सीमेंट उद्योग हेतु भारत का पहला सीसीयू टेस्टबेड क्लस्टर लॉन्च

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 (11 मई) के अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार ने सीमेंट क्षेत्र के लिए देश का पहला कार्बन कैप्चर और यूटिलाइजेशन (CCU) टेस्टबेड क्लस्टर लॉन्च किया। यह पहल Public-Private Partnership (PPP) मॉडल पर आधारित है और नेट ज़ीरो 2070 लक्ष्य की दिशा में भारत का एक बड़ा कदम है।

क्यों है यह खबरों में?

भारत ने 5 CCU परीक्षण केंद्र लॉन्च किए हैं जो विशेष रूप से सीमेंट उद्योग पर केंद्रित हैं — एक ऐसा क्षेत्र जिसे कम कार्बन करना बेहद कठिन माना जाता है। यह पहल देशी नवाचार, उद्योग-अकादमिक साझेदारी और हरित औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए की गई है।

पृष्ठभूमि और उद्देश्य

  • सीमेंट उद्योग, CO₂ उत्सर्जन में प्रमुख योगदानकर्ता है।

  • CCU तकनीक औद्योगिक प्रक्रियाओं से निकलने वाली CO₂ को पकड़कर उपयोगी उत्पादों में बदलने की क्षमता रखती है।

  • यह पहल भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) और 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी।

प्रमुख उद्देश्य

  • औद्योगिक क्षेत्रों में CCU तकनीकों का विकास और तैनाती

  • अकादमिक और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।

  • सीमेंट उत्पादन में स्केलेबल डिकार्बनाइजेशन समाधान प्रदर्शित करना।

  • CO₂ कैप्चर और यूटिलाइजेशन में नवाचार को प्रोत्साहन देना।

मुख्य विशेषताएं

  • PPP मॉडल: प्रत्येक टेस्टबेड एकेडेमिक संस्थानों और सीमेंट कंपनियों के बीच साझेदारी से विकसित।

  • Translational R&D: प्रयोगशाला स्तर से औद्योगिक पैमाने पर तकनीकों का स्थानांतरण।

  • विविध तकनीकी दृष्टिकोण: जैसे कैटलिसिस, वैक्यूम स्विंग एड्सॉर्प्शन, मिनरलाइजेशन आदि।

पाँच प्रमुख CCU टेस्टबेड का संक्षिप्त विवरण

स्थान एवं साझेदार मुख्य कार्य
बल्लभगढ़, हरियाणा (JK Cement + NCCBM) ऑक्सीजन-संवर्धित कैल्सिनेशन द्वारा प्रति दिन 2 टन CO₂ कैप्चर; इसका उपयोग कंक्रीट ब्लॉक्स ओलेफिन्स बनाने में।
IIT कानपुर + JSW Cement CO₂ को ठोस खनिजों में स्थायी रूप से बंद करना (कार्बन-नकारात्मक प्रक्रिया)।
IIT बॉम्बे + डालमिया सीमेंट कैटलिस्ट आधारित CO₂ कैप्चर को सक्रिय सीमेंट संयंत्र में लागू करना।
CSIR-IIP, IIT तिरुपति, IISc + JSW Cement वैक्यूम स्विंग एड्सॉर्प्शन से CO₂ को अलग करना और पुनः उपयोग में लाना।
IIT मद्रास और BITS पिलानी गोवा + Ultratech Cement व्यापक औद्योगिक उपयोग के लिए प्रयोगात्मक कार्बन-कम समाधान।
  • औद्योगिक क्षेत्र के लिए स्केलेबल डिकार्बनाइजेशन मॉडल प्रस्तुत करता है।

  • सीमेंट उद्योग की कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है।

  • भविष्य में वाणिज्यिक विस्तार और तैनाती की संभावना बढ़ाता है।

  • हरित सीमेंट, सतत निर्माण सामग्री, और CO₂ के उन्नत उपयोग पर अनुसंधान को मजबूती देता है।

सारांश/स्थैतिक तथ्य विवरण
क्यों है खबरों में? भारत ने सीमेंट क्षेत्र में डिकार्बनाइजेशन के लिए पहला CCU टेस्टबेड क्लस्टर लॉन्च किया
पहल सीमेंट क्षेत्र में 5 CCU टेस्टबेड का शुभारंभ
आयोजक विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार
मॉडल पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP)
उद्देश्य औद्योगिक डिकार्बनाइजेशन और नेट ज़ीरो लक्ष्य की प्राप्ति
केन्द्रित क्षेत्र सीमेंट (उच्च उत्सर्जन वाला क्षेत्र)
शुभारंभ तिथि 11 मई, 2025 (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस)
महत्त्व जलवायु कार्रवाई एवं NDC कार्यान्वयन में अग्रणी कदम

डेनमार्क में दुनिया का पहला वाणिज्यिक ई-मेथनॉल संयंत्र शुरू

डेनमार्क के कैस्सो (Kasso) में 3 मई 2025 को दुनिया का पहला वाणिज्यिक स्तर का ई-मेथनॉल उत्पादन संयंत्र उद्घाटित किया गया। यह परियोजना European Energy और जापान की Mitsui द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है। संयंत्र प्रति वर्ष 42,000 मीट्रिक टन ई-मेथनॉल का उत्पादन करेगा, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा और बायोगैस संयंत्रों अपशिष्ट जलाने से प्राप्त CO₂ का उपयोग होगा।

Maersk, जो एक वैश्विक समुद्री शिपिंग दिग्गज है, इस हरित ईंधन का प्रमुख ग्राहक है और अपने ड्यूल-फ्यूल कंटेनर जहाजों को इससे संचालित करने की योजना बना रहा है।

क्यों है यह ख़बरों में?

वैश्विक समुद्री शिपिंग क्षेत्र को 2050 तक कार्बन उत्सर्जन मुक्त करने के लिए IMO (International Maritime Organization) के लक्ष्यों के अंतर्गत बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इस संयंत्र की शुरुआत शिपिंग उद्योग के लिए ईंधन के हरित विकल्पों को व्यावसायिक रूप से अपनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • वाणिज्यिक पैमाने पर ई-मेथनॉल उत्पादन के माध्यम से समुद्री परिवहन के लिए कम-कार्बन ईंधन उपलब्ध कराना।

  • पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों की जगह नवीकरणीय ऊर्जा आधारित विकल्पों को बढ़ावा देना।

  • IMO के 2050 तक कार्बन न्यूट्रल लक्ष्य को समर्थन देना।

  • प्लास्टिक औषधि जैसे अन्य उद्योगों को भी सतत मेथनॉल की आपूर्ति।

पृष्ठभूमि

  • संयंत्र की लागत: 150 मिलियन (लगभग $167 मिलियन)

  • संयंत्र उत्पादन: 53 मिलियन लीटर (42,000 टन) ई-मेथनॉल प्रति वर्ष

  • CO₂ स्रोत: बायोगैस प्लांट वेस्ट इनसिनरेशन

  • ई-मेथनॉल: पूरी तरह कार्बन-न्यूट्रल, पारंपरिक मेथनॉल के विपरीत जो प्राकृतिक गैस/कोयले से बनता है।

स्थैतिक तथ्य

  • Maersk के पास वर्तमान में 13 ड्यूल-फ्यूल कंटेनर जहाज हैं, और 13 नए जहाजों का ऑर्डर दिया गया है।

  • संयंत्र की कुल उत्पादन क्षमता एक 16,000 कंटेनर वाले जहाज को एशिया-यूरोप मार्ग पर पूरी तरह ईंधन दे सकती है।

  • छोटा जहाज Laura Maersk प्रति वर्ष 3,600 टन ई-मेथनॉल की खपत करता है।

  • संयंत्र से उत्पन्न अतिरिक्त गर्मी स्थानीय 3,300 घरों को हीटिंग के लिए दी जाएगी।

महत्व

  • शिपिंग से होने वाले वैश्विक CO₂ उत्सर्जन (लगभग 3%) को कम करने में सहायक।

  • भारी परिवहन और उद्योगों (जैसे प्लास्टिक निर्माण) के कार्बन रहितीकरण के लिए व्यवहारिक समाधान।

  • LEGO और Novo Nordisk जैसे ग्राहक भी इस ई-मेथनॉल का उपयोग अपने उत्पादन में करेंगे।

  • European Energy इस संयंत्र का विस्तार और अन्य देशों (यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, अमेरिका) में समान संयंत्र विकसित करने की योजना बना रहा है।

  • 2035 तक ईंधन की लागत पारंपरिक मेथनॉल के बराबर होने की उम्मीद है – जो इसकी दीर्घकालिक व्यावसायिक संभाव्यता को दर्शाता है।

PNB इंडिया एसएमई एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी से बाहर निकलेगा

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपनी निवेश पोर्टफोलियो को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए इंडिया एसएमई एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (ISARC) में अपनी पूरी हिस्सेदारी ₹34.04 करोड़ में बेचने का निर्णय लिया है। यह निर्णय बैंक की मुख्य बैंकिंग गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने और गैर-प्रमुख निवेशों से बाहर निकलने की रणनीति के अनुरूप है।

क्यों है ख़बरों में?

PNB के इस कदम को इसलिए महत्व दिया जा रहा है क्योंकि यह दर्शाता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने निवेश पोर्टफोलियो को तर्कसंगत बना रहे हैं और मुख्य वित्तीय सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैंयह सौदा Q1 FY 2025-26 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।

उद्देश्य

  • गैर-मुख्य व्यवसायों से बाहर निकलकर निवेश पोर्टफोलियो को सुव्यवस्थित करना।

  • संसाधनों और प्रबंधन का ध्यान मुख्य बैंकिंग गतिविधियों पर केंद्रित करना।

  • नियामक परिवर्तनों के अनुसार बैंकिंग दक्षता बढ़ाना।

पृष्ठभूमि और विवरण

  • 13 मई 2025 को PNB ने ISARC में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए डिफिनिटिव एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए।

  • यह हिस्सेदारी 2.09 करोड़ शेयरों की है, जो 16.29 प्रति शेयर के हिसाब से कुल 34.04 करोड़ में बेची जा रही है।

  • ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड खरीदार है, जिसे मार्च 2025 में RBI से ISARC का नया प्रायोजक बनने की मंजूरी मिल चुकी है।

  • ISARC एक एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी है जिसे SIDBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, PNB और SIDBI वेंचर कैपिटल लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित किया गया था। यह मुख्यतः SME क्षेत्र की तनावग्रस्त संपत्तियों को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है।

ISARC से संबंधित स्थैतिक तथ्य (FY24 के अनुसार)

  • पूंजी आधार:129.68 करोड़

  • कुल संपत्ति:130.11 करोड़

  • आय:18.08 करोड़

  • कर पूर्व लाभ (PBT):10.65 करोड़

  • कर पश्चात लाभ (PAT):9.37 करोड़

महत्त्व

  • यह ना तो संबंधित पक्ष लेन-देन है और ना ही विलय या स्लंप सेल

  • यह कदम PNB की रणनीतिक पुनर्संरेखण नीति का हिस्सा है जिससे ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार हो।

  • यह RBI द्वारा सार्वजनिक बैंकों को मुख्य बैंकिंग सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने की नीति के अनुरूप है।

  • इस घोषणा के बाद PNB के शेयर मूल्य में 1.93% की बढ़त दर्ज की गई और यह BSE पर सकारात्मक रूप से बंद हुआ।

सारांश / स्थैतिक जानकारी विवरण
क्यों है ख़बरों में? PNB ने इंडिया SME एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी से बाहर निकलने के लिए ₹34 करोड़ में अपनी हिस्सेदारी बेची
लेनदेन का प्रकार ISARC में अपनी पूरी हिस्सेदारी की बिक्री
बेची गई हिस्सेदारी 2.09 करोड़ शेयर
बिक्री मूल्य ₹34.04 करोड़
खरीदार ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
RBI की मंजूरी मार्च 2025 में प्राप्त हुई
ISARC का फोकस SME क्षेत्र की तनावग्रस्त संपत्तियों का पुनर्गठन
ISARC के वित्तीय आंकड़े (FY24) पूंजी: ₹129.68 करोड़; कर पश्चात लाभ: ₹9.37 करोड़
PNB का उद्देश्य पोर्टफोलियो का सरलीकरण करना, मुख्य बैंकिंग पर ध्यान देना
बाजार की प्रतिक्रिया BSE पर PNB के शेयर 1.93% बढ़े

भारत ने ड्रोन हमलों से निपटने हेतु स्वदेशी प्रणाली भार्गवस्त्र का सफल परीक्षण किया

भारत ने ‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण किया है, जो एक स्वदेशी विकसित उन्नत हथियार प्रणाली है, जिसे आधुनिक युद्ध में बढ़ते ड्रोन स्वार्म खतरों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने विकसित किया है। भार्गवास्त्र में हार्ड-किल और सॉफ्ट-किल तकनीकों का संयोजन है, जिससे यह शत्रु ड्रोन झुंडों को सटीकता से पहचानकर निष्क्रिय करने में सक्षम है। यह बहु-स्तरीय प्रणाली भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी का प्रतीक है।

क्यों है ख़बरों में?

भार्गवास्त्र का परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब ड्रोन स्वार्म युद्ध रणनीतियों में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। हाल के महीनों में पाकिस्तान द्वारा संचालित ड्रोन घुसपैठ की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिससे यह परीक्षण और अधिक प्रासंगिक हो गया है। यह भारत की तकनीकी श्रेष्ठता और राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • स्वदेशी रूप से ऐसी प्रणाली का विकास करना जो दुश्मन के ड्रोन झुंडों को पहचान, ट्रैक और नष्ट कर सके।

  • हार्ड-किल सॉफ्ट-किल तकनीकों का एकीकृत उपयोग।

  • ऐसी प्रणाली प्रदान करना जो मोबाइल, अनुकूलनीय और उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात की जा सके।

  • नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमताओं को सुदृढ़ करना जिससे एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाया जा सके।

पृष्ठभूमि

  • ड्रोन स्वार्म एक साथ संचालित कई ड्रोनों का समूह होता है, जो अक्सर AI का प्रयोग करते हैं।

  • ये एक साथ कई दिशाओं से हमला करते हैं, साथ ही डिकॉय (छलावा) ड्रोन का उपयोग कर रक्षात्मक प्रणाली को भ्रमित करते हैं।

  • पाकिस्तान ने हाल ही में तुर्की-निर्मित कामिकाज़े ड्रोन भारतीय सैन्य ठिकानों पर प्रयोग किए हैं, जिससे भारत में उन्नत प्रतिरोधी प्रणालियों की आवश्यकता महसूस हुई।

प्रमुख विशेषताएँ

  • हार्ड-किल मोड:

    • अनगाइडेड माइक्रो रॉकेट्स का प्रयोग करता है।

    • मारक दायरा: 20 मीटर

    • प्रभावी रेंज: 2.5 किलोमीटर तक

  • गाइडेड माइक्रो मिसाइलें:

    • ड्रोन झुंड के उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों पर सटीक प्रहार

  • सॉफ्ट-किल तकनीक:

    • जैमिंग और स्पूफिंग से दुश्मन के ड्रोन को भ्रमित करना

  • डिटेक्शन सिस्टम:

    • रडार रेंज: 6 से 10 किमी

    • EO/IR सेंसरकम रडार क्रॉस-सेक्शन वाले ड्रोनों की पहचान हेतु

  • गतिशीलता:

    • मॉड्यूलर कॉन्फ़िगरेशनकिसी भी इलाके, विशेषकर उच्च पर्वतीय क्षेत्रों के लिए अनुकूल

    • मौजूदा नेटवर्क-केंद्रित प्रणालियों से पूर्णतः संगत

महत्त्व

  • भारत की आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक में बड़ी छलांग

  • रणनीतिक सैन्य परिसंपत्तियों और ढांचे की रक्षा को सुदृढ़ करता है

  • युद्ध क्षेत्र में स्थितिजन्य जागरूकता और तेज़ प्रतिक्रिया क्षमताओं में सुधार

  • उभरती ड्रोन आधारित युद्ध तकनीकों के युग में भारत की मज़बूत उपस्थिति

ReNew Power आंध्र प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा RE Complex बनाएगा

भारत की नवीकरणीय ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को एक बड़ी गति देते हुए, ReNew Power ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर ज़िले के बेथपल्ले गाँव में देश के सबसे बड़े एकल-स्थल नवीकरणीय ऊर्जा (RE) परिसर की स्थापना की घोषणा की है। इस मेगा परियोजना में ₹22,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा और इसका उद्घाटन 16 मई 2025 को किया जाएगा। यह परियोजना भारत की स्वच्छ ऊर्जा अवसंरचना को सशक्त बनाने में एक मील का पत्थर होगी।

क्यों है ख़बरों में?

ReNew Power का यह निवेश भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य में विशेषकर आंध्र प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है, जहाँ नई NDA सरकार के तहत निवेशकों का भरोसा फिर से मजबूत हुआ है। यह परियोजना आंध्र प्रदेश की “एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति (ICEP)” (अक्टूबर 2024 में शुरू) के प्रभावी कार्यान्वयन को भी दर्शाती है।

प्रमुख परियोजना विवरण

  • स्थान: बेथपल्ले गाँव, अनंतपुर ज़िला, आंध्र प्रदेश

  • कुल निवेश:22,000 करोड़

  • परियोजना प्रकार: एकल-स्थल नवीकरणीय ऊर्जा परिसर

  • उद्घाटन तिथि: 16 मई 2025

  • मुख्य अतिथि: आंध्र प्रदेश के IT एवं HRD मंत्री नारा लोकेश

प्रथम चरण की क्षमता घटक

  • सौर ऊर्जा: 587 मेगावाट (MW)

  • पवन ऊर्जा: 250 मेगावाट (MW)

  • बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): 415 मेगावाट-घंटे (MWh)

  • प्रथम चरण का अनुमानित व्यय:7,000 करोड़

योजनाबद्ध कुल क्षमता

  • सौर ऊर्जा: 1,800 मेगावाट (पीक क्षमता)

  • पवन ऊर्जा: 1,000 मेगावाट

  • BESS: 2,000 मेगावाट-घंटे

महत्त्व उद्देश्य

  • राज्य के 2029 तक 72 GW RE लक्ष्य के अनुरूप

  • नीतिगत सुधारों के बाद निवेशकों के भरोसे को पुनर्स्थापित करता है

  • भारत की स्वच्छ ऊर्जा दिशा को गति देता है

  • रोज़गार सृजन और ग्रिड लचीलापन में योगदान देता है

पृष्ठभूमि

  • ReNew Power 2019 तक आंध्र प्रदेश में सबसे बड़ा RE निवेशक था (777 MW)

  • पिछली सरकार द्वारा PPAs रद्द होने के कारण विस्तार रुका

  • WEF Davos 2024 में नारा लोकेश की भागीदारी और NDA सरकार की नीतियों से पुनः प्रवेश संभव हुआ

अन्य प्रमुख हालिया RE निवेश (आंध्र प्रदेश में)

कंपनी निवेश क्षमता
टाटा पावर 49,000 करोड़ 7,000 MW
NTPC 1.86 लाख करोड़ ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाएँ
वेदांता Serentica 50,000 करोड़ 10,000 MW
Brookfield 50,000 करोड़ 8,000 MW
SAEL 6,000 करोड़ 1,200 MW

जोस मुजिका का 89 वर्ष की आयु में निधन: विनम्रता, सुधार और ईमानदारी का जीवन

पूर्व उरुग्वे राष्ट्रपति जोस मुजिका, जिन्हें उनकी सादगीपूर्ण जीवनशैली के कारण “दुनिया के सबसे गरीब राष्ट्रपति” के रूप में जाना जाता था, का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गयावे लंबे समय से अन्ननलिकाशोथ (oesophageal cancer) से पीड़ित थे। मुजिका का असाधारण जीवन – एक गुरिल्ला योद्धा से लेकर प्रगतिशील राष्ट्र प्रमुख बनने तक – सादगी, सामाजिक सुधारों और मानव गरिमा के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व ने उरुग्वे को ऐतिहासिक सुधारों की ओर अग्रसर किया और उनके सरल जीवन और गहन राजनीतिक दृष्टिकोण ने दुनियाभर के लोगों को प्रेरित किया।

क्यों हैं ख़बरों में?

मई 2025 में जोस मुजिका का निधन एक युग के अंत का प्रतीक है – केवल उरुग्वे के लिए बल्कि वैश्विक प्रगतिशील राजनीति के लिए भी।
वे भौतिक संपत्ति को अस्वीकार करने, सामाजिक न्याय का समर्थन करने और समानता की आवाज़ बुलंद करने के लिए जाने जाते थे।
उनकी मृत्यु की पुष्टि उरुग्वे के वर्तमान राष्ट्रपति यामांडू ऑर्सी ने की और देशभर में उन्हें राष्ट्रीय नायक की तरह श्रद्धांजलि दी गई।

प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि

  • जन्म: 1935, उरुग्वे

  • क्रांतिकारी आदर्शों, विशेष रूप से क्यूबा क्रांति से प्रभावित

  • 1960-70 के दशक में सैन्य तानाशाही के विरुद्ध संघर्षरत लेफ्टिस्ट गुरिल्ला संगठन टुपामारोस के प्रमुख सदस्य बने

  • गिरफ़्तारी के बाद लगभग 15 वर्षों तक कारावास, जिनमें अधिकांश समय एकांतवास में बिताया

  • 1985 में लोकतंत्र की बहाली के बाद जेल से रिहा हुए और राजनीतिक जीवन में प्रवेश किया

राजनीतिक करियर

  • मूवमेंट ऑफ पॉपुलर पार्टीसिपेशन (MPP) की स्थापना की, जो बाद में उरुग्वे की एक प्रमुख वामपंथी ताकत बनी

  • संसद सदस्य के रूप में चुने गए

  • 2010 में राष्ट्रपति चुने गए50% से अधिक मतों से जीत

  • कार्यकाल: 2010 से 2015

प्रमुख उपलब्धियाँ और सुधार

  • आर्थिक विकास और सामाजिक सुधारों की अवधि का नेतृत्व किया

  • गर्भपात और समलैंगिक विवाह को वैध किया, जिससे उरुग्वे लैटिन अमेरिका के सबसे प्रगतिशील देशों में गिना जाने लगा

  • नशीली दवाओं (कैनेबिस) के सेवन को वैध करने वाला दुनिया का पहला देश बना

  • राष्ट्रपति वेतन का अधिकांश हिस्सा दान किया और राष्ट्रपति महल के बजाय एक छोटे से खेत में रहना चुना

दर्शन और विरासत

  • जीवनभर सादगी, विनम्रता और ईमानदारी पर बल दिया

  • दुनिया का सबसे गरीब राष्ट्रपति” कहे जाने को अक्सर ठुकराते हुए कहा कि उनकी जीवनशैली चुनाव थी, मजबूरी नहीं

  • एक वैश्विक प्रतीक बन गए – ऐसे नेता जो सत्ता में रहते हुए भी संपत्ति से दूर रहे

  • उनके भाषण और कथन आज भी संपत्ति, सत्ता और खुशी पर चल रही वैश्विक बहसों को प्रभावित करते हैं

अंतिम समय और निधन

  • 2024 में अन्ननलिकाशोथ (oesophageal cancer) का पता चला, जो बाद में यकृत (लिवर) तक फैल गया

  • 2025 की शुरुआत में इलाज रोक दिया और अंतिम दिन शांति से अपने खेत में बिताए

  • उनकी मृत्यु की घोषणा के साथ उरुग्वे और दुनिया भर से श्रद्धांजलि संदेशों की बाढ़ गई

राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025: तिथि, इतिहास, लक्षण, इलाज

राष्ट्रीय डेंगू दिवस हर साल 16 मई को पूरे भारत में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य डेंगू बुखार की रोकथाम और नियंत्रण के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह एक मच्छर जनित विषाणुजनित रोग है जो खासकर मानसून के मौसम में गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा बन जाता है। यह दिवस केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है और जनजागरूकता, समय पर निदान, सामुदायिक भागीदारी और सशक्त स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से डेंगू की बीमारी और मृत्यु दर को कम करने पर बल देता है।

राष्ट्रीय डेंगू दिवस क्या है?

राष्ट्रीय डेंगू दिवस एक वार्षिक सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है, जिसका उद्देश्य डेंगू बुखार के लक्षणों को पहचानना, बचाव के उपाय अपनाना और समय पर उपचार सुनिश्चित करना है।

  • तिथि: हर साल 16 मई

  • प्रारंभ: भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा

  • उद्देश्य: जागरूकता, रोकथाम और समय पर उपचार के जरिए डेंगू से संबंधित बीमारी और मृत्यु को कम करना

राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 का महत्व

डेंगू से लड़ने में जनजागरूकता सबसे प्रभावी उपायों में से एक है। 2025 में इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है:

  • लोगों को डेंगू के शुरुआती लक्षणों की जानकारी देना

  • जटिलताओं से बचने के लिए समय पर इलाज को प्रोत्साहित करना

  • सामुदायिक स्तर पर मच्छरों की रोकथाम के उपाय अपनाना

  • कलंक से बचना और लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना

  • समय पर निदान और उपचार से गंभीर या रक्तस्रावी डेंगू से बचा जा सकता है

इतिहास

  • यह दिवस मंत्रालय द्वारा देश में डेंगू मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शुरू किया गया

  • यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत डेंगू रोकथाम कार्यक्रम का हिस्सा है

  • समय के साथ यह दिवस स्कूलों, सामुदायिक निकायों, अस्पतालों और राज्य सरकारों की भागीदारी से एक प्रमुख स्वास्थ्य अभियान बन गया

राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 की थीम (घोषणा लंबित)

  • थीम अभी तक स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा घोषित नहीं की गई है

  • पिछले वर्षों की थीम में शामिल थे:

    • सामुदायिक भागीदारी

    • वेक्टर नियंत्रण (मच्छर प्रजनन की रोकथाम)

    • शीघ्र निदान

  • 2025 की थीम वर्तमान स्वास्थ्य रणनीति और जलवायु आधारित रोग प्रवृत्तियों के अनुरूप होगी

डेंगू क्या है?

  • डेंगू एक विषाणुजनित संक्रमण है जो एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर के काटने से फैलता है

  • यह बीमारी भारत सहित 100+ देशों में एंडेमिक है

  • मानसून में मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल स्थितियाँ होने के कारण मामले तेजी से बढ़ते हैं

डेंगू के लक्षण

  • तेज़ बुखार

  • आंखों के पीछे दर्द

  • सिरदर्द

  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

  • उल्टी और मतली

  • त्वचा पर चकत्ते

  • हल्का रक्तस्राव (नाक या मसूड़ों से)

  • गंभीर मामलों में भीतरी रक्तस्राव, अंग विफलता और मृत्यु तक हो सकती है

डेंगू से बचाव के उपाय

  • मच्छर भगाने वाले उपाय अपनाएँ और खिड़कियों/दरवाजों पर जाल लगाएं

  • घर के आसपास ठहरे हुए पानी को हटाएं (कूलर, गमले, टायर इत्यादि)

  • पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें

  • सामूहिक सफाई अभियानों में भाग लें

  • स्व-चिकित्सा से बचें, लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें

सरकारी डेंगू रोकथाम कार्यक्रम

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, तकनीकी सहायता NCVBDC द्वारा दी जाती है
मुख्य पहलें:

  • 805 सेंटिनल सर्विलांस अस्पताल

  • 17 एपेक्स रेफरल लैब्स

  • IgM MAC ELISA किट का वितरण (NIV पुणे से)

  • स्वास्थ्यकर्मियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण

  • जन जागरूकता अभियान और मच्छर नियंत्रण गतिविधियाँ

राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 पर गतिविधियाँ

  • स्वास्थ्य रैलियाँ और शैक्षिक अभियानों का आयोजन

  • सफाई अभियान और एंटी-लार्वा छिड़काव

  • मच्छर भगाने वाले उत्पादों और पर्चियों का वितरण

  • स्कूलों, पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यशालाएं

  • संभावित क्षेत्रों में निगरानी और टीकाकरण अभियान

  • सामुदायिक सहभागिता पर विशेष ज़ोर, मच्छर प्रजनन की जानकारी साझा करने की अपील

राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 का महत्व

  • लोगों को समय पर इलाज लेने के लिए प्रेरित करता है

  • घरेलू इलाज या उपेक्षा से बचने की चेतावनी देता है

  • सरकार की तैयारी और प्रतिक्रिया प्रणाली को प्रदर्शित करता है

  • सामान्य जनता, स्कूली बच्चों और नीति-निर्माताओं को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाता है

  • वेक्टर जनित रोगों से निपटने में सामूहिक प्रयासों के महत्व को रेखांकित करता है

केनरा बैंक ने चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ में 33% की वृद्धि दर्ज की

भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक कैनरा बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है। बैंक का शुद्ध लाभ 33.19% की वार्षिक वृद्धि के साथ 5,004 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में ₹3,757.23 करोड़ था। यह परिणाम बैंक की बेहतर संचालन दक्षता और मजबूत ऋण वृद्धि को दर्शाते हैं, हालांकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर थोड़ा दबाव देखा गया।

समाचार में क्यों?

भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, कैनरा बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है। बैंक का शुद्ध लाभ 33.19% की वार्षिक वृद्धि के साथ 5,004 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹3,757.23 करोड़ था। यह प्रदर्शन बैंक की संचालन दक्षता और मजबूत ऋण वृद्धि को दर्शाता है, हालांकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में थोड़ी गिरावट देखी गई।

मुख्य बिंदु

  • शुद्ध लाभ (Net Profit):5,004 करोड़ (Q4 FY25), 33.19% की वृद्धि YoY

  • कुल ब्याज आय (Total Interest Income):31,002.04 करोड़, 7.62% की YoY वृद्धि

  • संचालन लाभ (Operating Profit):8,284 करोड़, 12% की YoY वृद्धि

  • नेट इंटरेस्ट इनकम (NII):9,442 करोड़ (1.44% की गिरावट YoY)

  • नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM): 2.80% (YoY में 25 बेसिस पॉइंट की गिरावट)

  • सकल एनपीए (Gross NPA): 2.94% (पिछले वर्ष 4.23%)

  • शुद्ध एनपीए (Net NPA): 0.70% (पिछले वर्ष 1.27%)

व्यापार में वृद्धि

  • वैश्विक व्यवसाय (Global Business):25.30 लाख करोड़ (11.32% की YoY वृद्धि)

  • वैश्विक जमा (Global Deposits):14.56 लाख करोड़ (11.01% की वृद्धि)

  • सकल वैश्विक अग्रिम (Gross Global Advances):10.73 लाख करोड़ (11.74% की वृद्धि)

  • घरेलू अग्रिम (Domestic Advances):10.08 लाख करोड़ (11.06% की वृद्धि)

  • घरेलू जमा (Domestic Deposits):13.31 लाख करोड़ (9.56% की वृद्धि)

लाभांश की घोषणा

  • निदेशक मंडल ने FY25 के लिए 4 प्रति इक्विटी शेयर का लाभांश प्रस्तावित किया है (आवश्यक अनुमोदनों के अधीन)।

महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष

  • बैंक की मजबूत वित्तीय स्थिति और संपत्ति प्रबंधन में दक्षता को दर्शाता है।

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में सकारात्मक प्रवृत्ति, जो भारत की आर्थिक पुनर्प्राप्ति से मेल खाती है।

  • NPA में गिरावट से बेहतर ऋण गुणवत्ता और वसूली तंत्र का संकेत मिलता है।

महाराष्ट्र में लॉजिस्टिक पार्क के लिए ब्लैकस्टोन से समझौता

औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने वैश्विक निवेश फर्म ब्लैकस्टोन ग्रुप के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत राज्य में रणनीतिक स्थानों पर 10 से अधिक लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक पार्कों का विकास किया जाएगा। यह परियोजना 5,127 करोड़ के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के साथ की जा रही है और इससे लगभग 27,510 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियाँ पैदा होने की संभावना है।

क्यों चर्चा में?

यह समझौता 14 मई 2025 को मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में किया गया। यह पहल महाराष्ट्र लॉजिस्टिक्स नीति 2024 के अनुरूप है और राज्य में औद्योगिक ढांचे को सुदृढ़ करने और सतत निवेश आकर्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

समझौते की मुख्य विशेषताएँ:

  • निवेश मूल्य:5,127 करोड़ (FDI)

  • रोजगार सृजन: लगभग 27,510 नौकरियाँ (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष)

  • विकासकर्ता: होराइज़न इंडस्ट्रियल पार्क्स, ब्लैकस्टोन की इकाई

  • हस्ताक्षरकर्ता: डॉ. पी. अन्बालगन (राज्य प्रधान सचिव) और आर. के. नारायणन (प्रेसिडेंट, होराइज़न इंडस्ट्रियल पार्क्स)

परियोजना का दायरा:

  • कुल भूमि क्षेत्र: 794.2 एकड़

  • निर्मित क्षेत्रफल: 1.85 करोड़ वर्ग फुट

  • स्थान: नागपुर, भिवंडी, चाकण, खंडवा, सिन्नर, पनवेल – सभी उभरते लॉजिस्टिक्स केंद्र

रणनीतिक उद्देश्य:

  • लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग क्षमता का विस्तार

  • स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन

  • महाराष्ट्र लॉजिस्टिक्स नीति 2024 के अनुरूप टेक-समर्थित और पर्यावरण अनुकूल सुविधाएँ विकसित करना

  • सतत विकास और क्षेत्रीय रोजगार को बढ़ावा देना

सरकार की दृष्टि:

मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस MoU को “परिवर्तनकारी” बताया और कहा कि यह पहल:

  • भारत की सप्लाई चेन और विनिर्माण आधार को मजबूत करेगी

  • महाराष्ट्र को वैश्विक स्तर पर प्राथमिक निवेश गंतव्य बनाएगी

  • लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी के माध्यम से आर्थिक विकास में योगदान देगी

सारांश/स्थैतिक जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? महाराष्ट्र में लॉजिस्टिक्स ढाँचे को बढ़ावा देने हेतु ब्लैकस्टोन का ₹5,127 करोड़ निवेश
FDI राशि ₹5,127 करोड़
रोजगार की संभावना लगभग 27,510 (प्रत्यक्ष + अप्रत्यक्ष)
भूमि क्षेत्र 794.2 एकड़
निर्मित क्षेत्रफल 1.85 करोड़ वर्ग फुट
विकासकर्ता होराइज़न इंडस्ट्रियल पार्क्स (ब्लैकस्टोन की इकाई)
नीति अनुरूपता महाराष्ट्र लॉजिस्टिक्स नीति 2024
रणनीतिक स्थान नागपुर, भिवंडी, चाकण, खंडवा, सिन्नर, पनवेल
उद्देश्य स्मार्ट लॉजिस्टिक्स एवं औद्योगिक पार्कों का निर्माण

अप्रैल में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 3.16% हुई

भारत में अप्रैल 2025 के लिए प्रमुख मुद्रास्फीति दर में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है, जो एक सकारात्मक आर्थिक संकेत है। अब यह घटकर 3.16% पर गई है — जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। इस गिरावट का मुख्य कारण सब्जियों, दालों और फलों जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेज कमी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) के आंकड़े उपभोक्ताओं और नीति निर्माताओं दोनों के लिए उत्साहजनक संकेत देते हैं।

क्यों चर्चा में?

13 मई 2025 को MoSPI द्वारा जारी अप्रैल 2025 के CPI और CFPI आंकड़ों में ग्रामीण, शहरी और संयुक्त क्षेत्रों में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट दिखाई गई। साल-दर-साल CPI मुद्रास्फीति 3.16% रही और खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 1.78% पर गई — जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है। यह भारत की कीमत स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार का संकेत है।

मुख्य बिंदु:

मुख्य मुद्रास्फीति (CPI):

  • अप्रैल 2025: 3.16% (अनंतिम)

  • मार्च 2025: 3.34%

  • न्यूनतम YoY मुद्रास्फीति: जुलाई 2019 के बाद

खाद्य मुद्रास्फीति (CFPI):

  • अप्रैल 2025: 1.78%

  • मार्च 2025: 2.69%

  • न्यूनतम खाद्य मुद्रास्फीति: अक्टूबर 2021 के बाद

  • शहरी CFPI: 1.64% | ग्रामीण CFPI: 1.85%

ग्रामीण मुद्रास्फीति:

  • CPI: अप्रैल – 2.92%, मार्च – 3.25%

  • CFPI: अप्रैल – 1.85%, मार्च – 2.82%

शहरी मुद्रास्फीति:

  • CPI: अप्रैल – 3.36%, मार्च – 3.43%

  • CFPI: अप्रैल – 1.64%, मार्च – 2.48%

अन्य क्षेत्रीय मुद्रास्फीति प्रवृत्तियाँ (YoY – अप्रैल 2025):

  • आवास (केवल शहरी): 3.00%

  • शिक्षा: 4.13% (↑ 3.98% से)

  • स्वास्थ्य: 4.25% (↓ 4.26% से)

  • परिवहन और संचार: 3.73% (↑ 3.36% से)

  • ईंधन और प्रकाश: 2.92% (↑ 1.42% से)

महत्त्व:

  • घरेलू बजट पर दबाव में राहत के संकेत

  • RBI की तटस्थ ब्याज दर नीति को समर्थन

  • महामारी के बाद आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और खाद्य उपलब्धता में वृद्धि को दर्शाता है

  • मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं को स्थिर करता है और निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है

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