगों की उपस्थिति, योग को “सुलभ स्वास्थ्य बीमा” के रूप में प्रचारित किया गया।
  • 2018 / देहरादून – ISRO द्वारा योग ऐप्स लॉन्च।
  • 2019 / रांची“योग फॉर हार्ट केयर” थीम, खादी कारीगरों के लिए ईको-फ्रेंडली योग उपकरण।
  • 2020 / वर्चुअल12.06 करोड़ प्रतिभागी, “माई लाइफ, माई योग” प्रतियोगिता।
  • 2021 / वर्चुअल“योग फॉर वेलनेस” थीम, 496.1 मिलियन लोगों तक पहुंच।
  • 2022 / मैसूरु“गार्डियन रिंग” योग रिले, VR प्रदर्शन।
  • 2023 / जबलपुर व UN मुख्यालय23.44 करोड़ प्रतिभागी, “ओशन रिंग ऑफ योग”, 2 गिनीज़ रिकॉर्ड।
  • 2024 / श्रीनगर – बारिश के बावजूद 7,000 प्रतिभागी, ISRO का “स्पेस योग”, 24.53 करोड़ वैश्विक सहभागिता।

IDY 2025 के माध्यम से भारत योग और आयुर्वेद के वैश्विक प्रचार और जागरूकता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

Ghibli क्या है, जानें सबकुछ

हाल ही में, स्टूडियो घिबली-शैली की कला ऑनलाइन तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें AI-जनित छवियां इस प्रसिद्ध एनीमेशन स्टूडियो की विशिष्ट शैली की नकल कर रही हैं। OpenAI के GPT-4o ने उपयोगकर्ताओं को खुद की, प्रसिद्ध हस्तियों की, और यहां तक कि ऐतिहासिक घटनाओं की स्टूडियो घिबली-शैली में चित्र बनाने की सुविधा दी है। इस नई AI तकनीक ने एक डिजिटल लहर पैदा की है, जिससे सोशल मीडिया पर घिबली-प्रेरित कला की बाढ़ आ गई है।

स्टूडियो घिबली और उसका अनूठा कलात्मक स्वरूप

स्टूडियो घिबली दुनिया भर में अपनी सुंदर हस्तनिर्मित एनीमेशन शैली, भावनात्मक कहानी कहने, और विस्तृत कल्पनाशील दुनिया के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन “घिबली” शब्द की अपनी एक अलग ऐतिहासिक उत्पत्ति है।

“घिबली” शब्द की उत्पत्ति

“घिबली” शब्द लीबियाई अरबी से आया है, जिसका अर्थ एक गर्म रेगिस्तानी हवा होता है। इस शब्द का उपयोग ऐतिहासिक रूप से इतालवी पायलटों द्वारा भूमध्य सागर की गर्म हवा को दर्शाने के लिए किया जाता था। हयाओ मियाज़ाकी, स्टूडियो घिबली के सह-संस्थापक, ने इस नाम को इसलिए चुना ताकि यह स्टूडियो एनीमेशन की दुनिया में एक नई ताज़गी और क्रांतिकारी बदलाव लाए।

स्टूडियो घिबली: एनीमेशन की दुनिया में क्रांति

स्टूडियो घिबली की स्थापना 1985 में हयाओ मियाज़ाकी, इसाओ ताकाहाता और तोशियो सुजुकी द्वारा की गई थी। यह स्टूडियो अपनी हस्तनिर्मित एनीमेशन कला, बारीकियों से भरपूर दृश्य, और गहरी भावनात्मक कहानियों के लिए प्रसिद्ध है।

घिबली की विशिष्ट कला शैली

स्टूडियो घिबली की कला-शैली को निम्नलिखित विशेषताएँ परिभाषित करती हैं:

  • कोमल, पेस्टल रंगों की छटा, जो एक सपनीला और भावनात्मक माहौल बनाती है।

  • विस्तृत पृष्ठभूमि, जो वास्तविक जीवन के परिदृश्यों और पारंपरिक जापानी सौंदर्यशास्त्र से प्रेरित होती है।

  • भावनात्मक चरित्र डिज़ाइन, जो पात्रों को अत्यधिक जीवंत और मानवीय बनाता है।

  • हस्तनिर्मित एनीमेशन तकनीक, जिसमें गति और वास्तविकता का संतुलन होता है।

  • जादुई यथार्थवाद (Magical Realism), जिसमें साधारण जीवन और कल्पना को खूबसूरती से मिलाया जाता है।

स्टूडियो घिबली की प्रसिद्ध फ़िल्में और उनका प्रभाव

स्टूडियो घिबली की कई फ़िल्में विश्वभर में अत्यधिक लोकप्रिय रही हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • माई नेबर तोतोरो (1988) – दो बहनों और एक जादुई वन आत्मा (तोतोरो) की दिल को छू लेने वाली कहानी।

  • प्रिंसेस मोनोनोके (1997) – इंसानों और प्रकृति के बीच टकराव पर आधारित एक शक्तिशाली कथा।

  • स्पिरिटेड अवे (2001) – ऑस्कर विजेता फ़िल्म, जिसमें एक लड़की एक रहस्यमय स्नानागार में फंस जाती है।

  • हाउल्स मूविंग कैसल (2004) – जादू, प्रेम और युद्ध-विरोधी विचारों से भरपूर एक रोमांचक फंतासी कथा।

घिबली-शैली की कला और एआई

हाल ही में, OpenAI के GPT-4o ने घिबली-शैली की एआई-जनित कला को वायरल बना दिया है। यह टूल उपयोगकर्ताओं को स्टूडियो घिबली-शैली की सुंदर और विस्तृत छवियाँ बनाने की अनुमति देता है, जिससे सोशल मीडिया पर निजी चित्रों, सार्वजनिक हस्तियों और काल्पनिक पात्रों की घिबली-शैली में छवियाँ साझा की जा रही हैं।

मियाज़ाकी का एआई पर दृष्टिकोण

हालाँकि, हयाओ मियाज़ाकी ने एआई-जनित एनीमेशन के प्रति अपनी नापसंदगी जाहिर की है। उनका मानना है कि सच्ची एनीमेशन कला में मानवीय भावना और कलाकार की आत्मा होनी चाहिए, जिसे मशीन कभी पूरी तरह नहीं पकड़ सकती। वे तकनीक के बजाय पारंपरिक कला रूपों को प्राथमिकता देते हैं।

स्टूडियो घिबली-शैली की एआई कला की यह नई लहर एक दिलचस्प प्रवृत्ति है, लेकिन यह बहस भी छेड़ती है कि क्या एआई कभी वास्तविक कला निर्माण की जगह ले सकता है या नहीं।

फरवरी 2025 में कोर सेक्टर इंडस्ट्री में 2.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज

भारत के कोर सेक्टर की वृद्धि फरवरी 2025 में घटकर 2.9% रह गई, जो पिछले पांच महीनों में सबसे धीमी दर है। यह गिरावट फरवरी 2024 में दर्ज 7.1% की वृद्धि की तुलना में काफी कम है। आठ प्रमुख उद्योगों में से केवल तीन उद्योगों में मासिक उत्पादन में वृद्धि हुई, जबकि सिर्फ सीमेंट और उर्वरक ऐसे क्षेत्र थे, जिन्होंने पिछले वर्ष की तुलना में अधिक उत्पादन दर्ज किया। कोर सेक्टर में यह मंदी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) की वृद्धि को प्रभावित कर सकती है, जिसने जनवरी 2025 में 5% की वृद्धि दर्ज की थी।

मुख्य बिंदु

  • कोर सेक्टर की वृद्धि: फरवरी 2025 में 2.9%, जबकि जनवरी 2025 में 5.1% थी।
  • गिरावट का कारण: लीप वर्ष के कारण उच्च आधार प्रभाव और आठ में से पांच उद्योगों में कमजोर उत्पादन।

उद्योगवार प्रदर्शन:

  • सीमेंट10.5% (वार्षिक वृद्धि)

  • उर्वरक10.2% (वार्षिक वृद्धि)

  • स्टील5.6% (जनवरी में 4.7% की तुलना में सुधार)

  • बिजली उत्पादन2.8% (जनवरी में 2.4% था)

  • कोयला1.7%

  • कच्चा तेल-5.2% (गिरावट)

  • प्राकृतिक गैस-6% (गिरावट)

अन्य आँकड़े:

  • रिफाइनरी उत्पादन 0.8% बढ़ा, जो पिछले छह महीनों में सबसे धीमी वृद्धि रही।

  • मैन्युफैक्चरिंग PMI फरवरी में घटकर 56.3 रह गया, जबकि जनवरी में 57.7 था, जिससे औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट का संकेत मिला।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? भारत के कोर सेक्टर की वृद्धि फरवरी में घटकर 2.9% रह गई
कोर सेक्टर वृद्धि (फरवरी 2025) 2.9% (पिछले 5 महीनों में सबसे कम)
कोर सेक्टर वृद्धि (फरवरी 2024) 7.1%
वृद्धि (जनवरी 2025) 5.1%
वार्षिक वृद्धि वाले उद्योग सीमेंट (10.5%), उर्वरक (10.2%)
स्टील उत्पादन 5.6% (जनवरी में 4.7% था)
बिजली उत्पादन 2.8% (जनवरी में 2.4% था)
कोयला उत्पादन 1.7% (पिछले 6 महीनों में सबसे धीमी वृद्धि)
रिफाइनरी उत्पादन 0.8% (पिछले 6 महीनों में सबसे धीमी वृद्धि)
कच्चे तेल का उत्पादन -5.2% (गिरावट)
प्राकृतिक गैस उत्पादन -6% (गिरावट)
मैन्युफैक्चरिंग PMI (फरवरी 2025) 56.3 (जनवरी में 57.7 था)

भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में हुई महत्‍वपूर्ण वृद्धि: ILO रिपोर्ट

भारत ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार में उल्लेखनीय प्रगति की है, जैसा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट (WSPR) 2024-26 में दर्शाया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2021 में 24.4% से बढ़कर 2024 में 48.8% हो गई है। यह उपलब्धि विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव को दर्शाती है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार, अब लगभग 92 करोड़ लोग (कुल जनसंख्या का 65%) केंद्र सरकार की योजनाओं के माध्यम से नकद या वस्तु के रूप में किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा लाभ का लाभ उठा रहे हैं। भारत की इस प्रगति ने वैश्विक सामाजिक सुरक्षा कवरेज में 5% की वृद्धि में योगदान दिया है, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय कल्याणकारी नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

ILO वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट 2024-26 की मुख्य विशेषताएं

  • यह रिपोर्ट विश्व स्तर पर सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों का मूल्यांकन करती है।

  • 2024-26 संस्करण सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई और न्यायसंगत परिवर्तन (Just Transitions) पर केंद्रित है।

  • इसमें सामाजिक सुरक्षा की प्रगति पर प्रवृत्तिगत डेटा (trend data) उपलब्ध कराया गया है।

  • एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय रिपोर्ट भी जारी की गई है, जिसमें क्षेत्रीय चुनौतियों, प्राथमिकताओं और नीतिगत प्रभावों पर गहन विश्लेषण किया गया है।

सामाजिक सुरक्षा विस्तार: भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं

भारत सरकार ने वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और खाद्य सहायता को मजबूत करने के लिए कई सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की हैं। इन कार्यक्रमों ने गरीबी कम करने और आजीविका में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

1. आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY)

  • 26 मार्च 2025 तक 39.94 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए गए।

  • देशभर में 24,810 पैनल वाले अस्पतालों में ₹5 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान करता है।

2. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)

  • कमजोर वर्गों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करने के लिए शुरू की गई।

  • दिसंबर 2024 तक, 80.67 करोड़ लोग इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।

3. ई-श्रम पोर्टल

  • 26 अगस्त 2021 को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने हेतु शुरू किया गया।

  • 3 मार्च 2025 तक, 30.68 करोड़ असंगठित श्रमिकों ने पंजीकरण कराया।

  • 53.68% पंजीकृत श्रमिक महिलाएं हैं।

4. अटल पेंशन योजना (APY)

  • 9 मई 2015 को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन लाभ सुनिश्चित करने हेतु शुरू की गई।

  • 31 दिसंबर 2024 तक, 7.25 करोड़ लाभार्थी इस योजना में शामिल हो चुके हैं।

  • APY के तहत कुल संचित कोष ₹43,369.98 करोड़ तक पहुंच गया है।

5. सामाजिक सुरक्षा उपायों के माध्यम से गरीबी उन्मूलन

  • पिछले 10 वर्षों में, 24.8 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी (Multidimensional Poverty) से बाहर निकले हैं, जो सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की सफलता को दर्शाता है।

भारत की सोशल प्रोटेक्शन डेटा पूलिंग पहल

ILO द्वारा दी गई 48.8% की सामाजिक सुरक्षा कवरेज का आंकड़ा खाद्य सुरक्षा, आवास सहायता और राज्य योजनाओं को पूरी तरह से शामिल नहीं करता है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 19 मार्च 2025 को “सोशल प्रोटेक्शन डेटा पूलिंग एक्सरसाइज” शुरू की है।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • प्रथम चरण में 10 राज्यों (उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात) को शामिल किया गया है।

  • 34 केंद्रीय योजनाओं के तहत 200 करोड़ से अधिक कल्याणकारी रिकॉर्ड एन्क्रिप्टेड आधार आईडी के माध्यम से संकलित किए गए हैं।

  • प्रमुख योजनाएँ:

    • मनरेगा (MGNREGA)

    • कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)

    • कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC)

    • अटल पेंशन योजना (APY)

    • प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN)

ILO के साथ भारत का सहयोग

भारत का श्रम और रोजगार मंत्रालय (MoLE), ILO के साथ मिलकर कार्य कर रहा है ताकि आवास और खाद्य सुरक्षा योजनाओं को ILO की भविष्य की रिपोर्टों में शामिल किया जा सके।

  • 353वीं ILO गवर्निंग बॉडी बैठक (जेनेवा) में, ILO ने स्वीकार किया कि भारत की कल्याणकारी योजनाओं को संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के सामाजिक सुरक्षा संकेतकों में शामिल किया जाना चाहिए।

भारत की यह पहल वैश्विक सामाजिक सुरक्षा नीतियों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है और इसे एक मॉडल के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।

सारांश/स्थिर विवरण
क्यों चर्चा में? भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज दोगुनी हुई: ILO रिपोर्ट 2024-26
ILO रिपोर्ट 2024-26 भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2021 में 24.4% से बढ़कर 2024 में 48.8% हो गई।
कुल लाभार्थी 92 करोड़ लोग (जनसंख्या का 65%) किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
वैश्विक प्रभाव भारत ने वैश्विक सामाजिक सुरक्षा कवरेज में 5% की वृद्धि में योगदान दिया।
आयुष्मान भारत (AB-PMJAY) 39.94 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी, प्रति परिवार ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा
PMGKAY (खाद्य सुरक्षा योजना) 80.67 करोड़ लाभार्थी मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं।
ई-श्रम पोर्टल (असंगठित श्रमिकों के लिए) 30.68 करोड़ पंजीकरण, 53.68% लाभार्थी महिलाएँ
अटल पेंशन योजना (APY) 7.25 करोड़ सदस्य, कुल ₹43,369.98 करोड़ का कोष
गरीबी उन्मूलन 24.8 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले
सामाजिक सुरक्षा डेटा पूलिंग 19 मार्च 2025 को लॉन्च, 34 प्रमुख योजनाओं के 200 करोड़ रिकॉर्ड एकीकृत किए गए।
ILO सहयोग भारत और ILO मिलकर आवास और खाद्य सुरक्षा को वैश्विक सामाजिक सुरक्षा संकेतकों में शामिल करने पर कार्य कर रहे हैं।

स्टीव वॉ को ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंध सलाहकार बोर्ड के केंद्र में नियुक्त किया गया

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान स्टीव वॉ को ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंध सलाहकार बोर्ड के केंद्र में नियुक्त किया गया है। वह ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों को और मजबूत करने का काम करेंगे। यह बोर्ड दोनों देशों के बीच संबंधों को और बेहतर और मजबूत बनाने के लिए सरकार, उद्योग, शिक्षा और समुदाय के बीच काम करता है। स्टीव ऑस्ट्रेलिया के महान कप्तानों में से एक रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने एक बयान में इसकी पुष्टि की।

ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंध केंद्र (CAIR): एक महत्वपूर्ण संस्था

यह केंद्र भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को गहरा करने में अहम भूमिका निभाता है। यह सरकार, उद्योग, शिक्षा और सामुदायिक संगठनों के बीच एक सेतु का कार्य करता है। सलाहकार बोर्ड, जिसमें अब स्टीव वॉ भी शामिल हैं, केंद्र की रणनीतिक प्राथमिकताओं को निर्धारित करने और इसके कार्यक्रमों को दोनों देशों के बदलते संबंधों के अनुरूप बनाए रखने में मदद करेगा।

स्टीव वॉ: भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के एक मजबूत समर्थक

भारत से गहरा जुड़ाव

स्टीव वॉ का भारत के साथ जुड़ाव केवल क्रिकेट तक सीमित नहीं है। पिछले दो दशकों में, उन्होंने चैरिटी, सांस्कृतिक विनिमय और खेल कूटनीति के माध्यम से भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं। उनकी “स्टीव वॉ फाउंडेशन” स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में मानवीय प्रयासों का समर्थन करती रही है।

क्रिकेट की भावना और सांस्कृतिक संबंध

वॉ ने न केवल क्रिकेट के माध्यम से बल्कि फोटोग्राफी और लेखन के जरिये भी भारत की क्रिकेट संस्कृति को करीब से जाना है। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक “द स्पिरिट ऑफ क्रिकेट: इंडिया” भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून और भारतीय संस्कृति के प्रति उनके सम्मान को दर्शाती है।

भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में कदम

महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग

स्टीव वॉ की नियुक्ति दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने का संकेत देती है:

  1. शिक्षा – ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि।

  2. पर्यटन – ऑस्ट्रेलिया आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में इजाफा।

  3. खेल – क्रिकेट और हॉकी जैसे खेलों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाना।

  4. आर्थिक भागीदारी – प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और कृषि में मजबूत व्यापारिक साझेदारी।

एडम गिलक्रिस्ट की भूमिका को मान्यता

सलाहकार बोर्ड में नेतृत्व परिवर्तन

पेनी वोंग ने एडम गिलक्रिस्ट के योगदान की भी सराहना की, जो इससे पहले बोर्ड के सदस्य थे। उन्होंने –

  • खेल कूटनीति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • भारत-ऑस्ट्रेलिया सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत किया।
  • युवा खिलाड़ियों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया।

भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के लिए नया अध्याय

द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच लोकतांत्रिक मूल्य, कॉमनवेल्थ विरासत और बढ़ते व्यापारिक एवं रक्षा संबंधों के आधार पर साझेदारी और गहरी हो रही है। हाल ही में दोनों देशों ने शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और व्यापार से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

भविष्य में स्टीव वॉ की भूमिका

स्टीव वॉ की नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि वह –

  • खेल और युवा विनिमय कार्यक्रमों को बढ़ावा देंगे।
  • संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों को समर्थन देंगे।
  • आर्थिक सहयोग को मजबूत करेंगे।

इस नई जिम्मेदारी के साथ, स्टीव वॉ भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

पहलू विवरण
कौन? पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कप्तान स्टीव वॉ
क्या? सेंटर फॉर ऑस्ट्रेलिया-इंडिया रिलेशंस एडवाइजरी बोर्ड में नियुक्ति
किसके द्वारा घोषणा? पेनी वोंग, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री
महत्त्व खेल, शिक्षा, संस्कृति और अर्थव्यवस्था में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मजबूत करना
पूर्व सदस्य? एडम गिलक्रिस्ट (योगदान के लिए सम्मानित)
वॉ की भूमिका? CAIR की पहलों के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं को निर्धारित करना
व्यापक प्रभाव भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार

केंद्र सरकार शुरू करने जा रही ‘सहकार टैक्सी’, जानें सबकुछ

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ‘सहकार’ नामक एक नए ऐप-आधारित टैक्सी सेवा की घोषणा की, जो ओला और उबर की तर्ज पर काम करेगी, लेकिन इसे सहकारी ढांचे के तहत संचालित किया जाएगा। यह घोषणा संसद में बहु-राज्य सहकारी समितियाँ (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा के दौरान की गई, जिसमें एक राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने का भी प्रावधान है।

‘सहकार’ टैक्सी सेवा का परिचय

‘सहकार’ टैक्सी सेवा सरकार समर्थित पहल है, जिसका उद्देश्य ड्राइवरों को केवल सेवा प्रदाता के बजाय हिस्सेदार बनाना है। ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों के विपरीत, ‘सहकार’ एक सहकारी संगठन के रूप में कार्य करेगी, जिससे ड्राइवरों को उचित आय और मुनाफे में भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

यह पहल ‘सहकार से समृद्धि’ मिशन के तहत लाई गई है और सहकारी क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ निजी टैक्सी सेवाओं की अनुचित मूल्य निर्धारण रणनीतियों से निपटने का प्रयास है।

ड्राइवरों और सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाना

‘सहकार’ टैक्सी सेवा की प्रमुख विशेषताएँ

  • ड्राइवर-स्वामित्व मॉडल: अन्य निजी टैक्सी कंपनियों के विपरीत, ‘सहकार’ में मुनाफे का लाभ ड्राइवरों को भी मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।

  • पारदर्शी किराया प्रणाली: यह सेवा सामान्य और निष्पक्ष किराया प्रणाली अपनाएगी, जिससे ओला और उबर जैसी कंपनियों के भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण से राहत मिलेगी।

  • सरकारी समर्थन: इस पहल को सहकारिता मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है, जो पिछले साढ़े तीन वर्षों से सहकारी सेवाओं के विस्तार पर कार्य कर रहा है।

  • चयनित शहरों में पायलट लॉन्च: राष्ट्रीय स्तर पर शुरू होने से पहले, यह सेवा कुछ प्रमुख शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जाएगी।

‘सहकार’ की घोषणा अभी क्यों की गई?

हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ओला और उबर को भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण के आरोपों पर नोटिस जारी किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन कंपनियों के किराए एंड्रॉइड और आईफोन उपयोगकर्ताओं के लिए अलग-अलग होते थे, जिससे अनुचित व्यापार व्यवहार की चिंताएँ बढ़ गईं। इन समस्याओं को देखते हुए, सरकार ने सहकारी मॉडल पर आधारित एक नया टैक्सी प्लेटफॉर्म पेश करने का निर्णय लिया।

राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय: सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाना

बहु-राज्य सहकारी समितियाँ (संशोधन) विधेयक, 2023 में राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने का भी प्रावधान है, जिसका उद्देश्य सहकारी क्षेत्र को मजबूत करना है।

विश्वविद्यालय के प्रमुख उद्देश्य

  • सहकारी प्रबंधन में शिक्षा, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र प्रदान करना।

  • युवा पेशेवरों को सहकारी शासन और वित्तीय प्रबंधन में प्रशिक्षित करना।

  • भविष्य के सहकारी नेताओं को विकसित करना, जिससे किसान, छोटे उद्यमी और सहकारी व्यवसायों से जुड़े श्रमिकों को लाभ मिलेगा।

अमित शाह ने इस विश्वविद्यालय को सहकारी संस्थानों की नींव मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम बताया।

‘सहकार’ टैक्सी सेवा का भविष्य और कार्यान्वयन

हालांकि आधिकारिक समय-सीमा घोषित नहीं की गई है, लेकिन सरकार जल्द ही इस सेवा को प्रमुख महानगरों में पायलट आधार पर शुरू कर सकती है। इसे ‘सहकार से समृद्धि’ मिशन के तहत एक प्रमुख पहल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका उद्देश्य सहकारी मॉडल के माध्यम से स्थायी आर्थिक अवसरों का सृजन करना है।

सरकार ड्राइवरों को सहकारी संगठन से जोड़ने के लिए प्रोत्साहन योजनाएँ भी पेश कर सकती है और एक तकनीक-आधारित, उपयोगकर्ता-अनुकूल ऐप विकसित करेगी ताकि सेवा को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

पहल विवरण
क्यों चर्चा में? सरकार ने सहकारी मॉडल के तहत ‘सहकार’ टैक्सी सेवा की घोषणा की
घोषणा करने वाले अमित शाह, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री
उद्देश्य ओला और उबर का एक निष्पक्ष और सहकारी-आधारित विकल्प प्रदान करना
प्रमुख विशेषताएँ ड्राइवर-स्वामित्व मॉडल, मुनाफा साझा करना, पारदर्शी मूल्य निर्धारण, सरकारी समर्थन प्राप्त पहल
घोषणा का कारण ओला और उबर की मूल्य निर्धारण नीतियों और उपभोक्ता शिकायतों को लेकर बढ़ती चिंताएँ
सरकारी पहल ‘सहकार से समृद्धि’ मिशन के तहत सहकारी व्यवसायों को बढ़ावा देना
संभावित क्रियान्वयन कुछ शहरों में पायलट लॉन्च, फिर राष्ट्रीय विस्तार
संबंधित विकास बहु-राज्य सहकारी समितियाँ (संशोधन) विधेयक, 2023, जो एक राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय का भी प्रस्ताव रखता है
विश्वविद्यालय की भूमिका सहकारी प्रबंधन में प्रशिक्षण, डिप्लोमा और डिग्री प्रदान करना

SBI के शेट्टी भारतीय बैंक संघ के चेयरमैन नियुक्त

भारतीय बैंक संघ (IBA), जो भारत में बैंकिंग क्षेत्र का शीर्ष निकाय है, ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अध्यक्ष चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अपना नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। सेट्टी अगले वार्षिक आम बैठक (AGM) तक इस पद का नेतृत्व करेंगे। यह नियुक्ति 28 मार्च 2025 को हुई IBA प्रबंध समिति की बैठक के बाद घोषित की गई।

मुख्य बिंदु:

  • चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी, जो वर्तमान में SBI के अध्यक्ष हैं, को IBA के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया।

  • उन्होंने एमवी राव (सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी) का स्थान लिया, जो पूर्व अध्यक्ष थे।

  • तीन उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए:

    • ए. मणिमेखलाई – यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सीईओ

    • स्वरूप कुमार साहा – पंजाब एंड सिंध बैंक के सीईओ

    • माधव नायर – बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत इंडिया के सीईओ

  • बी. रमेश बाबू (करूर वैश्य बैंक के सीईओ) को मानद सचिव नियुक्त किया गया।

  • सेट्टी IBA के माध्यम से बैंकिंग क्षेत्र के विकास और नीति समर्थन को सुनिश्चित करेंगे, साथ ही उद्योग से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान देंगे।

रजनीत कोहली HUL में खाद्य पदार्थ के कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त

राजनीत कोहली, जो पहले ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के सीईओ थे, को हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के फूड्स और रिफ्रेशमेंट डिवीजन के कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 7 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी, और वे शिवा कृष्णमूर्ति का स्थान लेंगे, जो एक बाहरी अवसर का पीछा करने के लिए कंपनी छोड़ रहे हैं। उपभोक्ता और रिटेल सेक्टर में लगभग 30 वर्षों के अनुभव के साथ, कोहली ने व्यवसायिक वृद्धि और नवाचार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी यह नियुक्ति एचयूएल के नेतृत्व परिवर्तन का हिस्सा है, जो कंपनी के खाद्य और पेय पदार्थों के क्षेत्र में विस्तार पर केंद्रित है।

मुख्य बिंदु:

  • नई नियुक्ति: राजनीत कोहली 7 अप्रैल 2025 से HUL के कार्यकारी निदेशक – फूड्स और रिफ्रेशमेंट के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

  • पिछला पद: मार्च 14, 2025 तक ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज में सीईओ और कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य किया।

  • स्थानापन्न: शिवा कृष्णमूर्ति का स्थान लेंगे, जो कंपनी से अलग हो रहे हैं।

  • अनुभव: कोहली को उपभोक्ता और रिटेल सेक्टर में लगभग 30 वर्षों का अनुभव है, और उन्होंने एशियन पेंट्स, कोका-कोला, जुबिलेंट फूडवर्क्स और ब्रिटानिया जैसी कंपनियों में कार्य किया है।

  • HUL का फूड्स बिजनेस:

    • इसमें किसान, ब्रू, नॉर, ब्रुक बॉन्ड, हॉर्लिक्स, लिप्टन और हेलमैन्स जैसे ब्रांड शामिल हैं।

    • वित्तीय वर्ष 2024 में इस खंड से ₹15,292 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो HUL के कुल कारोबार का 25% है।

  • ब्रिटानिया में योगदान: कोहली ने खाद्य और बेकरी सेगमेंट में नवाचार और डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से कंपनी की नेतृत्व स्थिति को मजबूत किया।

  • HUL में हाल के नेतृत्व परिवर्तन:

    • जून 2023 में रोहित जावा को एमडी और सीईओ बनाया गया।

    • 2023 में हरमन ढिल्लों को ब्यूटी और वेल-बीइंग डिवीजन का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया।

    • जून 2024 में अरुण नीलकांतन को कस्टमर डिवेलपमेंट डिवीजन का कार्यकारी निदेशक बनाया गया।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? राजनीत कोहली को HUL के फूड्स डिवीजन के कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया
नया पद कार्यकारी निदेशक – फूड्स और रिफ्रेशमेंट, HUL
पूर्ववर्ती शिवा कृष्णमूर्ति
पिछला पद सीईओ और कार्यकारी निदेशक, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज
अनुभव उपभोक्ता और रिटेल सेक्टर में 30 वर्षों का अनुभव
पूर्व कंपनियाँ एशियन पेंट्स, कोका-कोला, जुबिलेंट फूडवर्क्स, ब्रिटानिया
HUL का फूड्स बिजनेस किसान, ब्रू, नॉर, ब्रुक बॉन्ड, हॉर्लिक्स, लिप्टन, हेलमैन्स
राजस्व योगदान वित्त वर्ष 2024 में ₹15,292 करोड़ (HUL के कुल टर्नओवर का 25%)
HUL में हाल की नियुक्तियाँ रोहित जावा (एमडी और सीईओ, 2023), हरमन ढिल्लों (ब्यूटी और वेल-बीइंग, 2023), अरुण नीलकांतन (कस्टमर डिवेलपमेंट, 2024)

 

प्रचंड प्रहार: त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास में दिखा सेनाओं का ताकत

भारतीय सेना ने 25 से 27 मार्च 2025 तक अरुणाचल प्रदेश के ऊँचाई वाले क्षेत्र में त्रि-सेवा एकीकृत बहु-क्षेत्र युद्धाभ्यास ‘प्रचंड प्रहार’ का आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच समन्वय स्थापित करते हुए निगरानी, कमांड एवं नियंत्रण और सटीक मारक क्षमता को मान्य करना था।

‘प्रचंड प्रहार’ युद्धाभ्यास का अवलोकन

यह अभ्यास पूर्वी कमान के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें तीनों सेनाओं ने आधुनिक युद्ध रणनीतियों को प्रदर्शित किया। इसका मुख्य उद्देश्य संयुक्तता, तकनीकी श्रेष्ठता और बहु-क्षेत्रीय संचालन की तैयारी को प्रभावी ढंग से परखना था।

अभ्यास के प्रमुख उद्देश्य

  • एकीकृत निगरानी एवं कमांड नियंत्रण – तीनों सेनाओं की संयुक्त क्षमता को परखा गया, जिसमें वास्तविक समय में डेटा और खुफिया जानकारी का उपयोग कर निर्णय लिए गए।
  • सटीक मारक क्षमता एवं लक्ष्य नष्ट करना – अत्याधुनिक निगरानी विधियों से लक्ष्यों की पहचान कर समन्वित हमलों के माध्यम से उन्हें नष्ट किया गया।
  • बहु-क्षेत्रीय संचालन – थल, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर युद्ध के विभिन्न पहलुओं में उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया।
  • संयुक्तता और तत्परता में वृद्धि – इस अभ्यास से तीनों सेनाओं के बीच समन्वय मजबूत हुआ और ऊँचाई वाले क्षेत्रों में तेजी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता विकसित हुई।

‘प्रचंड प्रहार’ की प्रमुख विशेषताएँ

उन्नत निगरानी एवं टोही क्षमता – इस अभ्यास में नवीनतम निगरानी प्रणालियों को शामिल किया गया, जैसे:

  • लंबी दूरी की समुद्री टोही विमान
  • ड्रोन एवं घूमने वाली गोलाबारूद प्रणाली
  • अंतरिक्ष-आधारित संसाधन एवं उपग्रह तकनीक
  • सशस्त्र हेलीकॉप्टरों द्वारा त्वरित निगरानी एवं प्रतिक्रिया

समन्वित मारक शक्ति तैनाती – लक्ष्यों की पहचान के बाद उन्हें निष्क्रिय करने के लिए उपयोग किए गए:

  • लड़ाकू विमान द्वारा हवाई हमले
  • लंबी दूरी की रॉकेट प्रणाली द्वारा गहरी मारक क्षमता
  • 155 मिमी तक की तोपों द्वारा गोलाबारी
  • झुंड ड्रोन एवं आत्मघाती ड्रोन द्वारा सटीक हमले
  • ऊँचाई वाले क्षेत्रों में हेलीकॉप्टरों द्वारा नजदीकी हवाई सहायता

यथार्थ युद्ध स्थितियों की पुनरावृत्ति – इस अभ्यास में एक इलेक्ट्रॉनिक रूप से बाधित वातावरण तैयार किया गया, जिससे संचार और डेटा साझा करने की प्रणाली की प्रभावशीलता को परखा गया।

पिछले अभ्यासों से तुलना

‘प्रचंड प्रहार’ अभ्यास नवंबर 2024 में आयोजित ‘पूर्वी प्रहार’ का उन्नत संस्करण है। जहाँ ‘पूर्वी प्रहार’ मुख्य रूप से वायुसेना की भूमिका पर केंद्रित था, वहीं ‘प्रचंड प्रहार’ ने बहु-क्षेत्रीय एकीकरण पर जोर दिया, जिसमें विभिन्न प्लेटफार्मों और वास्तविक समय के युद्ध परिदृश्यों को शामिल किया गया।

रणनीतिक महत्व

  • भारत की युद्ध तैयारियों को बढ़ावा – यह अभ्यास ऊँचाई वाले कठिन इलाकों में बदलते सैन्य खतरों से निपटने की भारत की क्षमता को प्रमाणित करता है।
  • संयुक्तता को मजबूत करना – तीनों सेनाओं के बीच तालमेल भारत की संयुक्त सैन्य नीति की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
  • तकनीकी श्रेष्ठता – आधुनिक निगरानी प्रणालियों और सटीक हमले की क्षमताओं के उपयोग से आधुनिक युद्ध तकनीकों में भारत की प्रगति प्रदर्शित हुई।
  • विरोधियों के लिए रणनीतिक संदेश – अरुणाचल प्रदेश में एलएसी (LAC) के पास इस अभ्यास का आयोजन भारत की रक्षा और आक्रामक तैयारियों का स्पष्ट संकेत देता है।
पहलू विवरण
अभ्यास का नाम प्रचंड प्रहार
आयोजक भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के साथ
स्थान अरुणाचल प्रदेश (ऊँचाई वाला क्षेत्र)
तारीखें 25-27 मार्च, 2025
उद्देश्य संयुक्त निगरानी, कमांड एवं नियंत्रण और सटीक मारक क्षमता को मान्य करना
मुख्य विशेषताएँ उन्नत निगरानी, समन्वित मारक शक्ति, बहु-क्षेत्रीय संचालन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध वातावरण
प्रयुक्त तकनीकें यूएवी (UAVs), लंबी दूरी की टोही विमान, घूमने वाली गोलाबारूद प्रणाली, झुंड ड्रोन, लड़ाकू विमान, 155 मिमी तक की तोपें, आत्मघाती ड्रोन
रणनीतिक महत्व भारत की युद्ध तैयारी, संयुक्त सैन्य अभियानों और तकनीकी श्रेष्ठता को बढ़ाना
पिछले अभ्यास से तुलना ‘पूर्वी प्रहार’ (नवंबर 2024) पर आधारित, जिसमें बहु-क्षेत्रीय एकीकरण जोड़ा गया

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