भारतीय सेना ने DRDO और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित MRSAM (मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल) के सफल परीक्षण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मिसाइल प्रणाली ने चार उड़ान परीक्षणों के दौरान उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक रोका और नष्ट कर दिया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा संयुक्त रूप से विकसित मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) ने महत्वपूर्ण परीक्षणों को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है, जिससे भारतीय सेना के लिए इसकी परिचालन क्षमता साबित हुई है। मिसाइल प्रणाली का एमआरएसएएम सेना संस्करण अलग-अलग ऊंचाई और दूरी पर हवाई खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला को लक्षित करने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे भारत की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि हुई है। चार सफल उड़ान परीक्षण प्रणाली की परिचालन तत्परता में प्रमुख मील के पत्थर हैं, जो उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों को रोकने की प्रणाली की क्षमता को मान्य करते हैं।
मुख्य बातें
MRSAM प्रणाली
- भारतीय सेना के लिए DRDO और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया।
अवयव
- बहु-कार्यात्मक रडार
- कमान पोस्ट
- मोबाइल लांचर प्रणाली
- एकीकृत हथियार प्रणाली बनाने के लिए अन्य वाहन।
परीक्षण स्थान
- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप, ओडिशा के तट पर स्थित है।
परीक्षण विवरण
- लंबी दूरी, छोटी दूरी, उच्च ऊंचाई और निम्न ऊंचाई पर हवाई लक्ष्यों के विरुद्ध चार सफल उड़ान परीक्षण।
- MRSAM मिसाइलों द्वारा लक्ष्यों को सीधे प्रहार से रोका गया और नष्ट कर दिया गया।
- रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणालियों सहित रेंज उपकरणों द्वारा कैप्चर किया गया उड़ान डेटा।
परिचालन तत्परता
- परीक्षणों से यह पुष्टि हुई कि MRSAM पूरी तरह कार्यात्मक है तथा इसे प्रभावी ढंग से तैनात किया जा सकता है।
रक्षा मंत्रालय का बयान
- प्रणाली के परीक्षण परिचालन स्थितियों में किए गए, जिससे इसकी कार्यक्षमता की पुष्टि हुई।
बधाई संदेश
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन परीक्षणों के सामरिक महत्व पर जोर देते हुए डीआरडीओ और भारतीय सेना को सफलता के लिए बधाई दी।
सामरिक महत्व
- इन सफल परीक्षणों से भारतीय सेना की महत्वपूर्ण दूरी पर खतरों को रोकने की क्षमता की पुष्टि हुई है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ी है।
| सारांश/स्थैतिक | विवरण |
| चर्चा में क्यों? | भारतीय सेना के MRSAM मिसाइल परीक्षण ने युद्ध-तैयारी को प्रमाणित किया |
| प्रणाली | MRSAM (मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल) |
| द्वारा विकसित | DRDO और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज |
| परीक्षण स्थान | डॉ APJ अब्दुल कलाम द्वीप, ओडिशा |
| परीक्षा के परिणाम | विभिन्न दूरियों पर हवाई खतरों के विरुद्ध चार सफल उड़ान परीक्षण |
| परीक्षण प्रदर्शन | मिसाइलों ने सीधे प्रहार से लक्ष्यों को रोका और नष्ट कर दिया। |
| हथियार घटक | बहु-कार्यात्मक रडार, कमांड पोस्ट, मोबाइल लांचर प्रणाली, वाहन |
| सीमा और ऊंचाई | लंबी दूरी, छोटी दूरी, अधिक ऊंचाई और कम ऊंचाई के लक्ष्य। |
| परिचालन स्थिति | प्रणाली का परिचालन स्थिति में परीक्षण किया गया, जिससे इसकी तत्परता की पुष्टि हुई। |
| रक्षा मंत्री | राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी। |


